Meaning of अपने आप या स्वत: समाप्त होने वाला in English
- A voluntary at the end of a service.
Meaning of अपने आप या स्वत: समाप्त होने वाला in English
English usage of अपने आप या स्वत: समाप्त होने वाला
Synonyms of ‘अपने आप या स्वत: समाप्त होने वाला’
Antonyms of ‘अपने आप या स्वत: समाप्त होने वाला’
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चलो उम्र ना सही,
मेरा एक लम्हा तो सवारा है तूने,
वादा किए आखिरी सास तक की,
पर होते ही उड़ गए...
चलो जिंदगी का,
एक पल तो गुजारा है तूने ।
तबाह कर गया मुझको,
लब्जों मे बया भी नही कर सकता,
किया कितना खसारा है तूने,
पतझड़ का मौसम हो गयी है जिंदगी,
मेरा छीना एक - एक सहारा है तूने ।
मेरी मुश्किलें... उम्र के साथ
बढ़ती जा रही है,
कैसे कह दूँ...
दर्दों से मुझको उबारा है तूने,
जो तुम चल दिये..
अपनी यादों को भी लेकर जाते,
खुद को बसाकर...
अपने दिल से मुझको, नकारा है तूने ।
ये हवाएँ... ये फिजायें...
खुशबु नही लाती... अब...
पहले की तरह,
लगता है गुलशन को भी
बदन से उतारा है तूने,
वो लबों की मुश्कान तेरी...
ख्वाबों मे भी दिल को चिर जाती है,
जाने क्यूँ... और कैसे...
मेरी मोहब्बत को, किया किनारा है तूने ।
वफा, एहतराम.. जो कुछ भी है,
तेरे - मेरे दरमियाँ.. इश्क़ में
सारा का सारा.. हमारा है,
ऐ साथी , साथ छोड़ जाना तेरा,
हर शाम गुजारती है मयखाना मेरा,
संभलना कहीं तुझे भी
कोई छोड़ ना जाए...
किया गलत इशारा है तूने ।
वादा किये आखिरी सास तक की
पर होते ही उड़ गए,
चलो जिंदगी का....
एक पल तो गुजारा है तूने..... ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#post #virals #love #sadness #new #sad #sadlife
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- #lyrics परछायीयों से तस्वीर बनाते हो.. 😥👌👇👇
क्या गजब का हुनर दिखाते हो,
परछाईयों से तस्वीर बनाते हो ।
एक बात थी मन में, पूछनी थी तुमसे,
हिल जाए कागज, गर जो अपने तल से,
तो फिर उसे खिच चुकी लकीरों से
कैसे मिलाते हो .....
क्या गजब का हुनर दिखाते हो,
परछाईयों से तस्वीर बनाते हो ।
चलो बन जाती है तस्वीर, किसी की,
क्या तुम बता पाओगे, गर पूछी जाए,
बातें उसी की,
जरा बताओ आँखों की इन, धारियों
को कैसे मिलाते हो....
क्या गजब का हुनर दिखाते हो,
परछाईयों से तस्वीर बनाते हो ।
दिल, जिगर, भीतर के जज्बात तो
नही बन पाते होंगे,
कौन, कहाँ और किधर, किसका क्या है
हालात, तो नही जान पातें होंगे,
जरा बताओ हमे, दिल का दर्द
कैसे बनाते हो....
क्या गजब का हुनर दिखाते हो,
परछाईयों से तस्वीर बनाते हो ।
अभी सूरज है, साया है,
दिन के उजालों में,
रैन बसेरों मे, उठते शबेरों मे,
एक जो साया देखा था खयालों मे,
क्या तुमने कभी कोई,
चेहरा शुबसुरत बनाया है प्यालों मे,
पूछना था तुमसे के तुम,
चेहरे की मायुशी कैसे बनाते हो....
क्या गजब का हुनर दिखाते हो,
परछाईयों से तस्वीर बनाते हो.... ।।
Note :- please don't copy, share direct 🙏
कोई गायक इस गीत को अपनी आवाज दे सकता है, अनुमति है, हमे सूचना देकर ।
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- #story
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- मैने अपने ख्यालों मे कुछ लिखा है... ✍️
पढूँ ... तुम सुनना चाहोगी क्या..,?
- #poetry #hindi "एक शवाल है..... "
मै बेचारा, नकारा फिर रहा हूँ,
कोई नहीं अपना, मारा मारा फिर रहा हूँ,
मेरे अज़ीज़, मेरे नशीब, मेरे रचित
सब बिछड़ गए मुझसे,
मै दिल का अमीर, हालातों से हारा हूँ,
बहोत शोर है भीतर, कुछ भी नहीं
आ रहा है नजर,
जरा सी दिल ए शुकुन चाहिए....
