परी शुरुआत के दो दिन तक आफिस आई फिर वो ट्रेनिंग लेने दिल्ली चली गयी जब वो वापस आई तब तक अविनाश अपने जीविका विभाग केहेड आफिस पटना में अटैच हो गया वहां पर बीच बीच में आफिस के कुछ लोग कागजात लेकर जाते तो परी के बारे में बताते रहते थे । उन लोगों से पता चला कि परी को महिला कल्याण विभाग के ही ज्यादा पैरामीटर पर कार्य करना है । एक दिन अविनाश के आफिस का सन्नी अपना टी.ए. ( ट्रेवेलिंग एलाउंस ) जमा करने हेड आफिस आया तो उसने बताया कि परी ने हमारे विभाग के साथ मीटिंग की थी, सन्नी के बारे में आपको बता दे ये महिला कल्याण विभाग में उम्र में सबसे छोटा और सबसे बाद में ज्वाइन करने वाला बंदा था जिसकी अविनाश से ज्यादा पटती थी । सन्नी यूनिवर्सिटी से पढ़ा था कैंपस सेलेक्सन में उसको जाब मिली थी वो काम के प्रति बहुत
ईमानदार था परंतु नया होने के कारण आफिस में सब उसकी रैंगिग करते थे, अविनाश ने सन्नी का साथ दिया था और आफिस वालो को डाट डपट कर उसको रैगिंग का शिकार होने से बचाया था, कहा जाता है न कि फर्स्ट इम्प्रेसन इज लास्ट इम्प्रेसन शायद सन्नी पर ये जुमला फिट बैठता था इसीलिए वो अविनाश से ज्यादा जुड़ा हुआ था । वो दोनो एक दूसरे का बहुत सम्मान करते थे, कुछ लोग अविनाश को समझाते थे कि शहर का लड़का है यूनिवर्सिटी से पढ़ा है वो बड़ा ही शातिर है, मतलबी है उसकी तरफदारी मत करो उससे बच के रहना नहीं तो नुक्सान होगा तुम्हारा इन सब बातो पर अविनाश का ये जवाब कि अगर सन्नी शातिर भी है तो मेरा क्या बिगाड़ लेगा सभी इधर उधर करने वाले लोगों को नि:शब्द कर देता था । सन्नी ने अपना टी.ए. अविनाश को देते हुए ये बताया कि एक नई मैडम आई हैं बहुत ही खूबसूरत हैं और हां भैया जहां से मैं पढ़ा हूं वही से वो भी पढ़ी हैं, भाई साहब वो मेरे से मेरे विभाग के बारे में आधे घंटे तक पूछताछ की है, हमने भी सब कुछ विधिवत उनको लिखकर समझाया है सन्नी को बोलता देख हेड आफिस के अन्य लोग भी अविनाश के इर्द गिर्द गोला बनाते हुए जुट गए और सन्नी से परी के बारे में और ज्यादा बताने के लिए उसको उकसाने लगे, वो आगे बोला भैया अपना पूरा स्टाफ मुंह बाए उनको देख रहा था, उनके जाने के बाद आफिस में सब लोग हमारा मजाक बना रहे थे, बताइए भैया हम अगर अपने विभाग के कार्यो के बारे में किसी को सही जानकारी दे दिए तो क्या गलत किए, अविनाश ने सन्नी की पीठ थपथपाते हुए कहा मेरा भाई कभी गलत हो नहीं नहीं सकता, आगे सन्नी ने हल्की सी स्माइल देते हुए कहा कि हम मानते हैं भैया भगवान ने परी जी को
बनाया भी है देखने लायक कोई क्यों ना आखे फाड़कर देखे, कुछ इस तरह से सन्नी ने परी के बारे में सबको अवगत कराया । आफिस में सभी लोग हँसने लगे उसे लगा वो सिर्फ अविनाश से बात कर रहा है लेकिन उसको सुन कई लोग रहे थे, हसते हुए लोगों से उसने सबसे माफ़ी मांगी कि अगर मेरी बातो से किसी को ठेस पहुची हो तो मुझे माफ़ करना । पटना आफिस की एकमात्र महिला कर्मचारी स्नेहा ने हसते हुए कहा कि मुझे लगा है क्योकि किसी खुबसूरत लड़की को दुसरे खुबसूरत लड़की की तारीफ पसंद नहीं होती है । इन सब बातो
