धीरे धीरे समय बीतता गया और परी स्वास्थ्य लाभ लेकर वापस आई उसकें आने के साथ ही सारी अफवाहों ( नौकरी छोड़कर भाग जाने, नयी जाब के बारे में इत्यादि ) पर विराम लग गया, परी एक डायरी लेकर सबके पास जाती और उनसे सम्बंधित
विभाग के पैरामीटर पर चर्चा करके डायरी में नोट करती रहती थी, कभी कभार तो वो ऐसी बातो को भी नोट कर लेती जो उसे विभाग वाले गलत रिपोर्टिंग कर दिया करते थे, उसने जब बिहार जीविका विभाग के बारे में जानकारी मांगी तो उसे सबकी तरह अविनाश के पास भेज दिया गया जब वो अविनाश से मिली तो सुबह सुबह हस्ताक्षर कर के अन्य विभाग वालो के साथ बाते कर रहा था दोनों एक दुसरे से मिले हाल चाल हुआ वो बोली आप नया नया ज्वाइन किये हैं क्या यहाँ पर परी की ये बात सुनकर सब हँसने लगे । परी ने आश्चर्य चकित होकर पुछा आप सभी मेरी बातो को सुनकर हस क्यों रहें हैं तब अविनाश ने उसे टोकते हुए कहा कि अरे मैडम आप ही नयी आयीं है मै तो पिछले तीन सालों से यहाँ काम कर रहा हूँ, उसने मुस्कुराते हुए कहा कि आप अपनी जानकारी मागते रहिये, मै आपको बताता रहूँगा खड़े खड़े दोनों में जानकारी का आदान प्रदान होते रहा । आज अविनाश भी परी से इतना प्रभावित हुआ जितना कि पहले कभी हुआ था उसके ना रहने के वावजूद उसके बारे में रोज चर्चा किसी न किसी के जरिये हो ही जाती थी, आज परी से ज्यादा बात हो सके इस चक्कर में अविनाश ने उसको अपने विभाग के साथ साथ अन्य कुछ विभागों की भी जानकारी उपलब्ध करा दिया । जिन विभागों के बारे में अविनाश ने जानकारी दिए उन सभी विभागों में बार बार कहने के बाद भी परी को डाटा नहीं मिल पा रहा था, इस सबसे परी बहुत ही खुश हुयी उसने कहा कि मुझे पहले आप से ही मिलना चाहिये था आपको बहुत बहुत धन्यवाद सर अविनाश ने कहा ये तो मेरा काम है आपको कोई भी डाटा चाहिये मेरे पास मिल जाएगा । अविनाश गरीबो की मदद किया करता था और अपनी सैलरी के अलावा किसी से कोई एक्स्ट्रा पैसा नहीं लेता था अगर किसी ने प्यार से चाय और बिस्किट खिला पिला दिया बस उसी तक सिमित था सेवा शुल्क यही कारण था कि आफिस के सभी लोग उससे थोडा चिढ़ रखते थे । अविनाश अपनी पकड़ की वजह से बिहार जीविका विभाग में आने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रधानमंत्री आवास योजना, सरकारी हैंडपंप, नाली और रास्ता बिजली कनेक्शन इत्यादि लाभ मुफ्त में प्रखण्ड अधिकारी कार्यालय से दिला दिया करता था । जिस कारण वो पब्लिक के बीच में ज्यादा फेमस था, इसका फायदा ये था कि जब भी अविनाश पटना हेड आफिस में अटैच होता तो क्षेत्रीय लोग योजना का लाभ लेने के लिए उसके पास हेड आफिस तक पहुच जाया करते थे, बाकी लोग दिन भर उसको फोन किया करते थे, जिससे अजीज आकर उसे फिर से पटना आफिस के अटैचमेंट से हटाकर वापस उसी आफिस में भेज दिया जाता था । एक दिन सन्नी सुबह सुबह ही अविनाश के पास आया और बोला भैया परी का काम है पूरे कार्यालय में होने वाले कार्यो का डाटा केंद्र सरकार को भेजना जिसमे कार्य सही हुआ हो या रजिस्टर में फर्जी सबका डाटा वो भेज सकती है जिस कारण पूरा कार्यालय और समस्त विभाग उससे डरता भी है और उसकी नयी नयी ज्वाइन की है और इंसान सही है और सिस्टम के प्रति उसकी नाराजगी मैने साफ़ महसूस किया है उनसे मिलकर के गरीबों की मदद की जा सकती है, वो हम