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भाग छ: :- परी की शादी

19 August 2024

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नयी नौकरी होने के कारण परी आती तो रोज थी लेकिन उसे शादी की तैयारियों को लेकर परेशांन होते हुए जरुर देखा जा रहा था जिस कारण वो हर दिन आफिस टाइम में हर लम्हा चिंतित रहती थी, उसे परेशान होता देख अविनाश ने उसे छुट्टी लेने की सलाह दिया लेकिन उसने जवाब दिया कि कैसे पहले से ही छुट्टी ले लूँ सर शादी के बाद ससुराल में भी दस दिनों तक रहना है, इसके पहले मेहंदी, हल्दी और जरुरी कार्यक्रम के लिए शादी और अन्य कार्यो के लिए पाच दिन की छुट्टी और लेनी होगी यानि कुल पंद्रह दिन की छुट्टी चाहिए थी उसे उसके लिए शादी की छुट्टी एक टास्क बन गया था वो शादी के बारे में किसी से बताना भी नहीं चाहती थी और उसके लिए आफिस के सारे कार्यो के बीच एक महत्वपूर्ण कार्य था अवकाश ( छुट्टी) सबने उपाय बताया कि सीनियर अधिकारी मैडम को आप शादी का कार्ड दे दीजिए और उनसे छुट्टी ले लीजिए, बात पक्की हो गई परी ने बताया कि कार्ड मैडम को भेज दिया है इसके बाद वो छुट्टी पर चली गई अब सन्नी ने अविनाश से कहा कि भईया शादी की बात किसी को बताना नही है परी ने मना किया है । अब सीनियर अधिकारी को शादी वाला डिजिटल ( पी.पी.टी जो सिर्फ मोबाइल और कंप्यूटर में चलता है ) कार्ड तो मोबाइल पर परी ने भेज दिया परन्तु अपने शादी में उनको बुलावा नहीं दिया था । शादी की बात परी ने आफिस में सिर्फ तीन लोगो को बताया था सीनियर अधिकारी को अविनाश को और सन्नी को सन्नी और अविनाश ने शादी की बात किसी को नहीं बताई  बताते भी कैसे परी ने अविनाश को कहा था हमें डर है कि आप सबसे बता देंगे उसने अविनाश से वादा लिया था किसी से ना बटने का । उसी समय महिला कल्याण विभाग में सर्वे का काम शुरू हो गया था जिस कारण दोनों ब्यस्त हो गए थे । सीनियर अधिकारी अपने आफिस में हमेशा पांच रत्नों ( चापलूस टाइप के पाच लोग) को बैठना पसंद करती थी जो जब तक वो आफिस में रहती तब तक उनकी तारीफ़ में कसीदे पढ़ा करते थे । पांच रत्नों में से एक थे परितोष जी जो कि सीनियर अधिकारी के बेहद करीब थे । परितोष जी स्वभाव में कैसे थे ये तो आज तक कोई समझ नहीं पाया था क्योकि कभी भी वो किसी से बेरुखी से बात तक नहीं किये थे वो हमेशा नम्रता से ही सबसे बात किया करते थे लेकिन सीनियर अधिकारी के सामने मुस्कुरा कर सबकी शिकायत भी कर दिया करते थे । आपको बताते चले कि परी का जो आफिशियल रिपोर्ट जाना था वो परितोष जी के हेड आफिस से जाना था यानी उसका उन्ही से ज्यादा लेना देना था, वो एक दो बार परी से ये भी बोले थे कि आप मेरे साथ आ जाया करिए लेकिन परी ने उनके साथ आने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी साथ आने जाने के बारे में परी ने आफिस में अविनाश को बताया था तो सन्नी ने कहा कि एक और महिला कर्मचारी उन्ही के घर के तरफ से आती है जो आपसे उम्र में बड़ी है उसको उन्होंने कभी लिफ्ट नही दिया आपको लिफ्ट देने को तैयार हैं । शादी के निमंत्रण ना मिलने की बात को लेकर परितोष सर परी से बहुत नाराज थे साथ आने वाली बात को टाल गयी ये टीस भी उनके दिल के एक कोने में बनी रहती थी । सीनियर अधिकारी ने अपने पंच रत्नों से परी के शादी के बारे में बता दिया था उन लोगो से बात कार्यालय में सुबह आने वाले स्टाफ को पता थी क्योकि आफिस में फालतू बात दस बजे से पहले ही हुआ करती थी । न्यौता नमिलने से पारितोष जी ने अपनी भावनाओ को सबके सामने जाहिर भी किया था, आफिस में पारितोष सर सीनियर अधिकारी मैडम के दाहिने हाथ थे । मैडम की गैर मौजूदगी में वो खुद को उन्ही के बराबर समझने लगते