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दहेज हार गया.. बलात्कार जीत गया..

12 September 2024

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18 साल की सुकन्या आज कॉलेज से चहकते हुए वापस आ रही थी.. उसने एक स्पीच प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था जिसके लिए मैटर उसके बड़े भाई ने लिख कर दिया था.. जिसका शीर्षक था - दहेज हार गया.. काफी आशावादी लेख था जो सुकन्या ने उत्साह और खुशी के साथ स्टेज पर सुनाया और उसका पहला इनाम आया था.. 

4 साल बाद आज सुकन्या की शादी को तीन महीने होने को आए थे... वो हमेशा से एक अच्छी बेटी थी... और अब एक अच्छी पत्नी और अच्छी बहु बनने के सफर पर थी... 

रंग रूप से लेकर संस्कारों तक... घर के काम-काज से लेकर मेहमानों की आवभगत तक.... सासू माँ के पैर दबाने से लेकर पति की अतरंगी इच्छाओं का मान रखने तक...... हर काम में वो अव्वल श्रेणी में थी। 

ससुराल में उसके सास-ससुर, पति और एक देवर था... और उस घर में एक जवान लड़की भी रहती थी जो उसकी सास के किसी दूर के रिश्ते में थी। 

सुकन्या एक उच्च मध्यम वर्ग के कुशल परिवार से थी और एक मैट्रिमोनियल साइट से उसके घर वालों ने रिश्ता पंसद किया था... ठीक-ठाक जाँच पड़ताल के बाद शादी हो गई थी और सुकन्या खुश भी थी.. 

इन तीन महीनों में उसे भी हर भारतीय लड़की की तरह अपने पति से प्यार हो गया था..... फिर एक दिन उसके पति ने ऑफिस से आकर अपनी परेशानी साझा करते हुए कहा कि उसे अपने काम में नुकसान हुआ है और भरपाई के लिए उसके पास पैसे नहीं है.. सुकन्या ने अपने पति की परेशानी को अपना समझते हुए तुरन्त अपनी एक 20 लाख की एफडी तोड़ दी जो उसके माता-पिता ने शादी के वक्त उसके नाम करवाई थी.... 

एक बार सुकन्या ने मदद कर दी तो अब सबकी पैसों वाली समस्याएँ उसके पास आने लगी... कभी देवर को फोन चाहिए था तो कभी सास को गहने.... 

सुकन्या ने अपने माता-पिता से कुछ मदद ली तो एक दिन ससुर जी ने उसके सामने बड़ी गाड़ी की इच्छा परोस दी... 

पर सुकन्या अब समझ चुकी थी कि ये सब उससे दहेज के तौर पर वसूला जा रहा है... इसलिए अब उसने विरोध किया और इस विरोध के साथ ही सबके रिश्ते उससे बदलने लगे... खरी खोटी सुनने को मिलने लगी.. मायके वालों से बात करने पर... घर से बाहर जाने पर रोक लगने लगी... गाली-गलौच और मारपीट अब आम बात थी.. 

सुकन्या का दिल छलनी हो गया था... अपने और अपने परिवार के साथ हुए धोखे को समझकर... 

एक दिन वो मौका पाकर अपने मायके चली गई और अपने माता-पिता और भाई-भाभी को सब बताया तो सब सन्न रह गए... कि अपनी फूल सी बच्ची को उन्होंने किस नर्क में भेज दिया.... 

पर बेटी को मायके में कब तक बैठा कर रखेंगे.. ऊपर से सुकन्या के पति ने फोन पर कह दिया कि एक गाड़ी क्या सुकन्या के जीवन से ज्यादा महंगी है... 

