Meaning of पर in English
- Primarily, this word expresses the relations of presence, nearness in place or time, or direction toward; as, at the ninth hour; at the house; to aim at a mark. It is less definite than in or on; at the house may be in or near the house. From this original import are derived all the various uses of at.
- A relation of proximity to, or of presence in or on, something; as, at the door; at your shop; at home; at school; at hand; at sea and on land.
- The relation of some state or condition; as, at war; at peace; at ease; at your service; at fault; at liberty; at risk; at disadvantage.
- The relation of some employment or action; occupied with; as, at engraving; at husbandry; at play; at work; at meat (eating); except at puns.
- The relation of a point or position in a series, or of degree, rate, or value; as, with the thermometer at 80¡; goods sold at a cheap price; a country estimated at 10,000 square miles; life is short at the longest.
- The relations of time, age, or order; as, at ten o'clock; at twenty-one; at once; at first.
- The relations of source, occasion, reason, consequence, or effect; as, at the sight; at this news; merry at anything; at this declaration; at his command; to demand, require, receive, deserve, endure at your hands.
- Relation of direction toward an object or end; as, look at it; to point at one; to aim at a mark; to throw, strike, shoot, wink, mock, laugh at any one.
- The general signification of on is situation, motion, or condition with respect to contact or support beneath
- At, or in contact with, the surface or upper part of a thing, and supported by it; placed or lying in contact with the surface; as, the book lies on the table, which stands on the floor of a house on an island.
- To or against the surface of; -- used to indicate the motion of a thing as coming or falling to the surface of another; as, rain falls on the earth.
- Denoting performance or action by contact with the surface, upper part, or outside of anything; hence, by means of; with; as, to play on a violin or piano. Hence, figuratively, to work on one's feelings; to make an impression on the mind.
- At or near; adjacent to; -- indicating situation, place, or position; as, on the one hand, on the other hand; the fleet is on the American coast.
- In addition to; besides; -- indicating multiplication or succession in a series; as, heaps on heaps; mischief on mischief; loss on loss; thought on thought.
- Indicating dependence or reliance; with confidence in; as, to depend on a person for assistance; to rely on; hence, indicating the ground or support of anything; as, he will promise on certain conditions; to bet on a horse.
- At or in the time of; during; as, on Sunday we abstain from labor. See At (synonym).
- At the time of, conveying some notion of cause or motive; as, on public occasions, the officers appear in full dress or uniform. Hence, in consequence of, or following; as, on the ratification of the treaty, the armies were disbanded.
- Toward; for; -- indicating the object of some passion; as, have pity or compassion on him.
- At the peril of, or for the safety of.
- By virtue of; with the pledge of; -- denoting a pledge or engagement, and put before the thing pledged; as, he affirmed or promised on his word, or on his honor.
- To the account of; -- denoting imprecation or invocation, or coming to, falling, or resting upon; as, on us be all the blame; a curse on him.
- In reference or relation to; as, on our part expect punctuality; a satire on society.
- Of.
- Occupied with; in the performance of; as, only three officers are on duty; on a journey.
- In the service of; connected with; of the number of; as, he is on a newspaper; on a committee.
- Forward, in progression; onward; -- usually with a verb of motion; as, move on; go on.
- Forward, in succession; as, from father to son, from the son to the grandson, and so on.
- In continuance; without interruption or ceasing; as, sleep on, take your ease; say on; sing on.
- Adhering; not off; as in the phrase, "He is neither on nor off," that is, he is not steady, he is irresolute.
- Attached to the body, as clothing or ornament, or for use.
- In progress; proceeding; as, a game is on.
- On the top of; upon; on. See On to, under On, prep.
- A young salmon in the stage when it has dark transverse bands; -- called also samlet, skegger, and fingerling.
- A young leveret.
- A feather; esp., a soft, downy feather, or a long, conspicuous, or handsome feather.
- An ornamental tuft of feathers.
- A feather, or group of feathers, worn as an ornament; a waving ornament of hair, or other material resembling feathers.
- A token of honor or prowess; that on which one prides himself; a prize or reward.
- A large and flexible panicle of inflorescence resembling a feather, such as is seen in certain large ornamental grasses.
- To pick and adjust the plumes or feathers of; to dress or prink.
- To strip of feathers; to pluck; to strip; to pillage; also, to peel.
- To adorn with feathers or plumes.
- To pride; to vaunt; to boast; -- used reflexively; as, he plumes himself on his skill.
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- #poetry शीर्षक : " एक पल तो गुजारा है तूने "
चलो उम्र ना सही,
मेरा एक लम्हा तो सवारा है तूने,
वादा किए आखिरी सास तक की,
पर होते ही उड़ गए...
चलो जिंदगी का,
एक पल तो गुजारा है तूने ।
तबाह कर गया मुझको,
लब्जों मे बया भी नही कर सकता,
किया कितना खसारा है तूने,
पतझड़ का मौसम हो गयी है जिंदगी,
मेरा छीना एक - एक सहारा है तूने ।
मेरी मुश्किलें... उम्र के साथ
बढ़ती जा रही है,
कैसे कह दूँ...
दर्दों से मुझको उबारा है तूने,
जो तुम चल दिये..
अपनी यादों को भी लेकर जाते,
खुद को बसाकर...
अपने दिल से मुझको, नकारा है तूने ।
ये हवाएँ... ये फिजायें...
खुशबु नही लाती... अब...
पहले की तरह,
लगता है गुलशन को भी
बदन से उतारा है तूने,
वो लबों की मुश्कान तेरी...
ख्वाबों मे भी दिल को चिर जाती है,
जाने क्यूँ... और कैसे...