कोई अपने सीने से लगाकर, जीने का
जुनून देगा क्या...... ! एक शवाल है..
आता है खयालों मे कोई, और वो
बेहीशाब आता है,
रात तो छोड़ो, दिन मे भी,
मेरा महताब आता है ,
लिखता हूँ खत मै, तंहाईयों मे,
खामोशियों मे जबाब आता है,
कौन चाहता है फकीर, यहाँ तो
हर एक के ख्वाबों में नबाब आता है,
कौन है अपना यहाँ, कौन है!
मै बिखर सा गया हूँ,
जरा सी दिल ए शुकुन चाहिए....
कोई सीने से लगाकर, जीने का
जुनून देगा क्या.... । एक शवाल है...
क्यूँ है ऐसे लोग, क्यूँ कोई
सिर्फ अपना देखता है,
क्यूँ टूटता है जब कोई,
साथ सपना देखता है ।
मै अब अंधेरों में पल रहा हूँ,
हर पल कतरा - कतरा जल रहा हूँ,
अब कोई मंजिल नही रही.. मै तो
युहीं अनजानी रास्ते पर चल रहा हूँ ।
क्या होगा, जो होना था हो गया,
उम्र तो किसी की यादों में खो गया,
ये दुनिया मुझे, अधूरी लग रही है,
मौत से मौत की भीख मांग रहा हूँ...
जरा सी दिल ए शुकुन चाहिए..
कोई सीने से लगाकर, जीने का
जुनून देगा क्या.... । एक शवाल है...
✍️ Author Munna Prajapati
#post #writing #poem #life #imotional #writer #virals #sad #writerslife #love
- समाना हृदयानि वः
- Student Motivated peom..
- शीर्षक :" ये मसला सिर्फ हँसी का है "
तु आसमा क्यु तकता है,
हर एक लफ्ज़ तो इस ज़मी का है ।
तु इतना क्यूँ सोचता है,
ये मसला सिर्फ हँसी का है ।
यू देख कर सितारों को,
क्यु नम करता है,पल्कों के किनारों को,
जरा देख इन खूबसूरत नजारों को,
बाग में और भी फुल हैं,
क्यु उलझा है, ये दुनिया का उसूल है,
खुद ब खुद भर जायेगा, तु फिकर ना कर,
भूल जा दिल के दरारों को ,
ये असर इश्क़ मे मयकशी का है..
तु आसमा क्यु तकता है,
हर एक लफ्ज़ तो इस जमी का है,
तु इतना क्यु सोचता है.... ।।
जो चले गए वो नही हैं , जिंदगी निवाहने वाले,
कोई और होगी रहगुजर, दुनिया बहुत बड़ी है,
बहोत मिलेंगे चाहने वाले,
तु खुद से ना खुद को इतना सता,
तेरी आँखों में कोई खोट नही
ये बात अपने दिल को तो बता,
अब यहाँ ऐसे ही होता है, कहाँ
अब कोई किसी के लिए रोता है,
खुद को मजबूत कर, उसको हटा,
रात गुजार, सुबह होते ही बाग मे
एक फुल खिल जायेगा,
यकीन कर, खुद पर, खुदा पर,
उससे बेहतर कोई मिल जायेगा,
तु बस उसी का नाम क्यु जपता है..
यूँ खामोशी मे आसमा क्यु तकता है,
सारा मसला तेरी मायूशी का है,
तु इतना क्यु सोचता है,
ये मसला सिर्फ हँसी का है ।।
तु जी कर तो देख पहले की तरह,
नजारों मे कोई कमी नही होगी,
मै लिख कर देता हूँ तुझको,
फिर कभी नजरों मे नमी नही होगी,
वहम है, सारे गम, हमी को है...
तु इतना क्यु सोचता है,
हर लफ्ज़ तो इस ज़मी का है ,
हुआ कुछ नही, ख़ाब भूल कर तो देख,
ये मसला सिर्फ तेरी हँसी का है.. ।।
( Don't copy please.. Share direct)
IG : @meri_lekhani_
Author Munna Prajapati
#post #poetry #poetrychallenge #poetrylovers #poem
- सृष्टि भी स्त्री है
- भारत के वीर .…..रक्षक
- चाह
- #poetry "१५ अगस्त.... "
आज वह शख्स भी आजादी की
गाथाएँ गाते हुए नजर आया,
जिसने जाती और मजहब मे
लोगों को उलझा कर रखा है ।
उसने हमेशा बतलाया है के तुम बड़े हो,
तुम्हे बड़ा होना चाहिए और
सबसे आगे होना चाहिए,
तुम हिंदू हो तुम मुश्लिम हो
तुम सिख हो तुम ईसाई हो,
और आज मंच पर, कुछ लोगों के बीच
कह रहा था के हम भारत वासी एक हैं ।
जो अपने फायदे के लिए अपनी
शान के लिए, अपने पद के लिए
जाने कितनों को मौत के घाट उतार दिया होगा!