सामाजिक मानसिकता, बेटी का घर किसी तरह बसाने का लालच, और दहेज कोई नई बात तो नहीं.. ये सब सोच कर सुकन्या के घरवालों ने अबकी बार उसे 40 लाख की गाड़ी में विदा किया तो सुकन्या के ससुराल वालों ने सुकन्या के घरवालों को आश्वासन दिया कि अब उनकी बेटी मौज करेगी। 

सुकन्या एक बार फिर अच्छी बेटी बन कर वापस अपने ससुराल में थी लेकिन अब कोई उससे पैसे नहीं मांग रहा था.. ना कोई खरी-खोटी.. ना मारपीट ... लेकिन एक बात जो हैरान करने वाली थी.. वो ये थी कि हर रोज उसके करीब आने वाला पति अब उससे बात भी नहीं कर रहा था.. और रात को कमरे में भी नहीं आता था.... 

तीन दिन बीत गए थे पर उसका पति उसे बस एक बार नाश्ते की टेबल पर नजर आता तो सबकी मौजूदगी में वो कुछ पूछ नहीं पाती... और फिर वो मानो अदृश्य हो जाता... 

अपने सोच विचार में गुम आज रात जब वो किचन का काम समेटकर कर कमरे में जाने की बजाय, छत पर कुछ सुकून के पल महसूस करने के लिए जाने लगी तो उसे एक कमरे से अपने पति की आवाज सुनाई दी.. 

उसके कदम उस कमरे की ओर गए तो वहाँ का नजारा देखकर उसके होश उड़ गए... क्योंकि उसका पति एक लड़की को बाहों में लिए उसके साथ चूमाचाटी कर रहा था... बेशर्मी से उस लड़की के बदन पर हाथ फिरा रहा था... और ये लड़की थी... उसकी ही सास की वो दूर की रिश्तेदार जो उनके घर पर रहती थी.. 

सुकन्या से ये देखा नहीं गया तो उसने आगे बढकर उस लड़की को अपने पति से अलग किया एक जोरदार तमाचा अपने पति के मुँह पर जड़ दिया.. 

सुकन्या ने अपने पति पर नहीं... बल्कि उसके अहम पर हाथ उठाया था.. तो ये आने वाले तूफान का आगाज था.. 

उसने तुरंत ही पलटवार में सुकन्या के गोरे गालों पर 6-7 थप्पड़ मारे और उसे वहाँ रखी एक कुर्सी पर बांध दिया.... 

अपने पति की ऐसी ओछी हरकते देखकर सुकन्या का दिल रो रहा था...... और साथ ही उसकी आँखें भी रो रही थी... आज उसे अपने पति में एक क्रिमीनल नजर आ रहा था... इस वक्त सुकन्या को डर लग रहा था... उस मुस्कुराहट से.. जो उसके पति और उसके साथ खड़ी लड़की के चेहरों पर थी... 

उसके पति ने उससे कहा कि वो ये सब कुछ वक्त बाद करना चाहता था... लेकिन सुकन्या के थप्पड़ ने उसे मजबूर कर दिया.... 

सुकन्या को अपने पति के इरादे कुछ ठीक नहीं लग रहे थे तो वो रोते चिल्लाते हुए बाकी परिवार जनों को बुलाने लगी... उसकी चीख पुकार सुन कर उसके सास-ससुर और देवर आ गए लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की ... सुकन्या के मुँह का थूक भी रो रोकर सूख गया था... लेकिन बाकी किसी को रती भर भी फर्क नहीं पड़ा.. मानो सब जानते हों कि ऐसा कुछ होने वाला था.. 

लेकिन एकदम से सुकन्या के आँसू रूक गए जब उसने अपने शरीर पर अपने देवर के हाथ महसूस किए.. जो न सिर्फ उसे वहशी नजरों से ताड़ रहा था.. बल्कि उसे हर तरह से छूते हुए अपने भाई को कह रहा था कि बहुत दिन से वो खुद को रोके हुए था पर आज नहीं रोकेगा.. 

सुकन्या की हालत खराब हो गई थी.. उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि ये वही लोग हैं जिन्हें कुछ देर पहले तक वो अपना पूरा परिवार समझती थी.... 

उसने गिड़गिड़ाते हुए सबसे उसे छोड़ देने की दुहाई दी.. ये भी कहा कि वो जितने पैसे कहेंगे... वो अपने माँ-बाप से ले आएगी पर उसके पति ने कहा कि उसे अब दहेज नहीं चाहिए... 

