Meaning of (मुख्यत: संसद का अधिनियम) नामक in English
Meaning of (मुख्यत: संसद का अधिनियम) नामक in English
English usage of (मुख्यत: संसद का अधिनियम) नामक
Synonyms of ‘(मुख्यत: संसद का अधिनियम) नामक’
Antonyms of ‘(मुख्यत: संसद का अधिनियम) नामक’
Articles Related to ‘(मुख्यत: संसद का अधिनियम) नामक’
- उफ़ बेचारा...
- मुर्दों की आवाज़...
- रूहों का मेला...
- राधे कृष्ण
- विशेष दिवस
- हर रातों को पूनम कह दूँ
- गेम ओवर...
- Biggest democracy
- किस्मत
- भाग्य से कर्म तक
- दीपावली की लोककथा
- मन में जैसा घटेगा
- #डिजिटलीकरण---
- क्या आप भी क्लियर करेंगे एग्जाम
- सरकारी नौकरी
- वो सर्द रात- 3
- Nikhar rahe hai
- #अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस---
- इसरो का आदित्य
- Writer Introduction - दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”
- हमारा दिल
- नवीन धाराओं का सृजन
- जीवन
- never trouble a poor
- घड़ी की सुइयां
- दोहे- दर्शन
- यही सच है
- प्रभु स्मरण
- "भाषाई विविधता का संरक्षण: अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का महत्व"
- कुछ ग़ज़ल सी
- लॉकडाउन में पड़ोसन टीचर को चोदा- 1
- जीवन की दिशा
- शहर
- Futuristic
- रात अमावस की काली
- भारत में डाक टिकट
- #poetry शीर्षक : " एक पल तो गुजारा है तूने "
चलो उम्र ना सही,
मेरा एक लम्हा तो सवारा है तूने,
वादा किए आखिरी सास तक की,
पर होते ही उड़ गए...
चलो जिंदगी का,
एक पल तो गुजारा है तूने ।
तबाह कर गया मुझको,
लब्जों मे बया भी नही कर सकता,
किया कितना खसारा है तूने,
पतझड़ का मौसम हो गयी है जिंदगी,
मेरा छीना एक - एक सहारा है तूने ।
मेरी मुश्किलें... उम्र के साथ
बढ़ती जा रही है,
कैसे कह दूँ...
दर्दों से मुझको उबारा है तूने,
जो तुम चल दिये..
अपनी यादों को भी लेकर जाते,
खुद को बसाकर...
अपने दिल से मुझको, नकारा है तूने ।
ये हवाएँ... ये फिजायें...
खुशबु नही लाती... अब...
पहले की तरह,
लगता है गुलशन को भी
बदन से उतारा है तूने,
वो लबों की मुश्कान तेरी...
ख्वाबों मे भी दिल को चिर जाती है,
जाने क्यूँ... और कैसे...
मेरी मोहब्बत को, किया किनारा है तूने ।
वफा, एहतराम.. जो कुछ भी है,
तेरे - मेरे दरमियाँ.. इश्क़ में
सारा का सारा.. हमारा है,
ऐ साथी , साथ छोड़ जाना तेरा,
हर शाम गुजारती है मयखाना मेरा,
संभलना कहीं तुझे भी
कोई छोड़ ना जाए...
किया गलत इशारा है तूने ।
वादा किये आखिरी सास तक की
पर होते ही उड़ गए,
चलो जिंदगी का....
एक पल तो गुजारा है तूने..... ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#post #virals #love #sadness #new #sad #sadlife
- आम राजा
- दैनिक न्यूज
- कितनी मासूम होती है बेटियां
- वक्त का बदलना
- रंगभूमि
- Rama is superior of all
- Power of Vote
- बेफिक्री
- truth ( Ridveda 1. 1. 8 )
- इश्क़, बेरोज़गारी और जज़्बात
- साजिश ए इश्क।
- रेलयात्रा
- सैलानियों का स्वर्ग काश्मीर
- शातिर दुनिया
- मिज़ाज़
- चले आओ
- #कर्म और भाग्य --
- बिहार का गौरवशाली इतिहास
- चांद और तारे
- लौह पुरुष
- "आलिंगन परिवर्तन: व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास की कुंजी"
- दूरियों का खूंटा
- शतरंज की बिसात
- गुरु
- सौगंध से अंजाम तक
- क्षितिज क्षितिज ही रहेगा
- प्रात काल का सौंदर्य
- ग़ज़ल
- वो सर्द रात...