वह शख्श आज मंच पर, तिरंगे के सामने
इस देश को मजबूत बने रहने का
शिक्षा दे रहा था ।
जो हमेशा लोगों को कम शिक्षित
रखने का उपाय ढूंढता रहा, वह
आज मंच पर विद्यार्थियों के सामने
उच्च शिक्षा पाने की हौशला दे रहा था ।
कुछ शहीदों के बारें मे, उनका चरित्र
चित्रण कर रहा था, अल्पज्ञ लोगों को
समझा रहा था, आजादी कैसे हुयी
इसकी गाथा सबको सुना रहा था जिसने
अपने कर्मों का किताब कहीं
छुपा कर रखा है ।
बहोत बड़ी बड़ी बातें की उसने,
वह सब उसकी जुबानी थी, और
सच तो ये है की वह सब किसी की
लिखी हुयी कहानी थी ।
उसने ये नही कहा कि अस्पताल में,
मरीजों (गरीबों ) को क्यूँ रुलाते हो,
उचे पद पर बैठकर लूट पाट क्यूँ मचाते हो,
किसी मशले को हल करने मे
इतना वक़्त क्यूँ लगाते हो ।
वो लोग भी क्या अजीब थे
जो उसके चिकनी बातों के करीब थे,
तालियां बज रही थी, जय हिंद के
नारे भी लग रहे थे परंतु.....
हिंदुस्तान को जिताने का या फिर
जश्न ए जीत का भाव किसी के
दिल मे नहीं था ।
सब इसी मे डूब गए, के, कब, कैसे
और किसने आजादी दिलायी,
कितनी मुशक्कत् स्वतंत्रता सेनानियों ने
उठायी... बस इन्ही सब बातों पर
हम सबको फुसला कर रखा है ।
आज वह शख्स भी आजादी की
गाथाएँ गाते हुए नजर आया, जो
इस जमी का खाता है, इसी जमी पर
रहता है, हम लोगों के बीच जीता है मगर
भला सिर्फ अपना सोचता है,
मै भी चाहता हूँ,
आजादी की शुभकामनाएँ दूँ... पर
किसे दूँ.... किसे....... 😥
✍️ Author Munna Prajapati
#post #positivity #PostViral #poem #realtalk #reallife #public #truth #writer #life #virals
- जब उतारती होगी अपने बदन से कपड़े.... ✍️😰💔✅✅
Author Munna Prajapati
#post #love #hindi #virals #viralpost #writting #gulzarsahab
- हमारी सभी बहनों के लिए यह जनकारी अवश्यक् है :-
पिछले 3 साल का डाटा, 43 लाख लड़कियों में बाझपन और 30 लाख में कैंसर पाया गया... वैलेंटाइन के बाद मुश्किल से 10 दिन के अंदर गायनेकोलोजिस्टो के पास लड़कियों की भीड़ लग जाती है...
टीवी पे ऐड आता है सिर्फ एक कैप्सूल से 72 घंटो के अंदर अनचाही प्रेगनेंसी से छुटकारा...
बिना दिमाग की लडकिया, ऐसी गोलियां जिसका न कम्पोजीशन पता होता है न कांसेप्ट…
बस निगल जाती हैं…
इन फेक गोलियों में आर्सेनिक भरा होता है यह 72 घंटो के अंदर सिर्फ बनने वाले भ्रूण को खत्म नही करता बल्कि पूरा का पूरा प्रजनन तंत्र ही खत्म कर देता है…
शुरू में तो गोलिया खाकर सती सावित्री बन जाती हैं लेकिन शादी के बाद पता चलता है ये अब माँ नही बन सकती…
तो सबको पता चल जाता है इनका भूतकाल कैसा रहा है, पर कोई बोलता नही जिन्दगी खुद अभिशाप बन जाती है…
सरकार हर साल मातृत्व सुरक्षा, जननी सुरक्षा, बेटी बचाओ जैसी योजनाओ के नाम पर करोड़ो रुपयेफुक देती है।
आज हालत ये हैं 13-14 साल की बच्चिया बैग में i-pill लेकर घूम रही है ये मरेंगी नही तो क्या होगा…
और ऐसी जहरीली चीजे वैलेंटाइन पर मेडिकल माफिया भारतीय बाजारों में जानबुझकर उतारता है...