मेरी मोहब्बत को, किया किनारा है तूने ।
वफा, एहतराम.. जो कुछ भी है,
तेरे - मेरे दरमियाँ.. इश्क़ में
सारा का सारा.. हमारा है,
ऐ साथी , साथ छोड़ जाना तेरा,
हर शाम गुजारती है मयखाना मेरा,
संभलना कहीं तुझे भी
कोई छोड़ ना जाए...
किया गलत इशारा है तूने ।
वादा किये आखिरी सास तक की
पर होते ही उड़ गए,
चलो जिंदगी का....
एक पल तो गुजारा है तूने..... ।।
✍️ Author Munna Prajapati
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- #lyrics #bhojpuri कवने करानावा ए सईया..
कवने करानावा ए सईया
नाही रे करवलs हो गवानावा...
सासु ननदि के बोलिया हम सहती
बाकी ताना मारे रे जामानवा...
कवने करानावा ए सईया.....
सेनुरा भs सजवनी...ए सईया,
टूटी गईले दिल के अरमानवा..
राह देखत रही गईली सुगनिया,
नाहीं भईले रे मिलानावा.... ।
कवने करानावा ए सईया....
नाहि चाहि धन दौलतिया,
देयी दिहिं पिया अपनी चारानावा..
रउरी दिल के एक ही कोठरिया,
हमारा ला बाटे रे जहानावा... ।
कवने करानावा.. ए सईया...
काहे अईसे कईलs..रचित सवरिया
आन्हार भइले दिन के अजोरवा...
पीहू पीहू बोले सावन मे मोरिनिया,
काहवां पारायी गईले रे मोरवा... ।
कवने करानावा ए सईया....
✍️ Author Munna Prajapati
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नोट: यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें हैं परंतु हमारी अनुमति लेकर । हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 +९१७८९७८६८६२५
- #hindi #lyrics तु इंसान नहीं.. गर..
जीता या मरता है सब कोई,
कैसे कोई खुली अखियाँ से सोई ।
शुकुन से बहोत फासलें नजर आयेगी,
गर तेरे भीतर नियत नहीं....
तु इंसान नहीं, गर
तुझमे इंसानियत नहीं ... ।
मजहब के नाम पर लड़ते हो,
इन ठेकेदारों के कहने मे पड़ते हो ।
भर रहें हैं देखो हैवानियत कहीं...
तु इंसान नही... गर
तुझमे इंसानियत नहीं..... ।
जो यह भ्रम भरतें हैं देखो,
कुछ ऐसा नहीं जो उनके पास नही,
तुम खुद को खो रहे हो और
तुम्हे एहसास नही ।
जता रहे हो शैतानियत, माशुमियत् नहीं....
तुम इंसान नहीं.. गर
तुझमे इंसानियत नहीं... ।
ये शीलशिला एक रोज तुम्हे भी ले डूबेगा,
जिस दिन ये अमन ओ चमन तुमसे उबेगा ।
अंजान हो गया तुझे ,जरा भी तरबियत नहीं....
तुम इंसान नहीं... गर
तुझमे इंसानियत नहीं..... . ।
✍️ Author Munna Prajapati
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नोट :- यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें है परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏
- #poetry
बातों को समझता कौन है,
समझाना शुरू कर देता है ।
रूठ कर कोई मानता कहाँ है,
मनाने वाला मनाता ही रह जाता है ।
हमारी बातों को कहा कोई मानता है,
बातों का बुरा ही मान जाता है ।
यदि कोई दिल से कोशिश करता है,
किसी को जानने की, जान ही जाता है ।
अब कहाँ कोई किसी को सम्मान ही देता है,
क्षण मे दोस्ती क्षण में दुस्मनी,
कभी कभी जिस्म से जान भी लेता है ।
यह दुनिया अब मशीनों पर निर्भर है,
कहा कोई खुद से काम लेता है ।
मुफ्त का रिश्ता कोई नही बनाता,
हर कोई रिश्तों का दाम लेता है ।
कोई तुम्हारा नही है यहाँ और
नही तुम किसी के हो ,
तुम्हे उसकी जरूरत है उसे तुम्हारी जरूरत है,
और बस यूहीं हर कोई
एक दूसरे को अपना मान लेता है ।
Author Munna Prajapati #love #reality #life #reallife #loveislove #writer #writing
- #lyrics #bhojpuri मोर पयजनिया...
जात रहनी दबे पाव सखी,
सबसे छुप के छुपाके,
भईल आधी रात जगले रहनी,
साबाका के सुताके.... २
रहे करार मिलेके बलामुआ से,
रहे अंजोरिया.. चमके चंदनिया..
हाय,,,बाज गईल मोरी पयजनिया...
दुआरे पे सुतल रहले हामार बाबू ,
पियवा से मिले खातिर , सखी रे
हामार दिल रहे बेकाबू... .. २
अचके मे गिरल मोर ओढ़नीया,
बुझाईल अईसे बाबू ,जानी गईले
मोर नदनिया....
रहे अंजोरिया.... चमके चंदनिया..
हाय,,, बाज गईल मोरी पयजनिया...
सुनते आवाज दिल धक-धक धड़के लागल,
घबरायिल जिया तन, थर- थर कापे लागल..... २
बुझाईल कुछ देर ला, खिसकल
पाव तले जमिनिया....
रहे अंजोरिया.... चमके चंदानिया...
हाय,,, बाज गईल मोरी पयजनिया....
~ मुन्ना प्रजापति
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नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकते हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य रूप । धन्यवाद🙏
- दासता के पीठ पर
- #ghazal #hindi ये दुनिया...
अच्छों के साथ कहाँ ये दुनिया अच्छा करती है,
एक झुट को बोल-बोल के सच्चा करती है ।
किसको रौंद कर आगे निकलूँ रहती है फिराक् मे,
रखती है छुप छुप के कदम, खुद को
खुद से बचा करती है...