उसके सास-ससुर ये कहकर कमरे में चले गए कि उन्हें आराम करना है... ये सुनकर सुकन्या एक तरह से सदमे में चली गई.... राह चलती लड़की की इज्जत के लिए भी लोग आवाज उठा देते हैं और उसके अपने ससुराल वाले.. वो लगभग अपने होश खोने की कगार पर थी.. 

लेकिन वो फिर होश में आ गई जब सामने लगे टीवी में उसके पति ने एक वीडियो चलाई... सुकन्या ने थोड़ा ध्यान दिया तो उसे समझ आया कि ये तो उसकी सुहागरात की विडियो है.. 

अब सुकन्या के लिए कुछ भी अचंभित नहीं था.. वो जान गई थी सामने खड़ा पूरा परिवार राक्षस प्रवृति का है.. जिन्हें किसी की भावनाओं का सम्मान नहीं बल्कि उनसे बस खिलवाड़ करना आता है.. 

उस लड़की ने सुकन्या को बताया कि वो सुकन्या के पति की पहली पत्नी है और सुकन्या उसकी चौथी बीवी है.. वो ये सब पैसों और मनोरंजन के लिए करते हैं... 

सुकन्या को अब उन सबसे घिन्न आ रही थी.. तो उसने बस मन ही मन भगवान को याद किया.. क्योंकि उसके देवर के हाथ अब उसके शरीर के उन हिस्सों को नापने लगे थे जहाँ का हक उसने सिर्फ अपने पति को दिया था... 

सामने टीवी पर उसकी अपनी पहली रात की वीडियो चल रही थी और अब उसका पति उसके देवर की करतूतों की वीडियो बना रहा था.. 

सुकन्या ने कुछ कहना चाहा तो उसके बंधे हाथों का फायदा उठाकर उसके देवर ने अब उसके उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया और सुकन्या की आत्मा उसी वक्त मर गई.. 

कुछ देर बाद उन तीनों ने सुकन्या को खोल कर जबरदस्ती बेड पर लिटाया और उसके हाथ पैरों को बांधने लगे.. सुकन्या ने भरपूर कोशिश की खुद को छुडाने की.. उन्हें नोच लिया... काट लिया.. उनके प्राइवेट पार्टस पर वार किए और वो शायद भागने में सफल भी हो जाती.. अगर कमरे के दरवाजे पर उसे उसके पति के ही दो दोस्त पकड़ न लेते... 

दो और हैवानों को देखकर सुकन्या की हिम्मत अब जवाब देने लगी थी... लेकिन अपनी अस्मत को बचाने के लिए उसने उन्हें पुलिस और भगवान का डर दिखाया.. पैसों का लालच दिया... पर सब व्यर्थ... 

उसके पति ने उन दो लोगों से भी अपनी पत्नी का सौदा कर लिया और शायद आगे भी हमेशा के लिए उसका यही करने का प्लान था... वो ये भी जान गई थी उसका पति उसके और अपने निजी पलों की छुप कर बनाई गई सारी विडियो एक पोर्न साइट पर डालने वाला है.. जहाँ से उसे अच्छी खासी कमाई होने वाली है....और फिर एक बार सुकन्या को जोर जबरदस्ती के साथ कमरे में पड़े बेड से बाँध दिया गया और शुरू हुआ दरिंदगी और हवस का गंदा खेल.. 

जिसने सुकन्या की इज्जत और आत्मा... सब कुछ खत्म कर दिया... वो रात... कितनी काली थी कि काला रंग भी शर्म से डूब मेरे... इज्जत का रखवाला पति ही जब औरत की इज्जत का सौदा करने पर आ जाए तो.. 

भाई जैसा देवर... उसकी आँखों में खुद के लिए हवस देखकर सुकन्या ने आँखे भी बंद कर ली... लेकिन वो अपने साथ होने वाली दरिंदगी को नहीं रोक पाई.. 