क्युकी सबको पता है, भारत में बुद्धिजीवी वर्ग का कोई मान नही होता... पहले ये लड़कियों को जहर खिलाकर बीमारी देते हैं... फिर उसकी दवाई बेचकर अरबो रूपये कमाते हैं... जिसमे नेता भी कमाई करते हैं... क्युकी ऐसे जहर को बेचने का परमिट और उनकी चेकिंग न करवाने का काम नेता ही कर सकते हैं...
बेटी आपकी, तो उसकी जिम्मेदारी भी आपकी... इस वैलेंटाइन उसके पीछे संत महापुरुष का ही नही बल्कि आप खुद सजग रहोगे, देखने पर विरोध करोगे।
समय है वेलेंटाइन जैसे कुकर्म को बढ़ावा देने वाले घटिया मानसिकता की जगह जगह अपने माता पिता का पूजन कर देश की युवा पीढी को सुदृढ़ बनाने का...
या फिर अगर चाहते हो आपकी बेटे बेटी जमके अय्याशी करे, और बाद में कैंसर, बाझपन, STD की वजह से मर जाए और आपका बोझ हल्का हो... तो एक ही बार में सल्फास दे दो...
समस्या आपके बेटी की अय्याशी और उसके मरने से नही, समस्या होती है, जो दवाईया बेचकर विदेशी कम्पनिया हर साल हमारे देश का अरबो रुपया लुट लेती हैं उससे है... आज कल की सच्चाई।
सभी बहनों के हित मे, यह जनकारी समर्पित किया है ।
सतर्क रहो, भूलकर भी यह गलती मत करना वरना जीवन भर पछताना पड़ेगा.... ।
जनकारी स्रोत : गूगल कोरा..
- दिल तो है दिल
- समय बहोत कीमती है, समझो :-
आज मैं आपसे एक ऐसी बात करूंगा जो शायद आपको चुभेगी, पर सच है। समय की कीमत न समझने से जिंदगी बर्बाद हो जाती है। आपके पास समय नही है यह पढ़ने के लिए मै जानता हूँ । नृत्य कलाओ (अर्धनग्न) को देख कर आँखे तृप्त होती हैं न आपकी, यही जीवन है और शायद आप यही तक सीमित रह जायेंगे । क्या आवश्यकता है कुछ करने की, कुछ सोचने की, जीवन तो कट ही रहा है और कट भी जायेगा ।
(१) कल्पना करो एक ऐसे शख्स की, जो हर रोज सोचता है - कल से सुबह जल्दी उठूंगा, एक्सरसाइज करूंगा। पर वो कल कभी नहीं आता। धीरे-धीरे वो मोटा होता जाता है, बीमार पड़ता है। और एक दिन डॉक्टर कहता है - अब बहुत देर हो गई।
(२) फिर सोचो उस लड़की/ लड़का के बारे में, जो हर दिन अपने पिता से कहती / कहता है - पापा, कल आपके साथ पार्क चलूंगी/ चलूँगा। पर वो कल कभी नहीं आता। एक दिन पिता चल बसते हैं, और वो लड़की पछताती रह जाती है।
(३) सोचो उस पति के बारे में, जो हर रोज अपनी पत्नी से कहता है - बस कुछ दिन और, फिर तुम्हारे साथ वक्त बिताऊंगा। पर वो दिन कभी नहीं आते। और एक दिन पत्नी किसी और के साथ चली जाती है, और वो अकेला रह जाता है।
ये सब कहानियां अलग-अलग लग सकती हैं, पर इनमें एक बात कॉमन है - समय की कीमत न समझना। समय हम सबके लिए कीमती है, अलग-अलग है परंतु है ।
हम क्या करते हैं ? हर पल को अगले पल के लिए जीते हैं। स्कूल में सोचते हैं कॉलेज के बारे में। कॉलेज में जॉब के बारे में। जॉब में रिटायरमेंट के बारे में। और फिर ? फिर वक्त खत्म हो जाता है।
समय किसी का इंतजार नहीं करता। वो बस बीतता जाता है, चुपचाप, लगातार। और एक दिन हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो पाते हैं कि जिंदगी कब बीत गई, पता ही नहीं चला। वक़्त गुजर जाने के बाद पछतावा होता है कि काश मै वो कर लिया होता!
