Meaning of प्रति पाँचवें दिन पर आनेवाला in English
- Occurring as the fifth, after four others also, occurring every fifth day, reckoning inclusively; as, a quintan fever.
- An intermittent fever which returns every fifth day, reckoning inclusively, or in which the intermission lasts three days.
Meaning of प्रति पाँचवें दिन पर आनेवाला in English
English usage of प्रति पाँचवें दिन पर आनेवाला
Synonyms of ‘प्रति पाँचवें दिन पर आनेवाला’
Antonyms of ‘प्रति पाँचवें दिन पर आनेवाला’
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- #poetry शीर्षक : " एक पल तो गुजारा है तूने "
चलो उम्र ना सही,
मेरा एक लम्हा तो सवारा है तूने,
वादा किए आखिरी सास तक की,
पर होते ही उड़ गए...
चलो जिंदगी का,
एक पल तो गुजारा है तूने ।
तबाह कर गया मुझको,
लब्जों मे बया भी नही कर सकता,
किया कितना खसारा है तूने,
पतझड़ का मौसम हो गयी है जिंदगी,
मेरा छीना एक - एक सहारा है तूने ।
मेरी मुश्किलें... उम्र के साथ
बढ़ती जा रही है,
कैसे कह दूँ...
दर्दों से मुझको उबारा है तूने,
जो तुम चल दिये..
अपनी यादों को भी लेकर जाते,
खुद को बसाकर...
अपने दिल से मुझको, नकारा है तूने ।
ये हवाएँ... ये फिजायें...
खुशबु नही लाती... अब...
पहले की तरह,
लगता है गुलशन को भी
बदन से उतारा है तूने,
वो लबों की मुश्कान तेरी...
ख्वाबों मे भी दिल को चिर जाती है,
जाने क्यूँ... और कैसे...
मेरी मोहब्बत को, किया किनारा है तूने ।
वफा, एहतराम.. जो कुछ भी है,
तेरे - मेरे दरमियाँ.. इश्क़ में
सारा का सारा.. हमारा है,
ऐ साथी , साथ छोड़ जाना तेरा,
हर शाम गुजारती है मयखाना मेरा,
संभलना कहीं तुझे भी
कोई छोड़ ना जाए...
किया गलत इशारा है तूने ।
वादा किये आखिरी सास तक की
पर होते ही उड़ गए,
चलो जिंदगी का....
एक पल तो गुजारा है तूने..... ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#post #virals #love #sadness #new #sad #sadlife
- Promise Day
- #lyrics परछायीयों से तस्वीर बनाते हो.. 😥👌👇👇
क्या गजब का हुनर दिखाते हो,
परछाईयों से तस्वीर बनाते हो ।
एक बात थी मन में, पूछनी थी तुमसे,
हिल जाए कागज, गर जो अपने तल से,
तो फिर उसे खिच चुकी लकीरों से
कैसे मिलाते हो .....
क्या गजब का हुनर दिखाते हो,
परछाईयों से तस्वीर बनाते हो ।
चलो बन जाती है तस्वीर, किसी की,
क्या तुम बता पाओगे, गर पूछी जाए,
बातें उसी की,
जरा बताओ आँखों की इन, धारियों
को कैसे मिलाते हो....
क्या गजब का हुनर दिखाते हो,
परछाईयों से तस्वीर बनाते हो ।
दिल, जिगर, भीतर के जज्बात तो
नही बन पाते होंगे,
कौन, कहाँ और किधर, किसका क्या है
हालात, तो नही जान पातें होंगे,
जरा बताओ हमे, दिल का दर्द
कैसे बनाते हो....
क्या गजब का हुनर दिखाते हो,
परछाईयों से तस्वीर बनाते हो ।
अभी सूरज है, साया है,
दिन के उजालों में,
रैन बसेरों मे, उठते शबेरों मे,
एक जो साया देखा था खयालों मे,
क्या तुमने कभी कोई,
चेहरा शुबसुरत बनाया है प्यालों मे,
पूछना था तुमसे के तुम,
चेहरे की मायुशी कैसे बनाते हो....
