आधुनिक भागती दौड़ती जिंदगी में लाइफस्टाइल को मेंटेन करने के लिए अपने शरीर की देखभाल के प्रति लोग जागरुक नहीं हैं,जिसके कारण आंतरिक बीमारियां हमारे भीतर धीरे धीरे पनप कर हमको कमजोर बना रही हैं।आधुनिक जीवन शैली का सबसे अधिक दुष्प्रभाव हमारे हृदय पर पड़ता है,हृदय के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए 29 सितंबर सन 2000 को विश्व हृदय दिवस मनाने की शुरुआत की गई।
विश्व में हर वर्ष एक करोड़ लोग दिल के दौरे के कारण मृत्यु के शिकार हो जाते हैं । आधुनिक लाइफस्टाइल हृदय को अनदेखा कर रहा है ,हम आधुनिक जीवन शैली में बाहरी दिखावे को हम ज्यादा महत्व देने लगे हैं और अपनी अनदेखी करते हैं हम अपने शरीर को उसकी जरूरत के विपरीत आचरण करके स्वयं को ही कमजोर बना रहे हैं ।धूम्रपान करना ,शराब पीना,सोने और जागने का समय निर्धारित न होना,गलत समय पर उठना,देर रात तक जागना,सूर्योदय के बहुत बाद में बिस्तर छोड़ने की आदत,गरिष्ठ भोजन खाना ,अपने बढ़ते हुए मोटापे की तरफ ध्यान ना देना।
वसायुक्त भोजन खाने से हमारे शरीर के अंग धीरे-धीरे कमजोर होने के साथ-साथ बीमार होने लगते हैं ,शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में मुख्य हृदय का कमजोर होना हमारे लिए घातक सिद्ध हो सकता है ,अपने को स्वस्थ रखने के लिए हमें स्वस्थ दिनचर्या का पालन करना चाहिए ।
सुबह और शाम 15 से 30 मिनट की वॉक हमारे तन मन को स्वस्थ रखने के लिए अचूक औषधि है ।
हमारे शरीर के लिए बढ़ता कोलेस्ट्रॉल बहुत ही हानिकारक है,भोजन में नमक और बसा की मात्रा कम करके हम कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रख सकते हैं ।
आधुनिक जीवन शैली में तनाव में रहना न्हमारे हृदय के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक है,इसलिए हमें तनाव से दूर रहना चाहिए और सकारात्मक सोच को विकसित करना चाहिए ।
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए समय पर सो कर पर्याप्त नींद लेना हमें स्वस्थ रखने के लिए बहुत आवश्यक है।
आज की जीवन शैली में जंक फूड शरीर के लिए धीमे जहर के समान है,इसलिए इसको छोड़कर अपने देसी खान-पान को प्राथमिकता देनी चाहिए ।
हमारे शरीर में पानी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमें भरपूर पानी पीना चाहिए जिसके द्वारा हमारे शरीर के भीतर के विषाणु पसीने और यूरिन के रास्ते शरीर के बाहर निकलते रहते हैं।
अधिक मीठा जहाँ हमारी किडनी के लिए नुकसान दायक है, वहीं ज्यादा नमक हमारे ह्रदय के लिए नुकसान दायक है,
किडनी और ह्रदय हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंग हैं, इसलिए नमक और चीनी की मात्रा सीमित रखकर हम स्वस्थ जीवन की और बढते कदम को मजबूत कर सकते हैं।