यह किताब छोटे बच्चो के लिए उपयोगी है ,इस किताब में मजेदार तरीके से बच्चो को कई सारी ज्ञानोपयोगी और नैतिक बाते सिखाई जा सकती है।
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सिक्के का भारत भ्रमण “गोल मटोल एक रुपये का सिक्का था। भारत भ्रमण करना चाहता था”।। “रहता था वो बहुत दूर । ऑटो में बैठ कर पहुंचा जयपुर”।। “जयपुर से ली थी उसने बस की सवारी। वहा मिल गया उसका द
आशा की मुस्कान गुड मॉर्निंग मैम ... गुड मॉर्निंग बच्चो....."मैं आपकी नई मैडम हूँ मेरा नाम है आशा. अपना परिचय देते हुए आशा की आंखों में एक अजीब सी चमक थी। क्योंकि आज आशा का राजकीय सेवा के अंतर्गत विद
बाल गणतंत्र दिवस आज गणतंत्र दिवस है पर चीनू,स्वीटी और पिंकी तीनों बगीचे में उदास बैठे है। क्योंकि उन तीनो की स्कूल में छोटे बच्चो को 26 जनवरी को स्कूल नही बुलाया है और उन तीनो का ही गणतंत्र दि
मैं शिक्षक हु मुझे गर्व होता है जब देखती हु मेरे विद्यार्थियों को सफल होते हुए गर्व होता है जब देखती हु साकार उन सुनहरे सपनो को होते हुए गर्व होता है जब देखती हु मेरे स्नेह से सींचे हुए पौधो क
धरती माता को उदास देख आसमान से रहा न गया। मन में जो उमड़ रहे लाखो सवाल,एक एक कर पूछता रहा। “क्यों नहीं ओढ़ती तुम चुनर वो बहारों की,क्यों नही करती श्रृंगार तुम हरियाली की। नदियों में अपने सुंदर रू
कई कविताएँ लिखी होगी आपने और कई रचनाएँ सुनी होगी आपने पर आज मैं कोई कविता नहीं अपनी मां का परिचय करवाने आई हूँ। “मेरी माँ का पोशाक सदा तीन रंगो से सजता है, केसरिया रंग वीरता, श्वेत विश्व शांति औ
।।मैं राजकीय विद्यालय हू।। आज बड़े दिनों बाद मेरा आंगन रोशन हुआ है। ग्रीष्मावकाश के बाद आज मैं फिर से जीवंत हुआ हूं। ओह! मैं आपको अपना परिचय देना तो भूल ही गया । मैं राजकीय विद्यालय हूं। देखने में