- कविता
- त्रासदी
- दिल
- वो 5 साल की बच्ची का बाल सुलभ दुस्साहस
- ओ मोहन मुरली वाले ओ राधा के श्याम
- भूखे लकड़बग्घे- 2
- किसी का दिल मत तोड़ना
- छोर
- अनुभव
- वो सर्द रात- 4
- धूप की उम्मीद कुछ कम सी है
- अभ्यास और रटने का सटिक मंत्र
- भारत में केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस
- प्लास्टिक पाउच का दूध एक धीमा जहर
- किताबें पढने के लिए वक़्त कहाँ है किसी के पास, पूरी दुनिया तो परदे पर दिखायी जाने वाली काल्पनिक चलचित्रों के पीछे दौड़ रही है और अपने आप को अंधकार में लेकर जा रही है । जो जो वास्तवीक ज्ञान पुस्तकों में है वो चलचित्रों मे नही । आप एक मिनट से कम समय की वीडियो देखतें हैं और प्रत्येक मिनट के बाद दूसरी वीडियो देखतें हैं इनके बीच आप अपने मस्तिस्क की स्थिरता को बड़ी तेजी से बदलतें है ।
लगातार एक प्रभाव, दूसरा प्रभाव फिर तुरंत तीसरा प्रभाव, ऐसे ही लगातार स्थिरता, अपनी सोच, उद्देश्य, लक्ष्य आदि को बदलतें हैं जिसके वजह से आप अपने जीवन मे किसी एक लक्ष्य पर स्थिर नहीं रह पाएंगे । स्वभाविक सी बात है इस तरह की क्रियाएँ आपकी स्थिरता को भंग करती है और आप खुद को रोक नही पाते । जब कोई चीज थोड़ी सी ज्यादा समय लेती है या फिर समझ में नही आती तो आप उसे तुरंत छोड़ देते हैं । परंतु आप उसे समझने या किसी एक ही विषय पर गहरा अध्ययन करने की कोशिश नही करते । इंसान की यह सबसे बड़ी दुर्बलता है । जिससे कि वह अपने लक्ष्य को पाने मे चुक जाता है ।
कोई भी बड़ी चीज क्षणिक सोचने से या क्षणिक अध्ययन से पूर्ण नही होती उसके लिए वक़्त चाहिए होता है । और यह तो हमारे मस्तिस्क से निकल चुका है । एक मिनट से अधिक हम किसी एक विषय पर तो सोच ही नही सकते ।
हम जब तक रिल्स देख रहे होते हैं हमारा मस्तिस्क उसके विषय में सोचता है, जो हम देख रहे होतें हैं । परंतु किताबें, जिसमे प्रत्येक शब्द लिखे हुए हैं, उसे आप बार-बार पढ़ सकते हैं । उसे सोच सकते हैं । उसके अनुसार आप अपने जीवन को सक्रिय कर सकते हैं । यह जो मोबाइल फोन का दौर है, यह हमे उस अंधकार के तरफ ले कर जा रहा है जहाँ चारो तरफ कोई भी चराग़ नही । पुस्तकें मनुष्य का मार्गदर्शक हैं । ऐसा नहीं की मै पुस्तकें लिख रहा हूँ तो ही ये सारी बातें कर रहा हूँ! यदि आप इस बात का विचार करना चाहे तो भी नही कर सकते । और नाही यहा तक पहुँच सकतें है जहाँ तक हमने यह कल्पना की है । हम आधुनिक दौर मे जरूर जा रहे हैं परंतु यह भी सत्य है की हम अपने आप को कहीं खो रहें है ।
चलिए जरा सा सोच कर देखिये –
यदि गूगल बंद हो जाय ! यदि इंटरनेट काम ना करे तो हमारा क्या अवस्था हो जायेगा ।
जब मोबाइल का डाटा (इंटरनेट) समाप्त होता है तो इसके बगैर हम इक दिन नही रह पाते, कैसे भी हमे रिचार्ज करवाना ही है । इसका अर्थ यह है की हम किसी के अधीन होते जा रहें हैं । हमारी मानसिकता , हमारे मस्तिस्क पर किसी और का अधिकार हो रहा है । हम मानसिक रूप से किसी और का गुलाम होते जा रहें हैं । आप अपनी आँखें खोलिए और देखिये । हम 1947 मे आजाद हुए थे सत्य है मगर अब फिर हम खुद को गुलामी की तरफ ले जा रहें हैं , आधुनिकता समझकर ।
✍️😰✅🤔 Author Munna Prajapati
#PostViral #healthy #Risky #life #lifestyle #bad #harmful #mobiles #network
#virals
- भैंस की मौत* 👌प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर....करण सिंह👌
- श्राद्ध पक्ष में पाँच ग्रास निकालने का महत्त्व
- "सपनो का मंदिर"
- रुक्मिणी हरण का आध्यात्मिक पक्ष
- आज जाकर सफल हुआ पुस्तक : The professional Love (पेशेवर इश्क़) का प्रकाशन कार्य l श्रेय प्राप्त हुआ l आप सभी का दिल से धन्यवाद🙏🙏 #author
- हिन्दी साहित्य के इतिहास में उपन्यासकार, कहानीकार मुंशी प्रेमचंद का योगदान
- दंत पुंज का मधु मुस्कान
- यदि समय मे आपको पीछे जाने का अवसर मिटे तो आप क्या बदलना चाहेंगे?