थे । शादी में निमत्रण को लेकर परी का मानना थाकि मैं जितनी दूर रहती हूं वहां कोई जाएगा नही और मै यहाँ तीन महीने से जाब कर रहीहूँ मेरे और सैकड़ो मेरे लोग पहले से है जिनको बुलाना जरुरी है आफिस में तो मिठाई बाट दूंगी काम चल जाएगा, इसलिए मैने किसी को बुलाया नही दिया है । सारे आफिस वालोका मानना था कि परी यहाँ पर गलत है उसे सबको बुलाना चाहिए था, जाना ना जाना वो लोगों के ऊपर निर्भर करता है । शादी के दिन अविनाश और सन्नी ने उसे सामूहिक रूप से बधाई दिया और ससुराल जाने के बाद उसे फोन न करने की बात बताई दोनों बोले आप नयीजगह जा रही हैं इसलिए वापस आने के बाद बात होगी । शादी का दिन बीत गया था बहुत से लोगो को मालूम था कि परी की शादी हो गयी है वो छुट्टी पर है लेकिन एक बन्दे को ये बात नहीं पता थी वो थे कल्लू सर , शादी की बात अविनाश और सन्नी ने परी को उनको बताने को मना किया था क्योकि वो लोग उनको सरप्राइज देकर उनके चहरे का एक्सप्रेशन देखना चाहते थे उस वक्त के लिए वो लोग परी को भी इनवाईट किये थे । शादी के तीसरे दिन सब लोग मिठाई खाने की बात कर रहे थे तब तक कल्लू सर ने पूरा सज धज कर आफिस में पदार्पण किया और ढूढने लगे परी को तब तक बड़े बाबू ने कहा कि वो अपने ससुराल में सास ससुर की सेवा कर रही है कि यहाँ बैठी है , कहाँ उसको आप तलाश रहें हैं, किसी ने पीछे से कहा कि बेगानी शादी में अब्दुला दीवाना, ये सब सुनकर कल्लू जी तो एकदम से भड़क से गए और बोले परी की शादी ? ये हो नही सकता आप सभी झूठ बोल रहे है, इस तरह की बात करने से आप सभी को क्या फायदा मिल रहा है उसकी शादी नही हुई है उसकी बहन की शादी हुई होगी उसने मुझे बताया है अपनी बहन की शादी के लिए दूल्हा पूछ रही थीं वो हमसे । सहसा ऐसा लग रहा था कि जैसे कल्लू सर बोल उठेंगे कि परी मुझसे पूछे बिना शादी नहीं कर सकती है, लेकिन ज्यादा लोग उनके तरफ देख रहे थे इसलिए दिल की बात उनके जुबा पर आ नहीं पा रह थी । खैर लोगों ने बताया कि सर जी  शादी की बात कन्फर्म हैं क्योकि सीनियर अधिकारी झूठ नहीं बोलेंगी उन्होंने सबके सामने ये स्वीकार किया है  कि परी ने उनको निमंत्रण भी दिया है । ये सुनकर कल्लू सर का कलेजा मुंह को आ गया तब तक सन्नी ने टेबल पर रखा वाटर कूलर का एकदम ठंडा पानी उनको पिलाया , उसके बाद जाकर उन्होंने एक लंबी और गहरी सांस ली, अविनाश तो उनसे इतना चिढ़ा हुआ था कि परी ने वादा ना लिया होता शादी की बात छिपाने का तो वो उनको दौड़ाकर ये खबर सुनाता । ठंडा पानी पीकर अब वो थोड़ा नार्मल हो गए और फिर अविनाश की तरफ मुखातिब हुए बोले भाई कहां कहां से सिरफिरी न्यूज लाते हो छोड़ दो अपना इन्फार्मेशन वाला काम तुम । अविनाश ने अपने मन में कहा पगलू  तुमको क्या पता है कि तुम्हारे बारे में भी परी को बता चुका हूं कि दिल में क्या है तुम्हारे, अविनाश ने अपने चहरे पर कुटिल मुस्कान लाते हुए कहा कि विचित्र किन्तु सत्य है सर जी , कल्लू सर ने बिचारे जैसा मुह बनाकर  मायूस होकर कहा कि भाई मिठाई तो खिला देना अविनाश ने कहा कि मिठाई क्या भोजन मिलेगा आपको चलिए आप मेरे साथ या आपकी इच्छा हो तो हनीमून से वापस आने के बाद परी के साथ पार्टी हो जाएगी ( हनीमून वाला शब्द उनको चिढाने के और चहरे का एक्सप्रेशन देखने के  लिए ही था ) अब सहसा उनके मुंह से निकल गया कि जाओ भाई मेरा मूड आज खराब है । बगल में बैठे बड़े बाबू ने कहा कि जब तक आपको लगा कि शादी परी की नही हो रही है, आप चहचहा रहे थे लेकिन जब से कंफर्म हुआ है तब से आपके हवाइयां उड़ी हुई हैं । अब दस बज चुके थे सब लोग अपने अपने केबिन में चले गए लेकिन कल्लू सर वहीँ के वहीँ  बैठे रहे जाने वाले सब लोग कल्लू सर का मखौल उड़ा रहे थे  ।