एक झुट...... अच्छों के साथ......... ।
लबों पे निंदा है मर चुका है ज़मीर मगर,
फिर भी कहते हैं जिंदा है,
दूसरों के नजर मे भ्रम रचा करती है....
एक झुट...... अच्छों के साथ........ ।
तुम खुश हो उसे इस बात का दुःख है,
जल रही है तुमसे भूल गयी,उसे क्या सुख है,
अपनी शक्ति औरों को गिराने मे खर्चा करती है....
एक झुट........ अच्छों के साथ.........।
जो बातें तुझमे बिछोह करे,
तुम्हारे दिल के अनमोल रिश्तों को तोड़े,
अक्सर तुमसे उस बात पर चर्चा करती है....
एक झुट..... अच्छों के साथ.......... ।
✍️ Author Munna Prajapati
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- #lyrics #bhojpuri पिया जी एक बार.....
कई लिहनी हम तs सोरहो सिंगार,
देख लिहतs पिया एक बार...
दिलवा मिलन ला बडुवे बेकरार,
देख लिहतs पिया एक बार......।
सोलह बरस ले बचवनी, खुद के,
जमाना के नजर से,
सेज साजाके ढूंढता मनावा तोहके,
केतनी पहर से... २
लीही सम्हार हमके ,नाहीं होता
अब सम्हार....
दिलवा मिलन ला बडुवे बेकरार,
देख लिहतs पिया एक बार......।
हमरी जगहिया रहब ए सईया, तबे
बुझब दिल के पियास,
पिरीतिया के पीर तन मे, मारे लहरिया
लागल तोहरे से आस... २
आ गईल बाहार भईल
कली काचानार.....
दिलवा मिलन ला बडुवे बेकरार,
देख लिहतs पिया एक बार.....।
✍️ Author Munna Prajapati
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- #lyrics #hindisong #new #dute
M-F- तुमने कही हर बात मगर,
चुप ही रहें हैं हम.....
हमने सुनी हर बात मगर,
चुप ही रहे हैं हम....... ।
M- जाने वो कैसी बात थी,
मिलन की पेहली रात थी..... 2
F- घबरा रहा था मन मेरा,
टूट रहा था तन मेरा..... ।
तुम तो किये हर बात मगर,
चुप ही रहे हैं हम.....
तुमने कही........ चुप ही.......
M- हमने सुनी.......... चुप........ ।
M- कैसे कहूँ तु कितनी खास है,
हर लम्हा तु दिल के पास है..... 2
F- सजन बढ़ने ना देना दूरियाँ,
चाहे कोई भी हो मजबूरियाँ... ।
M- होठों ने की मुलाकात मगर,
चुप ही रहे हैं हम.....
F- तुमने कही......... चुप ही......
M- हमने सुनी........ चुप ही...... ।
~ Author Munna Prajapati #lyricist #viral #post #newpost #song #bollywood #songs #writer #poet
नोट:- यदि कोई इस गीत को अपनी आवाज मे व्यापारिक तौर पर रिलीज करना चाहता है तो कर सकता है परंतु हमारी अनुमति लेकर । हमारा अनुमति लेना अनिवार्य है । धन्यवाद 🙏
- #lyrics #bhojpuri अचके रे हंशा उड़ गईले.....
जाने कईसन ई संजोग बा,
केहु ना जाने, जिनगी मे का जोग बा.. २
सबका से रिश्ता नाता तुड़ गईले.. २
अचके रे हंशा उड़ गईले... २
जाने का भईल हउवे, सभे बा सोच मे,
अभी कताना उमरिए रहल हs,
पर गईले कईसे दुखवा के प्रकोप में...२
साथहिं मे साथ अबसे बी छुड़ गईले... २
अचके रे हंशा उड़ गईले.... २
चार दिन के जिनगी बाटे, चल गईले
कईसे छोड़ी एके दिन मे ,
सुत गईले पंछी ,हमेशा ला
एक ही रे...नींन मे.... २
एतना करीब रहते सबसे दूर भईले... २
अचके रे हंशा उड़ गईले...... २
साचे हs बतिया रचित,
केहु के ना ठीक बा,
जवन हो गईल ओहके अपनवले
निक बा... २
केहु बिछड़ले तs, कहीं पे जुड़ गईले...२
अचके रे हंशा उड़ गईले..... २
✍️ Author Munna Prajapati
#love #post #virals #viralpost2024 #songlyrics #songwriter #life #truth #trend
नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें है परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 +९१७८९७८६८६२५
- #lyrics #bhojpuri ए सखी कईसे मनायी...
ए सखी कईसे मानाई,
हयी तिरछी नजरिया के... २
जेने पावे नेहिया ओने...२
बिछा देला शरीरिया के.....
ए सखी कईसे मानाई,
हयी बढ़ती उमरिया के... २
हाय गदरल जवानी हमार,
कोमल ई बदनिया,
रहे ना बस मे करे, बड़ी रे नदनिया.... २
हाँ खाली प्यार खोजेला,
दिन रात बस उहे सोचेला,
हाय कईसे बचा के रखी...२
धानावा सवरिया के..
ए सखी कईसे मानाई ,
हयी तिरछी नजरिया के....
केतनो खायीं खाना बाकी,
भरे नाहीं जियारा,
मन करे चली जायीं कुतुब,
मीनार के नियारा... २
बड़ी बानी हम परशान,
बढ़ल जाता मोर मायान,
एहो धयीलस ई कईसन.. २
हयी बेमारी लभेरिया के..
ए सखी कईसे मनायी,
हयी तिरछी नजरिया के.....
