Meaning of हस्तलेख का विज्ञान in English
- The art of judging of a person's character, disposition, and aptitude from his handwriting.
Meaning of हस्तलेख का विज्ञान in English
English usage of हस्तलेख का विज्ञान
Synonyms of ‘हस्तलेख का विज्ञान’
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चलो उम्र ना सही,
मेरा एक लम्हा तो सवारा है तूने,
वादा किए आखिरी सास तक की,
पर होते ही उड़ गए...
चलो जिंदगी का,
एक पल तो गुजारा है तूने ।
तबाह कर गया मुझको,
लब्जों मे बया भी नही कर सकता,
किया कितना खसारा है तूने,
पतझड़ का मौसम हो गयी है जिंदगी,
मेरा छीना एक - एक सहारा है तूने ।
मेरी मुश्किलें... उम्र के साथ
बढ़ती जा रही है,
कैसे कह दूँ...
दर्दों से मुझको उबारा है तूने,
जो तुम चल दिये..
अपनी यादों को भी लेकर जाते,
खुद को बसाकर...
अपने दिल से मुझको, नकारा है तूने ।
ये हवाएँ... ये फिजायें...
खुशबु नही लाती... अब...
पहले की तरह,
लगता है गुलशन को भी
बदन से उतारा है तूने,
वो लबों की मुश्कान तेरी...
ख्वाबों मे भी दिल को चिर जाती है,
जाने क्यूँ... और कैसे...
मेरी मोहब्बत को, किया किनारा है तूने ।
वफा, एहतराम.. जो कुछ भी है,
तेरे - मेरे दरमियाँ.. इश्क़ में
सारा का सारा.. हमारा है,
ऐ साथी , साथ छोड़ जाना तेरा,
हर शाम गुजारती है मयखाना मेरा,
संभलना कहीं तुझे भी
कोई छोड़ ना जाए...
किया गलत इशारा है तूने ।
वादा किये आखिरी सास तक की
पर होते ही उड़ गए,
चलो जिंदगी का....
एक पल तो गुजारा है तूने..... ।।
✍️ Author Munna Prajapati
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लगातार एक प्रभाव, दूसरा प्रभाव फिर तुरंत तीसरा प्रभाव, ऐसे ही लगातार स्थिरता, अपनी सोच, उद्देश्य, लक्ष्य आदि को बदलतें हैं जिसके वजह से आप अपने जीवन मे किसी एक लक्ष्य पर स्थिर नहीं रह पाएंगे । स्वभाविक सी बात है इस तरह की क्रियाएँ आपकी स्थिरता को भंग करती है और आप खुद को रोक नही पाते । जब कोई चीज थोड़ी सी ज्यादा समय लेती है या फिर समझ में नही आती तो आप उसे तुरंत छोड़ देते हैं । परंतु आप उसे समझने या किसी एक ही विषय पर गहरा अध्ययन करने की कोशिश नही करते । इंसान की यह सबसे बड़ी दुर्बलता है । जिससे कि वह अपने लक्ष्य को पाने मे चुक जाता है ।
कोई भी बड़ी चीज क्षणिक सोचने से या क्षणिक अध्ययन से पूर्ण नही होती उसके लिए वक़्त चाहिए होता है । और यह तो हमारे मस्तिस्क से निकल चुका है । एक मिनट से अधिक हम किसी एक विषय पर तो सोच ही नही सकते ।
हम जब तक रिल्स देख रहे होते हैं हमारा मस्तिस्क उसके विषय में सोचता है, जो हम देख रहे होतें हैं । परंतु किताबें, जिसमे प्रत्येक शब्द लिखे हुए हैं, उसे आप बार-बार पढ़ सकते हैं । उसे सोच सकते हैं । उसके अनुसार आप अपने जीवन को सक्रिय कर सकते हैं । यह जो मोबाइल फोन का दौर है, यह हमे उस अंधकार के तरफ ले कर जा रहा है जहाँ चारो तरफ कोई भी चराग़ नही । पुस्तकें मनुष्य का मार्गदर्शक हैं । ऐसा नहीं की मै पुस्तकें लिख रहा हूँ तो ही ये सारी बातें कर रहा हूँ! यदि आप इस बात का विचार करना चाहे तो भी नही कर सकते । और नाही यहा तक पहुँच सकतें है जहाँ तक हमने यह कल्पना की है । हम आधुनिक दौर मे जरूर जा रहे हैं परंतु यह भी सत्य है की हम अपने आप को कहीं खो रहें है ।
चलिए जरा सा सोच कर देखिये –
यदि गूगल बंद हो जाय ! यदि इंटरनेट काम ना करे तो हमारा क्या अवस्था हो जायेगा ।
जब मोबाइल का डाटा (इंटरनेट) समाप्त होता है तो इसके बगैर हम इक दिन नही रह पाते, कैसे भी हमे रिचार्ज करवाना ही है । इसका अर्थ यह है की हम किसी के अधीन होते जा रहें हैं । हमारी मानसिकता , हमारे मस्तिस्क पर किसी और का अधिकार हो रहा है । हम मानसिक रूप से किसी और का गुलाम होते जा रहें हैं । आप अपनी आँखें खोलिए और देखिये । हम 1947 मे आजाद हुए थे सत्य है मगर अब फिर हम खुद को गुलामी की तरफ ले जा रहें हैं , आधुनिकता समझकर ।
✍️😰✅🤔 Author Munna Prajapati
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आप सबसे कुछ नहीं है कहना,
हम सबको मिल जुल कर है रहना - २
तिरंगे का लाज रखना.. ..
