Meaning of फूलों का हार in English
- A garland or wreath to be worn on the head.
- A string of beads, or part of a string, used by Roman Catholic in praying; a third of a rosary, or fifty beads.
- A small molding, carved into beads, pearls, olives, etc.
- A chapelet. See Chapelet, 1.
- A bent piece of sheet iron, or a pin with thin plates on its ends, for holding a core in place in the mold.
- A tuft of feathers on a peacock's head.
- A small chapel or shrine.
- To adorn with a chaplet or with flowers.
- The crown of a king.
- A wreath of chaplet made of branches, flowers, or feathers, and sometimes of precious stones, to be worn on the head like a crown; a coronal; a wreath.
- The top; the thing most prized.
- A book of extracts in prose or poetry; an anthology.
- A sort of netted bag used by sailors to keep provision in.
- A grommet or ring of rope lashed to a spar for convenience in handling.
- To deck with a garland.
Meaning of फूलों का हार in English
English usage of फूलों का हार
Synonyms of ‘फूलों का हार’
Antonyms of ‘फूलों का हार’
Articles Related to ‘फूलों का हार’
- उफ़ बेचारा...
- रूहों का मेला...
- मुर्दों की आवाज़...
- राधे कृष्ण
- विशेष दिवस
- हर रातों को पूनम कह दूँ
- गेम ओवर...
- सैलानियों का स्वर्ग काश्मीर
- शहर
- किस्मत
- Nikhar rahe hai
- बिहार का गौरवशाली इतिहास
- Rama is superior of all
- जीवन की दिशा
- क्या आप भी क्लियर करेंगे एग्जाम
- रात अमावस की काली
- गुरु
- शतरंज की बिसात
- कितनी मासूम होती है बेटियां
- मन में जैसा घटेगा
- हमारा दिल
- अनुभव
- बेफिक्री
- घड़ी की सुइयां
- इश्क़, बेरोज़गारी और जज़्बात
- शातिर दुनिया
- दीपावली की लोककथा
- क्षितिज क्षितिज ही रहेगा
- Power of Vote
- Writer Introduction - दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”
- प्रकृति और तुम
- लॉकडाउन में पड़ोसन टीचर को चोदा- 1
- नीम
- Biggest democracy
- रंगभूमि
- छोर
- आम राजा
- भारत में डाक टिकट
- कुछ ग़ज़ल सी
- प्रभु स्मरण
- #poetry शीर्षक : " एक पल तो गुजारा है तूने "
चलो उम्र ना सही,
मेरा एक लम्हा तो सवारा है तूने,
वादा किए आखिरी सास तक की,
पर होते ही उड़ गए...
चलो जिंदगी का,
एक पल तो गुजारा है तूने ।
तबाह कर गया मुझको,
लब्जों मे बया भी नही कर सकता,
किया कितना खसारा है तूने,
पतझड़ का मौसम हो गयी है जिंदगी,
मेरा छीना एक - एक सहारा है तूने ।
मेरी मुश्किलें... उम्र के साथ
बढ़ती जा रही है,
कैसे कह दूँ...
दर्दों से मुझको उबारा है तूने,
जो तुम चल दिये..
अपनी यादों को भी लेकर जाते,
खुद को बसाकर...
अपने दिल से मुझको, नकारा है तूने ।
ये हवाएँ... ये फिजायें...
खुशबु नही लाती... अब...
पहले की तरह,
लगता है गुलशन को भी
बदन से उतारा है तूने,
वो लबों की मुश्कान तेरी...
ख्वाबों मे भी दिल को चिर जाती है,
जाने क्यूँ... और कैसे...
मेरी मोहब्बत को, किया किनारा है तूने ।
वफा, एहतराम.. जो कुछ भी है,
तेरे - मेरे दरमियाँ.. इश्क़ में
सारा का सारा.. हमारा है,
ऐ साथी , साथ छोड़ जाना तेरा,
हर शाम गुजारती है मयखाना मेरा,
संभलना कहीं तुझे भी
कोई छोड़ ना जाए...
किया गलत इशारा है तूने ।
वादा किये आखिरी सास तक की
पर होते ही उड़ गए,
चलो जिंदगी का....