✍️ Author Munna Prajapati
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- #poetry " दोस्तों के साथ की जिंदगी "
ओहो.. कैसे थे हम... और कैसे हो गए,
वो वक़्त अब शायद...कहीं खो गए,
वक़्त बीते और हम बिछड़े...
उड़ गए कहीं हमारी खुशियोँ के चिथड़े ।
कैसे मिलकर हम शोर मचाया करते थे,
ये मेरी है, वो तेरी है.. कहकर...
एक दूसरे को रिझाया करते थे,
कड़क सर्दी और कड़क धुप मे साथ
पढ़ने जाया करते थे...
कोई छोटा कोई बड़ा नही, एक ही
थाली मे खाया करते थे... ।
किसी की शादी हो गयी तो
कोई कवारा है...
कोई जिम्मेदारियों से जूझ रहा
तो कोई गलियों का आवारा है,
कोई बन गया शाहब तो कोई
बेरोजगारी का मारा है... ।
दूर हो मजबूर हो मगर, ये दोस्ती
दिल मे कायम रखना,
कभी तो मिलेंगे किसी मोड़ पर,
सोचना, जगना और राह तकना,
कितने जागे और कितने सो गए,
जगह बदला और समय बदला,
जो हमारे थे, वो किसी और के हो गए ।
~ ऑथोर मुन्ना प्रजापति
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- किताबें पढने के लिए वक़्त कहाँ है किसी के पास, पूरी दुनिया तो परदे पर दिखायी जाने वाली काल्पनिक चलचित्रों के पीछे दौड़ रही है और अपने आप को अंधकार में लेकर जा रही है । जो जो वास्तवीक ज्ञान पुस्तकों में है वो चलचित्रों मे नही । आप एक मिनट से कम समय की वीडियो देखतें हैं और प्रत्येक मिनट के बाद दूसरी वीडियो देखतें हैं इनके बीच आप अपने मस्तिस्क की स्थिरता को बड़ी तेजी से बदलतें है ।
लगातार एक प्रभाव, दूसरा प्रभाव फिर तुरंत तीसरा प्रभाव, ऐसे ही लगातार स्थिरता, अपनी सोच, उद्देश्य, लक्ष्य आदि को बदलतें हैं जिसके वजह से आप अपने जीवन मे किसी एक लक्ष्य पर स्थिर नहीं रह पाएंगे । स्वभाविक सी बात है इस तरह की क्रियाएँ आपकी स्थिरता को भंग करती है और आप खुद को रोक नही पाते । जब कोई चीज थोड़ी सी ज्यादा समय लेती है या फिर समझ में नही आती तो आप उसे तुरंत छोड़ देते हैं । परंतु आप उसे समझने या किसी एक ही विषय पर गहरा अध्ययन करने की कोशिश नही करते । इंसान की यह सबसे बड़ी दुर्बलता है । जिससे कि वह अपने लक्ष्य को पाने मे चुक जाता है ।
कोई भी बड़ी चीज क्षणिक सोचने से या क्षणिक अध्ययन से पूर्ण नही होती उसके लिए वक़्त चाहिए होता है । और यह तो हमारे मस्तिस्क से निकल चुका है । एक मिनट से अधिक हम किसी एक विषय पर तो सोच ही नही सकते ।
हम जब तक रिल्स देख रहे होते हैं हमारा मस्तिस्क उसके विषय में सोचता है, जो हम देख रहे होतें हैं । परंतु किताबें, जिसमे प्रत्येक शब्द लिखे हुए हैं, उसे आप बार-बार पढ़ सकते हैं । उसे सोच सकते हैं । उसके अनुसार आप अपने जीवन को सक्रिय कर सकते हैं । यह जो मोबाइल फोन का दौर है, यह हमे उस अंधकार के तरफ ले कर जा रहा है जहाँ चारो तरफ कोई भी चराग़ नही । पुस्तकें मनुष्य का मार्गदर्शक हैं । ऐसा नहीं की मै पुस्तकें लिख रहा हूँ तो ही ये सारी बातें कर रहा हूँ! यदि आप इस बात का विचार करना चाहे तो भी नही कर सकते । और नाही यहा तक पहुँच सकतें है जहाँ तक हमने यह कल्पना की है । हम आधुनिक दौर मे जरूर जा रहे हैं परंतु यह भी सत्य है की हम अपने आप को कहीं खो रहें है ।
चलिए जरा सा सोच कर देखिये –
यदि गूगल बंद हो जाय ! यदि इंटरनेट काम ना करे तो हमारा क्या अवस्था हो जायेगा ।
जब मोबाइल का डाटा (इंटरनेट) समाप्त होता है तो इसके बगैर हम इक दिन नही रह पाते, कैसे भी हमे रिचार्ज करवाना ही है । इसका अर्थ यह है की हम किसी के अधीन होते जा रहें हैं । हमारी मानसिकता , हमारे मस्तिस्क पर किसी और का अधिकार हो रहा है । हम मानसिक रूप से किसी और का गुलाम होते जा रहें हैं । आप अपनी आँखें खोलिए और देखिये । हम 1947 मे आजाद हुए थे सत्य है मगर अब फिर हम खुद को गुलामी की तरफ ले जा रहें हैं , आधुनिकता समझकर ।
✍️😰✅🤔 Author Munna Prajapati
#PostViral #healthy #Risky #life #lifestyle #bad #harmful #mobiles #network
#virals
- Instagram पर सबसे ज्यादा फोल्लोवेर्स किसके है
- #lyrics #hindi इतनी दूर चला जाऊंगा...
ढूढ़ते रह जाओगे मुझको तुम,
मिलना तो बहोत दूर की बात है,
मै कभी नजर भी नहीं आऊंगा
एक रोज, इतनी दूर चला जाऊंगा.... ।
आँखों से बेहती आशुओं मे भीगतें हैं,
अकेले तन्हा हर पल तुम्हे ही ढूढ़ते हैं,
भर गया अब शायद जी तुम्हारा ...
