जैसा कि हम यह बात जानते है कि मनुष्य का जीवन हमे बडे सौभाग्य और लाखो पुण्य करने पर मिलता है जैसा हमारा करम वैसा हमारा जन्म यही शास्त्रो में लिखा है और हम यही सुनते हुए बडे से बुड्ढे होते है। इंसान के रूप में स्री एवं पुरुष होते है परन्तु बस इनहे ही मनुष्य नही माना जाता एक और वर्ग एवं जाति है जो इंसान कहलाती है इस समाज ने उन्हें कई नाम दे रखा है जैसे हिजड़ा ,छक्का और भी कई नाम परन्तु उनका असली नाम तो अर्द्धनारीश्वर है यह तो साकशात ईश्वर के प्रतिक है जो न तो स्री है न हि पुरुष है यह तो दोनों को मिलाकर एक ही रूप में प्रकट होते है जब हम महादेव कि पूजा करते है तो क्या हमें हिजड़ों कि पूजा नही करनी चाहिए आप यह बात नहीं जानते कि सवयं महादेव को अर्धनारीश्वर कहा जाता है उनकी ही रचना है यह जाति भी फिर क्यों इस समाज ने उन्हें मजाक का पात्र बना रखा है यह पृथ्वी किसी एक कि नहीं है अपितु हर एक प्राणी कि है केवल स्री पुरुष ही इसपर अपना एकाधिकार नही जता सकते पृथ्वी पर सबका अधिकार है जिस तरह स्री पुरुष ईश्वर की रचना है उसी प्रकार हिजड़े भी प्रभु की ही रचना है आज भी लोग उन्को अपमानित करते हैं आज भी समाज उनके अधिकारो को छिनता है उनका मजाक उड़ाता है हम कौन होते है किसी के अधिकारों को छिनने वाले उनके पास कोई अधिकार ही नहीं है न वह शिक्षा प्राप्त कर पाते हैं, न ही वह अपनी जिंदगी चैन से जी पाते हैं उन्हें अपना पेट भरने के लिए नाचना गाना पड़ता है उन्हें शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार कयूँ नहीं है वह शिक्षा प्राप्त कर के जीवन अच्छे से जी सकते हैं परंतु इस खोखले समाज ने उन्हें हर चीज से वंचित कर रखा है शर्म आनी चाहिए हमें किसी के हक को छिनते हुए। आज जब कोई बच्चा यदि हिजड़े के रूप में जनम लेता है तो उसके जन्मदाता माता पिता ही उस बच्चे को छोड़ देते हैं या फिर मार देते हैं सोचके देखा है कैसी पीड़ा होती होगी उस बच्चे को जो आपका है उसे आपने ही छोड़ दिया यह सोच के कि समाज कया कहेगा इस पाप को करने से पहले आपने यह नहीं सोचा कि ईश्वर से आप कैसे जबाब दे पाएंगे समाज किसी के लिए न अच्छा बोलता है न ही अच्छा सोचता है परन्तु वह तो आपकी संतान हैं संतान होना सौभाग्य कि बात होती है वह चाहे जो हो वह आपका है आपकी जिम्मेदारी है ईश्वर ने आपको तोहफा दिया है हिजड़े तो साकक्षात ईश्वर होते है आपके घर में ईश्वर ने हिजड़े के रूप में जनम लिया और आपने उसे ही समाप्त कर रहे हैं आप उसे ही समाज में निंदा का पात्र बना देते हैं यदि माता पिता अपने बच्चे की निंदा नही करेंगे तो क्या किसी कि हिम्मत होगी निंदा करने कि? और यदि आप हिजड़ों की सेवा एवं इज्जत नही कर सकते तो प्रभु की भी पूजा और सेवा का दिखावा नहीं करे कयोकि जब आप साकक्षात ईश्वर की सेवा सतकार नहीं कर सकते तो ढोंग करने कि आवश्यकता नहीं है। आइये हम सब मिलकर हिजड़े समाज के दुख को समझे भी और उनके दुख को खत्म करने में उनकी सहायता करें इस इससे बड़ी पूजा कोई नहीं है, उनके अधिकारों को उनहे वापस दिया जाए और उनके अधिकारों के लिए एक अच्छा कानून बनना चाहिए उनहे शिक्षा प्राप्त करने का पूरा अधिकार है अपनी जिंदगी चैन से जिने का अधिकार है और कोई भी उनके अधिकारों को न छिन सकता। याद रखिये धरती सबकी है सिर्फ आपकी या मेरी ही नहीं , इज़्ज़त सबकी होती है सिर्फ आपकी या मेरी ही नहीं और ईश्वर की रचना हर जीव, जनता है सिर्फ आप और हम नहीं ईश्वर ने हमें मनुष्य का रूप सबकी ईज्जत एवं प्रेम करने के लिए दिया है न कि किसी के अधिकारों को छिनने और मजाक बनाने के लिए जब आपको ईश्वर ने इंसान बनाया है तो एसे कर्म करिये कि ईश्वर भी आप पर गर्व करे और माने कि आपको इंसान बनाकर उनहोंने कोई गलती नही की मनुष्य का काम है घर्म के मार्ग पर चलते रहना न कि अधर्म करना। शपथ लिजिए कि हम हिजड़े समाज के हक के लिए आगे आएंगे न अत्याचार करेंगे न ही किसी को करने देंगे।।