Meaning of जिसमें गर्भ केसर और पराग केसर अनियमित हों in English
- The condition of having two or more kinds of flowers which differ in regard to stamens and pistils, as in the aster.
- Characterized by heterogamy.
Meaning of जिसमें गर्भ केसर और पराग केसर अनियमित हों in English
English usage of जिसमें गर्भ केसर और पराग केसर अनियमित हों
Synonyms of ‘जिसमें गर्भ केसर और पराग केसर अनियमित हों’
Antonyms of ‘जिसमें गर्भ केसर और पराग केसर अनियमित हों’
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- #poetry शीर्षक : " एक पल तो गुजारा है तूने "
चलो उम्र ना सही,
मेरा एक लम्हा तो सवारा है तूने,
वादा किए आखिरी सास तक की,
पर होते ही उड़ गए...
चलो जिंदगी का,
एक पल तो गुजारा है तूने ।
तबाह कर गया मुझको,
लब्जों मे बया भी नही कर सकता,
किया कितना खसारा है तूने,
पतझड़ का मौसम हो गयी है जिंदगी,
मेरा छीना एक - एक सहारा है तूने ।
मेरी मुश्किलें... उम्र के साथ
बढ़ती जा रही है,
कैसे कह दूँ...
दर्दों से मुझको उबारा है तूने,
जो तुम चल दिये..
अपनी यादों को भी लेकर जाते,
खुद को बसाकर...
अपने दिल से मुझको, नकारा है तूने ।
ये हवाएँ... ये फिजायें...
खुशबु नही लाती... अब...
पहले की तरह,
लगता है गुलशन को भी
बदन से उतारा है तूने,
वो लबों की मुश्कान तेरी...
ख्वाबों मे भी दिल को चिर जाती है,
जाने क्यूँ... और कैसे...
मेरी मोहब्बत को, किया किनारा है तूने ।
वफा, एहतराम.. जो कुछ भी है,
तेरे - मेरे दरमियाँ.. इश्क़ में
सारा का सारा.. हमारा है,
ऐ साथी , साथ छोड़ जाना तेरा,
हर शाम गुजारती है मयखाना मेरा,
संभलना कहीं तुझे भी
कोई छोड़ ना जाए...
किया गलत इशारा है तूने ।
वादा किये आखिरी सास तक की
पर होते ही उड़ गए,
चलो जिंदगी का....
एक पल तो गुजारा है तूने..... ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#post #virals #love #sadness #new #sad #sadlife
- रंगभूमि
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- धर्म और कर्म
- #poetry " कोई गीत या प्रीत, ऐसे ही नही बनते "
रिश्ते निभाने के लिए, दो हाथ लगतें हैं,
और आपको ये आसान बात लगतें हैं ।
व्यक्तित्व उसमे नहीं जिसमे,
आपके आत्म सम्मान लगतें हैं ।।
धन कमाना है जीने के लिए सच है मगर,
खयाल यह भी रहे, करम मरने के बाद लगतें हैं ।
बस आज ही तो है, कल कहाँ है ,
अंतिम चरण में सिर्फ शमशान लगतें हैं ।।
सबकी दौड़ जारी है, एक दूसरे के पीछे,
कोई हमसे आगे ना निकल जाय...!
ये इंसान नहीं, बेईमानों के जात लगतें हैं ।
कुछ इंसान, यहाँ सर्वज्ञानि हैं, खुद में,
हमे तो ,ये सब , नादान लगतें हैं ।।
मै समय हूँ मुझे, खुद पर कोई रोक नहीं,
प्रत्येक अवस्था नये मुलाकात लगतें हैं ।
समझो, जीवन का सच जानने के लिए,
एक सच्चे और अच्छे, ईमान लगतें हैं ।।
कोई गीत या प्रीत , ऐसे ही नहीं बनते,
रचित, उनमे हमारे जज्बात लगतें हैं ।
युगों - युगों तक जीवित रहने के लिए,
तन मन से, महाबीर और वर्धमान लगतें हैं ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#post #poetry #poem #life #realtalk #Real #writer #writing #virals #motivation #hindi #imotional
- चिंतन और अनुप्रिया
- सीखो और जीतो
- हमारी सभी बहनों के लिए यह जनकारी अवश्यक् है :-
पिछले 3 साल का डाटा, 43 लाख लड़कियों में बाझपन और 30 लाख में कैंसर पाया गया... वैलेंटाइन के बाद मुश्किल से 10 दिन के अंदर गायनेकोलोजिस्टो के पास लड़कियों की भीड़ लग जाती है...