क्या गजब का हुनर दिखाते हो,
परछाईयों से तस्वीर बनाते हो.... ।।
Note :- please don't copy, share direct 🙏
कोई गायक इस गीत को अपनी आवाज दे सकता है, अनुमति है, हमे सूचना देकर ।
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- चाह परवाज़ की
- जोश- जुनून
- #lyrics #bhojpuri ए सखी कईसे मनायी...
ए सखी कईसे मानाई,
हयी तिरछी नजरिया के... २
जेने पावे नेहिया ओने...२
बिछा देला शरीरिया के.....
ए सखी कईसे मानाई,
हयी बढ़ती उमरिया के... २
हाय गदरल जवानी हमार,
कोमल ई बदनिया,
रहे ना बस मे करे, बड़ी रे नदनिया.... २
हाँ खाली प्यार खोजेला,
दिन रात बस उहे सोचेला,
हाय कईसे बचा के रखी...२
धानावा सवरिया के..
ए सखी कईसे मानाई ,
हयी तिरछी नजरिया के....
केतनो खायीं खाना बाकी,
भरे नाहीं जियारा,
मन करे चली जायीं कुतुब,
मीनार के नियारा... २
बड़ी बानी हम परशान,
बढ़ल जाता मोर मायान,
एहो धयीलस ई कईसन.. २
हयी बेमारी लभेरिया के..
ए सखी कईसे मनायी,
हयी तिरछी नजरिया के.....
✍️ Author Munna Prajapati
#writer #PostViral #love #virals #life #song #songlyrics #hotshot #pawansingh999
नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏
- #poetry #hindi "एक शवाल है..... "
मै बेचारा, नकारा फिर रहा हूँ,
कोई नहीं अपना, मारा मारा फिर रहा हूँ,
मेरे अज़ीज़, मेरे नशीब, मेरे रचित
सब बिछड़ गए मुझसे,
मै दिल का अमीर, हालातों से हारा हूँ,
बहोत शोर है भीतर, कुछ भी नहीं
आ रहा है नजर,
जरा सी दिल ए शुकुन चाहिए....
कोई अपने सीने से लगाकर, जीने का
जुनून देगा क्या...... ! एक शवाल है..
आता है खयालों मे कोई, और वो
बेहीशाब आता है,
रात तो छोड़ो, दिन मे भी,
मेरा महताब आता है ,
लिखता हूँ खत मै, तंहाईयों मे,
खामोशियों मे जबाब आता है,
कौन चाहता है फकीर, यहाँ तो
हर एक के ख्वाबों में नबाब आता है,
कौन है अपना यहाँ, कौन है!
मै बिखर सा गया हूँ,
जरा सी दिल ए शुकुन चाहिए....
कोई सीने से लगाकर, जीने का
जुनून देगा क्या.... । एक शवाल है...
क्यूँ है ऐसे लोग, क्यूँ कोई
सिर्फ अपना देखता है,
क्यूँ टूटता है जब कोई,
साथ सपना देखता है ।
मै अब अंधेरों में पल रहा हूँ,
हर पल कतरा - कतरा जल रहा हूँ,
अब कोई मंजिल नही रही.. मै तो
युहीं अनजानी रास्ते पर चल रहा हूँ ।
क्या होगा, जो होना था हो गया,
उम्र तो किसी की यादों में खो गया,
ये दुनिया मुझे, अधूरी लग रही है,
मौत से मौत की भीख मांग रहा हूँ...
जरा सी दिल ए शुकुन चाहिए..
कोई सीने से लगाकर, जीने का
जुनून देगा क्या.... । एक शवाल है...
✍️ Author Munna Prajapati
#post #writing #poem #life #imotional #writer #virals #sad #writerslife #love
- काले वर्तमान
- #lyrics #bhojpuri राउर मुह फेरल अईसे...
मंगिया सेनुरा सजवनी रउआ, लिहनी हमके अपनाई,
सात फेरा के सातों वचनिया, सईया जी निभायी ।.. २
ए हो सवरिया, फेरs ना नजरिया... २
ना तs नैना नीर बहादि....