फुट मत होने देना, याद रखना,
सब कुछ खोकर भी, इसे आजाद रखना... ..... ।
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हम सबने बहोत कुछ खोया है...
पूत का लथपथ लाश को लेकर,
हमारी माओं ने कितना रोया है.... २।
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प्रीत से सिच कर,, आबाद रखना...
सब कुछ खोकर भी, इसे आजाद रखना.... ।
ये धरती है सोने की चिड़िया,
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ये जहाँ हमेशा जिंदाबाद रखना....
सब कुछ खोकर भी, इसे आजाद रखना...।
✍️ Author Munna Prajapati
आप सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.. 🙏🇮🇳 जय हिंद जय भारत
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- #poetry संभल कर रहना...
संभल कर रहना, भलाई का जमाना
अब नही रहा,
हमने जिसे समंदर में डूबने से बचाया,
वही हमे भवर मे छोड़ गया ।
बोली लग रही थी जिसकी जिश्म की
छुट्टे जोड़कर जिसको बचाया
वही हमे बाजार में बेचकर चला गया ।
जिसे हमने सिचकर, तरासकर, पौधे से
वृक्ष बनाया वही हमारे झोपड़ी को
उजाड़ कर चला गया ।
सड़क से नांगा उठाया था जिसको
आज वही हमे भिखारी बता कर चला गया ।
जिसको कभी इश्क़ करना सिखाया था
हमने, आज उसने हमे सबक सिखाकर
चला गया ।
खुद का निवाला खिलाकर बड़ा किया
जिसको, आज वही मेरे आगे से खाने
की थाली छीन कर चला गया ।
जिस अंधे को अपनी आँखे दी हमने,
आज वही हमे अंजान कहकर चला गया ।
कभी भगवान् था मै भी किसी के नजरों मे
आज वही हमे शैतान कहकर चला गया ।
आज प्रेम के रिश्ते शर्तों पर चल रहे हैं,
वो सात फेरों और सात जन्मों का
बंधन चला गया ।
भूल गए सभी के पति पर्मेश्वर है,
हर पत्नी के मन से पिया का वंदन
चला गया ।
एक रोज हमने जिसे गिरने से बचाया,
आज वही हमे गिराकर चला गया ।
जिसके हम हमेशा ज़ुबाँ पे रहते
सोते , जागते,
आज वही हमे भुलाकर चला गया ।
संभल कर रहना, भलाई का जमाना
अब नही रहा,
जिसके लिए हम सच्चे थे, वही हमे
झुठलाकर चला गया ।
~ मुन्ना प्रजापति
#life #love #writer #struggle #post #postviral2024 #motivation #sad #truth #talk #talkshow #writing
- #poetry कितना अजीब है, मेरा मेहबूब,
कांटे लगाकर कहता है गुलाब आयेंगे,
चुल्लू भर पानी में शैलाब आयेंगे,
बिछड़कर मुझसे केहता है याद आयेंगे,
बरस रहा है मोहब्बत का सावन और
वो केहता है मौसम के बाद आयेंगे ।।
वक़्त गुजार रही हूँ तन्हाइयों मे,
मेरा हैंडर्ड मुस्कुराता हुआ कहता है
और अतायेंगे...
मिलना है कहकर मिलने नही आयेंगे ।।
इस कदर हम याद तुझको आयेंगे
तेरे जिशम् के रग रग में बस जायेंगे,
गर जुदा करना चाहा खुदसे मुझको,
जायेंगे तुमसे दूर मगर
जिस्म से रूह जस जायेंगे ।।
कोई जबाब नही देता मेरे खत का
कहता है बस... यही ज्ञान आयेंगे,
कांटे लगाकर केहता है गुलब् आयेंगे,
चुल्लू भर पानी में शैलाब आयेंगे ।।
✍️ Author Munna Prajapati
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- #poetry हम लोगों को सुधारने निकले...
लोगों को सुधारने निकले थे,
हम खुद ही बिगड़ के रह गए,
जल शैलाव आया, सब डूब रहे थे,
हम लोगों को बचाने निकले,
किसी को किनारे पे लाकर छोड़ा,
खुद ही बह गए ।
जो बात हम जुबान पर लाने में भी,
सोचते थे, वो बात , वो हमसे,
बगैर हिच किचाहट के कह गए ।
क्या गजब का जहर था,
सुनकर जुबानी उनकी, हम तो
खड़े के खड़े ही रह गए ।
अज्ञानता का अंधकार मन मे ,
पनप रहा था, हम सवारने चले,
खुद अज्ञानी बन के रह गए ।
हमने सिखायी ईमानदारी, कहा गए,
लोग बेईमानी पे उतर गए ।
लोग बाग सब बिगड़े, हमने सोचा
के लोग अब सुधर गए ।
लोगों को सुधारने निकले थे,
हम खुद ही बिगड़ के रह गए ।
~ Munna Prajapati
#truth #life #virals #sad #post #writer #writing #love #poetrylovers #poem
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