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भाग एक : - परी की आफिस में इंट्री

19 August 2024

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यह कहानी है एक ऐसी लड़की की जिसकी पर्सनल लाइफ और प्रोफेशनल लाइफ दोनों रहस्य पैदा करता है जो जितना उसके बारे में जानना चाहता है वो उसमे उतना उलझता जाता है । यह रहस्य है परी नाम के लड़की का , यह कहानी है बिहार प्रान्त के एक पिछड़े प्रखंड की जिसमे परी की तैनाती हुयी है प्रखंड को पिछड़े से आगे ले जाने के लिए उसको टास्क मिला है गरीबी उन्मूलन का, क्या परी ये सब कर पाएगी क्या वो अपनी नौकरी के टास्क को पूरा कर पाएगी आइये जानते हैं इस कहानी में ।

परी जी हां यही नाम था उस लड़की का जिसने नया नया ज्वाइन किया था बिहार प्रदेश के पिछड़े जनपद के एक प्रखण्ड को सामान्य प्रखण्ड की श्रेडी में लाने की योजना के तहत प्रखण्ड अधिकारी कार्यालय में । यहाँ पर उसकी तैनाती केंद्र सरकार की योजना के मार्फत हुई थी, वो जनवरी का महीना था जब पहली बार परी नेप्रखण्ड कार्यालय में कदम रखा था । आफिस में सबके बारे में जानकारी रखना अविनाश की आदत में शुमार था शायद इस वजह से लोग अविनाश को बिना पूछे ही इधर उधर की बाते बताते रहते थे , इसकी वजह ये भी थी कि आफिस में कोई बड़ा हो या छोटा हो सबको भैया कहकर बुलाना, सलाम नमस्ते कर लेना अविनाश का डेली रूटीन था , उसके इस रवैये से सब लोग अविनाश को उसके विभाग के अन्य स्टाफ की तुलना में ज्यादा तवज्जो दिया करते थे , सब लोग अविनाश से इसलिए घुल मिल जाते थे क्यों कि अविनाश का घर आफिस से नजदीक था और उसका वहां पर जल्दी आना देर से जाना रहता था । चाय की दुकान पर चुस्की लेते हुए लोगों ने परी को फ़ाइल लेकर इधर उधर भटकते देखा और फोन पर आफिस आई हूँ ज्वाइन करने की बात करते हुए सुना तो अविनाश को परी के आने के बारे में बताया , कुछ लोगों का बताना इसलिए सामान्य था क्योकि अविनाश ने सबको ये बताया था कि उसके विभाग में स्टाफ कम है , जिस कारण कुछ नए लोग आ सकते हैं , इसलिए कोई भी महिला आगंतुक जो कर्मचारी की तरह दिखाई देती थी तो बिना पूछे उसे सभी को जीविका विभाग ( स्वयं सहायता समूह का आफिस जिसमे अविनाश काम किया करता था ) के आफिस का पता बता दिया जाता था । इस कारण संपत भैया ( सफाई कर्मी ) ने अविनाश को फोन कर कहा कि कोई महिला अधिकारी आई है, लगता है कि वो आपके विभाग से संबंधित है, फिलहाल वो बड़े साहब के पास गई है, आप आकर उनसे मिल लीजिए आगे उन्होंने कहा कि वो बिचारी परेशान होकर इधर उधर भटक रही है । अविनाश के आफिस के सभी लोग फील्ड विजिट पर गए थे बिहार जीविका के आफिस में सभी स्टाफ आधा टाइम आफिस तो आधा टाइम क्षेत्रों में रहते थे, अविनाश का आफिस वर्क ही था तो वह ज्यादातर आफिस में ही रहता था , जिस दिन परी ने पहली बार आफिस में कदम रखा उस दिन अविनाश अपने पापा के बीमार होने की वजह से घर गया था । संपत भैया के बहुत ही जिम्मेदार कर्मचारी थे कभी किसी से मजाक नहीं किया करते थे इस वजह से उनके फोन
करने के कारण अविनाश जल्दी से आफिस वापस आकर ढूंढने लगा अपने उस अधिकारी ( परी ) को । अविनाश अपने हेड आफिस पर दो साल तक अटैच था इसलिए वहाँ के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से भली भांति परिचित था उसने वहां पर फोन करके जानकारी माँगा तब तक आफिस पहुच कर उसकी निगाहें परी को तलाशने लगी जब अविनाश ने उसे पहली बार देखा तब तक फोन से ये भी क्लियर हो गया कि किसी ने नयी ज्वाइनिंग नहीं किया है यानि परी का अविनाश के विभाग से कोई लेना देना नहीं है क्योंकि हेड आफिस से पता चला कि उसके यहाँ किसी को नहीं भेजा गया है । अविनाश ने परी को चाय की दुकान से देखा एक औसत कद काठी की लड़की नाक नक्श भी ठीक ठाक था या यूं कह लें कि फिल्म की हिरोइन दिशा पठानी ने सामान्य लड़की का भेष बनाकर वहां पर पदार्पण किया हो । पहली बार अविनाश ने परी को ब्राउन जैकेट ब्लू जींस पहने देखा था, ठंडी थोड़ी ज्यादा थी तो उसने एक हल्के मफलर (जो शापिंग मॉल में शापिंग करने पर फ्री मिलता है ) को गले में स्टाइल में लपेट लिया था । ठंडी मे उसके गुलाबी होंठों पर लिप बाम लगा था जो दूर से गुलाबी लिप कलर जैसे लगता था, उसके चेहरे पर कोई अलग से रंगाई पुताई नहीं थी , उसकी गर्दन सुराही जैसी थी ,उसने