राउर मुह फेरल अईसे, हमके जीते जी मुआदि... ..
नाया नौहर बानी हम, कमे बा उमीरिया,
जिनीगिया के जनी उलझावs ,
ए पिया हो.. अइसे जनी हमके बिलगावs...... ।
एको दिन ना बितल सईया,हs आज सुहाग के रतिया,
अईसे ना मुह तु घुमावs,
ए पिया हो.. हमारा के जनी तु सातावs.. ।
कवने कसुरवा ,होई गईले हमसे... २
साफ साफ हमके बातादी....
राउर मुह फेरल अईसे, हमके जीते जी मुआदि.....
सेज सजा के ,बईठल बानी कबसे, देखीं हम तोहरी रहतिया,
ए पिया हो ..करीं तोहसे प्रीत के बतिया,
चाँद जस चेहरा बा, रतिया के पहरा राजा,
एक बेरी देखs ना सुरतिया,
ए पिया हो...तनिका उठावs ना घुँघटिया.....
अठरह बरष के,सचल ई शरीरिया.. २
आजु प्रीत के रंग बरसादि...
राउर रुसल अईसे, हमके जीते जी मुआदि.....
ई कईसन समईया आजु , सोझा हमारा आईल बा,
कईसे तु लेबs आपनाई,
ए पिया हो,. कईसे के तोहे हम मनाई,
सोचल सपानावा जदि, पुरा नाही होईहे,
कईसे के जिनगी बितायीब,
ए पिया हो..अगिया जवानी के कइसे बुझाईब,
रचित सवरिया, भरs अकवरिया.. २
बितल बतिया सगरी भुलादि....
राउर मुह फेरल अईसे, हमके जीते जी मुआदि....
✍️ Author Munna Prajapati
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नोट :- यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें है परंतु हमारी अनुमति लेकर । हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद 🙏 , ऑथोर मुन्ना प्रजापति
- कुँवारे नाना जी
- एक दिन ... ✍😥💔✍... Fallow for the more...
- #lyrics ओ रे पिया.... अब आजा रे...
अनजान कोई यूँ आया रे,
कैसे वो दिल मे समाया रे...
कुछ दिन बीते रात भी बीते...
फिर नजरी नी आया रे....
ओ रे पिया.. अब आजा रे... ।
तोहे खोजत कई मौसम बीते,
गुजर गए कई लमहे अनूठे...... २
रिम झिम बरसत प्रेम सावन आया रे
ओ रे पिया.... अब आजा रे.... ।
तड़प रहे हम यहाँ प्रेम बिरह मे ,
चल दिये तुम कमाने शहर में... २
कैसे बीते रतिया तनिक ना सोचा
क्या खूब तुमने प्रीत निभाया रे..
ओ रे पिया...... अब आजा रे... ।
देखत रहतिया मोर उमरिया बीते,
सांझ तले मोर नजरिया भीगे... २
सांच बता मोहे रचित पिया
क्यूँ मुझको तू रुलाया रे....
ओ रे पिया.... अब आजा रे... ।
✍️ Author Munna Prajapati
#life #public #writer #PostViral #post #virals #songlyrics #song #hindisong #hindi
नोट :- यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 +९१७८९७८६८६२५
- हमारी सभी बहनों के लिए यह जनकारी अवश्यक् है :-
पिछले 3 साल का डाटा, 43 लाख लड़कियों में बाझपन और 30 लाख में कैंसर पाया गया... वैलेंटाइन के बाद मुश्किल से 10 दिन के अंदर गायनेकोलोजिस्टो के पास लड़कियों की भीड़ लग जाती है...
टीवी पे ऐड आता है सिर्फ एक कैप्सूल से 72 घंटो के अंदर अनचाही प्रेगनेंसी से छुटकारा...