एक पल तो गुजारा है तूने..... ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#post #virals #love #sadness #new #sad #sadlife
- भूखे लकड़बग्घे- 2
- Futuristic
- जीवन
- साजिश ए इश्क।
- त्रासदी
- रेलयात्रा
- दोहे- दर्शन
- वो सर्द रात- 4
- आलस्य हमारे शरीर में विराजमान एक महा शत्रु है
- लौह पुरुष
- truth ( Ridveda 1. 1. 8 )
- चांद और तारे
- "आलिंगन परिवर्तन: व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास की कुंजी"
- धूप की उम्मीद कुछ कम सी है
- कविता
- चले आओ
- दिल
- वो 5 साल की बच्ची का बाल सुलभ दुस्साहस
- दैनिक न्यूज
- दूरियों का खूंटा
- #अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस---
- भाग्य से कर्म तक
- never trouble a poor
- प्रात काल का सौंदर्य
- तुम्हें तो बस
- जीवन
- किसी का दिल मत तोड़ना
- नवीन धाराओं का सृजन
- आशा
- ओ मोहन मुरली वाले ओ राधा के श्याम
- सरकारी नौकरी
- सौगंध से अंजाम तक
- ग़ज़ल
- यही सच है
- #डिजिटलीकरण---
- इसरो का आदित्य
- वो सर्द रात- 3
- मिज़ाज़
- #कर्म और भाग्य --
- अभ्यास और रटने का सटिक मंत्र
- वक्त का बदलना
- "भाषाई विविधता का संरक्षण: अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का महत्व"
- #lyrics #hindi मेरा प्यार ना मेरा है...
मेरा प्यार ना मेरा है,
यहाँ झूटों का बसेरा है... २
अपना किसे तु, कहता है दिल,
ऐ दिल.... ऐ दिल....
मेरा प्यार ना मेरा है.....
क्या गजब का, खेला कोई,
कुछ नहीं है, अब रह गया ।
जो भी था ,अरमा हमारा,
नजरो से , वो बह गया.... ।
हुयी शाम मगर, कोई ना सबेरा है..
अपना किसे तु, कहता है दिल,
ऐ दिल..... ऐ दिल.....
मेरा प्यार ना मेरा है........
इक छोटा सा, तु है खिलौना,
खेलकर तुझसे, किसीने छोड़ा है ।
सांसों में बसकर, जान वो बनकर,
रूह तक मुझको, उसीने तोड़ा है ।
कैसे कोई समझे इसे, ये तो
हुश्न का घेरा है.......
अपना किसे तु, कहता है दिल,
ऐ दिल....... ऐ दिल......
मेरा प्यार ना मेरा है......
बीत गए वो, प्यार के सावन,
आँखों में अब, बरसात है ।
खामोशियाँ है, लब पे मेरे,
सुना सा है जीवन, सुनी सी रात है ।
ना भूल पायेगा कोई, ये एहसान जो तेरा है....
अपना किसे तु, कहता है दिल,
ऐ दिल.... ऐ दिल......
मेरा प्यार ना मेरा है......
~ मुन्ना प्रजापति
#Real #truth #love #trend #virals #post #viralpost2024 #pawansingh999 #songwriter #song #songlyrics
नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 +९१७८९७८६८६२५
- #poetry "१५ अगस्त.... "
आज वह शख्स भी आजादी की
गाथाएँ गाते हुए नजर आया,
जिसने जाती और मजहब मे
लोगों को उलझा कर रखा है ।
उसने हमेशा बतलाया है के तुम बड़े हो,
तुम्हे बड़ा होना चाहिए और
सबसे आगे होना चाहिए,
तुम हिंदू हो तुम मुश्लिम हो
तुम सिख हो तुम ईसाई हो,
और आज मंच पर, कुछ लोगों के बीच
कह रहा था के हम भारत वासी एक हैं ।
जो अपने फायदे के लिए अपनी
शान के लिए, अपने पद के लिए
जाने कितनों को मौत के घाट उतार दिया होगा!
वह शख्श आज मंच पर, तिरंगे के सामने
इस देश को मजबूत बने रहने का
शिक्षा दे रहा था ।
जो हमेशा लोगों को कम शिक्षित
रखने का उपाय ढूंढता रहा, वह
आज मंच पर विद्यार्थियों के सामने
उच्च शिक्षा पाने की हौशला दे रहा था ।
कुछ शहीदों के बारें मे, उनका चरित्र
चित्रण कर रहा था, अल्पज्ञ लोगों को
समझा रहा था, आजादी कैसे हुयी
इसकी गाथा सबको सुना रहा था जिसने
अपने कर्मों का किताब कहीं
छुपा कर रखा है ।
बहोत बड़ी बड़ी बातें की उसने,
वह सब उसकी जुबानी थी, और
सच तो ये है की वह सब किसी की
लिखी हुयी कहानी थी ।
उसने ये नही कहा कि अस्पताल में,
मरीजों (गरीबों ) को क्यूँ रुलाते हो,
उचे पद पर बैठकर लूट पाट क्यूँ मचाते हो,
किसी मशले को हल करने मे
इतना वक़्त क्यूँ लगाते हो ।
वो लोग भी क्या अजीब थे
जो उसके चिकनी बातों के करीब थे,
तालियां बज रही थी, जय हिंद के
नारे भी लग रहे थे परंतु.....