याद रखो, जिंदगी सिर्फ सांसों की गिनती नहीं है। ये उन पलों की गिनती है जो तुम्हारी सांस रोक दें। जो तुम्हें जीवंत महसूस कराएं।
तो क्या करें ???? 🤔
अभी जियो। हां, भविष्य के लिए प्लान करो, पर वर्तमान को मत भूलो। रोज कुछ ऐसा करो जो तुम्हें खुशी दे। खुशी मे सिर्फ खुद की खुशी नही होती कुछ अपनों की भी खुशी शामिल होती है । चाहे वो 5 मिनट ही क्यों न हो।
अपनों के साथ वक्त बिताओ। फोन रखो और उनसे बात करो। याद रखो, रिश्ते वक्त मांगते हैं, पैसे नहीं। और कोई रिश्ते ऐसे हैं भी जो सिर्फ पैसे मांगते है तो उन्हे वह भी देकर खुश रखो, उसमे क्या जाता है! परंतु एक सीमा मे ।
और सबसे जरूरी, खुद के लिए वक्त निकालो। वो किताब पढ़ो जो तुम पढ़ना चाहते थे। वो जगह घूमो जहां तुम जाना चाहते थे। हर व्यक्ति की खुशी किसी ना किसी एक चीज की जरूर होती है । शौक होती है कुछ खुद के लिए, अपने मन की खुशी के लिए करने की, वो जीवन जो तुम स्वतंत्रता से जीना चाहते हो । जियो, इन सबके लिए कुछ पल निकालो और जियो ।
क्योंकि अंत में, जब तुम पीछे मुड़कर देखोगे, तो तुम उन पलों को याद करोगे जो तुमने जिए, न कि उन पलों को जो तुमने टाले।
बहोत कीमती है इस जीवन का हर एक पल, कभी कोई एक पल भी बेवजह मत गुजरने दो । संभालो , संभलो और चलते रहो । कभी थकना नही, जो एक पल के लिए रुके, तुम मिलों दूर हो जाओगे । खयाल रहे ।
तो आज से, अभी से, इसी पल से जीना शुरू करो। क्योंकि कल किसने देखा है !
✍️ Author Munna Prajapati
- #lyrics #hindi चलो चलें कहीं दूर हम....
चलो चलें इस जहाँ से कहीं दूर हम...
इश्क़ करने वालों को मिलता है यहाँ पे गम...
चलो चलें इस जहाँ से कहीं दूर हम...
इश्क़ से बने इश्क़ मे पले फिर भी
जाने क्यूँ आशिकि से जलता है जहाँ..
जुदा हुए गर जो हम, मर जायेंगे हमदम
खुदा की कसम हमे इश्क़ है बेपनाह.....।
आशिकों की जान लेती है ये दुनिया बेरहम....
चलो चलें इस जहाँ से कहीं दूर हम
इश्क़ करने वालों को मिलता है यहाँ पे गम.... ।
खुल के नाचे गायें इन वादियों मे
मोहब्बत के लिए मौसम सुहानी है..
बीत ना जाए जवानी के दिन, बहोत
छोटी सी जिंदगानी है..... ।
संभलना कहीं फिसल ना जाए अपने कदम...
चलो चलें इस जहाँ से कहीं दूर हम
इश्क़ करने वालों को मिलता है यहाँ पे गम..... ।
उम्र भर हम उड़ें इन बादलों के तले
इश्क़ समंदर ना कोई किनारा हो...
फूल खिले गुलशन मे, कहीं
मदभरी फिज़ाओं का इशारा हो..... ।
आखिरी सांस तलक साथ रहें,
मिले साथ फिर अगले जनम...
चलो चलें इस जहाँ से कहीं दूर हम
इश्क़ करने वालों को मिलता है यहाँ पे गम.... ।
~ मुन्ना प्रजापति (उ. प्र.)
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नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकते हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 +९१७८९७८६८६२५
- मेरे छूट जाने का एहसास
- शीर्षक:"चाहे लिखूँ या रखूँ जेहेन् मे अपने "
वो कुछ भी करे, कुछ भी कहे मुझको,
फिर भी मै फिक्र उसी की करता हूँ ।
चाहे कुछ लिखूँ या रखूँ जेहेन मे अपने..
पर हर बात पे जिक्र, उसी की करता हूँ ।।
मुझसे, वो इश्क़ करे या ना करे,
चलो मै तो करता हूँ... ।
वफा, इश्क़ निभाने की बात तो बहोत छोटी है,
मै.... मै तो उसपे जान से मरता हूँ ।।
मै तबाह हो जाऊँ, कोई मलाल नहीं मुझको,
पर उसके आशुओं से डरता हूँ ।
मै जागूँ या सोया रहूँ....
पर खयालों मे उसी के रहता हूँ ।।
उसे गुरुर है अपने हुश्न पर, दुआ है
उसका गुरुर बरकरार रहे...