टीवी पे ऐड आता है सिर्फ एक कैप्सूल से 72 घंटो के अंदर अनचाही प्रेगनेंसी से छुटकारा...
बिना दिमाग की लडकिया, ऐसी गोलियां जिसका न कम्पोजीशन पता होता है न कांसेप्ट…
बस निगल जाती हैं…
इन फेक गोलियों में आर्सेनिक भरा होता है यह 72 घंटो के अंदर सिर्फ बनने वाले भ्रूण को खत्म नही करता बल्कि पूरा का पूरा प्रजनन तंत्र ही खत्म कर देता है…
शुरू में तो गोलिया खाकर सती सावित्री बन जाती हैं लेकिन शादी के बाद पता चलता है ये अब माँ नही बन सकती…
तो सबको पता चल जाता है इनका भूतकाल कैसा रहा है, पर कोई बोलता नही जिन्दगी खुद अभिशाप बन जाती है…
सरकार हर साल मातृत्व सुरक्षा, जननी सुरक्षा, बेटी बचाओ जैसी योजनाओ के नाम पर करोड़ो रुपयेफुक देती है।
आज हालत ये हैं 13-14 साल की बच्चिया बैग में i-pill लेकर घूम रही है ये मरेंगी नही तो क्या होगा…
और ऐसी जहरीली चीजे वैलेंटाइन पर मेडिकल माफिया भारतीय बाजारों में जानबुझकर उतारता है...
क्युकी सबको पता है, भारत में बुद्धिजीवी वर्ग का कोई मान नही होता... पहले ये लड़कियों को जहर खिलाकर बीमारी देते हैं... फिर उसकी दवाई बेचकर अरबो रूपये कमाते हैं... जिसमे नेता भी कमाई करते हैं... क्युकी ऐसे जहर को बेचने का परमिट और उनकी चेकिंग न करवाने का काम नेता ही कर सकते हैं...
बेटी आपकी, तो उसकी जिम्मेदारी भी आपकी... इस वैलेंटाइन उसके पीछे संत महापुरुष का ही नही बल्कि आप खुद सजग रहोगे, देखने पर विरोध करोगे।
समय है वेलेंटाइन जैसे कुकर्म को बढ़ावा देने वाले घटिया मानसिकता की जगह जगह अपने माता पिता का पूजन कर देश की युवा पीढी को सुदृढ़ बनाने का...
या फिर अगर चाहते हो आपकी बेटे बेटी जमके अय्याशी करे, और बाद में कैंसर, बाझपन, STD की वजह से मर जाए और आपका बोझ हल्का हो... तो एक ही बार में सल्फास दे दो...
समस्या आपके बेटी की अय्याशी और उसके मरने से नही, समस्या होती है, जो दवाईया बेचकर विदेशी कम्पनिया हर साल हमारे देश का अरबो रुपया लुट लेती हैं उससे है... आज कल की सच्चाई।
सभी बहनों के हित मे, यह जनकारी समर्पित किया है ।
सतर्क रहो, भूलकर भी यह गलती मत करना वरना जीवन भर पछताना पड़ेगा.... ।
जनकारी स्रोत : गूगल कोरा..
- #lyrics कोई और क्या समझेगा एहमियत तेरी,
सिर्फ मै जानता हूँ किमत तेरी...