बिना दिमाग की लडकिया, ऐसी गोलियां जिसका न कम्पोजीशन पता होता है न कांसेप्ट…
बस निगल जाती हैं…
इन फेक गोलियों में आर्सेनिक भरा होता है यह 72 घंटो के अंदर सिर्फ बनने वाले भ्रूण को खत्म नही करता बल्कि पूरा का पूरा प्रजनन तंत्र ही खत्म कर देता है…
शुरू में तो गोलिया खाकर सती सावित्री बन जाती हैं लेकिन शादी के बाद पता चलता है ये अब माँ नही बन सकती…
तो सबको पता चल जाता है इनका भूतकाल कैसा रहा है, पर कोई बोलता नही जिन्दगी खुद अभिशाप बन जाती है…
सरकार हर साल मातृत्व सुरक्षा, जननी सुरक्षा, बेटी बचाओ जैसी योजनाओ के नाम पर करोड़ो रुपयेफुक देती है।
आज हालत ये हैं 13-14 साल की बच्चिया बैग में i-pill लेकर घूम रही है ये मरेंगी नही तो क्या होगा…
और ऐसी जहरीली चीजे वैलेंटाइन पर मेडिकल माफिया भारतीय बाजारों में जानबुझकर उतारता है...
क्युकी सबको पता है, भारत में बुद्धिजीवी वर्ग का कोई मान नही होता... पहले ये लड़कियों को जहर खिलाकर बीमारी देते हैं... फिर उसकी दवाई बेचकर अरबो रूपये कमाते हैं... जिसमे नेता भी कमाई करते हैं... क्युकी ऐसे जहर को बेचने का परमिट और उनकी चेकिंग न करवाने का काम नेता ही कर सकते हैं...
बेटी आपकी, तो उसकी जिम्मेदारी भी आपकी... इस वैलेंटाइन उसके पीछे संत महापुरुष का ही नही बल्कि आप खुद सजग रहोगे, देखने पर विरोध करोगे।
समय है वेलेंटाइन जैसे कुकर्म को बढ़ावा देने वाले घटिया मानसिकता की जगह जगह अपने माता पिता का पूजन कर देश की युवा पीढी को सुदृढ़ बनाने का...
या फिर अगर चाहते हो आपकी बेटे बेटी जमके अय्याशी करे, और बाद में कैंसर, बाझपन, STD की वजह से मर जाए और आपका बोझ हल्का हो... तो एक ही बार में सल्फास दे दो...
समस्या आपके बेटी की अय्याशी और उसके मरने से नही, समस्या होती है, जो दवाईया बेचकर विदेशी कम्पनिया हर साल हमारे देश का अरबो रुपया लुट लेती हैं उससे है... आज कल की सच्चाई।
सभी बहनों के हित मे, यह जनकारी समर्पित किया है ।
सतर्क रहो, भूलकर भी यह गलती मत करना वरना जीवन भर पछताना पड़ेगा.... ।
जनकारी स्रोत : गूगल कोरा..
- दोहा
- देश भक्त
- किताबें पढने के लिए वक़्त कहाँ है किसी के पास, पूरी दुनिया तो परदे पर दिखायी जाने वाली काल्पनिक चलचित्रों के पीछे दौड़ रही है और अपने आप को अंधकार में लेकर जा रही है । जो जो वास्तवीक ज्ञान पुस्तकों में है वो चलचित्रों मे नही । आप एक मिनट से कम समय की वीडियो देखतें हैं और प्रत्येक मिनट के बाद दूसरी वीडियो देखतें हैं इनके बीच आप अपने मस्तिस्क की स्थिरता को बड़ी तेजी से बदलतें है ।