मेरा क्या... मै तो कैसे- कैसे
गुजर - बसर करता हूँ ।
अब कोई मेरे साथ भला करे या बुरा
क्या फर्क पड़ता है...
मै.... मै तो बस मोहब्बत- ए- नजर करता हूँ ।।
Author Munna Prajapati
#post #love #writing #writes #life #new #virals #poem #poetrylovers #poetrychallenge
- ओ चंदा 🌜
- #poetry शिर्षक "गुजर रहा है अब मोहब्बत का जमाना "
अब गुजर रहा है वो जमाना,
अब किसी पर भी यकीन नही करेगा कोई....
झूठा साबित हो रहा है, अब तो प्रेम का पैमाना,
अब रिश्तों मे बगैर मुनाफे के,
कोई सीन नही करेगा कोई ।।
ये पीढ़ी आखिरी थी, दिल को दुखा लिया हमने,
अपने आखों के आँशु, आँखों मे ही सुखा लिया हमने,
अब तो लोग जिश्म से खेलेंगे और चलते बनेंगे...
जो जल रहा था चराग़, आशियाने मे,
अब तो उसे भी बुझा लिया हमने ।
गर जिंदा रहा तो देखूंगा, तुम्हारे बच्चों का कारनामा.. ...
यकीन मानो मर्द का,हर रात रंगीन करेगा कोई....
अब गुजर रहा है वो जमाना,
अब किसी पर भी यकीन नही करेगा कोई.. ।।
तुम देखना कुछ ही सालों मे,
कोई आये - जाए नही रह पायेगा मलालों मे,
हर रोज दूसरा होगा, निगाहों के इन खयालों मे,
तुम ढुंढोगे पुस्तक के पन्नों मे,
जबाब रहेगा पूछे गए शवालों मे ।
तुम डाटते रह जाओगे,
तुम सिखाते रह जाओगे..
कुछ असर नहीं करेगा तुम्हारा ताना ...
यकीन मानो तुम्हारे उसूलों का तौहीन करेगा कोई...
अब गुजर रहा है वो जमाना,
अब किसी पर भी यकीन नही करेगा कोई.. ।।
इश्क़ नही, जिश्म की चाहत पूरी की जायेगी,
नये जमाने के नाम पर, हर कहानी अधूरी की जायेगी,
अपनापन मिट जायेगा, रिश्तों की अहमियत मे दूरी की जायेगी,
ना चाहते हुए भी, कुछ अजीब
चरित्रों की मंजूरी दी जायेगी ।
खत्म होगा मोहब्बत करने और निभाने का अफसाना...
यकीन मानो उम्र से पहले मिलकर,
खुद को हसीन करेगा कोई....
अब तो गुजर रहा है वो जमाना,
अब किसी पर भी यकीन नहीं करेगा कोई.. ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#post #love #life #view #virals #Real #truth #new #future #writes #writing
- संभलता रहा फिसलता रहा
- हमे अपने खयालो मे कौन लायेगा जनाब... 🌹😰😢🥀🥀
#post #love #virals #new #sad #brockenheart
- आज कल न इस जगत में सब कुछ उल्टा हो रहा है /-
कोई नीति जब बनती है तो लगता है की यह सही है, हितकर है परंतु कुछ समय बाद पता चलता है की उस पर लागू नहीं होती जिसने उसे बनाया है । तो फिर.... 🥺
नदियों को माता कहा जाता है और देखें तो औसत रूप से नदियों को गंदा और दूषित करने मे हमारा ही हाथ है । तो फिर... 🥺
ये धरती हमारी माँ है । हम इसकी पूजा भी करते हैं और इस धरती पर सबसे ज्यादा दुष्कर्म ,हम ही कर रहें हैं । तो फिर...... 🥺
हमेशा प्रकृति के प्रतिकूल काम कर रहें हैं । और फिर कह रहें हैं की प्रकृति बदल रही है । नहीं....
उसे बदलने पर हम मजबूर कर रहें हैं । तो फिर..... 🥺
कोई चोर यु ही नही बनता है खुद से, गुनहगार खुशी से कोई गुनाह नही करता । उसके सामने हम ऐसे हालात खड़ा कर देते हैं की वह चोरी करता है या कोई गुनाह कर बैठता है । तो फिर.... 🥺
सामने वाला हमे इज्जत, सम्मान, प्यार जरूर देता और मुख्य रूप से देता भी है परंतु हम ही उसे बेशर्म और क्रूर बनने पर मजबूर कर देते हैं, उसे प्रतिउत्तर मे अपमान परोशकर । हम सामने वाले को अपने धन का, पद, प्रतिष्ठा का ,शक्ति का प्रताडन देकर । तो फिर... 🥺
प्रेम प्राकृतिक है । यही सृष्टि का एक मात्र आधार है । यह समाप्त हो गया अगर तो हमारा अस्तित्व समाप्त हो जायेगा । मोहब्बत करो और करने दो एक दूसरे से , मगर ...