कितने साल गुजरे हैं तेरी तालाश मे जाना,
तु क्या जाने मुझमें कितनी हिम्मत है तेरी.... ।
तुझे अट्ठारह साल तक मोला है मैने,
अपनी चाहतों में तुझको तोला है मैने,
कैसे ओझल होने दूँ, अपनी नजरों से तुझको,
दिल मे बसाया, बिठाया है
अपनी अधरों पे तुझको.....
झांक कर देख दिल मे मेरे,भरी है
कितनी जुनूनियत तेरी.....
कोई और क्या समझेगा एहमियत तेरी,
सिर्फ मै जानता हूँ किमत तेरी.... ।
तु है तो ये सांसे चल रही है,
तु है तो ये दिन ढल रहा है,
बिन तेरे एक पल भी गुजारा नही है,
मै हूँ पर ये जीवन हमारा नही है ।
दिल मे जो भी मोहब्बत है सारे,
आ...मै जेहन में उतारूँ तुम्हारे....
क्या देखें हम जमी के नजारे,
हम जियेंगे वफाओं के सहारे.... ।
लबों पे तुम्ही, नजर में तुम्ही, दिल मे है
कैफियत तेरी.....
कोई और क्या समझेगा एहमियत तेरी,
सिर्फ मै जानता हूँ किमत तेरी.... ।
#virals #PostViral #writer #love #inking #songwriter #songlyrics #song #hindi #hindisong #singer #shilpiraj #pawansingh #himeshreshammiya #nehakakkar
नोट:- आप यदि इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकते हैं परंतु हमारी अनुमति लेकर । हमारी अनुमति अनिवार्य है । 🙏 धन्यवाद
- टीवी और वीवी
- #poetry " दोस्तों के साथ की जिंदगी "
ओहो.. कैसे थे हम... और कैसे हो गए,
वो वक़्त अब शायद...कहीं खो गए,
वक़्त बीते और हम बिछड़े...
उड़ गए कहीं हमारी खुशियोँ के चिथड़े ।
कैसे मिलकर हम शोर मचाया करते थे,
ये मेरी है, वो तेरी है.. कहकर...
एक दूसरे को रिझाया करते थे,
कड़क सर्दी और कड़क धुप मे साथ
पढ़ने जाया करते थे...
कोई छोटा कोई बड़ा नही, एक ही
थाली मे खाया करते थे... ।
किसी की शादी हो गयी तो
कोई कवारा है...
कोई जिम्मेदारियों से जूझ रहा
तो कोई गलियों का आवारा है,
कोई बन गया शाहब तो कोई
बेरोजगारी का मारा है... ।
दूर हो मजबूर हो मगर, ये दोस्ती
दिल मे कायम रखना,
कभी तो मिलेंगे किसी मोड़ पर,
सोचना, जगना और राह तकना,
कितने जागे और कितने सो गए,
जगह बदला और समय बदला,
जो हमारे थे, वो किसी और के हो गए ।
~ ऑथोर मुन्ना प्रजापति
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- हिन्दी की दशा और दिशा
- चाँद तारे और हम
- लघुकथा। "मतलबी और मैं"
- पेड़ और उसकी जड़ें
- हरतालिका तीज और वाराह जयंती
- समस्या और समाधान ! (आलेख)
- मेरा महान माँ
- स्वप्न क्या है और यह क्यों आते हैं.....
- और वह जीत गई
- तुलेंद्र यादव छत्तीसगढ़ लोकप्रिय और मशहूर रंगमंच कलाकार
- तुम खुद में नहीं किसी और में हो
- बेटियां और समाज
- देख रहा है रचित... ✍️
दिल मे कुछ और है, दिमाग में कुछ और,
जुबान पे कुछ और है, हक़ीक़त में कुछ और.... ।
आँखें क्या बता रहीं हैं,,, देख ना
क्या कोई किसी पे भरोसा करेगा ! #trust
बेईमान लोग... 🤔
- सिकन्दर और पोरस की कहानी
- हम और हमारे 'सपने'
- और अचानक लापता हो गया अर्चना का पति
- ब्यूटी और बिष्ट की कहानी
- श्री कृष्ण तथा राधे रानी की प्रेम कथा
- और तुम केह रहे हो.. के कल जायेगी....!!
