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भाग चार : – टोटी वाले सर उर्फ़ कल्लू सर

19 August 2024

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परी को जिन विभाग से वास्ता पड़ता था उसमें से एक विभाग था पानी वाला अब उस विभाग हेड थे कल्पनाथ सर जिनके पद को सभी लोग पानी वाले नाम से पुकारते थे उनका विभाग ऐसा था कि लोगों का काम उनके विभाग से पड़ता ही था अविनाश के विभाग का पानी
वाले सर के विभाग से कभी वास्ता पड़ा नही था परंतु सभी विभाग में पानी वाले सर के नाम से उस पद को बुलाया जाता था तो महिला कल्याण विभाग वाले लोग भी वही बुलाते थे । पानी वाले सर को उनके चित्र और चरित्र के अनुसार प्यार से और पीठ पीछे कल्लू सर के नाम से उनका नामकरण अविनाश और सन्नी ने मिलकर कर दिया था । अब इस परी के कहानी में शुरू होता है कल्लू सर का सफरनामा परी की दो दिनों तक क्षेत्र में गरीब महिलाओं के साथ बैठक थी पानी की कम्प्लेंन पड़ने के कारण महिला कल्याण विभाग के हेड आफिस से निर्देश था कि सम्बंधित अधिकारी को बैठक में लेकर जाकर महिलाओं से मिलवाये साथ ही उक्त का फोटो भी शेयर करे। अविनाश ने ऐसा ही किया , बैठक में  परी के साथ ही कल्लू सर भी बड़े दमदारी से अपने विभाग के बारे में बात किये लेकिन गावं की महिला उन्हें गंदे पानी और पिने वाले पानी के नए कनेक्शन को लेकर परेशान कर रही थी । लेकिन यहाँ परी अपने कौशल से महिलाओं में भी एक नयी उम्मीद जगा रही थी स्वावलम्बी बनने की, खुद के पैरो पर खड़े होने की, प्रेरणा वाली एक एक बात परी के मुंह से सुनने के बाद महिलाओ में एक अलग उत्साह जगा रहा था जिसको देखकर वहां मौजूद सभी लोग हतप्रभ थे । यहाँ भी एक नयी उम्मीद जगी, वैसे यहां दो पार्टी को उम्मीद जगी एक तो उन महिलाओं को जिनको एक प्रेरणा की आवश्कता थी जिसको नई वाली मैडम द्वारा महिलाओ में जगाई गयी थी, दूसरी उम्मीद जगी कल्लू सर के दिल में जिन्होंने आज परी से खुलकर बात कर लिया था । समय बीता उस बैठक के चौथे दिन परी को दिल्ली जाना था एक सप्ताह के लिए, ये बात परी ने सन्नी को बताई थी जिसके माध्यम से अविनाश को पता चला, इस बीच कल्लू सर परी के केबिन में रोज जाते और बड़ी मधुरता से अपने फोन को फ्लाईट मोड़ में डालकर परी से उसके पैरामीटर वाले टास्क पर बाते करते थे, कभी कभार वो पर्सनल बात भी कर लिया करते थे जैसे अपने परिवार के बारे में उसके परिवार के बारे में इत्यादि बाते होती थी । एक दिन परी को मेल से सूचना मिली कि दिल्ली जाना है जब वो दिल्ली जाने लगी तो अविनाश और सन्नी ने हैपी जर्नी बोलकर औपचारिकता पूरी की क्योकि उन दोनो को बार बार यही डर लगता था कि परी को ये न लगे कि ये लोग चांस मार रहे हैं । अविनाश के यहाँ महिला कर्मचारी तो बहुत थी लेकिन परी की बात अलग थी कि जितना अन्य महिला कर्मचारी  अपने ऊपर ब्यूटी पार्लर में हजारो रुपये खर्च करने के बाद नजर आती थी उतना परी की नेचुरल ब्यूटी थी । अब परी दिल्ली में थी आज सुबह ही सन्नी उसका लाल सूट वाला सोशल मिडिया वाला स्टेटस अविनाश को  दिखाकर चर्चा कर ही रहा था तब तक कल्लू सर (पानी वाले सर) का आगमन अविनाश के टेबल के सामने हुआ दुआ सलाम के तुरंत बाद उन्होंने अपने दोनो भौहों को मिलाते हुए अविनाश के टेबल पर हाथ से मारते हुए कहा अरे कहा हैं आप की मैडम, उनके हाथ से टेबल पर जो कम्पन्न हुआ उससे सारी फ़ाइल निचे गिर गयी और सारे पेपर जो सीरियल नंबर से लगे थे बाहर बिखर गए, अविनाश ऐसा काम कर रहा था जिसके पूरा ना होने पर उसकी सैलरी रोक देने का आदेश था क्योंकि उस फ़ाइल मे लोकल रास्तों, सड़कों और नहरों के बारे में डाटा भरा हुआ था जिसे वेरीफाई करके क्रम से लगाना था, हालांकि ये काम अविनाश हमेशा करता था, इस काम को ही शांत होकर सोचकर वो क्रम में कर ही रहा था कि सन्नी द्वारा पहले ही परी के लाल सूट का फोटो दिखाने के बाद परी को किसी गरीब को आवास दिलाने का वादा याद दिलाने की बात करके डिस्टर्ब कर ही रहा था जिससे अविनाश काध्यान भंग हो ही रहा था तब तक कल्लू सर ने टेबल ठोक कर पेपर बिखेर दिया, फिर क्या था अविनाश का गुस्सैल स्वभाव जाग गया उसने कल्लू सर को डपट दिया, उसने चिल्लाते हुए कहा कि आपकी बेटी की उम्र की है वो, बाल रंगा कर हीरो बन रहे है , आपकी हिम्मत कैसे हुई इस तरह की बात बोलने की वो मेरी मैडम है हमारे विभाग से क्या नाता है , उसका इस कार्यालय के छत्तीस आफिस में काम है, यहाँ पर सब लोग हमसे ही पूछेंगे तो हम क्या जवाब देंगे बताइए वो हमको बता कर गयी है क्या, कल्लू ने दात दिखाते हुए कहा कि नहीं मालुम आपको दिल्ली गयी है वो ,अविनाश चिल्लाकर ही बात कर रहा था । अविनाश को चिल्लाता देखकर अविनाश के विभाग के सबसे घाग अधिकारी मनीष भी बहस में जुड़ गए , जिनको अविनाश का सहयोग करने का आदेश दिया गया था परन्तु वो फेसबुक पर रिल्स देख रहे थे , डपट कर कल्लू से कहा परी के बारे में आप हमारे विभाग में पूछताछ क्यों कर रहे हैं आपने इतने दिनों में ये नहीं जाना कि उसका हम लोगो से कोई लेना देना नहीं है । जब ये सब हो रहा था तो वहां पर कई लोग थे और अविनाश कत्तई नहीं चाहता था  कि उसके और परी की मित्रता में कोई आंच आए क्योकि परी की मदद से वो गरीबों की मदद करना चाहता था, चुकी उसके विभाग में सभी भष्ट कर्मचारी थे और अविनाश इमानदारी का काम करते करते परेशान हो चूका था, ऐसे में परी का अविनाश के साथ रहना बिना सिक्का उछाले टास जीत जाने जैसा था । अविनाश को चिल्लाता और मनीष को गुर्राता देख सन्नी हक्का बक्का था और कल्लू की हवाइयां उड़ गई थी , कल्लू दोनों को शांत कराए बिना वापस जाना नही चाहते थे , क्योंकि उन्हे मालूम था कि मनीष आधा पागल है
उसके गुस्से का मतलब सभी विभागों के सारे कर्मचारियों को जानकारी कि कल्लू क्यू उन दोनों के पास गये थे ,खैर जैसे तैसे कल्लू सर
माफ़ी वाफी मांगकर कर भागे । उनके जाने के बाद सन्नी बोला भइया पहली बार कलुआ ने ऐसी बात बोली है ( आपकी मैडम ) जिससे थोड़ी सी खुशी मिली है लेकिन गुस्सा भी आयाहै बहुत बदतमीज है इसको पीटेंगे हम मनीष बोला कि ऐसा नहीं करना है भाई नही तो इसकी बातो को बल मिलेगा ऐसे लोगों को हम बहुत ज्यादा सिरियस नही लिया जाता है ।   