लगातार एक प्रभाव, दूसरा प्रभाव फिर तुरंत तीसरा प्रभाव, ऐसे ही लगातार स्थिरता, अपनी सोच, उद्देश्य, लक्ष्य आदि को बदलतें हैं जिसके वजह से आप अपने जीवन मे किसी एक लक्ष्य पर स्थिर नहीं रह पाएंगे । स्वभाविक सी बात है इस तरह की क्रियाएँ आपकी स्थिरता को भंग करती है और आप खुद को रोक नही पाते । जब कोई चीज थोड़ी सी ज्यादा समय लेती है या फिर समझ में नही आती तो आप उसे तुरंत छोड़ देते हैं । परंतु आप उसे समझने या किसी एक ही विषय पर गहरा अध्ययन करने की कोशिश नही करते । इंसान की यह सबसे बड़ी दुर्बलता है । जिससे कि वह अपने लक्ष्य को पाने मे चुक जाता है ।
कोई भी बड़ी चीज क्षणिक सोचने से या क्षणिक अध्ययन से पूर्ण नही होती उसके लिए वक़्त चाहिए होता है । और यह तो हमारे मस्तिस्क से निकल चुका है । एक मिनट से अधिक हम किसी एक विषय पर तो सोच ही नही सकते ।
हम जब तक रिल्स देख रहे होते हैं हमारा मस्तिस्क उसके विषय में सोचता है, जो हम देख रहे होतें हैं । परंतु किताबें, जिसमे प्रत्येक शब्द लिखे हुए हैं, उसे आप बार-बार पढ़ सकते हैं । उसे सोच सकते हैं । उसके अनुसार आप अपने जीवन को सक्रिय कर सकते हैं । यह जो मोबाइल फोन का दौर है, यह हमे उस अंधकार के तरफ ले कर जा रहा है जहाँ चारो तरफ कोई भी चराग़ नही । पुस्तकें मनुष्य का मार्गदर्शक हैं । ऐसा नहीं की मै पुस्तकें लिख रहा हूँ तो ही ये सारी बातें कर रहा हूँ! यदि आप इस बात का विचार करना चाहे तो भी नही कर सकते । और नाही यहा तक पहुँच सकतें है जहाँ तक हमने यह कल्पना की है । हम आधुनिक दौर मे जरूर जा रहे हैं परंतु यह भी सत्य है की हम अपने आप को कहीं खो रहें है ।
चलिए जरा सा सोच कर देखिये –
यदि गूगल बंद हो जाय ! यदि इंटरनेट काम ना करे तो हमारा क्या अवस्था हो जायेगा ।
जब मोबाइल का डाटा (इंटरनेट) समाप्त होता है तो इसके बगैर हम इक दिन नही रह पाते, कैसे भी हमे रिचार्ज करवाना ही है । इसका अर्थ यह है की हम किसी के अधीन होते जा रहें हैं । हमारी मानसिकता , हमारे मस्तिस्क पर किसी और का अधिकार हो रहा है । हम मानसिक रूप से किसी और का गुलाम होते जा रहें हैं । आप अपनी आँखें खोलिए और देखिये । हम 1947 मे आजाद हुए थे सत्य है मगर अब फिर हम खुद को गुलामी की तरफ ले जा रहें हैं , आधुनिकता समझकर ।
✍️😰✅🤔 Author Munna Prajapati
#PostViral #healthy #Risky #life #lifestyle #bad #harmful #mobiles #network
#virals
- Chakravyuh
- ये क्यों है
- #lyrics #bolbamsong भोले बाबा के अधीन रजउ...
रिम झिम बरसे देखs सावन ई सुहानी,
देवघर चलs किरपा, करिहे भोलेदानी,
देतs एगो गेरुआ साड़ी ..किन ए रजउ...
तs हमनी रहब असो बाबा..के अधीन ए रजउ...
उठाईब कावर असो जालवा चढ़ाईब्,
भांग बेल पतर से शिव के गोहराइब् ।
उहे दूर करिहें दुखवा के...दिन ए रजउ....
तs हमनी रहब असो बाबा..के अधीन ए रजउ... ।
बोल बम बोलत चलब रहिया डगरिया,
थाकी ना पईंया सईया बाबा के नगरिया ।
होई गईनी भगती मे....लीन ए रजउ.....
तs हमनी रहब असो बाबा.. के अधीन ए रजउ..... ।
बाड़s तु नादान पिया जनलs ना माया,
नीला कइसे होई गईले विषधर के काया ।
विष पियले घडा़ भरी... देव लोग से छीन ए रजउ...