उसके देवर ने उसके शरीर से कपड़ो को खोला तो सुकन्या को लगा मानो कोई उसके शरीर से खाल उधेड़ रहा हो... अपने शरीर पर रेंगते उसके हाथ सुकन्या के शरीर को पैरालाइज कर रहे थे और जब उसने सुकन्या के साथ जबरदस्ती संबंध बनाया तो सुकन्या का बचा खुचा विरोध भी खत्म हो गया... एक जिंदा लाश की तरह पड़ी थी अब वो... ना कोई सिसकी.. न कोई आह... उसके देवर ने उसे जाने कितनी तरह से काटा.. नोचा और दर्द दिया.. पर सुकन्या तो मानो मर गई थी... हाँ.. मर ही तो गई थी वो.. 

अपनी हवस पूरी करने के बाद उसका देवर हटा तो उसके पति के दोस्तों ने अपने गंदे इरादों को पूरा किया.. सुकन्या को एक जीवित लड़की या इंसान समझकर नहीं.. बल्कि एक खिलौना समझकर इस्तेमाल किया गया.. 

उस पूरी रात में सुकन्या के होंठ एक बार भी नहीं हिले और जाने कितनी बर उसके देवर ने और उन दो लोगों ने उसके साथ जबरदस्ती की... 

उन्होंने सुकन्या को कितना दर्द दिया.. ये बस सुकन्या जानती थी.. पर उस दर्द को अपना मजा समझने वालों को सुकन्या की चीखों के बिना मजा आना बंद हो गया.. उन्हें तो लड़की की चीखें सुनकर ही अच्छा लगता था पर यहाँ ऐसा कुछ नहीं था.. उन्होंने सिगरेट और यहाँ तक कि चाकू से भी सुकन्या के बदन पर निशान बनाए पर सुकन्या ने अपने लबों को मानो सिल लिया था..... 

गुस्से में उनकी दरिंदगी बढ़ने लगी.. तो उस लड़की ने आकर उन्हें रोक दिया कि शरीर के निशान खूबसूरती को कम कर देंगे और आगे अच्छे दाम नहीं मिलेगे... 

सब अब सो चुके थे पर सुकन्या की आँखें पत्थर हो चुकी थी... वो बिना कपड़ों के ही उस बेड पर बंधी हुई थी..... उसके पति की आँख खुली तो उसने सुकन्या को देख कर बेशर्मी से उसकी रात के बारे में पूछा तो सुकन्या ने धीमे से स्वर में बाथरूम जाने की इच्छा जताई... 

उसके पति ने अब सहर्ष उसके हाथ खोल दिए और क्योंकि वो जानता कि गेट पर खड़े उसके पहरेदार सुकन्या को घर से बाहर तो नहीं जाने देंगे.. 

सुकन्या ने अपने कपड़े उठाए और बाथरूम चली गई.. वो अंदर जाकर भी बस एक स्वचालित मशीन की तरह फ्रेश हुई.. ना रोई.. ना कोई आँसू बहाया.. 

कुछ देर बाद बाहर आई.. तो उसका पति अपनी पहली पत्नी के साथ काम क्रीड़ा में व्यस्त था... 

वो सीधा रसोई में गई... अपने मोबाइल से एक मैसेज अपने भाई को लिखा जिसमे कल रात की पूरी आपबीती थी और फिर उसने रसोई में भरे हुए रखे तीन सिलेंडरों को घर के अलग अलग कोने में रखा.. और सबकी पिन खोल दी.. 

कुछ देर बाद उसने अपने चेहरे पर एक जीत वाली मुस्कान सजाई और माचिस जला दी... और पूरा घर कई धमाकों के साथ फट गया.. सुकन्या ने अपने साथ इंसाफ कर लिया था.. 

वहीं सुकन्या के भाई को जो मैसेज मिला - उसके आखिर में लिखा था.. 

भाई.. दहेज तो हार गया... पर बलात्कार जीत गया.....!!



समाप्त..!!