लोगों की नयी उम्मीद है भैया जिसकी किरण फैलानी है गरीबों में अविनाश को सन्नी का सुझाव सही लगा उसने भी सहमति दे दिया फिर सन्नी ने परी से मुलाकात करके गरीबों की मदद करने हेतु कहा इस पर परी ने कहा कि ये तो उसका ड्रीम है वो हर समय इस कार्य के लिए तैयार है । अब अविनाश के आफिस के स्टाफ लोगों को ये परेशानी थी कि वो किसी भी कार्य को करने के लिए जनता से पैसा लिया करते थे और अविनाश फ्री में जनता का कार्य कराने के लिए परेशान रहता था अब परी के सज्ञान में कोई गड़बड़ आने पर बात हाई लेबल पर जाने का खतरा था । परी भी शायद अविनाश की साफ सुथरी बात चीत और मिलनसार स्वभाव के साथ साथ गरीबों की सहायता कर उनमें लोकप्रिय होने की वजह से मित्रवत व्यवहार रखने लगी थी , हालांकि परी का काम हर विभाग से था तो लाजमी था कि सबसे मिलना जुलना होता रहता था । अविनाश ने सन्नी को समझाया था कि किसी भी आफिशियल जानकारी के लिए परी को हम दोनो में से कोई
एक ही फोन करेगा ताकि उसको ये ना बुरा लगे कि सुंदर लड़की देखी नहीं कि एक ही काम के लिए दोनो लगे फोन करने, अपने सिर को हिलाते हुए ठीक है कहके सन्नी ने अपनी मायूसी वाली स्वीकृति दे दी । सन्नी के हाव भाव से अविनाश को लगा कि सन्नी ये समझ रहा है कि फोन अविनाश खुद करना चाहता है इसलिए वो ऐसी बात कर रहा है । जब अविनाश ने सन्नी का चेहरा लटका हुआ देखा तो यह तय कर लिया कि मैं परी को फोन नही करूंगा ना ही उससे उसका नंबर मागूंगा ताकि ज्यादा से ज्यादा सन्नी से ही बात हो सके इस कारण जब भी किसी आफिशियल कार्य से फोन करना हुआ तो सन्नी ही करता । लगभग एक महीने तक यही चलता रहा फिर कई बार आफिशियल कार्य से परी ने सन्नी को फोन किया जानकारी लेने हेतु तो सन्नी ने अविनाश से पूछकर परी को जवाब दिया करता जवाब में देर होने से परी को परेशानी हुआ करती थी । जब उसने एक बार किसी अन्य विभाग में चर्चा किया तो वहां बताया गया कि जानकारी तुरंत चाहिये तो अविनाश से मांग लिया करिए सब कुछ वो मोबाइल में ही रखता है, उसी दिन वो अविनाश के पास आई और उससे अपना नंबर साझा किया । धीरे धीरे समय बीतता जा रहा था और उन तीनों लोगों की ( अविनाश, सन्नी, परी ) मित्रता प्रगाढ़, परी से बात करना सबको अच्छा लगता था क्योंकि उसे कार्य करने की समझ ज्यादा थी और जो कार्य पेंडिंग था उसे कराने लिए वो पुरजोर कोशिश करती थी । परी के सामने सन्नी कुछ ज्यादा समाजसेवी बना करता था जैसे कि भैया फलाना आदमी का एन.पी.एस. का पैसा नहीं निकल रहा है आप चाहते तो निकल जाता, इस महिला का आयुष्मान कार्ड संसोधन करवाना है, मृदा परिक्षण करवाना है इत्यादि उससे होता तो कुछ नहीं था लेकिन काम लेकर अविनाश के पास आता था उसे करवाने के बाद खुद क्रेडिट लेता फिरता था इससे अविनाश को कोई फर्क नहीं पड़ता था क्योकि उसे मालुम था कि वो शादी शुदा है और सन्नी और परी दोनों अन मैरेड हैं , इसलिए दोनों का झुकाव एक दुसरे से हो सकता है, हालाँकि चाहता तो अविनाश भी परी को बहुत शिद्दत से था लेकिन न ही उसके हालत ऐसे थे न ही उसका फिगर जिससे वो अपने अरमानो को अपने अन्दर समेटे हुए चला जा रहा था । क्या अविनाश अपने अन्दर की भावना को प्रगट करा पायेगा | क्या सन्नी और अविनाश के बिच परी एक रहस्य बन जायेगी | जानने के लिए पढ़िये अगला अध्याय |