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परी की कहानी
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कहते है कि एक इतिहास बनता है दूसरे को मिटाने के लिए। इसी तरह यह कहानी है एक ऐसी लड़की "परी " की जो खुद में एक रहस्य बनकर रह गई है। उसे जाब वहां मिली है जहां आफिस में राजनीति अपने चरम पर है , लोगों की भाषा उसे समझने में परेशानी होती है लेकिन वहां के लोग उसकी भाषा को आसानी से समझ लेते हैं ऐसे में उसे अपने मन के भणास को निकालने के लिए इंगलिश भाषा का इस्तेमाल करना पड़ता है। उसे राय देने वाले ऐसे लोग हैं जो उसके सामने पढ़ाई लिखाई में बौने साबित होते हैं। क्या परी उठा पाएगी आफिस के रहस्य से पर्दा ? क्या परी पर भरोसा करने वाले आफिसर का भरोसा बरकार रख पाएगी परी ? क्या परी बिहार के उसे पिछड़े प्रखण्ड को आगे बढ़ा पाएगी ? क्या परी उस आफिस में टिक पाएगी जानने के लिए पढ़े यह कहानी परी एक रहस्य सिर्फ इस प्लेटफार्म पर ।
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भाग तीन :- परी की वापसी

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भाग चार : – टोटी वाले सर उर्फ़ कल्लू सर

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परी को जिन विभाग से वास्ता पड़ता था उसमें से एक विभाग था पानी वाला अब उस विभाग हेड थे कल्पनाथ सर जिनके पद को सभी लोग पानी वाले नाम से पुकारते थे उनका विभाग ऐसा था कि लोगों का काम उनके विभाग से पड़ता ही

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भाग पांच : – सरप्राईज

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सन्नी दिल्ली से वापस आई फिर वो अपने काम में लग गयी उसका काम ऐसा था कि महिला कल्याण विभाग में रोज उठना बैठना होता था , एक दिन वो कल्लू सर की बहुत तारीफ करने लगी इस पर सन्नी  ने अविनाश से कहा कि परी मैड

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भाग छ: :- परी की शादी

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