अपने किसी पद का तू ,मत कर इतना गुमान।
अपने किसी पद पर तू , सबका कर तू सम्मान।।
पद के अभिमान में तू ,मत भूल इंसानियत।
पद पर करके लालच,मत बेच अपना ईमान।।
अपने किसी पद का तू -----------------------।।
हो जा कुर्बान तू ,ईमान से अपने पद पर।
करेगी याद दुनिया, तुमको तेरे इस पद पर।।
सबकी कर तू भलाई, पद पर बनकर इंसान।
पद पर करके लालच,मत बेच अपना ईमान।।
अपने किसी पद का तू ---------------------।।
पाने को कोई पद ,करते हैं क्यों गलत काम।
भ्रष्टाचार - लूटपाट, करके खुद को बदनाम।।
पाकर ऐसे कोई पद, नहीं बन ऐसे शैतान।
पद पर करके लालच,मत बेच अपना ईमान।।
अपने किसी पद का तू ---------------------।।
पाकर सरकारी पद यह, खुद को मान खुशनसीब।
लेकिन पाकर यह पद फिर, कामचोरी तू मत सीख।।
पाकर सरकारी पद तू , नहीं बोल खुद को भगवान।
पद पर करके लालच, मत बेच अपना ईमान।।
अपने किसी पद का तू ----------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847