- #poetry कितना अजीब है, मेरा मेहबूब,
कांटे लगाकर कहता है गुलाब आयेंगे,
चुल्लू भर पानी में शैलाब आयेंगे,
बिछड़कर मुझसे केहता है याद आयेंगे,
बरस रहा है मोहब्बत का सावन और
वो केहता है मौसम के बाद आयेंगे ।।
वक़्त गुजार रही हूँ तन्हाइयों मे,
मेरा हैंडर्ड मुस्कुराता हुआ कहता है
और अतायेंगे...
मिलना है कहकर मिलने नही आयेंगे ।।
इस कदर हम याद तुझको आयेंगे
तेरे जिशम् के रग रग में बस जायेंगे,
गर जुदा करना चाहा खुदसे मुझको,
जायेंगे तुमसे दूर मगर
जिस्म से रूह जस जायेंगे ।।
कोई जबाब नही देता मेरे खत का
कहता है बस... यही ज्ञान आयेंगे,
कांटे लगाकर केहता है गुलब् आयेंगे,
चुल्लू भर पानी में शैलाब आयेंगे ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#post #poem #writer #sad #virals #new #love #life #poetrylovers
- सेंगोल: न्याय का दंड विधान
- "सपनो का मंदिर"
- अपने किसी पद का तू
- #poetry हम लोगों को सुधारने निकले...
लोगों को सुधारने निकले थे,
हम खुद ही बिगड़ के रह गए,
जल शैलाव आया, सब डूब रहे थे,
हम लोगों को बचाने निकले,
किसी को किनारे पे लाकर छोड़ा,
खुद ही बह गए ।
जो बात हम जुबान पर लाने में भी,
सोचते थे, वो बात , वो हमसे,
बगैर हिच किचाहट के कह गए ।
क्या गजब का जहर था,
सुनकर जुबानी उनकी, हम तो
खड़े के खड़े ही रह गए ।
अज्ञानता का अंधकार मन मे ,
पनप रहा था, हम सवारने चले,
खुद अज्ञानी बन के रह गए ।
हमने सिखायी ईमानदारी, कहा गए,
लोग बेईमानी पे उतर गए ।
लोग बाग सब बिगड़े, हमने सोचा
के लोग अब सुधर गए ।
लोगों को सुधारने निकले थे,
हम खुद ही बिगड़ के रह गए ।
~ Munna Prajapati
#truth #life #virals #sad #post #writer #writing #love #poetrylovers #poem
- #poetry " कोई साथ चलने वाला नहीं "
दर्द मे दिलाशा हर कोई देता है मगर,
साथ देने वाला कोई नहीं ।
आज समय अच्छा चल रहा है,
मौज है, खुशी है, हर कोई साथ है, अपना है,
बुरे वक़्त मे कोई साथ चलने वाला नहीं ।
लोग हाथ थामते हैं उम्र भर के लिए,
मगर वो भी कब छोड़ दे,
कोई कहने वाला नहीं ।
मै तो कहता हूँ दोस्त, खुशियोँ मे उसे,
उसे बुलाओ ही नही जो साथ
हर गम सहने वाला नहीं ।
क्या शामी, क्या शिखर और क्या हार्दिक
पांड्या, यार जो पैसा और सफलता का
चाह रखता हो वह...
