new hindi book by fanindra bhardwaj
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टूट कर जर्जर हो चुका हूँ मैं तेरी यादों में फिर भी कमबख़्त ये दिल से निकाली नहीं जा रही हैं टाल देता हूँ मैं अब तो ख़ुद की हर ख्वाहिश मगर तेरी कोई बात टाली नहीं जा रही है दिन तो सुकून से गुज़ा