अपने कानों मे एप्पल का एयर पाड और एक आई फोन लिया था जो लाल रंग का था जिसपर सत्यमेव जयते लिखा था और उसके ऊपर चार शेरो वाला लोगो लगा था आई फोन में अलग से पावर बैंक कनेक्ट किया हुआ था जिससे यह प्रतीत होता था कि वो आई फोन कुछ साल पुराना था , परी का अलग स्टाइल उसे आफिस मे आने वाली अन्य महिला कर्मचारियों से अलग कर रहा था और उसकी खूबसूरती में चार चांद भी लगा रहा था इसके साथ ही साथ उसके कपड़े, चश्मे और जूते का चयन भी काफी संजीदा था, उसके बातचीत का तरीका बता रहा था कि किसी भले घर की और संस्कारी लड़की है, लोगो के उल जुलूल बातो का संभल के जवाब देने का तरीका बता रहा था कि वो ब्यूटी विथ ब्रेन है । अविनाश ने झट पट पता किया तो परी का बिहार जीविका  विभाग से कोई नाता नहीं मालूम चला, फ़िलहाल उसका जो कार्य था प्रखण्ड को पिछड़े से अगड़ा बनाने का , वो फिलहाल सबके सर के ऊपर से गुजर रहा था शायद इसी वजह से परी को इधर उधर भटकना पड़ रहा था । कार्यालय में लगने वाले जनता दरबार में आने वाले कुछ लोग उसे घूर रहे थे , जिनके बालों से लग रहा था कि उन्हें घूरने का एक्सपीरियंस ज्यादा होगा । वो लोग आपस में बात करने लगे देखो भाई नाक थोड़ी नुकीली है मैडम की लड़ाई बहुत जल्दी करेंगी, तो कुछ ने कहा कि जिम में ज्यादा वक्त देती है मैडम इसलिए फिगर इतना मेंटेन किया हुआ है , वहाँ मौजूद कुछ ढरकी टाइप के
लोगों को परी से पहले नजर में ही प्यार हो गया कुछ लफंगे लोग आपस में परी को प्रपोज भी कर रहे थे और धीमी आवाज में बोल रहे थे “ अगर तुम मिल जाओ तो जमाना छोड़ देंगे हम ” इत्यादि । परंतु इन सब बातों का परी पर कोई असर नहीं पड़ रहा था क्योंकि वो सब लोग इतने धीरे बोल रहे थे कि उनकी बाते परी तक पहुच ही नहीं पा रही थी जिससे किसी की बात उसे सुनाई नहीं दे रहा था और ना ही घूरने
का एक्सपीरियंस वाले लोग उसे सुनाना भी नहीं चाहते थे । अविनाश ने इन सबपर बहुत ध्यान नहीं दिया क्योंकि परी बहुत प्यारी लग रही थी वो अपनी सुराही जैसी गर्दन को बार बार मोड़कर इधर उधर देख रही थी उसके बार बार गर्दन मुड़ने से उसके लम्बे बाल जिसमे उसने चोटी की थी जो कि दूर से देखने में काली नागिन जैसी लग रही थी । कुछ लोग सिर्फ परी के बारे में ही बात करने लगे तो अविनाश ने लोगों से कहा कि आजकल डीएम और एसपी जैसे अधिकारी भेष बदलकर आते है आफिस की खामियों को पकड़ने उसमे आम जनता का रवैया भी नोटिस किया जाता है अगर ये मैडम डीएम या एसपी निकली और आप सभी की बातो को सीरियसली ले लिया तो बवाल हो जाएगा । अविनाश का ये कहना तुरुप का इक्का साबित हुआ ज्यादातर लोग सहम गए और परी के बारे में होने वाली अनाप शनाप बाते बंद हो गई । चाय की दुकान पर अविनाश भी कुछ देर रुका फिर जीविका केविभाग में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के आ जाने के कारण अपने आफिस में अन्दर चला गया । परी को प्रखण्ड अधिकारी से मिलना था जब से परी प्रखण्ड अधिकारी के परिसर में आई थी लोगो को बता बता कर थक गयी थी कि उसको प्रखण्ड अधिकारी से मिलना है वो दिल्ली की रहने वाली थी और यहाँ बिहार में उसको वहां की भाषा समझने में दिक्कत हो रही थी वो शुद्ध हिंदी तो बोल और समझ लेती लेकिन भोजपुरी की अलग भाषा ( मिथिला मिक्स ) को समझने में उसे परेशानी होती थी । अब वहां के लोगो में परी एक रहस्य बन गयी थी परी और उसके लिए रहस्य बन गए थे वहां के लोग , उसे पटना के हेड आफिस में इन सब परेशानियों के बारे में बताया नहीं गया था क्योकि उसके आने के पहले बहुत से लोग उस जाब को छोड़कर जा चुके थे । खैर परी की खूबसूरती के वजह से लोग उससे उसका हाल चाल लेने जरुर आ जाते थे, परी वाराणसी के बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से पढ़ी थी इसलिए कुछ लोग उससे ये बाते करते कि मेरा बेटा या बेटी वहां पर पढ़ रहें हैं, बी. एच. यू से पढ़ने की वजह से उसको यहाँ  थोडा सम्मान मिला वो भी पहली दस्तक में ही ।