किसी के साथ रहने वाला नहीं ।
उसे तो केवल ऐसो आराम चाहिए,
उसे तुम्हारे गम में, उदास चेहरे लेकर,
सहने वाला नहीं..... ।
आप रुक सकते हो, उतर सकते हो,
रिश्तों का मोड़ देखकर मगर..
वह हरगिज उतरने वाला नहीं ।
✍️ Author Munna Prajapati #virals #life #reality #beocken #sad #poem #hindi #lovestory #loveyou #writer #writing
- 🇮🇳🇮🇳#HappyIndependenceDay #indian #lyrics इसे आजाद रखना... 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳जय हिंद
आप सबसे कुछ नहीं है कहना,
हम सबको मिल जुल कर है रहना - २
तिरंगे का लाज रखना.. ..
फुट मत होने देना, याद रखना,
सब कुछ खोकर भी, इसे आजाद रखना... ..... ।
तुमने कुछ तो हमने भी कुछ,
हम सबने बहोत कुछ खोया है...
पूत का लथपथ लाश को लेकर,
हमारी माओं ने कितना रोया है.... २।
अब तुम ,भूल मत जाना,
ना तुम, अपनो का खून बहाना,
ये जमी फिर लहू लुहान ना हो,
प्रीत से सिच कर,, आबाद रखना...
सब कुछ खोकर भी, इसे आजाद रखना.... ।
ये धरती है सोने की चिड़िया,
है कीमती एक कण भी नही खोना... २
हम भारत वासी हैं एक बंद मुट्ठी,
शान है ये जान हमारी नहीं कोई खिलौना... २।
भगत सिंह का सूली चढ़ जाना,
जोश बोस का डटकर आगे बढ़ जाना,
हमे आपस में लड़ाकर ही गुलाम किया
फिर कोई ना लूट जाए,,
ये जहाँ हमेशा जिंदाबाद रखना....
सब कुछ खोकर भी, इसे आजाद रखना...।
✍️ Author Munna Prajapati
आप सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.. 🙏🇮🇳 जय हिंद जय भारत
नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद... हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏
#post #songs #writer #writingcommunity #view #virals #songlyrics #hindi #deshbhakti #pawansingh999
- #poetry " दोस्तों के साथ की जिंदगी "
ओहो.. कैसे थे हम... और कैसे हो गए,
वो वक़्त अब शायद...कहीं खो गए,
वक़्त बीते और हम बिछड़े...
उड़ गए कहीं हमारी खुशियोँ के चिथड़े ।
कैसे मिलकर हम शोर मचाया करते थे,
ये मेरी है, वो तेरी है.. कहकर...
एक दूसरे को रिझाया करते थे,
कड़क सर्दी और कड़क धुप मे साथ
पढ़ने जाया करते थे...
कोई छोटा कोई बड़ा नही, एक ही
थाली मे खाया करते थे... ।
किसी की शादी हो गयी तो
कोई कवारा है...
कोई जिम्मेदारियों से जूझ रहा
तो कोई गलियों का आवारा है,
कोई बन गया शाहब तो कोई
बेरोजगारी का मारा है... ।
दूर हो मजबूर हो मगर, ये दोस्ती
दिल मे कायम रखना,
कभी तो मिलेंगे किसी मोड़ पर,
सोचना, जगना और राह तकना,
कितने जागे और कितने सो गए,
जगह बदला और समय बदला,
जो हमारे थे, वो किसी और के हो गए ।
~ ऑथोर मुन्ना प्रजापति
#post #Poem #writer #poetrylovers #virals #hindi #life #friendship #friends #friendshipgoals
- #poetry शीर्षक : "बड़ी अजीब है ये तेरी बेवफ़ायी भी "
बड़ी अजीब है ये तेरी रुस्वायी भी,
जितना भूलना चाहा याद उतनी आयी है,
क्या होती है प्रीतम की जुदायी भी,
जब बिछड़े तो समझ आयी है,
चाहे कोई किसी को कितना भी,
ये मोहब्बत काहा किसी को नजर आयी है,
ना मिला मुकम्मल इश्क़ मुझे भी,
उम्र गुजरी तब इस दिल को सबर आयी है,
पुकारता है कोई इश्क़ का मारा आज भी,
जहाँ निगाहें दीदार को तरस आयी है ,
किसी का प्यार इंतजार ही रहा,
नही आया वो ये आँखें बरस आयी है,
सच्चे इश्क़ के बदले आँशु दे गया,
क्या कीमत मेरे प्रीत की लगायी है,
मै लबों से गुनगुना भी नही सकता,
जो प्रेम गीत तुने मुझसे लिखवायी है,
आखिरी साँस तक मेरी होकर रहेगी,
तुझसे अच्छी तो ये तन्हायी है,
अब ये जुदा नही है मुझसे,
तेरे बाद मैने इसे ही अपनायी है ,
बड़ी अजीब है ये तेरी बेवफायी भी,
जितना भूलना चाहा याद उतनी आयी है ।
~ मुन्ना प्रजापति (उ. प्र.)
