कमल ने शिशु की तरफ इशारा करते हुए नेहा से कहा,‘‘क्या मैं इसकी फोटो खींच लूँ।‘‘
नेहा ने हामी भरते हुए व शिशु के कपड़ों को सही करते हुए कहा,‘‘हाँ-हाँ, क्यों नहीं। आप खींच लीजिए फोटो।‘‘
कमल ने फोटो खींचने के लिए मोबाइल फोन का कैमरा चालू किया परन्तु शिशु के पास रोशनी पर्याप्त न होने के कारण उसकी छवि स्पष्ट व साफ नहीं दिख रही थी। तो कमल ने कहा,‘‘साफ नहीं दिख रहा है। और इस नन्हे बच्चे के आँखों पर मैं मोबाइल फोन का फ्लैश भी चालू नहीं कर सकता।‘‘
अपने मोबाइल का फ्लैश शिशु के बगल में जलाते हुए नेहा ने कहा,‘‘अब फोटो खींच लीजिये।‘‘
जैसे ही कमल ने फोटो खींचने के लिए कैमरे के बटन को क्लिक करने के लिए उँगली बढ़ाई तभी मुनरी की नजर पड़ गयी और बोल पड़ी,‘‘नेहा! अभी किसी को भी फोटो मत खींचने दो। इसका बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।‘‘
मुनरी की बात सुनकर कमल रुक गया। और अपने आप को समझते हुए व माहौल को खुशनुमा बनाने का प्रयास करते हुए अपने सेल फोन में मौजूद पहले से ही किसी अन्य बच्चे की तस्वीर दिखाकर मुस्कुराते हुए कहा,‘‘वाह! यह देखो बच्चे की कितनी सुन्दर तस्वीर आयी है।‘‘
यह देख नेहा हँस पड़ी। फिर उसने कमल से कहा,‘‘आप बाद में जब हमारे घर आइयेगा तो इसकी फोटो खींच लीजियेगा।‘‘
-‘‘अच्छा ठीक है, जब मैं घर पर आऊँगा तब फोटो खींच लूँगा।‘‘
नाती के माथे पर वात्सल्य का चुम्बन देकर कुँवारे नाना जी कमरे के बाहर चले गये।
क्रमशः आगे...8