तुम तो नफ़रत दिलों में पाल रहे हो । तो फिर.... 🥺
संत ने कहा, यह दुनिया मोह माया से घिरी हुयी है । दूर निकलो इन भावनाओं से, और तुम निकल गए । क्यूँ नही सोचा उसके बारे में, जिसने तुम्हे जन्म दिया और इस सोच के काबिल बनाया । वह स्त्री जिसको तुमने व्याह कर लाया । वह शिशु जो तुम्हारे नाम से इस धरा पर आया । तो फिर..... 🥺
✍️ Author Munna Prajapati #PostViral #post #realtalk #reallife #thoughts #writer #india #culture
- मेरी ये बातें हमेशा याद रखना..
- किताबें पढने के लिए वक़्त कहाँ है किसी के पास, पूरी दुनिया तो परदे पर दिखायी जाने वाली काल्पनिक चलचित्रों के पीछे दौड़ रही है और अपने आप को अंधकार में लेकर जा रही है । जो जो वास्तवीक ज्ञान पुस्तकों में है वो चलचित्रों मे नही । आप एक मिनट से कम समय की वीडियो देखतें हैं और प्रत्येक मिनट के बाद दूसरी वीडियो देखतें हैं इनके बीच आप अपने मस्तिस्क की स्थिरता को बड़ी तेजी से बदलतें है ।
लगातार एक प्रभाव, दूसरा प्रभाव फिर तुरंत तीसरा प्रभाव, ऐसे ही लगातार स्थिरता, अपनी सोच, उद्देश्य, लक्ष्य आदि को बदलतें हैं जिसके वजह से आप अपने जीवन मे किसी एक लक्ष्य पर स्थिर नहीं रह पाएंगे । स्वभाविक सी बात है इस तरह की क्रियाएँ आपकी स्थिरता को भंग करती है और आप खुद को रोक नही पाते । जब कोई चीज थोड़ी सी ज्यादा समय लेती है या फिर समझ में नही आती तो आप उसे तुरंत छोड़ देते हैं । परंतु आप उसे समझने या किसी एक ही विषय पर गहरा अध्ययन करने की कोशिश नही करते । इंसान की यह सबसे बड़ी दुर्बलता है । जिससे कि वह अपने लक्ष्य को पाने मे चुक जाता है ।
कोई भी बड़ी चीज क्षणिक सोचने से या क्षणिक अध्ययन से पूर्ण नही होती उसके लिए वक़्त चाहिए होता है । और यह तो हमारे मस्तिस्क से निकल चुका है । एक मिनट से अधिक हम किसी एक विषय पर तो सोच ही नही सकते ।
हम जब तक रिल्स देख रहे होते हैं हमारा मस्तिस्क उसके विषय में सोचता है, जो हम देख रहे होतें हैं । परंतु किताबें, जिसमे प्रत्येक शब्द लिखे हुए हैं, उसे आप बार-बार पढ़ सकते हैं । उसे सोच सकते हैं । उसके अनुसार आप अपने जीवन को सक्रिय कर सकते हैं । यह जो मोबाइल फोन का दौर है, यह हमे उस अंधकार के तरफ ले कर जा रहा है जहाँ चारो तरफ कोई भी चराग़ नही । पुस्तकें मनुष्य का मार्गदर्शक हैं । ऐसा नहीं की मै पुस्तकें लिख रहा हूँ तो ही ये सारी बातें कर रहा हूँ! यदि आप इस बात का विचार करना चाहे तो भी नही कर सकते । और नाही यहा तक पहुँच सकतें है जहाँ तक हमने यह कल्पना की है । हम आधुनिक दौर मे जरूर जा रहे हैं परंतु यह भी सत्य है की हम अपने आप को कहीं खो रहें है ।
चलिए जरा सा सोच कर देखिये –
यदि गूगल बंद हो जाय ! यदि इंटरनेट काम ना करे तो हमारा क्या अवस्था हो जायेगा ।
जब मोबाइल का डाटा (इंटरनेट) समाप्त होता है तो इसके बगैर हम इक दिन नही रह पाते, कैसे भी हमे रिचार्ज करवाना ही है । इसका अर्थ यह है की हम किसी के अधीन होते जा रहें हैं । हमारी मानसिकता , हमारे मस्तिस्क पर किसी और का अधिकार हो रहा है । हम मानसिक रूप से किसी और का गुलाम होते जा रहें हैं । आप अपनी आँखें खोलिए और देखिये । हम 1947 मे आजाद हुए थे सत्य है मगर अब फिर हम खुद को गुलामी की तरफ ले जा रहें हैं , आधुनिकता समझकर ।
✍️😰✅🤔 Author Munna Prajapati
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- वो सर्द रात- 11
- तुम खुद में नहीं किसी और में हो
- इच्छा
- मनुष्य के जीवन में अभाव के अभाव में कभी अभाव नहीं होगा
- आप बस अपने परवरिश पर
भरोशा रखना पापा...
