Meaning of यह in English
- The neuter pronoun of the third person, corresponding to the masculine pronoun he and the feminine she, and having the same plural (they, their or theirs, them).
- As a substance for any noun of the neuter gender; as, here is the book, take it home.
- As a demonstrative, especially at the beginning of a sentence, pointing to that which is about to be stated, named, or mentioned, or referring to that which apparent or well known; as, I saw it was John.
- As an indefinite nominative for a impersonal verb; as, it snows; it rains.
- As a substitute for such general terms as, the state of affairs, the condition of things, and the like; as, how is it with the sick man?
- As an indefinite object after some intransitive verbs, or after a substantive used humorously as a verb; as, to foot it (i. e., to walk).
- As a demonstrative pronoun, this denotes something that is present or near in place or time, or something just mentioned, or that is just about to be mentioned.
- As an adjective, this has the same demonstrative force as the pronoun, but is followed by a noun; as, this book; this way to town.
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- #lyrics मेरा मन घबराया रे...
मेरा मन असहि ना घबराया रे ,
टूटे कोई छुटे ,ये कैसा जुग आया रे..
मेरा मन असहीं ना घबराया रे....
जनम देखे मरण देखे, इस
धरा पर एक क्षण ला आया रे...
फिर क्यूँ इस जीवन पर इतराया रे..
इंसान इंसानियत भूले, ये कैसा जुग आया रे...
मेरा मन असहिं ना घबराया रे...
पल में परलय होय यहाँ, जानी
ह्रदय में हम कहाँ से आया रे..
कोई दुजा क्यूँ ना भाया रे..
होय झूठे ना मन को धुले, क्या भाव
तुझमे समाया रे...
मेरा मन असहिं ना घबराया रे....
यह देह ना तुम्हरा ,तात बता
स्नेह फिर क्यूँ ना लुटाया रे..
बिन सवाब समय काट आया रे..
ना खिले हृदय फुल, धन कागज
का भर लाया रे...
कहे मुन्ना जब जाना, उमर भर
क्या कमाया रे...
मेरा मन असहिं ना घबराया रे....
~ मुन्ना प्रजापति (उ. प्र.)
#poets #poetry #PostViral #truth #life #virals #songwriter #song #songlyrics #bhajan #bhakti
नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकते हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 +९१७८९७८६८६२५
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कोई भी इस दुनिया से जिंदा नहीं निकलेगा। जिस जमीन के लिए आप लड़ रहे हैं और मारने को तैयार हैं, उस जमीन को कोई छोड़ गया है, वह मर चुका है, सड़ा हुआ है, और भुला दिया गया है। तुम्हारा भी यही हाल होगा। आने वाले 150 वर्षों में, आज हम जिन वाहनों या फोनों का इस्तेमाल अपनी शेखी बघारने के लिए कर रहे हैं, उनमें से कोई भी सदैव का साथी नहीं होगा। बीको, जीवन को आसान बनाओ । बहोत खुशी होती है मन को किसी को वास्तव में खुश करने मे, करके तो देखो ।
प्रेम को आगे बढ़ने दो। आइए एक दूसरे के लिए वास्तव में खुश रहें। कोई द्वेष नहीं, कोई चुगली नहीं। कोई ईर्ष्या नहीं। कोई तुलना नहीं। जीवन कोई प्रतियोगिता नहीं है। यह हमारा सौभाग्य है जो मनुष्य का तन मिला है । दिन के अंत में, हम सभी दूसरी तरफ पारगमन करेंगे। यह सिर्फ एक सवाल है कि वहां पहले कौन पहुंचता है, लेकिन निश्चित रूप से हम सभी किसी दिन वहां जाएंगे।
ये जीवन तो बिल्कुल सरल है, इसे दुखी और कठिन हम खुद ही बना देते हैं अन्य लोगों से तुलनात्मक भाव रखकर, इर्ष्या करके । हम क्यूँ दुखी होते हैं किसी की खुशी को लेकर , किसी को सफल देखकर! लेकिन नहीं...
