Meaning of घर के बाहर in English
- Being, or done, in the open air; being or done outside of certain buildings, as poorhouses, hospitals, etc.; as, outdoor exercise; outdoor relief; outdoor patients.
Meaning of घर के बाहर in English
English usage of घर के बाहर
Articles Related to ‘घर के बाहर’
- विशेष दिवस
- काली पहाड़ी की चुड़ैल...
- गेम ओवर...
- श्री राम
- कविता। "नन्नू के कक्का"
- बलिदानी सिपाही
- कृष्ण छवि
- Love shayari..
- मैं पुरखों के घर आया था
- वीर अभिमन्यु वध
- मेरे प्रथम शिक्षक
- बेटे:- पिता के राजकुमार
- मेरी कहानी मेरी जुबानी
- बोगेनविलिया
- शांत और ठण्डी राख़ - दिनकर से प्रेरित रचना
- #अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस---
- blessings
- टूट गई एक कली
- चले आओ
- #डिजिटलीकरण---
- स्वार्थ
- आजमाईश
- याद
- महाशिवरात्रि
- रात अमावस की काली
- दैनिक न्यूज
- एयर इंडिया की एयरबस के साथ डील
- ये इश्क़ नहीं आसान
- लौह पुरुष
- वो सर्द रात- 3
- कहानी अभ्यास
- प्रेम एक संघर्ष
- बिहार का गौरवशाली इतिहास
- जता दीजिये
- गुरु
- Evaluate to vote
- Judgement
- वो सर्द रात- 2
- चमचागिरी
- मत कहो
- एक कप चाय
- मोक्ष
- बेटियाँ
- "भाषाई विविधता का संरक्षण: अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का महत्व"
- दिल
- ancestors' house
- नव धारायें
- आम राजा
- विश्वामित्र-मेनका
- उसकी अदा
- इंसानियत
- वो 5 साल की बच्ची का बाल सुलभ दुस्साहस
- #poetry शीर्षक : " एक पल तो गुजारा है तूने "
चलो उम्र ना सही,
मेरा एक लम्हा तो सवारा है तूने,
वादा किए आखिरी सास तक की,
पर होते ही उड़ गए...
चलो जिंदगी का,
एक पल तो गुजारा है तूने ।
तबाह कर गया मुझको,
लब्जों मे बया भी नही कर सकता,
किया कितना खसारा है तूने,
पतझड़ का मौसम हो गयी है जिंदगी,
मेरा छीना एक - एक सहारा है तूने ।
मेरी मुश्किलें... उम्र के साथ
बढ़ती जा रही है,
कैसे कह दूँ...
दर्दों से मुझको उबारा है तूने,
जो तुम चल दिये..
अपनी यादों को भी लेकर जाते,
खुद को बसाकर...
अपने दिल से मुझको, नकारा है तूने ।
ये हवाएँ... ये फिजायें...
खुशबु नही लाती... अब...
पहले की तरह,
लगता है गुलशन को भी
बदन से उतारा है तूने,
वो लबों की मुश्कान तेरी...
ख्वाबों मे भी दिल को चिर जाती है,
जाने क्यूँ... और कैसे...
मेरी मोहब्बत को, किया किनारा है तूने ।
वफा, एहतराम.. जो कुछ भी है,
तेरे - मेरे दरमियाँ.. इश्क़ में
सारा का सारा.. हमारा है,
ऐ साथी , साथ छोड़ जाना तेरा,
हर शाम गुजारती है मयखाना मेरा,
संभलना कहीं तुझे भी
कोई छोड़ ना जाए...
किया गलत इशारा है तूने ।
वादा किये आखिरी सास तक की
पर होते ही उड़ गए,
चलो जिंदगी का....
एक पल तो गुजारा है तूने..... ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#post #virals #love #sadness #new #sad #sadlife
- अपनी पतंग कट गई !
- भारतीय हूं गर्व मुझे खुद पर 15 October 2021
- चांद और तारे
- प्रकृति और तुम
- ये गम है उन्हे के... 💔😢😢✍️✍️💔💔✍️🙏
Author Munna Prajapati Author :- "Meri Lekhani"
#post #PostViral #viral #life #poetry #virals #sad #sadness #writing
- हैप्पी लोहडी
- शातिर दुनिया
- आत्मा
- जीवन
- श्रीमदभागवत गीता पर स्व के भाव। {2}
- ओ मोहन मुरली वाले ओ राधा के श्याम
- चम्मच
- अनादि
- #659 Ekantik Vartalaap & Darshan/ 06-09-2024/ Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj
- शतरंज की बिसात
- सौगंध से अंजाम तक
- "ऑस्ट्रेलिया में भारतीय शैक्षिक डिग्री को मान्यता देने की जटिलताओं को नेविगेट करना"
- भारत में केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस
- तुम्हारी जुल्फ़ों के साए से भी न जाने क्यों डर सा लग रहा है
- धार्मिक अज्ञान
- किसी का दिल मत तोड़ना
- बिंदी
- Evaluate the Work
- कैसा दौर
- वो सर्द रात...
- "श्रीमदभागवत गीता पर स्व के भाव। "{1}
- प्यार के प्रकार
- Writer Introduction - दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”
- दूरियों का खूंटा
- वो सर्द रात- 4
- रंगभूमि
- यही सच है
- इतना खाली है दिल मेरा
- भारत में डाक टिकट
- Be my side O! Father ( Rigveda 1. 1. 9 )
- रंगभूमि
- नवीन धाराओं का सृजन
- "श्रीमदभागवत गीता पर स्व के भाव" {००}
- मायने
- लेखक परिचय
- रेलयात्रा
- Episode 2
- खुद से मिल
- महामारी
- "'"🧑🍳 मूंग दाल के चिले की सब्जी ""🫕
- दिल्ली एमसीडी चुनाव: राजनीतिक दलों के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा
- कारगिल युद्ध के दौरान लिखी मेरी कविता
Browse Other Words By Clicking On Letters