तs हमनी रहब असो बाबा के.. अधीन ए रजउ... ..।
✍️Author Munna Prajapati
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नोट :- यदि इस गीत को आप व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकते हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद । हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏
- गलत लोगों का साथ रहना, बहोत हानिकारक है, ख्याल करें :-
मैं आपसे दिल की बात करूंगा। वो बात जो शायद आप सुनना नहीं चाहते, पर जो सच है।
जानते हो, जिंदगी एक सफर है। और इस सफर में हमारे साथी कौन हैं, ये बहुत मायने रखता है।
मुझे याद है, मेरा एक दोस्त था - अमन ( कल्पनिक नाम)। कितना होशियार था वो। लेकिन फिर क्या हुआ? गलत दोस्तों के चक्कर में फंस गया। धीरे-धीरे नशे की गिरफ्त में आ गया। आज जब उसे देखता हूं तो दिल दुखता है। वो चमकती आंखें अब खाली सी हो गई हैं।
फिर सोनू की कहानी है ( मैने कहीं पढ़ा है )। प्यार में अंधा होकर एक ऐसी लड़की से शादी कर ली जो उसे समझती ही नहीं थी। आज वो घर में रहता है, पर अकेला महसूस करता है। उसकी मुस्कुराहट कहीं खो गई है।
और रीना (यह उदाहरण ली गई है )? उसने अपने माता-पिता की बात मानकर एक ऐसे शख्स से शादी कर ली जो उसे पसंद ही नहीं था। आज वो जिंदा है, पर जी नहीं रही।
मैं ये सब देखकर सोचता हूं - क्यों हम अपनी जिंदगी को इतना कम आंकते हैं? क्यों हम गलत लोगों को इतनी अहमियत देते हैं?
दोस्तो, समझो। गलत लोग सिर्फ हमारा वक्त ही नहीं बर्बाद करते, वे हमारी रूह को भी तोड़ देते हैं। वे हमारे सपनों को कुचल देते हैं। हमारी हंसी छीन लेते हैं।
लेकिन याद रखो, अभी भी देर नहीं हुई है। अगर आप गलत लोगों से घिरे हुए हैं, तो बाहर निकलने की हिम्मत जुटाओ। हां, मुश्किल होगा। दर्द होगा। लेकिन ये दर्द उस दर्द से कम होगा जो आप अपनी पूरी जिंदगी गलत लोगों के साथ रहकर झेलोगे।
अपने आप से प्यार करो। अपने सपनों को अहमियत दो। सही लोगों को अपनी जिंदगी में जगह दो। वो लोग जो आपको ऊपर उठाएं, आपको प्रेरित करें, आपकी खुशियों में खुश हों।
क्योंकि अंत में, जिंदगी बहुत छोटी है। इसे उन लोगों के साथ जियो जो इसे खूबसूरत बनाते हैं, न कि बर्बाद करते हैं।
माँ बाप को भी अपने बच्चों के प्रति विचार करने का आग्रह करता हूँ । जो अपने बच्चों को पुराने उसूलों पर चलाते हैं और अपने अनुसार उनके भविष्य को निश्चित करना चाहते हैं ।
नही ऐसा क्यूँ होगा कोई, हर एक इंसान अलग अलग खूबियों से सुसज्जित है उसे अपने खूबियों पर काम करने दीजिये, वो एक दिन सर्वश्रेष्ठ साबित होगा ।
अगर आप मे काबिलियत है और आप उस जगह पर नहीं हैं तो क्यूँ नही हो! सोचो तुम्हे वही पर होना है, अगर तुम कहीं और हो तो क्यूँ!
तुम कभी सफल नही होंगे । जीवन भर संघर्ष ही संघर्ष रहेगा । कभी दिल को खुशी नही मिल सकती ।
ख्याल करो, सोचो और जो हुनर तुम मे है उसके साथ आगे बढ़ो । जो लगे की तुम्हारे लिए सही नही है, उससे खुद को किनारा कर लो । दूर हो जाओ । संगत का प्रभाव इंसान को ले डूबता है कहीं का नही छोड़ता । ये मेरी बातें कहीं लिख लेना और जीवन भर याद रखना ।
मै उतना बड़ा ज्ञानी तो नही परंतु जो मन में आया मैने समझाने की कोशिश की है अब आगे आपकी इच्छा । धन्यवाद🙏
✍️ Author Munna Prajapati
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