जिस प्रेम से हमारा जन्म हुआ है हम उसी के दुश्मन हैं । बदलो खुद को दुनिया खुद ब खुद बदल जायेगी । ये संसार तो हम ही से है । जो रवैया अभी है यदि ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन सर्वनाश निश्चित है । समझो ना,,तुम्हे तो उपर वाले ने सोचने समझने की शक्ति तो दी है । यहाँ अत्यधिक लोग अपनी ऊर्जा का उपयोग किसी दूसरे को मिटाने मे कर रहें हैं । ऊर्जा सही दिशा में लगाओ । जरा सोचो हमारे देश में 140 करोड़ लोग हैं, यदि सभी लोग एक दिशा में चलें तो हम कहा पहुँच सकतें हैं..... सोचो और चलो..... ।
~ Author Munna Prajapati
- समय बहोत कीमती है, समझो :-
आज मैं आपसे एक ऐसी बात करूंगा जो शायद आपको चुभेगी, पर सच है। समय की कीमत न समझने से जिंदगी बर्बाद हो जाती है। आपके पास समय नही है यह पढ़ने के लिए मै जानता हूँ । नृत्य कलाओ (अर्धनग्न) को देख कर आँखे तृप्त होती हैं न आपकी, यही जीवन है और शायद आप यही तक सीमित रह जायेंगे । क्या आवश्यकता है कुछ करने की, कुछ सोचने की, जीवन तो कट ही रहा है और कट भी जायेगा ।
(१) कल्पना करो एक ऐसे शख्स की, जो हर रोज सोचता है - कल से सुबह जल्दी उठूंगा, एक्सरसाइज करूंगा। पर वो कल कभी नहीं आता। धीरे-धीरे वो मोटा होता जाता है, बीमार पड़ता है। और एक दिन डॉक्टर कहता है - अब बहुत देर हो गई।
(२) फिर सोचो उस लड़की/ लड़का के बारे में, जो हर दिन अपने पिता से कहती / कहता है - पापा, कल आपके साथ पार्क चलूंगी/ चलूँगा। पर वो कल कभी नहीं आता। एक दिन पिता चल बसते हैं, और वो लड़की पछताती रह जाती है।
(३) सोचो उस पति के बारे में, जो हर रोज अपनी पत्नी से कहता है - बस कुछ दिन और, फिर तुम्हारे साथ वक्त बिताऊंगा। पर वो दिन कभी नहीं आते। और एक दिन पत्नी किसी और के साथ चली जाती है, और वो अकेला रह जाता है।
ये सब कहानियां अलग-अलग लग सकती हैं, पर इनमें एक बात कॉमन है - समय की कीमत न समझना। समय हम सबके लिए कीमती है, अलग-अलग है परंतु है ।
हम क्या करते हैं ? हर पल को अगले पल के लिए जीते हैं। स्कूल में सोचते हैं कॉलेज के बारे में। कॉलेज में जॉब के बारे में। जॉब में रिटायरमेंट के बारे में। और फिर ? फिर वक्त खत्म हो जाता है।
समय किसी का इंतजार नहीं करता। वो बस बीतता जाता है, चुपचाप, लगातार। और एक दिन हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो पाते हैं कि जिंदगी कब बीत गई, पता ही नहीं चला। वक़्त गुजर जाने के बाद पछतावा होता है कि काश मै वो कर लिया होता!
याद रखो, जिंदगी सिर्फ सांसों की गिनती नहीं है। ये उन पलों की गिनती है जो तुम्हारी सांस रोक दें। जो तुम्हें जीवंत महसूस कराएं।
तो क्या करें ???? 🤔
अभी जियो। हां, भविष्य के लिए प्लान करो, पर वर्तमान को मत भूलो। रोज कुछ ऐसा करो जो तुम्हें खुशी दे। खुशी मे सिर्फ खुद की खुशी नही होती कुछ अपनों की भी खुशी शामिल होती है । चाहे वो 5 मिनट ही क्यों न हो।
अपनों के साथ वक्त बिताओ। फोन रखो और उनसे बात करो। याद रखो, रिश्ते वक्त मांगते हैं, पैसे नहीं। और कोई रिश्ते ऐसे हैं भी जो सिर्फ पैसे मांगते है तो उन्हे वह भी देकर खुश रखो, उसमे क्या जाता है! परंतु एक सीमा मे ।
और सबसे जरूरी, खुद के लिए वक्त निकालो। वो किताब पढ़ो जो तुम पढ़ना चाहते थे। वो जगह घूमो जहां तुम जाना चाहते थे। हर व्यक्ति की खुशी किसी ना किसी एक चीज की जरूर होती है । शौक होती है कुछ खुद के लिए, अपने मन की खुशी के लिए करने की, वो जीवन जो तुम स्वतंत्रता से जीना चाहते हो । जियो, इन सबके लिए कुछ पल निकालो और जियो ।
क्योंकि अंत में, जब तुम पीछे मुड़कर देखोगे, तो तुम उन पलों को याद करोगे जो तुमने जिए, न कि उन पलों को जो तुमने टाले।
बहोत कीमती है इस जीवन का हर एक पल, कभी कोई एक पल भी बेवजह मत गुजरने दो । संभालो , संभलो और चलते रहो । कभी थकना नही, जो एक पल के लिए रुके, तुम मिलों दूर हो जाओगे । खयाल रहे ।
तो आज से, अभी से, इसी पल से जीना शुरू करो। क्योंकि कल किसने देखा है !