जरा भी ना सोचा क्या होगा हमारा... ।
मत चिल्लाओ मुझ पर, मै
चला जाऊंगा....
तुम्हे कभी नजर भी नहीं आऊंगा,
एक रोज, इतनी दूर चला जाऊंगा.... ।
है अपनों का शहर हम, अजनबी होकर
जीते हैं,
चोट दिया है दिल को दिल लगी ने,
हम खुद ही जख्मों को सीते हैं.... ।
मचल रही हो आज तुम हुश्न की आड़ में,
पाओगी एक रोज उलझी हुई खुद को ,
काँटों की झाड़ मे... ।
धक्के मार कर ना भगाओ.. चला जाऊंगा...
तुम्हे कभी नजर भी नहीं आऊंगा
एक रोज, इतनी दूर चला जाऊंगा..... ।
~ मुन्ना प्रजापति
#sad #life #post #writing #love #writer #song #songwriter #songlyrics #songchallenge #himeshreshammiya #pawansingh999
नोट: यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें हैं, परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 078978 68625
- #poetry शिर्षक :"बहोत बड़ी दौलत है,औरत की वफादारी "
बहोत समझदारी है जो की है
जीवन जीने की तैयारी,
बहोत बड़ी दौलत है एक औरत की वफादारी ।
निभाना है तुम्हे घर की प्रत्येक जिम्मेदारी,
अपने फर्ज़ों मे कभी ना करना कोई होशियारी ।
माँ और पत्नी के बीच
जो हो जाए अनाकानी अगर,
खयाल रहे, तुम कभी ना करना
पत्नी की तरफदारी ।
तुम तड़पो, जलो, भटको
कोई नही है तुम्हे ढूढने वाला ,
आज तक किसी ने नही समझी मर्द की लाचारी ।
अनपढ़ औरत को हर कोई ब्याह कर ले जाता है,
पर लड़कियाँ ब्याहती है लड़का सरकारी ।
बेटी झगड़ती है हर रोज अपनी भाभियों से,
और माँ को चाहिए दामाद व्यवहारी ।
बगैर दौलत मर्द की कोई एहमियत नही,
अब जाकर की है तूने पैसे कमाने की तैयारी ।
इज्जत, मोहब्बत, वफा सब कुछ बिकती है ,
तुम खरीद सकते हो हर किसी की तरफदारी,
बहोत बड़ी दौलत है एक औरत की वफादारी ।।
Author Munna Prajapati
#love #view #sad #virals #thoughts #viralpage2024 #truth #truth_of_life_challenge #poem #poetry
- #poetry शिर्षक :"बहोत बड़ी दौलत है,औरत की वफादारी "
बहोत समझदारी है जो की है
जीवन जीने की तैयारी,
बहोत बड़ी दौलत है एक औरत की वफादारी ।
निभाना है तुम्हे घर की प्रत्येक जिम्मेदारी,
अपने फर्ज़ों मे कभी ना करना कोई होशियारी ।
माँ और पत्नी के बीच
जो हो जाए अनाकानी अगर,
खयाल रहे, तुम कभी ना करना
पत्नी की तरफदारी ।
तुम तड़पो, जलो, भटको
कोई नही है तुम्हे ढूढने वाला ,
आज तक किसी ने नही समझी मर्द की लाचारी ।
अनपढ़ औरत को हर कोई ब्याह कर ले जाता है,
पर लड़कियाँ ब्याहती है लड़का सरकारी ।
बेटी झगड़ती है हर रोज अपनी भाभियों से,
और माँ को चाहिए दामाद व्यवहारी ।
बगैर दौलत मर्द की कोई एहमियत नही,
अब जाकर की है तूने पैसे कमाने की तैयारी ।
इज्जत, मोहब्बत, वफा सब कुछ बिकती है ,
तुम खरीद सकते हो हर किसी की तरफदारी,
बहोत बड़ी दौलत है एक औरत की वफादारी ।।
Author Munna Prajapati
#love #view #sad #virals #thoughts #viralpage2024 #truth #truth_of_life_challenge #poem #poetry
- #lyrics #bhojpuri असहिं उमिरिया ना जियान करिह...
करिह खुद से मोहब्बत, बहुते बाटे हो जरूरत,
केहु होई ना तोहार, फ़रेब दिखायी नाहीं सूरत,
व्यर्थ जाए ना समईया धेयान रखीह...
नाहीं असहिं उमिरिया जियान करिह...
हो राही, असहिं उमिरिया ना जियान करिह....।
पहिरी पउआ मे पायल घुंघरू केतनो बाजायी,
मन मोहक रुपवा केहू केतनो साजायी..... २
कुछ दिन जिनीगिया के रास्ता सुनसान रखिह...
नाही असहिं उमिरिया जियान करिह..
हो राही, असहिं उमिरिया ना जियान करिह..... ।
बोलिह सोच समझ के काल्हे तोहरे भीरी आई,
मान सम्मान कहीं भूईया गिर जाई.... २
अपनों तरफ कुछ बयान रखिह...
नाही असहिं उमिरिया जियान करिह..
हो राही, असहिं उमिरिया ना जियान करिह.... ।
बोली मीठी मीठी बात केहू केतनो बाझायी,
करि हs ना भरोशा उहे खुशी छीन जायी.... २
रखिह सब कुछ बाकी ना गुमान रखिह.....
नाहीं असहिं उमिरिया जियान करिह..
हो राही, असहिं उमिरिया ना जियान करिह..... ।
~ मुन्ना प्रजापति (उ. प्र.)
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नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकते हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 078978 68625
- #lyrics ओ रे पिया.... अब आजा रे...
