कमरे में कड़कती हुई आवाज के साथ अस्पताल में काम करने वाली मुनरी का प्रवेश हुआ। उसने कमरे के अन्दर आते ही सबको डाँटना-फटकारना शुरू कर दिया। खाना खाते हुए लोगों से उसने कहा,‘‘आप लोग कमरे के बाहर चले जाइये और बाहर जाकर खाना खाइये या फिर कहिये तो सभी मरीज महिलाओं को ही बाहर कर दें और आप अन्दर बैठकर ही खाना खा लीजिए। आप लोगों को जरा भी समझ नहीं है कि यहाँ साफ-सफाई रहनी चाहिए। यहाँ अभी नवजात शिशु हैं कहीं उनको किसी तरह का इन्फेक्शन हो गया तो आप क्या करेंगे। आप सबकी भलाई के लिए ही ये बातें कह रही हूँ।‘‘
तभी उसकी नजर एक व्यक्ति पर पड़ी जो मरीज के बिस्तर पर ही बैठकर भोजन कर रहा था। उस व्यक्ति को देख मुनरी क्रुद्ध होकर बोलने लगी,‘‘आप पढ़े-लिखे नहीं हैं क्या?‘‘
व्यक्ति ने जवाब दिया,‘‘नहीं, आप मुझे पढ़ा दीजिए।‘‘
मुनरी ने उस व्यक्ति की बातों को अनसुना करते हुए आगे कहा,‘‘जरा भी अकल नहीं है इनके पास। अभी जब रात को डरावने सपने आने लगेंगे, सपने में भूत-पिशाच दिखने लगेंगे तो आप परेशान हो जायेंगे। आपको इतना भी ज्ञान नहीं है कि बिस्तर पर भोजन करने से रात को सपने में भूत-पिशाच के डरावने सपने आते हैं।‘‘
बात का समर्थन करते हुए फूलमती ने कहा,‘‘हाँ जी, आप सही कह रही हैं। यह सही बात है कि ऐसा करने से रात में डरावने स्वप्न आते हैं।‘‘
कमरे में ही दूसरी तरफ एक और व्यक्ति भी अपने मरीज के ही बिस्तर पर भोजन कर रहा था। लेकिन वह वहाँ खड़े कुछ लोगों की वजह से तथा चेहरा दीवार की तरफ किया हुआ था इसलिए वह मुनरी को भोजन करते हुए नजर नहीं आया। पर यह घटना नेहा देख रही थी। क्योंकि वह उसके बगल वाले ही बिस्तर पर थी।
नेहा ने उस व्यक्ति के तरफ इशारा करते हुए मुनरी से कहा,‘‘यहाँ देखिए। आपने तो इनको देखा ही नहीं। यह पीछे छिपकर बिस्तर पर ही भोजन कर रहे हैं।‘‘
यह सुन सबका ध्यान उस छुपे हुए व्यक्ति की ओर स्वाभाविक रूप से आकर्षित हो गया। लोग यह दृश्य देख ठहाके मारकर हँसने लगे। परन्तु मुनरी का क्रोध सातवें आसमान पर चढ़ गया।
मुनरी ने तमतमाते हुए कहा,‘‘ये इंसान बिल्कुल बेशर्म इंसान हो गया है। इतना सब कुछ कहने के बावजूद भी इसको शर्म नहीं आ रही है।‘‘
ध्यान आकर्षित करते हुए मीरा ने मुनरी से कहा,‘‘आप तो सुशीला के गाँव की हैं न?‘‘
-‘‘कौन सुशीला?‘‘
-‘‘अरे वही जो इसी अस्पताल में काम करती हैं, जिनका घर यहीं शहर के पास वाले गाँव में है।‘‘
-‘‘अच्छा, दीदी! तो आप उस सुशीला की बात कर रही हैं। हाँ, उनका घर तो शहर के पास वाले ही गाँव में है। लेकिन मेरा घर शहर से दूर नदी के पार जो गाँव है न, वहाँ है।‘‘
मीरा से कुछ और भी बातें करने के बाद मुनरी अपनी ड्यूटी निभाते हुए कमरे में मौजूद मरीज महिलाओं के अतिरिक्त सभी लोगों को कमरे से बाहर जाने के लिए कहने लगी। सभी लोग धीरे-धीरे कमरे से बाहर जाने लगे। तभी कमल ने सोच कि क्यों न इस मनमोहक नवजात शिशु की छवि को अपने सेल फोन में कैद कर लूँ।
क्रमशः आगे...7