✍️ Author Munna Prajapati
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- #hindi #lyrics तु इंसान नहीं.. गर..
जीता या मरता है सब कोई,
कैसे कोई खुली अखियाँ से सोई ।
शुकुन से बहोत फासलें नजर आयेगी,
गर तेरे भीतर नियत नहीं....
तु इंसान नहीं, गर
तुझमे इंसानियत नहीं ... ।
मजहब के नाम पर लड़ते हो,
इन ठेकेदारों के कहने मे पड़ते हो ।
भर रहें हैं देखो हैवानियत कहीं...
तु इंसान नही... गर
तुझमे इंसानियत नहीं..... ।
जो यह भ्रम भरतें हैं देखो,
कुछ ऐसा नहीं जो उनके पास नही,
तुम खुद को खो रहे हो और
तुम्हे एहसास नही ।
जता रहे हो शैतानियत, माशुमियत् नहीं....
तुम इंसान नहीं.. गर
तुझमे इंसानियत नहीं... ।
ये शीलशिला एक रोज तुम्हे भी ले डूबेगा,
जिस दिन ये अमन ओ चमन तुमसे उबेगा ।
अंजान हो गया तुझे ,जरा भी तरबियत नहीं....
तुम इंसान नहीं... गर
तुझमे इंसानियत नहीं..... . ।
✍️ Author Munna Prajapati
#love #life #virals #post #singer #songlyrics #writer #PostViral #hit #social #human #humanity
नोट :- यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें है परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏
- बाबा अमरनाथ ज्योतिर्लिंग की ऐतिहासिक कहानी एवं महिमा( जय बर्फानी बाबा की)
- जिंदगी
- कविता। "अंतरिक्ष"
- शीर्षक:"बड़ी पुरानी डायरी है
जिसे मै लेकर निकला हूँ "
बड़ी पुरानी डायरी है ,
जिसे मै लेकर निकला हूँ ।
भुला नही हूँ, याद है मुझे,
यह वही है जगह जहाँ,
से मै फिसला हूँ ।।
बर्षों हो गए उससे बिछड़े,
हर रात यह सोच कर सोया,
और नींद नही आयी,
अर्षों बाद जब उसे देखा,
तो याद आया मुझको,
वो तो मेरे जेहेन मे है ,
मै उससे नही बिछड़ा हूँ ।।
मै गिरा भी तो इस कदर
गिरा उसकी चाहत में,
उम्र गुजर गया पर
अभी तक सम्भला ही नही,
बसाकर हृदय में उसको
गली गली ढूंढा , पर वो
अपना मिला ही नही,
बड़ी पुरानी डायरी है
जिसे मै लेकर निकला हूँ ।।
मैंने उसे अपना सब कुछ बना बैठा,
बिना सोचे उसे मैंने,
अपनी सांसों मे सना बैठा,
बड़ी लंबी कतार थी
उसके आशिकों की ,
जाकर अंत में मालूम हुआ,
के मै तो पिछला हूँ...
बड़ी पुरानी डायरी है
जिसे मै लेकर निकला हूँ ।।
✍️ मुन्ना प्रजापति
उत्तर प्रदेश, कुशीनगर
- मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड ( SIP MID CAP) में निवेश करना कहां तक सही
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हो रही है बारिश, मेरे पुस्तक गल जायेंगे,
जो लिखीं हैं इनमे, वो बातें कल आयेंगे,
मत छेड़ो उसे जो नादान है,
टूट जायेगा हौशला, और जो आत्म सम्मान है,
जो जन्मा है मनुष्य, बहोत महान है,
मत करना गुरुर, यह जीवन दान है,
धरती है करीब मगर, उचा आसमान है,
तुम हो अकेले भीड़ मे, ये दुनिया बिरान है,
चलो सरल रास्ते को छोड़ो,
मुख मंजिल के तरफ मोड़ो,
आरे ...एक बार तो पन्ने को पलट,
तू कुछ तो लिख ...सही या गलत,
सोचता क्या है, तू लिखना शुरू कर,
अंधेरा है... तू जिधर जायेगा रौशनी उधर आयेगी,
वो तेरी है.. तुझे मिलेगी.. किधर जायेगी,
तुम्हे बस इस पुस्तक को पढ़नी है,
सरल है, जीवन की सीढ़ी पर चढ़नी है,
आज कारवाँ आगे है, कल पीछे होगा,
जो तुमसे उच्चा है, वो तुमसे नीचे होगा,
चल पांच कदम, आगे रास्ता मिल जायेगा,
बदलेगा मौषम कामयाबी का, फूल खिल जायेगा,
बीत रही है उमर, ये दिन ढल जायेंगे,
जो लिखीं हैं इनमे, वो बातें कल आयेंगे,
हो रही है बारिश, मेरे पुस्तक गल जायेंगे ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#viralpage #life #hindi #motivated #truth #lifequotes #poetry #poetrylovers #poemascortos #poem
नोट :- don't copy, share direct please 🙏
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- जीडीए नर्सिंग क्या होती है?
