#poetry शिर्षक :"जब तू अपने कर्मों को समझ जायेगा "
कितना अच्छा होगा जब तू,
अपने कर्मों को समझ जायेगा,
बोझ हल्का होगा तुम्हारे पिता का,
जब तू अपने फर्ज़ों को समझ जायेगा,
जरा भी कष्ट नही होगा, जब तू
मर्ज़ों को समझ जायेगा,
मालिक एक ही है अनेक नही,
वह खुद ब खुद तुझसे मिलने को आयेगा,
जब तू अपने जीवन में, अपने
धर्मों को समझ जायेगा ।
............धर्म....... ??? ?????
पिता के आज्ञा का पालन क्या होता है,
भगवान् राम से सीखो,
चाहे पिता दुराचारी हो या पुण्यकारी,
उसके लिए खुद को न्यौछावर कैसे करना है
इंद्रजीत से सीखो,
धर्म...सीखो लक्षमण से, भाई की सेवा कैसे
की जाती है,
भाई प्रेम, सम्मान क्या होता है,भरत से सीखो,
स्नेह क्या होती है, सिया से सीखो,
अर्पण क्या होता है, लक्ष्मण से सीखो,
इंतजार क्या होता है, उर्मिला से पूछो,
पुत्र का प्यार क्या होता है, माता
कौशल्या से पूछो,
पूछो.. कुछ अपनों का वार क्या होता है,
राजा दशरथ से,
एक अच्छा विचार क्या होता है, श्री
राम से पूछो,
क्या क्या मिलता है इस जहान से,
ये बात तुम श्मशान से पूछो,.
सारा दिन तुमने क्या अच्छा किया,
ये बात हर शाम से पूछो
अश्व यु ही नही भागता, कितना
दर्द देता है, तुम उस लगाम से पूछो,
तुम्हारी नजरे किस कदर मन को भाती है,
तुम इन नजारे तमाम से पूछो,
कण - कण, प्रत्येक क्षण,
यही कहेंगे तुमसे,
कितना अच्छा होगा जब तू, अपने
कर्मों को समझ जायेगा,
कर्म से बढ़कर कुछ नही है इस
बहकती दुनिया में,
गर जो तू संभल जायेगा,
इन जन्मों के जन्मांतरण से मुक्त
मोक्ष को पायेगा,
जब तू अपने कर्मों को समझ जायेगा... ।।
✍️ Author Munna Prajapati #post #motivation #bhakti #virals #viewers #viralpage #true #talkshow #baatein