#life #virals #writer #hindi #poem #poetrylovers #poets #poetrycommunity #writing #feeling
- #poetry संभल कर रहना...
संभल कर रहना, भलाई का जमाना
अब नही रहा,
हमने जिसे समंदर में डूबने से बचाया,
वही हमे भवर मे छोड़ गया ।
बोली लग रही थी जिसकी जिश्म की
छुट्टे जोड़कर जिसको बचाया
वही हमे बाजार में बेचकर चला गया ।
जिसे हमने सिचकर, तरासकर, पौधे से
वृक्ष बनाया वही हमारे झोपड़ी को
उजाड़ कर चला गया ।
सड़क से नांगा उठाया था जिसको
आज वही हमे भिखारी बता कर चला गया ।
जिसको कभी इश्क़ करना सिखाया था
हमने, आज उसने हमे सबक सिखाकर
चला गया ।
खुद का निवाला खिलाकर बड़ा किया
जिसको, आज वही मेरे आगे से खाने
की थाली छीन कर चला गया ।
जिस अंधे को अपनी आँखे दी हमने,
आज वही हमे अंजान कहकर चला गया ।
कभी भगवान् था मै भी किसी के नजरों मे
आज वही हमे शैतान कहकर चला गया ।
आज प्रेम के रिश्ते शर्तों पर चल रहे हैं,
वो सात फेरों और सात जन्मों का
बंधन चला गया ।
भूल गए सभी के पति पर्मेश्वर है,
हर पत्नी के मन से पिया का वंदन
चला गया ।
एक रोज हमने जिसे गिरने से बचाया,
आज वही हमे गिराकर चला गया ।
जिसके हम हमेशा ज़ुबाँ पे रहते
सोते , जागते,
आज वही हमे भुलाकर चला गया ।
संभल कर रहना, भलाई का जमाना
अब नही रहा,
जिसके लिए हम सच्चे थे, वही हमे
झुठलाकर चला गया ।
~ मुन्ना प्रजापति
#life #love #writer #struggle #post #postviral2024 #motivation #sad #truth #talk #talkshow #writing
- #lyrics पिरीतिया लुटा गईल रे......
देखलस एतना सुनर चीज,
हाय रे मोरी अखियाँ...
बीच में चाँद ओकरा आजु बाजू
रहली ओकर सखियाँ...
खुशबु छिटाईल हवा इतरा गईल रे..
दिल, दिल से टकरा गईल रे....
ओकरे पs पिरीतिया लुटा गईल रे..
हम तs नादान इश्क़ चढ़ल परवान हो,
उनके अदा से हम तs भईनी जवान हो... २
लागे होठवा गुलाब, कजरारी अखियाँ,
चलावेले बान जान, हमरी मारी अखियाँ,
ओकरा चलले पs केतना ख़तरा भईल रे.....
दिल, दिल से टकरा गईल रे....
ओकरे पs पिरीतिया लुटा गईल रे.....
देखी सुघरायी हरिहर भईल मिजाज़ हो,
मन तs करता लव यू कह दिहिं आज हो.... २
बोले दिलवा ई का- का ,बातायी बतिया,
कटे दिनवा ना कईसे , बितायी रतिया,
ओकरा मुश्की पs केतना जातरा भईल रे....
दिल, दिल से टकरा गईल रे....
ओकरे पs पिरीतिया लुटा गईल रे..
~ मुन्ना प्रजापति
#post #virals #PostViral #love #shilpiraj #song #pawansingh999 #songlyrics #songwriter #bhojpuri #bhojpuri_song
नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकते हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 +९१७८९७८६८६२५
Browse Other Words By Clicking On Letters