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पिछले 3 साल का डाटा, 43 लाख लड़कियों में बाझपन और 30 लाख में कैंसर पाया गया... वैलेंटाइन के बाद मुश्किल से 10 दिन के अंदर गायनेकोलोजिस्टो के पास लड़कियों की भीड़ लग जाती है...
टीवी पे ऐड आता है सिर्फ एक कैप्सूल से 72 घंटो के अंदर अनचाही प्रेगनेंसी से छुटकारा...
बिना दिमाग की लडकिया, ऐसी गोलियां जिसका न कम्पोजीशन पता होता है न कांसेप्ट…
बस निगल जाती हैं…
इन फेक गोलियों में आर्सेनिक भरा होता है यह 72 घंटो के अंदर सिर्फ बनने वाले भ्रूण को खत्म नही करता बल्कि पूरा का पूरा प्रजनन तंत्र ही खत्म कर देता है…
शुरू में तो गोलिया खाकर सती सावित्री बन जाती हैं लेकिन शादी के बाद पता चलता है ये अब माँ नही बन सकती…
तो सबको पता चल जाता है इनका भूतकाल कैसा रहा है, पर कोई बोलता नही जिन्दगी खुद अभिशाप बन जाती है…
सरकार हर साल मातृत्व सुरक्षा, जननी सुरक्षा, बेटी बचाओ जैसी योजनाओ के नाम पर करोड़ो रुपयेफुक देती है।
आज हालत ये हैं 13-14 साल की बच्चिया बैग में i-pill लेकर घूम रही है ये मरेंगी नही तो क्या होगा…
और ऐसी जहरीली चीजे वैलेंटाइन पर मेडिकल माफिया भारतीय बाजारों में जानबुझकर उतारता है...
क्युकी सबको पता है, भारत में बुद्धिजीवी वर्ग का कोई मान नही होता... पहले ये लड़कियों को जहर खिलाकर बीमारी देते हैं... फिर उसकी दवाई बेचकर अरबो रूपये कमाते हैं... जिसमे नेता भी कमाई करते हैं... क्युकी ऐसे जहर को बेचने का परमिट और उनकी चेकिंग न करवाने का काम नेता ही कर सकते हैं...
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नही तुम किसी के हो ,
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देखो, आज मेरी तबियत कुछ उदास है,
आवाज नहीं आ रही, गले मे खरास है ।
देखो बेदिली, ये मौसम पल मे है बदल रहा,
हो रहा है असर, सारा बदन बदहवास है ।
किसी की चाहत है भरी दिल मे,
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कहीं तो कमी है किसी की, बस यु लगता है
की, बिन उसके, जिंदगी उदास है ।
दिल नही लगता अब कहीं, जीश्म का
तापमान ,सामान्य से कहीं उपर है ,
यू लगता है की यह प्रीत की प्यास है ।
मन हैरान- परेशान, क्या है समाधान,
जी मे जागृत एक अनजाना एहसास है ।
जो ओढ़ना चाहता है यह बदन,
वह एक अनोखा कीमती लिबास है ।
देखो, आज मेरी तबियत कुछ उदास है,
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रिश्ते निभाने के लिए, दो हाथ लगतें हैं,
और आपको ये आसान बात लगतें हैं ।
व्यक्तित्व उसमे नहीं जिसमे,
आपके आत्म सम्मान लगतें हैं ।।
धन कमाना है जीने के लिए सच है मगर,
खयाल यह भी रहे, करम मरने के बाद लगतें हैं ।
बस आज ही तो है, कल कहाँ है ,
अंतिम चरण में सिर्फ शमशान लगतें हैं ।।
सबकी दौड़ जारी है, एक दूसरे के पीछे,
कोई हमसे आगे ना निकल जाय...!