आपके बच्चे वह कभी नहीं करेंगे
जो गलत है ... 🙏
~ मुन्ना प्रजापति
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- दिल की बात
- वैष्णव माता द्वारा श्री राम प्रभू को प्रणय निवेदन
- मोदी को सुझाव
- भरे-भरे
- लघुकथा। "अब क्या करे"
- वर्ष (2022)के समाप्ती मे; एक प्यार का पोस्ट अपने बड़े भईया के लिए.. 🙏हमें और कुछ नहीं चाहिए ;आपकी मोहब्बत के शिवाय..!!
🙏"मौत तक आपका साथ चाहिए "🙏
- Baba bholenath 🙏🙏
- जीवन मंत्र
- संघर्ष की कहानी
- प्रेम अनुभूति
- अपने लेखनी द्वारा रचित गीतों को सुनते हुए आनंद लेते हुए Author Munna Prajapati // अति सुंदर रचना एवं गीत , बेहद खुबशुरत रचनात्मक लेखनी एवं रचनाकार ।।
Fillings of the Lyrics ✍️✍️👌👌🙏🙏
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- उर्वशी रौतेला और रोहित खेमका के ब्रांड वाइल्डग्लो ने रची एक नई सफलता की कहानी
- मैं कौन हूॅं
- तुलेंद्र यादव छत्तीसगढ़ लोकप्रिय और मशहूर रंगमंच कलाकार
- आप और हम जीवन के सच ...….. आदर्शवादी
- क्या होता है पिता
- एक कश्ती.....
- जब तु अपने कर्मों को समझ जायेगा...
- #lyrics #bhojpuri सजा दिहिं कईसे....
घर हामार जरवलस ,केहु अपने,
हो..सजा दिहिं कईसे... २
नीर नैना से ना निकले, चोट
जमाना के, दिखा दिहिं कईसे....
घर हामार जरवलस ,केहु अपने,
हो.. सजा दिहिं कईसे.... २
ए ही रे घर मे उ तs कबसे रहत रहे,
सजाईब अंगना खुशियन से उ कहत रहे... २
कश्ती दरिया में डूबवलस हो
दुश्मन के जइसे...
घर हामार जरवलस, केहु अपने,
हो.. सजा दिहिं कईसे... २
खता कई दिहनी हम, केहूसे वफा कयीके,
लयिनी जिनगी मे आ, दिल मे आसरा देयीके... २
कईलस खतम हमारा के, खाये
बिछुआ जननी जईसे...
घर हामार जरवलस, केहु अपने
हो.. सजा दिहिं कईसे... २
साँच् के साथ केहु ना देबे, फरेबी मन भावे,
चाही नाही दिल रचित, दौलत के अपनावे... २
रुक जाईत समईया तs, पूछती
काहें कईलू अईसे...
घर हामार जरवलस, केहु अपने
हो.. सजा दिहिं कईसे.. २
~ मुन्ना प्रजापति
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नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकते हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 +९१७८९७८६८६२५
- खाद्य संयोजन: वो कॉम्बो जिसे आपने अपने शरीर की जरुरत की थी
- #lyrics भगवान् श्री राम प्रभु के, अयोध्या के, श्री राम मन्दिर मे, शुभ आगमन के ,शुभ अवसर पर , प्रस्तुत एक जिज्ञासा भरा गीत, सभी भक्तों के लिए.।.. इसे आप सब अपने अधरों पर सजाये तो अच्छा लगेगा । बहोत खुशी है हमारे तन मन में.. हमारे पुरषोत्तम श्री राम आने वाले हैं.. ।
किसी भी गायक को भी अनुमति है । इस गीत को आप अपना आवाज दे सकतें हैं । भगवान् की भक्ति में प्रस्तुत कर सकतें है ।
और सभी से अनुरोध है कि अयोध्या चलना ना भूले.. 🙏
22 जनवरी 2024
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हिंट के लिए :-
#tone :- #song halo re halo re.. (Movie "prem ratan dhan paayo)
- पेड़ और उसकी जड़ें
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