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परी की कहानी
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कहते है कि एक इतिहास बनता है दूसरे को मिटाने के लिए। इसी तरह यह कहानी है एक ऐसी लड़की "परी " की जो खुद में एक रहस्य बनकर रह गई है। उसे जाब वहां मिली है जहां आफिस में राजनीति अपने चरम पर है , लोगों की भाषा उसे समझने में परेशानी होती है लेकिन वहां के लोग उसकी भाषा को आसानी से समझ लेते हैं ऐसे में उसे अपने मन के भणास को निकालने के लिए इंगलिश भाषा का इस्तेमाल करना पड़ता है। उसे राय देने वाले ऐसे लोग हैं जो उसके सामने पढ़ाई लिखाई में बौने साबित होते हैं। क्या परी उठा पाएगी आफिस के रहस्य से पर्दा ? क्या परी पर भरोसा करने वाले आफिसर का भरोसा बरकार रख पाएगी परी ? क्या परी बिहार के उसे पिछड़े प्रखण्ड को आगे बढ़ा पाएगी ? क्या परी उस आफिस में टिक पाएगी जानने के लिए पढ़े यह कहानी परी एक रहस्य सिर्फ इस प्लेटफार्म पर ।
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भाग चार : – टोटी वाले सर उर्फ़ कल्लू सर

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भाग पांच : – सरप्राईज

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नयी नौकरी होने के कारण परी आती तो रोज थी लेकिन उसे शादी की तैयारियों को लेकर परेशांन होते हुए जरुर देखा जा रहा था जिस कारण वो हर दिन आफिस टाइम में हर लम्हा चिंतित रहती थी, उसे परेशान होता देख अविनाश न

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