यह एक कड़वा सच है कि हम सभी मानवता के साथ है बस हम आज जानवर से भी ज़्यादा स्वार्थ और फरेब रखकर जीवन जीते हैं इसलिए बस यह कविता एक मनभावों का मंथन है जोकि आज को हमें कुछ कह रही है
सादर हम नीरज अग्रवाल उत्तर प्रदेश के शहर मुरादाबाद से है
लिखता हूं सच और हकीकत बस आप सभी मित्रों से सहयोग चाहता हूं शब्दों के साथ हम और हमारे जीवन शब्द है। 🚩🙏