काली अंधियारी रात में
चाँद का टुकड़ा जैसे,
रोती रेत के बीच में
हरियाली का मुखड़ा जैसे,
जब तूने खोल कर अपनी
सुरमई आँखों से देखा,
मुझे ऐसा ही कुछ लगा था
उस वक़्त विल्कुल ऐसे ।
@नील पदम्
20 October 2023
काली अंधियारी रात में
चाँद का टुकड़ा जैसे,
रोती रेत के बीच में
हरियाली का मुखड़ा जैसे,
जब तूने खोल कर अपनी
सुरमई आँखों से देखा,
मुझे ऐसा ही कुछ लगा था
उस वक़्त विल्कुल ऐसे ।
@नील पदम्