शीर्षक : भूख , डर, मौत और प्यार
रचना: हिन्दी दिनांक : 25 मई 2023
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सच जीवन जिंदगी में बस ये तेरी परवाह है।
भूख ,डर ,मौत और प्यार का सब को पता है।
बस पेट से के लिए भूख और जीने के लिए डर रहता है।
एक समय वो मौत बनकर जो आता है।
बस प्यार मोहब्बत इश्क सब कुछ रखा रह जाता है।
हम जीवन में स्वार्थ और फरेब मनभावों में रखते हैं।
सब कुदरत और विधि का विधान बना होता है।
हम भूख , डर, मौत और प्यार को सोचते रहते हैं।
हम सभी की सोच अपने अपने स्वार्थ की रहती हैं।
जानवर भी आज हम इंसान को प्रेरणा देते हैं।
भूख , डर, मौत और प्यार जीवन का सच कहते हैं।
*नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र.*