हिंदुस्तान को जिताने का या फिर
जश्न ए जीत का भाव किसी के
दिल मे नहीं था ।
सब इसी मे डूब गए, के, कब, कैसे
और किसने आजादी दिलायी,
कितनी मुशक्कत् स्वतंत्रता सेनानियों ने
उठायी... बस इन्ही सब बातों पर
हम सबको फुसला कर रखा है ।
आज वह शख्स भी आजादी की
गाथाएँ गाते हुए नजर आया, जो
इस जमी का खाता है, इसी जमी पर
रहता है, हम लोगों के बीच जीता है मगर
भला सिर्फ अपना सोचता है,
मै भी चाहता हूँ,
आजादी की शुभकामनाएँ दूँ... पर
किसे दूँ.... किसे....... 😥
✍️ Author Munna Prajapati
#post #positivity #PostViral #poem #realtalk #reallife #public #truth #writer #life #virals
- #hindi #lyrics यहाँ तो तेरा ही खसारा है.....
प्रीत होती ना दोबारा है इस जीवन मे,
ऐ दिल यहाँ तो तेरा ही खसारा है...
मुनासिब है तू खुद को खुद मे मेहफूज़ कर...२
आशिकि मे कहते हैं ये तो आवारा है...
ऐ दिल यहाँ तो तेरा ही खसारा है.... ।
कोई तुझसे ही सीखेगा और
तुझे सिखाकर जायेगा...
तुम्हारी नजरों से कोई
तुझे ही दिखाकर जायेगा... ।
सिर्फ प्यार और वफा से यहाँ
होता किसका गुजारा है...
प्रीत होती ना दोबारा है इस जीवन मे
ऐ दिल यहाँ तो तेरा ही खसारा है... ।
ना कर सकोगे ऐतबार किसी पर,
जो एक बार टूट जायेगा...
संभालोगे कैसे तुम खुद को जब,
उल्फत का आशियाँ लूट जायेगा... ।
किसने किया है मुकम्मल इश्क़ यहाँ
मेहबूब तो एक वक़्त का सहारा है...
प्रीत होती ना दोबारा है इस जीवन मे
ऐ दिल यहाँ तो तेरा ही खसारा है... ।
राहे मोहब्बत खूबसूरत तो बहोत है लेकिन,
अक्सर किसी की जिंदगी छीन लेती है....
हुश्न है तो अदायें अमीरी चाहती है ,
निगाहों का जाम पिलाकर हर चीज किन लेती है.... ।
ये दिल कहीं एक जगह नही ठहरता
ये तो खानदानी बंजारा है...
प्रीत होती ना दोबारा है इस जीवन मे
ऐ दिल यहाँ तो तेरा ही खसारा है... ।
~ मुन्ना प्रजापति (उ. प्र.)
#post #virals #love #writer #songwriter #pawansingh999 #songlyrics #song #songcover
नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकते हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 +९१७८९७८६८६२५
- #lyrics #ghazal कहीं खो गया मै....
ना रहा मेरा कोई खबर,
नहीं था झुकाना निगाह मगर,
मै तो सो गया...
शुरू होते ही खत्म हुआ,
जिंदगी का सफर,
कहीं मै ही खो गया.... .. हाँ...
चलता रहा देखकर उसकी तरफ,
अंजाना ना जाना ये मुझे मगर,
जाने क्या हो गया....
शुरू होते ही खत्म हुआ,
जिंदगी का सफर,
कहीं मै ही खो गया.... हाँ....
देखता रहा मै शौख हुश्न चमन,
हसीन है ऐसी राह मगर,
सब कुछ लूट गया...
शुरू होते ही खत्म हुआ,
जिंदगी का सफर,
कहीं मै ही खो गया..... हाँ...
किनारों से कब बीच में पहुँचा,
खिचता रहा अपनी ओर लहर,
मै तो जल तल का हो गया...
शुरू होते ही खत्म हुआ,
जिंदगी का सफर,
कहीं मै ही खो गया.... हाँ...