ये इंसान नहीं, बेईमानों के जात लगतें हैं ।
कुछ इंसान, यहाँ सर्वज्ञानि हैं, खुद में,
हमे तो ,ये सब , नादान लगतें हैं ।।
मै समय हूँ मुझे, खुद पर कोई रोक नहीं,
प्रत्येक अवस्था नये मुलाकात लगतें हैं ।
समझो, जीवन का सच जानने के लिए,
एक सच्चे और अच्छे, ईमान लगतें हैं ।।
कोई गीत या प्रीत , ऐसे ही नहीं बनते,
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युगों - युगों तक जीवित रहने के लिए,
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✍️ Author Munna Prajapati
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लगातार एक प्रभाव, दूसरा प्रभाव फिर तुरंत तीसरा प्रभाव, ऐसे ही लगातार स्थिरता, अपनी सोच, उद्देश्य, लक्ष्य आदि को बदलतें हैं जिसके वजह से आप अपने जीवन मे किसी एक लक्ष्य पर स्थिर नहीं रह पाएंगे । स्वभाविक सी बात है इस तरह की क्रियाएँ आपकी स्थिरता को भंग करती है और आप खुद को रोक नही पाते । जब कोई चीज थोड़ी सी ज्यादा समय लेती है या फिर समझ में नही आती तो आप उसे तुरंत छोड़ देते हैं । परंतु आप उसे समझने या किसी एक ही विषय पर गहरा अध्ययन करने की कोशिश नही करते । इंसान की यह सबसे बड़ी दुर्बलता है । जिससे कि वह अपने लक्ष्य को पाने मे चुक जाता है ।
कोई भी बड़ी चीज क्षणिक सोचने से या क्षणिक अध्ययन से पूर्ण नही होती उसके लिए वक़्त चाहिए होता है । और यह तो हमारे मस्तिस्क से निकल चुका है । एक मिनट से अधिक हम किसी एक विषय पर तो सोच ही नही सकते ।
हम जब तक रिल्स देख रहे होते हैं हमारा मस्तिस्क उसके विषय में सोचता है, जो हम देख रहे होतें हैं । परंतु किताबें, जिसमे प्रत्येक शब्द लिखे हुए हैं, उसे आप बार-बार पढ़ सकते हैं । उसे सोच सकते हैं । उसके अनुसार आप अपने जीवन को सक्रिय कर सकते हैं । यह जो मोबाइल फोन का दौर है, यह हमे उस अंधकार के तरफ ले कर जा रहा है जहाँ चारो तरफ कोई भी चराग़ नही । पुस्तकें मनुष्य का मार्गदर्शक हैं । ऐसा नहीं की मै पुस्तकें लिख रहा हूँ तो ही ये सारी बातें कर रहा हूँ! यदि आप इस बात का विचार करना चाहे तो भी नही कर सकते । और नाही यहा तक पहुँच सकतें है जहाँ तक हमने यह कल्पना की है । हम आधुनिक दौर मे जरूर जा रहे हैं परंतु यह भी सत्य है की हम अपने आप को कहीं खो रहें है ।
चलिए जरा सा सोच कर देखिये –
यदि गूगल बंद हो जाय ! यदि इंटरनेट काम ना करे तो हमारा क्या अवस्था हो जायेगा ।
जब मोबाइल का डाटा (इंटरनेट) समाप्त होता है तो इसके बगैर हम इक दिन नही रह पाते, कैसे भी हमे रिचार्ज करवाना ही है । इसका अर्थ यह है की हम किसी के अधीन होते जा रहें हैं । हमारी मानसिकता , हमारे मस्तिस्क पर किसी और का अधिकार हो रहा है । हम मानसिक रूप से किसी और का गुलाम होते जा रहें हैं । आप अपनी आँखें खोलिए और देखिये । हम 1947 मे आजाद हुए थे सत्य है मगर अब फिर हम खुद को गुलामी की तरफ ले जा रहें हैं , आधुनिकता समझकर ।
✍️😰✅🤔 Author Munna Prajapati
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दोष तुम मृत्यु को क्यूँ देते हो,
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दोष तुम मृत्यु को क्यूँ देते हो ।
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राहों मे कांटें क्यूँ बिखेरते हो,
तुम भी तो जमीं पर ही चलते हो । दोष...
आसमां बहोत दूर है सोचकर,
भला बुरा कहते हो,
फिर तुम तात, पात, बरसात के बगैर
क्यूँ नहीं फलते हो । दोष....