Fallow for the more.. #emotionalquotes
- #poetry "१५ अगस्त.... "
आज वह शख्स भी आजादी की
गाथाएँ गाते हुए नजर आया,
जिसने जाती और मजहब मे
लोगों को उलझा कर रखा है ।
उसने हमेशा बतलाया है के तुम बड़े हो,
तुम्हे बड़ा होना चाहिए और
सबसे आगे होना चाहिए,
तुम हिंदू हो तुम मुश्लिम हो
तुम सिख हो तुम ईसाई हो,
और आज मंच पर, कुछ लोगों के बीच
कह रहा था के हम भारत वासी एक हैं ।
जो अपने फायदे के लिए अपनी
शान के लिए, अपने पद के लिए
जाने कितनों को मौत के घाट उतार दिया होगा!
वह शख्श आज मंच पर, तिरंगे के सामने
इस देश को मजबूत बने रहने का
शिक्षा दे रहा था ।
जो हमेशा लोगों को कम शिक्षित
रखने का उपाय ढूंढता रहा, वह
आज मंच पर विद्यार्थियों के सामने
उच्च शिक्षा पाने की हौशला दे रहा था ।
कुछ शहीदों के बारें मे, उनका चरित्र
चित्रण कर रहा था, अल्पज्ञ लोगों को
समझा रहा था, आजादी कैसे हुयी
इसकी गाथा सबको सुना रहा था जिसने
अपने कर्मों का किताब कहीं
छुपा कर रखा है ।
बहोत बड़ी बड़ी बातें की उसने,
वह सब उसकी जुबानी थी, और
सच तो ये है की वह सब किसी की
लिखी हुयी कहानी थी ।
उसने ये नही कहा कि अस्पताल में,
मरीजों (गरीबों ) को क्यूँ रुलाते हो,
उचे पद पर बैठकर लूट पाट क्यूँ मचाते हो,
किसी मशले को हल करने मे
इतना वक़्त क्यूँ लगाते हो ।
वो लोग भी क्या अजीब थे
जो उसके चिकनी बातों के करीब थे,
तालियां बज रही थी, जय हिंद के
नारे भी लग रहे थे परंतु.....
हिंदुस्तान को जिताने का या फिर
जश्न ए जीत का भाव किसी के
दिल मे नहीं था ।
सब इसी मे डूब गए, के, कब, कैसे
और किसने आजादी दिलायी,
कितनी मुशक्कत् स्वतंत्रता सेनानियों ने
उठायी... बस इन्ही सब बातों पर
हम सबको फुसला कर रखा है ।
आज वह शख्स भी आजादी की
गाथाएँ गाते हुए नजर आया, जो
इस जमी का खाता है, इसी जमी पर
रहता है, हम लोगों के बीच जीता है मगर
भला सिर्फ अपना सोचता है,
मै भी चाहता हूँ,
आजादी की शुभकामनाएँ दूँ... पर
किसे दूँ.... किसे....... 😥
✍️ Author Munna Prajapati
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- संघर्ष की एक और रात
- मेरी जिंदगी और आपकी मोहब्बत ✍️✍️✅✅🙏🙏#success #writer #motivation #viral
- #Happy #holi मेरी जान.. 🌹🌹शुकुन है और नही भी 🥺 #love #viralpage #new #sad
- School and friends। स्कूल और दोस्त
- क्या यार.. कुछ दिन और ठहर गए होते... 😌🤔✍️2023
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- जाने कब तक.. और कहाँ तक.. 🥀💔✍️😥🥀🥀
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