कितनी भी चौड़ी दरार हो,
तुमको तो बस कि नहीं हार हो,
किसी भी हद तक भाड़ में जाएँ,
हाथ उपहार, गले में हार हो ।
(c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"
31 October 2023
कितनी भी चौड़ी दरार हो,
तुमको तो बस कि नहीं हार हो,
किसी भी हद तक भाड़ में जाएँ,
हाथ उपहार, गले में हार हो ।
(c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"