वो सत्य है बगैर बताये आती है,
तुम झूठे हो रौंद नही दोगे, गर
तुम यह जान जाओगे,
मुर्ख हो तुम जो इससे दूर भागते हो,
दोष तुम मृत्यु को क्यूँ देते हो ।
वो अमीरी और गरीबी नहीं देखती,
जिसकी हो गयी उसे लेकर ही जाती है ,
ये तुम्हारी कमी है जो तुम भूलते हो ,
दोष तुम मृत्यु को क्यूँ देते हो... ।
✍️ Author Munna Prajapati
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- यह कहानी अमर रहेगी इस झूठी दुनिया मे, ऐसे लोगो के बीच भी कोई है जो अंतिम सांस तक साथ निभा सकती है । सैल्यूट है मेरी तरफ से ऐसी लड़की को जिसने अपना हर फर्ज अदा की ।
नेपाल के विवेक पंगेनी और श्रीजना सुबेदी की प्रेम कहानी का अंत शुक्रवार (२०/१२/२०२४) , किसी की आंखों में आंसू, दिल में दर्द और मन में उदासी भर गया।
यह कहानी स्कूल के समय से शुरू हुई, जब दोनों को एक-दूसरे से प्यार हुआ। छह साल तक उनका प्यार परवान चढ़ा और 2020 में उन्होंने शादी कर ली। दोनों बेहद खुश थे। विवेक ने अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में पीएचडी के लिए दाखिला लिया। 😢
लेकिन 2022 में पता चला कि विवेक को ब्रेन ट्यूमर है। यहीं से उनकी जिंदगी ने एक नया मोड़ लिया। श्रीजना ने अपने पति का हौसला बढ़ाने और उनकी बीमारी से लड़ने में हर संभव मदद की। उनकी देखभाल और समर्पण ने सबको हैरान कर दिया।
श्रीजना ने सोशल मीडिया के जरिए अपने इस सफर को लोगों के साथ साझा किया। उनकी कहानी सच्चे प्रेम और एक पत्नी के कर्तव्य की मिसाल बन गई। शायद आपने भी इनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मिडिया पर देखी ही होगी ।
शुक्रवार को विवेक पंगेनी ने दुनिया को अलविदा कह दिया। लेकिन उनकी और श्रीजना की प्रेम कहानी हमेशा याद की जाएगी, जब-जब सच्चे प्रेम की बात होगी। 😢
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जानकारी एवं तस्वीर स्रोत : गूगल
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- गलत लोगों का साथ रहना, बहोत हानिकारक है, ख्याल करें :-
मैं आपसे दिल की बात करूंगा। वो बात जो शायद आप सुनना नहीं चाहते, पर जो सच है।
जानते हो, जिंदगी एक सफर है। और इस सफर में हमारे साथी कौन हैं, ये बहुत मायने रखता है।
मुझे याद है, मेरा एक दोस्त था - अमन ( कल्पनिक नाम)। कितना होशियार था वो। लेकिन फिर क्या हुआ? गलत दोस्तों के चक्कर में फंस गया। धीरे-धीरे नशे की गिरफ्त में आ गया। आज जब उसे देखता हूं तो दिल दुखता है। वो चमकती आंखें अब खाली सी हो गई हैं।
फिर सोनू की कहानी है ( मैने कहीं पढ़ा है )। प्यार में अंधा होकर एक ऐसी लड़की से शादी कर ली जो उसे समझती ही नहीं थी। आज वो घर में रहता है, पर अकेला महसूस करता है। उसकी मुस्कुराहट कहीं खो गई है।
और रीना (यह उदाहरण ली गई है )? उसने अपने माता-पिता की बात मानकर एक ऐसे शख्स से शादी कर ली जो उसे पसंद ही नहीं था। आज वो जिंदा है, पर जी नहीं रही।
मैं ये सब देखकर सोचता हूं - क्यों हम अपनी जिंदगी को इतना कम आंकते हैं? क्यों हम गलत लोगों को इतनी अहमियत देते हैं?