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परी की कहानी
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कहते है कि एक इतिहास बनता है दूसरे को मिटाने के लिए। इसी तरह यह कहानी है एक ऐसी लड़की "परी " की जो खुद में एक रहस्य बनकर रह गई है। उसे जाब वहां मिली है जहां आफिस में राजनीति अपने चरम पर है , लोगों की भाषा उसे समझने में परेशानी होती है लेकिन वहां के लोग उसकी भाषा को आसानी से समझ लेते हैं ऐसे में उसे अपने मन के भणास को निकालने के लिए इंगलिश भाषा का इस्तेमाल करना पड़ता है। उसे राय देने वाले ऐसे लोग हैं जो उसके सामने पढ़ाई लिखाई में बौने साबित होते हैं। क्या परी उठा पाएगी आफिस के रहस्य से पर्दा ? क्या परी पर भरोसा करने वाले आफिसर का भरोसा बरकार रख पाएगी परी ? क्या परी बिहार के उसे पिछड़े प्रखण्ड को आगे बढ़ा पाएगी ? क्या परी उस आफिस में टिक पाएगी जानने के लिए पढ़े यह कहानी परी एक रहस्य सिर्फ इस प्लेटफार्म पर ।
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भाग एक : - परी की आफिस में इंट्री

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यह कहानी है एक ऐसी लड़की की जिसकी पर्सनल लाइफ और प्रोफेशनल लाइफ दोनों रहस्य पैदा करता है जो जितना उसके बारे में जानना चाहता है वो उसमे उतना उलझता जाता है । यह रहस्य है परी नाम के लड़की का , यह कहानी है

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भाग दो :- सन्नी की इंट्री

19 August 2024
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परी शुरुआत के दो दिन तक आफिस आई फिर वो ट्रेनिंग लेने दिल्ली चली गयी जब वो वापस आई तब तक अविनाश अपने जीविका विभाग केहेड आफिस पटना में अटैच हो गया वहां पर बीच बीच में आफिस के कुछ लोग कागजात लेकर जाते तो

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भाग तीन :- परी की वापसी

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 धीरे धीरे समय बीतता गया और परी स्वास्थ्य लाभ लेकर वापस आई उसकें आने के साथ ही सारी अफवाहों ( नौकरी छोड़कर भाग जाने, नयी जाब के बारे में इत्यादि ) पर विराम लग गया, परी एक डायरी लेकर सबके पास जाती और उन

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भाग चार : – टोटी वाले सर उर्फ़ कल्लू सर

19 August 2024
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भाग पांच : – सरप्राईज

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सन्नी दिल्ली से वापस आई फिर वो अपने काम में लग गयी उसका काम ऐसा था कि महिला कल्याण विभाग में रोज उठना बैठना होता था , एक दिन वो कल्लू सर की बहुत तारीफ करने लगी इस पर सन्नी  ने अविनाश से कहा कि परी मैड

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भाग छ: :- परी की शादी

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