यह क्या किया तुमने, अपनी हकीकत छुपाकर।
बताया क्यों नहीं पहले, सच को पर्दा हटाकर।।
यह क्या किया तुमने----------------।।
तुमको छुआ है हमसे पहले, और किसी ने कभी।
दिखाया क्यों नहीं पहले, दीवाना अपना मिलाकर।।
यह क्या किया तुमने----------------।।
करते रहे तुम पर अब तक , बेशक हम यकीन बहुत।
मगर तुम दोगे दगा ऐसे, हम पर इल्जाम यूं लगाकर।।
यह क्या किया तुमने----------------।।
शर्म हमारी नहीं तो, की होती अपने घर की शर्म कुछ।
जला दिये अरमां हमारे, चिराग क्यों हमारे बुझाकर।।
यह क्या किया तुमने----------------।।
करते रहे इज्जत तेरी हम,मूरत तुम्हें मानकै पवित्र।
कर दिया हमको बर्बाद, हमारी ऐसे नैया डुबोकर।।
यह क्या किया तुमने----------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847