shabd-logo

आशा की मुस्कान

8 March 2024

1 Viewed 1

आशा की मुस्कान 

गुड मॉर्निंग मैम ... गुड मॉर्निंग बच्चो....."मैं आपकी नई मैडम हूँ मेरा नाम है आशा. अपना परिचय देते हुए आशा की आंखों में एक अजीब सी चमक थी। क्योंकि आज आशा का राजकीय सेवा के अंतर्गत विद्यालय का पहला दिन था। और इस दिन के सपने को जीवंत आंखों से देखने के लिए आशा ने दिन-रात मेहनत की थी। आज आशा मानों सातवें आसमान पर हो । नन्हे-मुन्हे बच्चों को देखकर उसे भी छोटी सी आशा याद आ गई जब वो 7 वीं कक्षा में पढ़ती थी। तब वो आशा अलग हुआ करती थी - डरी सी - सहमी सी, बस हमेशा अपनी गर्दन नीचे झुकाए हुए अपनी नोटबुक में कुछ ना कुछ लिखती रहती थी, उसकी दुनिया ही अलग थी। ना किसी से बात करना, ना ही किसी बात का जवाब देना, ना ही कभी कोई सवाल पूछना । उसकी दुनिया बदली अब विद्यालय में एक नई अध्यापिका आई नाम था रागिनी । रागिनी मैम अंग्रेजी विषय को पढ़ाती थी । उनका भी यह पहला स्कूल था रागिनी मैम को आशा की कक्षा 7 वीं का कक्षाअध्यापक बनाया गया। आशा को रागिनी मैम बहुत अच्छी लगती थी पर आशा मैम से बात नहीं करती। एक दिन जब रागिनी मैम कक्षा में आई तो सब की नोट बुक चेक करी तो उन्होंने आशा की नोट बुक देख कर उसकी लेखनी की तारीफ की। आशा को मन ही मन बहुत खुशी तो हुई पर आशा ने ना तो रागिनी मैम से बात की ना ही उसकी तरफ देख कर मुस्कुराई। रागिनी को बहुत अजीब लगा। रागिनी ने उसी दिन सोच लिया था कि वो आशा को बदल कर ही रहेगी। उसने आशा से रोजाना बात करना शुरु कर दिया । रागिनी आशा की तारीफ करके उसे प्रोत्साहित करती। रागिनी आशा को जो भी गृहकार्य देती आशा उसे जरूर याद

करके लेकर आती। रागिनी सब के सामने आशा की तारीफ करके उसे प्रोत्साहित करती।आशा पढ़ाई में बहुत होशियार थी। धीरे-धीरे आशा बदलने लगी। चुप ही रहने कली आशा कक्षा 8 वीं में आते-आते चुलबुली आशा में बदल गई और खूब मन लगाकर पढ़ाई करती। आशा ने 8वीं कक्षा में ना केवल अपने विद्यालय में बल्कि पूरे गांव में प्रथम स्थान हासिल किया। एक दिन आशा ने रागिनी से प्रार्थना की कि वो उसके घर आकर उसकी मां से बात करें क्योंकि उसकी माँ उसे आगे की पढ़ाई नहीं करवाना चाहती थी। रागिनी जब आशा की मां से मिली तब उसे यह पता चला कि आशा एक गरीब परिवार से है और उसकी माँ के पास उसे आगे पढ़ाने के लिए पैसे नहीं थे। रागिनी ने सारी परिस्थितियों को समझा और आशा की माँ को भी समझाया की सरकारी विद्यालयों में निर्धन बच्चों को बहुत ही सुवीधाएं दी जाती है और निःशुक्ल किताबें भी दी जाती है! रागिनी ने आशा की माँ को आश्वत किया कि आशा की पढ़ाई का जो भी खर्चा होगा वो सब रागिनी खुद देगी । आशा ने भी अपनी मां से कहा कि वो भी छोटे-बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर घर खर्च में उसकी मदद करेगी। आशा की माँ ने अपनी सहमती दे दी। और देखते ही देखते आशा ने 12वीं कक्षा भी उत्तीर्ण कर ली। इस बार भी वह पूरे गांव में प्रथम स्थान प्राप्त किया ।उसने तुरंत बाद उसने BSTC की परीक्षा दी और उसका चयन हो गया | BSTC करते-करते ही उसने अध्यापक भर्ती परीक्षा की तैयारी कर ली थी। और उसका चयन भी हो गया। यह सारा घटनाक्रम आशा की आंखो के सामने से गुजरता गया उनकी आखों में से खुशी के आंसू छलकते गए। आशा ने सोचो कि उसे रागिनी मैम से मिल कर उन्हे यह खुशखबरी देनी चाहिए। आशा रागिनी मैम के घर गई उनके पैर छुए उन्हें मिठाई खिलाई।आशा ने हाथ जोड़ते हुए रागिनी मैन से पूछा कि " मैं आपको गुरु दक्षिणा में क्या दू । यह सुनकर रागिनी की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। उसने आशा को गले लगाते हुए कहा तुम भी अपने जीवन में ऐसे ही किसी आशा की प्यारी सी मुस्कान बन जाना यही मेरी गुरु दक्षिणा होगी।

3
Articles
शालीन
0.0
यह किताब छोटे बच्चो के लिए उपयोगी है ,इस किताब में मजेदार तरीके से बच्चो को कई सारी ज्ञानोपयोगी और नैतिक बाते सिखाई जा सकती है।
1

सिक्के का भारत भ्रमण

8 March 2024
1
0
0

     सिक्के का भारत भ्रमण  “गोल मटोल एक रुपये का सिक्का था। भारत भ्रमण करना चाहता था”।। “रहता था वो बहुत दूर । ऑटो में बैठ कर पहुंचा जयपुर”।। “जयपुर से ली थी उसने बस की सवारी। वहा मिल गया उसका द

2

आशा की मुस्कान

8 March 2024
0
0
0

आशा की मुस्कान  गुड मॉर्निंग मैम ... गुड मॉर्निंग बच्चो....."मैं आपकी नई मैडम हूँ मेरा नाम है आशा. अपना परिचय देते हुए आशा की आंखों में एक अजीब सी चमक थी। क्योंकि आज आशा का राजकीय सेवा के अंतर्गत विद

3

बाल गणतंत्र दिवस

8 March 2024
0
0
0

      बाल गणतंत्र दिवस  आज गणतंत्र दिवस है पर चीनू,स्वीटी और पिंकी तीनों बगीचे में उदास बैठे है। क्योंकि उन तीनो की स्कूल में छोटे बच्चो को 26 जनवरी को स्कूल नही बुलाया है और उन तीनो का ही गणतंत्र दि

---