कमल ने प्रीतम का हाथ नीचे करते हुए कहा,‘‘प्रीतम जी, आप क्यों चिंतित हो रहे हैं? बुढ़ापा तो मेरा आ गया है क्योंकि मैं नाना बन गया हूँ। अभी तो आप पिता ही बने हैं इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है। अभी आप नौजवान हैं इसलिए निश्चिन्त होकर मुस्कुराते रहिये।‘‘ फिर कमल ने हर्ष को बधाई देते हुए कहा,‘‘बधाई हो बेटा, आप तो मामा बन गये।‘‘
हर्ष ने हाँ में सिर हिलाते हुए कहा,‘‘जी हाँ, चाचाजी।‘‘
अचानक पीछे से आगे की ओर आते हुए आनन्द अपनी मोबाइल फोन की स्क्रीन कमल की तरफ कर दिया। स्क्रीन पर किसी नवयुवती की तस्वीर थी।
आनन्द ने कमल से पूछा,‘‘यह कैसी लड़की है? अच्छी लग रही है न कि नहीं?‘‘
जवाब सुनने के लिए सबकी निगाहें कमल पर टिकी हुई थीं और सबके कान भी खड़े हो गये थे। कमल ने भी इस परिस्थिति को भाँप लिया था। वह समझ गया था कि सब लोग मिलकर ‘कुँवारे नाना जी‘ में से ‘कुँवारा‘ शब्द हटाने का विचार कर रहे थे।
थोड़ा शर्माते हुए कमल ने आनन्द के सवालों का जवाब दिया,‘‘हाँ, लड़की तो ठीक ही है।‘‘
-‘‘तो आगे बात बढ़ाई जाय?‘‘
-‘‘कैसी बात?‘‘
-‘‘वही आपके शादी की।‘‘
-‘‘शादी के सम्बन्ध में मैं क्या बोलूँ?‘‘
-‘‘अच्छा, तो इसका मतलब यह हुआ कि यह बात आपसे न किया जाय बल्कि आपके बजाय आपके पिताजी से बात किया जाय।‘‘
-‘‘जी हाँ। आप सही पकड़े हैं।‘‘
क्रमशः आगे...6