से सन्नी सहम सा गया उसने कहा कि भैया इस तरह उनकी तारीफ मैंने किया कोई दिक्कत तो नही अविनाश बोला बंधुवर जब तक आपकी बात सामने वाला सुन न ले या कोई उससे चुगली ना कर दे तब तक उसकी भावना आहत कैसे होगी तभी विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि तुम ज्यादा लार मत टपकाना क्योकि आप सभी जानते हैं कि हम सभी जीविका विभाग के लोग हैं, जिसमे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का काम है चुकि ये पिछडा. जिला है इसलिए सरकार का फोकस ज्यादा है इस जिले पर , किसी के खिलाफ कोई कम्प्लेंन आई ना तो सब नप जायेंगे हम बैठे ही हैं यहाँ पर ट्रांसफर करने के लिए, उनके इस बात ने रंग में भंग डाल दिया ये सब सुनकर सन्नी की तो फट गयी बाकी के सब अपनी अपनी जगह पर चले गए, तभी सीनियर अधिकारी आ गयी अविनाश उनके पास चला गया अपना अटैचमेंट हटवाने के लिए लेटर साइन कराने तब तक वहां सब लोग बारी बारी से कोपचे में लेकर सन्नी से पूछ ताछ करते रहे । अविनाश महीने भर बाद पटना हेड आफिस से छुटकारा पाकर अपने आफिस पहुंचा तो पता चला कि परी का पैर टूट गया है वो कुछ दिनों के लिए छुट्टी पर चली गई है, फिर सभी लोग अपनी दिनचर्या में व्यस्त हो गए । परी छुट्टी पर तो चली गई थी लेकिन अपने हाजिर जवाबी के साथ साथ इमानदारी , सीधे एवं साफ़ साफ़ बात करने की अदा और अपनी नेचुरल खूबसूरती ( जिसका प्रदर्शन करने का प्रयास उसने कभी भी नहीं किया ) की छाप बहुत लोगों पर छोड़ गई थी । पैर टूटने के पहले जब तक परी का आफिस आना रहा उतने दिनों तक सभी विभाग से मिलना उन लोगो के कार्य की प्रगति कितना लक्ष्य मिला है सरकार से कितनी प्रगति हुयी कार्य करने में आने वाली परेशानी के बारे में जानना इत्यादि कार्य किया था सबसे ज्यादा समय बिताया था अविनाश के आफिस में जिससे कुछ नए नवेले तो कुछ इक्सपाइरी डेट वाले आफिसियल लोग परी की जानकारी लेने आफिस में आते रहते थे । अविनाश अपने विभाग की सारी जानकारी रखता था इसमे हेड आफिस की जानकारी भी शामिल थी, इस कारण उस प्रखण्ड में जीविका विभाग में आकर जानकारी मागने वालो को सीधे अविनाश से ही मुखातिब होना पड़ता था । बिहार जीविका विभाग में अविनाश के अलावा किसी और से सवाल पूछे जाने पर वो बंदा जवाब देने के बजाय सीधे उसके पास भेज देता था कि जानकारी देना उन्ही का काम है और सबके सवालों का जवाब वो ज्यादा जानते हैं ये कहकर अन्य कर्मचारी अपनी जान बचाते थे । लोग अक्सर अविनाश से परी के बारे में जानकारी मांगते थे जिस परी को उसने दूर से देखा था उससे मिला भी नहीं था वो बस ये जवाब देता था कि वो बीमार हैं इसलिए नहीं आ रही हैं । कुछ लोग आगला सवाल भी दाग देते थे कि कब तक आएँगी तो अविनाश डपटकर कहता वो मेरे विभाग की कर्मचारी हैं क्या कि उनका इतिहास भूगोल मै बताता फिरूं । कभी कभार सवाल पूछने वाला भी कोई नयी जानकारी दे जाता था जैसे वो बड़े शहर के कल्चर में रही है इधर पिछड़े जिले में थोड़े रह पाएगी उसने नौकरी छोड़ दिया है, उसने अपना ट्रांसफर करा लिया है इत्यादि बाते प्रखण्ड अधिकारी कार्यालय के कैम्पस में चलने वाले सभी
विभागों में चलती रहती थी ।