दोस्तो, समझो। गलत लोग सिर्फ हमारा वक्त ही नहीं बर्बाद करते, वे हमारी रूह को भी तोड़ देते हैं। वे हमारे सपनों को कुचल देते हैं। हमारी हंसी छीन लेते हैं।
लेकिन याद रखो, अभी भी देर नहीं हुई है। अगर आप गलत लोगों से घिरे हुए हैं, तो बाहर निकलने की हिम्मत जुटाओ। हां, मुश्किल होगा। दर्द होगा। लेकिन ये दर्द उस दर्द से कम होगा जो आप अपनी पूरी जिंदगी गलत लोगों के साथ रहकर झेलोगे।
अपने आप से प्यार करो। अपने सपनों को अहमियत दो। सही लोगों को अपनी जिंदगी में जगह दो। वो लोग जो आपको ऊपर उठाएं, आपको प्रेरित करें, आपकी खुशियों में खुश हों।
क्योंकि अंत में, जिंदगी बहुत छोटी है। इसे उन लोगों के साथ जियो जो इसे खूबसूरत बनाते हैं, न कि बर्बाद करते हैं।
माँ बाप को भी अपने बच्चों के प्रति विचार करने का आग्रह करता हूँ । जो अपने बच्चों को पुराने उसूलों पर चलाते हैं और अपने अनुसार उनके भविष्य को निश्चित करना चाहते हैं ।
नही ऐसा क्यूँ होगा कोई, हर एक इंसान अलग अलग खूबियों से सुसज्जित है उसे अपने खूबियों पर काम करने दीजिये, वो एक दिन सर्वश्रेष्ठ साबित होगा ।
अगर आप मे काबिलियत है और आप उस जगह पर नहीं हैं तो क्यूँ नही हो! सोचो तुम्हे वही पर होना है, अगर तुम कहीं और हो तो क्यूँ!
तुम कभी सफल नही होंगे । जीवन भर संघर्ष ही संघर्ष रहेगा । कभी दिल को खुशी नही मिल सकती ।
ख्याल करो, सोचो और जो हुनर तुम मे है उसके साथ आगे बढ़ो । जो लगे की तुम्हारे लिए सही नही है, उससे खुद को किनारा कर लो । दूर हो जाओ । संगत का प्रभाव इंसान को ले डूबता है कहीं का नही छोड़ता । ये मेरी बातें कहीं लिख लेना और जीवन भर याद रखना ।
मै उतना बड़ा ज्ञानी तो नही परंतु जो मन में आया मैने समझाने की कोशिश की है अब आगे आपकी इच्छा । धन्यवाद🙏
✍️ Author Munna Prajapati
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एक फिल्म है " #robot " रजनीकांत और ऐश्वर्या राय का, जिसमे उनका नाम डॉ वशिकरण और सना है ।
डॉ वशिकरण एक रोबोट वैज्ञानिक रहते हैं । उन्होंने उस फिल्म मे एक रोबोट बनाया था जिसका नाम चिट्टी था । उन्होंने बहोत ही शानदार तरीके से उसे बनाया था जो की बिना थके, बिना रुके, एक शक्तिशाली मनुष्य के अपेक्षा कहीं अत्यधिक गति से काम करता था । वह बहोत ही सहायक था हमारे जीवन में परंतु मशीन तो मशीन ही होता है ।
एक बार शहर के एक बड़े इमारत में आग लग गयी । बहोत ऊचा इमारत था । आबको उस अग्नि से बचाना संभव ही नही था । रेस्क्यू टीम लगी हुयी थी । मीडिया लगातार खबरें टीवी पर दिखा रही थी । और यह खबर डॉ वशिकरण ने देखा और उन्होंने रोबोट चिट्टी को कहा - जाओ इमारत में फसे सभी व्यक्ति को बचाओ, बाहर लेकर आओ । चिट्टी अपने प्रोग्रामिंग के दम पर सभी बड़े, बूढ़े, बच्चे.. सबको बचाया क्योंकि वो आग से नही जल सकता और ना ही उसे दर्द होगा ।
ऐसे ही लोगो को बचाने के दौरान एक जवान लड़की नहा रही थी और आग मे फस गयी । चिट्टी उसके पास पहुंचा, लड़की चिल्लाती रही - मेरे पास मत आओ, मेरे कपड़े नही हैं, मैंने कपड़े नही पहने हैं । मै नहा रही थी और आग लग गयी । सब कुछ जल चुका है परंतु चिट्टी तो एक मशीन था । उसे क्या मालूम के एक लड़की बिना कपड़े, किसी के निगाहों के सामने नही रखी जाती । उसे वैसे ही उठा कर लोगों के बीच लाकर रख दिया । वहाँ मौजूद तमाम मीडिया, न्यूज़, टीवी, सब कुछ कैमरे में कैद । सब कुछ प्रसारित होने लगा । हजारों लोगो के बीच वह लड़की वस्त्र बिहिन अपने आप को पाकर, मानो उसकी जान ही निकल गयी । लड़की ने शर्म के मारे एका एक दौड़ा और जाकर चलती वाहन से टकरा गयी और अपनी जान दे दी । यह देखकर वशिकरण को बहोत दुख हुआ । उनकी आँखें भर गयी । लोग उनकी योग्यता की तारीफ करते- करते शर्मिंदा हो गए ।
इतना सब होने के बाद वशिकरण कई दिनों तक सोचते रहे । निष्कर्ष निकला यह की - यदि हम इसमे मनुष्य की तरह सोचने और समझने की शक्ति दे दी जाय तथा प्रत्येक चीज को एहसास करने की सेंस मिल जाय तो इस तरह की कोई घटना नही होगी ।
इन्होंने इस पर भी कार्य करना शुरू किया और कुछ ही दिनों बाद रोबोट चिट्टी को पूरी तरह से सेंसिटिव बना डाला । बिल्कुल मनुष्य की तरह । सब कुछ सही से चलता रहा.. ऐसे ही मे एक दिन ऐसा हुआ की रोबोट......