अनजान कोई यूँ आया रे,
कैसे वो दिल मे समाया रे...
कुछ दिन बीते रात भी बीते...
फिर नजरी नी आया रे....
ओ रे पिया.. अब आजा रे... ।
तोहे खोजत कई मौसम बीते,
गुजर गए कई लमहे अनूठे...... २
रिम झिम बरसत प्रेम सावन आया रे
ओ रे पिया.... अब आजा रे.... ।
तड़प रहे हम यहाँ प्रेम बिरह मे ,
चल दिये तुम कमाने शहर में... २
कैसे बीते रतिया तनिक ना सोचा
क्या खूब तुमने प्रीत निभाया रे..
ओ रे पिया...... अब आजा रे... ।
देखत रहतिया मोर उमरिया बीते,
सांझ तले मोर नजरिया भीगे... २
सांच बता मोहे रचित पिया
क्यूँ मुझको तू रुलाया रे....
ओ रे पिया.... अब आजा रे... ।
✍️ Author Munna Prajapati
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- #poetry टूटते हैं तभी तो नये बनतें हैं...
कैसे मै उसे बुरा - भला कहूँ
जिसने भी मुझको तोड़ा था ।
मकान टूटतें हैं तभी तो
नये बनतें हैं ।
मै तो उसका आज भी
एहतराम करता हूँ, जो खो गया ।
बेहतर ही कोई अपना होता है
इसलिए तो कोई बिछड़ता है ।
मोहब्बत गम और जखम देती है
और मरहम भी नहीं देती ।
शायद मोहब्बत में जरूर कोई बात है
इसलिए तो लोग निखरतें हैं ।
विफल हो रहे हो तो दो - चार
कोशिशों में ही थक गए क्यूँ..?
अब उन्हे तो हजार बार गिरना है
जो उचाईयों पर चढ़तें हैं ।
ये तो तय है तुमने जन्म लिया है
तो एक रोज मरना भी है ।
शायद वो लोग नहीं मरते
जो अपने आप मे अकड़तें हैं ।
अब भई हमे तो पता है
वहाँ रिश्वत नहीं ली जाती ।
शायद उनसे मांगा जाता होगा
जो सिर्फ दौलत से ही
अपनी झोलियाँ भरतें हैं ।
~ मुन्ना प्रजापति
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- हम उस मोड़ पर आ चुके हैं
- #hindi #lyrics खुमारी है जिश्म का...
टूट जाते हैं दिल, सुख जातीं हैं आखों में पानी,
लोग बदल जाते हैं , रह जाती है अधूरी कहानी,
मै तो बेहेक गया , तुम ना बेहेक जाना,
बुरी एक बीमारी है ...इश्क़ का ,
बस एक खुमारी है...जिश्म का..... ।
बिन अब उसके, मै जी ना सकूँगा,
तन्हा अकेला गम के आँशु, मै पी ना सकूँगा ।
चाह कर भी, कुछ कर नही पाता,
ये कैसी लाचारी है.. इश्क़ का,
बुरी एक बीमारी है... इश्क़ का
बस एक खुमारी है... जिश्म का....।
सांस तो चल रही है, पर जिंदा लाश बन गया हूँ,
जो बीत जाती है, हाय वो काश हो गया हूँ ।
क्यूँ कोई हाथ थामकर, नही निभाता,
ये कैसी रिश्तेदारी है.. इश्क़ का,
बुरी एक बीमारी है.. इश्क़ का..
बस एक खुमारी है.. जिश्म का.... . ।
टूट जाते हैं दिल, सुख जातीं हैं आखों में पानी,
लोग बदल जाते हैं , रह जाती है अधूरी कहानी...
मै तो बेहेक गया.....
✍️ Author Munna Prajapati
#life #virals #love #PostViral #writer #songs #songlyrics #hit #singer #post
नोट :- यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें है परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद । हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏
- #lyrics #bhojpuri फासला बढ़ावs जनी, हमरी गुजरिया..
उमरिया जवानी के, आ भरल ना नजरिया....
फासला बढ़ावs जनी , हमरी गुजरिया.. ...
अभी पुरा भईल नईखे, दिलवा के बतिया ।
भोर भईले बीती गईले, छन से ई रतिया । ।
मानी कईसे मानवा के ,चढलि खुमरिया..
फासला बढावs जनी, हमरी गुजरिया.....
पुनम् के चांद जईसे, रुपवा अंजोरिया ।
बोलिया सुनी शर्मायी रे गईली, कोईलरिया ।।
जिया करे देखती रहीं, तोहरी सुरतिया .....
फासला बढ़ावs जनी, हमरी गुजरिया.....
भईले बरिष रोजे ,देखत रहीं जो सपानावा ।
आज पाके तोहे पुरा भईले, दिल के अरमानवा ।।
फुरसत मे गढ़ले बाड़े, तोहरी शरीरिया...
फासला बढ़ावs जनी, हमरी गुजरिया... ..
बड़ी सुनर लागे धनी, धानी रंग के चुनरिया ।
राम करे गुजरे नाही, तोहरी उमरिया ।।
घटा बनी सजल रहे, प्रीत के बदरिया...
फासला बढ़ावs जनी, हमरी गुजरिया.....
✍️ Author Munna Prajapati
#writer #virals #post #song #songwriter #songlyrics #lovelife #you #life #pawansingh999 #BhikhariThakur
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- #lyrics #ghazal कहीं खो गया मै....
ना रहा मेरा कोई खबर,
नहीं था झुकाना निगाह मगर,
मै तो सो गया...
शुरू होते ही खत्म हुआ,
जिंदगी का सफर,
कहीं मै ही खो गया.... .. हाँ...
चलता रहा देखकर उसकी तरफ,
अंजाना ना जाना ये मुझे मगर,
जाने क्या हो गया....
