हरी भरी डालियों को, फ़िरोज़ होते हुए।
मैंने देखा है आसमां को, जमींदोज़ होते हुए।
16 December 2022
हरी भरी डालियों को, फ़िरोज़ होते हुए।
मैंने देखा है आसमां को, जमींदोज़ होते हुए।
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Creator of prose and poetry in Hindi, English and Urdu languages. fond of writing ghajals, sher-o-shayari.D