तेरी डोली से भी बेहतर, जनाजा मेरा होगा।
तू नहीं तो क्या हुआ,पूरा शहर शामिल होगा।।
तेरी डोली से भी बेहतर--------------------------।।
लगेगी जिस दिन मेहंदी, इन हाथों में तेरे।
सजेगा जिस दिन गजरा, इन बालों में तेरे।।
निकलेगी मेरी अर्थी , फूलों से ऐसे सजी।
उठेंगे हाथ दुहा में, अश्क हर आँख में होगा।।
तेरी डोली से भी बेहतर-----------------------।।
जिसपे तू नाज करेगी, होगा नहीं तेरा अपना।
रहेगी जिस तू महल में, होगा नहीं तेरा पसीना।।
अपनी मोहब्बत के नाम, बनाऊंगा एक महल मैं।
करेगा नाज जमाना,ताजमहल ऐसा ही होगा।।
तेरी डोली से भी बेहतर---------------------------।।
हुआ हूँ मैं तो बर्बाद, हमेशा तेरे लिए ही।
सजाये ख्वाब सारे,मैंने तो तेरे लिए ही।।
अकेला फिर भी नहीं हूँ,तुझसे कौन होगा वफ़ा।
मुझपे लिखेंगे नगमें, कुर्बान मुझपे जहां होगा।।
तेरी डोली से भी बेहतर-------------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847