शुरू होते ही खत्म हुआ,
जिंदगी का सफर,
कहीं मै ही खो गया.... हाँ....
देखता रहा मै शौख हुश्न चमन,
हसीन है ऐसी राह मगर,
सब कुछ लूट गया...
शुरू होते ही खत्म हुआ,
जिंदगी का सफर,
कहीं मै ही खो गया..... हाँ...
किनारों से कब बीच में पहुँचा,
खिचता रहा अपनी ओर लहर,
मै तो जल तल का हो गया...
शुरू होते ही खत्म हुआ,
जिंदगी का सफर,
कहीं मै ही खो गया.... हाँ...
✍️ Author Munna Prajapati
#sadness #writer #PostViral #love #virals #songlyrics #song #heart #life
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- #bhojpuri #lyrics नाहीं सम्हरि ई मन....
आरे ए हो सजन, बहकावs ना मन,
देखs सिहरे बदन, तोहार अईसे छुअन.... २
अखियाँ से ना दिल मे उतर जाई...
नाही सम्हरि ई मन कुछु कर जाई.... ।
नन्हे बा उमरिया हामार , नाजुक बदन हो,
टूट जाई फुल उजर, जाईं चमन हो... २
एजी छुटे पसेना देह कापता....
बढल धड़कन बा दिल हामार हाफता..
हाथ फेरीं ना सीसा बिखर जाईं....
नाही सम्हरि ई मन कुछु कर जाई..
अखिया से ना दिल मे उतर जाईं..
नाही सम्हरि ई मन कुछु कर जाई.... ।
चमकत बिजुरिया बडुवे, हई कातिल नजरिया,
जाई मुचुक सईया ,मोर पतरी कमरिया... २
छोड़ दिहिं कुछ दिन सेयान होखेदिँ...
ए हो रचित सवरिया जवान होखेदिँ..
सब रउवे बा धन नाहीं
दोसरा के फेरा मे पर जाई...
नहीं सम्हरि ई मन कुछु कर जाई....
आरे ए हो सजन, बहकावs ना मन,
देखs सिहरे बदन, तोहार अईसे छुअन.... २
अखियाँ से ना दिल मे उतर जाई...
नाही सम्हरि ई मन कुछु कर जाई.... ।
~ मुन्ना प्रजापति
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#pawansingh999 #khesari #shilpiraj
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- #lyrics #bhojpuri जवनिया के भार...
सखी कब होई सजन से मुलाकात.. २
ना सहाला जवनिया के भार....
हाय केहु करे ना बियाहवा के बात.. २
ना सहाला जवनिया के भार..... ।
रहीं हक बके तकिया के धके,
सापाना मे सेजिया साजायीं...
कुछउ ना मिले हम तड़पीले,
कईसे आ केसे हम बतायीं....
जगले बीत जाला रोज आधी रात.. २
ना सहाला अब जवनिया के भार....
हाय केहु करे ना बियाहवा के बात.. २
ना सहाला अब जवनिया के भार.....।
एहि रे सवानावा चढ़ल सतराहावा,
कर नाहीं पायीं हम पढ़ायी....
टूटता बदन अउरी छछनता मन,
बा नेहिया के जोर केहु करे ना चढ़ायी..
केहु ले लिहित् उमरिया उधार... २
ना सहाला अब जवनिया के भार..
हाय केहु करे ना बियाहवा के बात.. २
ना सहाला अब जवनिया के भार.... ।
✍️ Author Munna Prajapati
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- #lyrics #bhojpuri #sad नीलाम कs दिहलु....
प्यार दौलत पे जान नीलाम कs दिहलु,
बा बदमनाम अउरी बदनाम कs दिहलु,
तुरलू अरमान एह दिल से तू उतर जईतु हो....
मौत के सामान के इंतजाम कर जईतु हो...
जिनगी मे आके सपना देखा के
दिल तोड़ दिहलु,
माशूम चेहरा मे फरेब छुपाके
मुख मोड़ लिहलु... २
तु तs कईलू काम अनोखा,
देई दिहलु प्यार में धोख़ा,
भुललु एहसान एहतराम तनिका कर जईतु हो......
मौत के सामान के इंतजाम कर जईतु हो.....
ए बेबफा तु हमके उमर भर ला
मुआई दिहलु,
ना भरी ई जखम मरहम तु अईसन
लगाई दुहलु.... २
गजब रहे इस्तेमाल करेके तरीका,
कई दिहलु जिनगी के रंग फीका,
छूटल ई जहान शमसान तक ले कर जईतु हो....
मौत के सामान के इंतजाम कर जईतु हो.....
