पता नहीं कब सच कहा उसने,
पता नहीं कब झूठ बोला उसने,
उसकी आँखों को कभी पढ़ा ही नहीं,
क्योंकि कभी गौर से देखा नहीं हमने।
20 October 2023
पता नहीं कब सच कहा उसने,
पता नहीं कब झूठ बोला उसने,
उसकी आँखों को कभी पढ़ा ही नहीं,
क्योंकि कभी गौर से देखा नहीं हमने।