✍️ Author Munna Prajapati
#sadness #writer #PostViral #love #virals #songlyrics #song #heart #life
नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें हैं परंतु हमारी अनुमति लेकर, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 078978 68625
- लघुकथा। "माँ का आँचल"
- मेरे छूट जाने का एहसास
- किताबें पढने के लिए वक़्त कहाँ है किसी के पास, पूरी दुनिया तो परदे पर दिखायी जाने वाली काल्पनिक चलचित्रों के पीछे दौड़ रही है और अपने आप को अंधकार में लेकर जा रही है । जो जो वास्तवीक ज्ञान पुस्तकों में है वो चलचित्रों मे नही । आप एक मिनट से कम समय की वीडियो देखतें हैं और प्रत्येक मिनट के बाद दूसरी वीडियो देखतें हैं इनके बीच आप अपने मस्तिस्क की स्थिरता को बड़ी तेजी से बदलतें है ।
लगातार एक प्रभाव, दूसरा प्रभाव फिर तुरंत तीसरा प्रभाव, ऐसे ही लगातार स्थिरता, अपनी सोच, उद्देश्य, लक्ष्य आदि को बदलतें हैं जिसके वजह से आप अपने जीवन मे किसी एक लक्ष्य पर स्थिर नहीं रह पाएंगे । स्वभाविक सी बात है इस तरह की क्रियाएँ आपकी स्थिरता को भंग करती है और आप खुद को रोक नही पाते । जब कोई चीज थोड़ी सी ज्यादा समय लेती है या फिर समझ में नही आती तो आप उसे तुरंत छोड़ देते हैं । परंतु आप उसे समझने या किसी एक ही विषय पर गहरा अध्ययन करने की कोशिश नही करते । इंसान की यह सबसे बड़ी दुर्बलता है । जिससे कि वह अपने लक्ष्य को पाने मे चुक जाता है ।
कोई भी बड़ी चीज क्षणिक सोचने से या क्षणिक अध्ययन से पूर्ण नही होती उसके लिए वक़्त चाहिए होता है । और यह तो हमारे मस्तिस्क से निकल चुका है । एक मिनट से अधिक हम किसी एक विषय पर तो सोच ही नही सकते ।
हम जब तक रिल्स देख रहे होते हैं हमारा मस्तिस्क उसके विषय में सोचता है, जो हम देख रहे होतें हैं । परंतु किताबें, जिसमे प्रत्येक शब्द लिखे हुए हैं, उसे आप बार-बार पढ़ सकते हैं । उसे सोच सकते हैं । उसके अनुसार आप अपने जीवन को सक्रिय कर सकते हैं । यह जो मोबाइल फोन का दौर है, यह हमे उस अंधकार के तरफ ले कर जा रहा है जहाँ चारो तरफ कोई भी चराग़ नही । पुस्तकें मनुष्य का मार्गदर्शक हैं । ऐसा नहीं की मै पुस्तकें लिख रहा हूँ तो ही ये सारी बातें कर रहा हूँ! यदि आप इस बात का विचार करना चाहे तो भी नही कर सकते । और नाही यहा तक पहुँच सकतें है जहाँ तक हमने यह कल्पना की है । हम आधुनिक दौर मे जरूर जा रहे हैं परंतु यह भी सत्य है की हम अपने आप को कहीं खो रहें है ।
चलिए जरा सा सोच कर देखिये –
यदि गूगल बंद हो जाय ! यदि इंटरनेट काम ना करे तो हमारा क्या अवस्था हो जायेगा ।
जब मोबाइल का डाटा (इंटरनेट) समाप्त होता है तो इसके बगैर हम इक दिन नही रह पाते, कैसे भी हमे रिचार्ज करवाना ही है । इसका अर्थ यह है की हम किसी के अधीन होते जा रहें हैं । हमारी मानसिकता , हमारे मस्तिस्क पर किसी और का अधिकार हो रहा है । हम मानसिक रूप से किसी और का गुलाम होते जा रहें हैं । आप अपनी आँखें खोलिए और देखिये । हम 1947 मे आजाद हुए थे सत्य है मगर अब फिर हम खुद को गुलामी की तरफ ले जा रहें हैं , आधुनिकता समझकर ।
✍️😰✅🤔 Author Munna Prajapati
#PostViral #healthy #Risky #life #lifestyle #bad #harmful #mobiles #network
#virals
- आधुनिक सोनेट का अनुपम किताब
- आज़ादी का दिन फिर आया
- आम का पेड़
- रुक्मिणी हरण का आध्यात्मिक पक्ष
- ईश्वर का विराट अथवा विश्व स्वरूप
- कैन्डिडा नाटक का संक्षेप में सारांश
- दंत पुंज का मधु मुस्कान
- प्राकृतिक आपदाओं का कारण और हम)
- बहोत खूबशुरत पुस्तक "आँखो कि गुशताखिया"... मे लीखने का श्रेय मिला l आप सभी का धन्यवाद 🙏✅💕#successquotes
- "सपनो का मंदिर"
Browse Other Words By Clicking On Letters