✍️ Author Munna Prajapati
#love #writer #PostViral #song #songlyrics #songwriter #hindisong #sadsongs
नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहतें हैं तो कर सकतें हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद । हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 +९१७८९७८६८६२५
- समय बहोत कीमती है, समझो :-
आज मैं आपसे एक ऐसी बात करूंगा जो शायद आपको चुभेगी, पर सच है। समय की कीमत न समझने से जिंदगी बर्बाद हो जाती है। आपके पास समय नही है यह पढ़ने के लिए मै जानता हूँ । नृत्य कलाओ (अर्धनग्न) को देख कर आँखे तृप्त होती हैं न आपकी, यही जीवन है और शायद आप यही तक सीमित रह जायेंगे । क्या आवश्यकता है कुछ करने की, कुछ सोचने की, जीवन तो कट ही रहा है और कट भी जायेगा ।
(१) कल्पना करो एक ऐसे शख्स की, जो हर रोज सोचता है - कल से सुबह जल्दी उठूंगा, एक्सरसाइज करूंगा। पर वो कल कभी नहीं आता। धीरे-धीरे वो मोटा होता जाता है, बीमार पड़ता है। और एक दिन डॉक्टर कहता है - अब बहुत देर हो गई।
(२) फिर सोचो उस लड़की/ लड़का के बारे में, जो हर दिन अपने पिता से कहती / कहता है - पापा, कल आपके साथ पार्क चलूंगी/ चलूँगा। पर वो कल कभी नहीं आता। एक दिन पिता चल बसते हैं, और वो लड़की पछताती रह जाती है।
(३) सोचो उस पति के बारे में, जो हर रोज अपनी पत्नी से कहता है - बस कुछ दिन और, फिर तुम्हारे साथ वक्त बिताऊंगा। पर वो दिन कभी नहीं आते। और एक दिन पत्नी किसी और के साथ चली जाती है, और वो अकेला रह जाता है।
ये सब कहानियां अलग-अलग लग सकती हैं, पर इनमें एक बात कॉमन है - समय की कीमत न समझना। समय हम सबके लिए कीमती है, अलग-अलग है परंतु है ।
हम क्या करते हैं ? हर पल को अगले पल के लिए जीते हैं। स्कूल में सोचते हैं कॉलेज के बारे में। कॉलेज में जॉब के बारे में। जॉब में रिटायरमेंट के बारे में। और फिर ? फिर वक्त खत्म हो जाता है।
समय किसी का इंतजार नहीं करता। वो बस बीतता जाता है, चुपचाप, लगातार। और एक दिन हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो पाते हैं कि जिंदगी कब बीत गई, पता ही नहीं चला। वक़्त गुजर जाने के बाद पछतावा होता है कि काश मै वो कर लिया होता!
याद रखो, जिंदगी सिर्फ सांसों की गिनती नहीं है। ये उन पलों की गिनती है जो तुम्हारी सांस रोक दें। जो तुम्हें जीवंत महसूस कराएं।
तो क्या करें ???? 🤔
अभी जियो। हां, भविष्य के लिए प्लान करो, पर वर्तमान को मत भूलो। रोज कुछ ऐसा करो जो तुम्हें खुशी दे। खुशी मे सिर्फ खुद की खुशी नही होती कुछ अपनों की भी खुशी शामिल होती है । चाहे वो 5 मिनट ही क्यों न हो।
अपनों के साथ वक्त बिताओ। फोन रखो और उनसे बात करो। याद रखो, रिश्ते वक्त मांगते हैं, पैसे नहीं। और कोई रिश्ते ऐसे हैं भी जो सिर्फ पैसे मांगते है तो उन्हे वह भी देकर खुश रखो, उसमे क्या जाता है! परंतु एक सीमा मे ।
और सबसे जरूरी, खुद के लिए वक्त निकालो। वो किताब पढ़ो जो तुम पढ़ना चाहते थे। वो जगह घूमो जहां तुम जाना चाहते थे। हर व्यक्ति की खुशी किसी ना किसी एक चीज की जरूर होती है । शौक होती है कुछ खुद के लिए, अपने मन की खुशी के लिए करने की, वो जीवन जो तुम स्वतंत्रता से जीना चाहते हो । जियो, इन सबके लिए कुछ पल निकालो और जियो ।
क्योंकि अंत में, जब तुम पीछे मुड़कर देखोगे, तो तुम उन पलों को याद करोगे जो तुमने जिए, न कि उन पलों को जो तुमने टाले।
बहोत कीमती है इस जीवन का हर एक पल, कभी कोई एक पल भी बेवजह मत गुजरने दो । संभालो , संभलो और चलते रहो । कभी थकना नही, जो एक पल के लिए रुके, तुम मिलों दूर हो जाओगे । खयाल रहे ।
तो आज से, अभी से, इसी पल से जीना शुरू करो। क्योंकि कल किसने देखा है !
✍️ Author Munna Prajapati
- श्रीमदभागवत गीता पर स्व के भाव।{3}
- YouTube पर करियर बनाने के लिए क्या सामान चाहिए ?
- #lyrics कोई और क्या समझेगा एहमियत तेरी,
सिर्फ मै जानता हूँ किमत तेरी...
कितने साल गुजरे हैं तेरी तालाश मे जाना,
तु क्या जाने मुझमें कितनी हिम्मत है तेरी.... ।
तुझे अट्ठारह साल तक मोला है मैने,
अपनी चाहतों में तुझको तोला है मैने,
कैसे ओझल होने दूँ, अपनी नजरों से तुझको,
दिल मे बसाया, बिठाया है
अपनी अधरों पे तुझको.....
झांक कर देख दिल मे मेरे,भरी है
कितनी जुनूनियत तेरी.....
कोई और क्या समझेगा एहमियत तेरी,
सिर्फ मै जानता हूँ किमत तेरी.... ।
तु है तो ये सांसे चल रही है,
तु है तो ये दिन ढल रहा है,
बिन तेरे एक पल भी गुजारा नही है,
मै हूँ पर ये जीवन हमारा नही है ।
दिल मे जो भी मोहब्बत है सारे,
आ...मै जेहन में उतारूँ तुम्हारे....
क्या देखें हम जमी के नजारे,
हम जियेंगे वफाओं के सहारे.... ।
लबों पे तुम्ही, नजर में तुम्ही, दिल मे है
कैफियत तेरी.....
कोई और क्या समझेगा एहमियत तेरी,
सिर्फ मै जानता हूँ किमत तेरी.... ।
#virals #PostViral #writer #love #inking #songwriter #songlyrics #song #hindi #hindisong #singer #shilpiraj #pawansingh #himeshreshammiya #nehakakkar
नोट:- आप यदि इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकते हैं परंतु हमारी अनुमति लेकर । हमारी अनुमति अनिवार्य है । 🙏 धन्यवाद
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