वशिकरण की प्रेमिका शना ने खुशी- खुशी में चिट्टी को चूम लिया और उसके बाद, उसके वजह से चिट्टी का एहसास जागृत हो उठा । चिट्टी को शना से प्यार हो गया । अब वो उसे किसी भी हद तक हाशिल करना चाहा । चिट्टी ने कहा शना मेरी है, इसकी शादी वशिकरण से नही मुझसे होगी । . मै शना से प्यार करता हूँ । जरा सोचिये एक मशीन की शादी शना से कैसे हो सकती है! जो की वशिकरण की प्रेमिका है । शना और वशिकरण ने चिट्टी बहोत समझाने की कोशिश की परंतु, प्रेम का एहसास चिट्टी के मेमोरी में एक्टिव हो चुका था, वो कैसे मानता । ऐसे ही बातों बातों में मामला गंभीर हो गया । बात मिटने मिटाने पर आ गयी । अन्त में डॉ वशिकरण ने देखा की इसका अंजाम सही नही होगा । यह हमारे लिए घातक साबित हो सकता है ।
वशिकरण ने चिट्टी को मिटाकर, सारे प्रोग्राम मिटाकर नष्ट कर दिया । लेकिन प्रत्येक कहानी में एक विलन जरूर होता है । इस कहानी में भी एक विलन था जो हमेशा से वशिकरण के विपक्ष मे कार्य करता था । उसने उस रोबोट के पार्ट को लाकर फिर से उसका निर्माण कर दिया । वह भी वशिकरण के जैसा ही एक रोबोट वैज्ञानिक था ।
कुछ दिनों बाद वह रोबोट चिट्टी ही अपने जैसे रोबोट तैयार करने लगा क्युकी उसके अंदर उसके मेमोरी में डॉ वशिकरण था । कुछ दिनों बाद उस विलन को मारकर उसने खुद का एक समूह तैयार कर लिया । जिसमे सब के सब रोबोट ही थे । सब उसके इशारों पर चलते थे । चिट्टी के मन में यह विचार उत्पन्न हुआ की हमे अपनी खुद की दुनिया बनानी है , जिसमे मनुष्य ना हो और यदि हो तो वो हमारा गुलाम हो । और इसी मुकाम की तरफ निकल पड़ा । 24/7 रोबोट बनाता रहा । एक एक करके मनुष्यों का विनाश करता रहा । उसकी चाहत बन गयी थी, शना...
अपने बल पूर्वक शना को भी छीन लिया था वशिकरण से । यह सब देखकर वशिकरण दंग रह गए । हमारी बनायी हुयी मशीन, हमारा ही विनाश करने पर तुल गयी ।
बहोत ही सघर्ष के बाद, तकनिकीओं के इस्तेमाल के बाद, बहोत कुछ खोने के बाद इस मशीन पर डॉ वशिकरण ने कामयाबी हाशिल की । चिट्टी का जीवन नष्ट कर पाए । नही तो हमारा विनाश निश्चित था ।
मैंने यह कहानी एक उदाहरण के तौर पर दिया है आपको । ठीक इसी प्रकार आप सोच सकतें हैं, समझ सकते हैं ।
यह तो फिल्म है, कल्पनिक बातें है परंतु अभी के समय में, हमारे जीवन मे, हमारे बीच जो AI tool (Artificial intelligence) आया है । या जिसने भी बनाया है इसको, व्यापार के तौर पर, आधुनिकता के नाम पर, यह सही साबित नही होगा हमारे लिए ।
विगत समय में आपने देखा ही होगा की साउथ की सुप्रसिद्ध नायिका ' #rashmikamandanna ' का एक वीडियो चलचित्रों मे आया था जो की AI का कमाल था । वह वीडियो वास्तवीक नही था । इसी प्रकार ना जाने किस किस रूप मे हमे इसके घातक प्रभाव देखने को मिलेगा ।
यदि आपने #movies #robot नही देखी तो देख लीजिये आपको सब समझ में आ जायेगा की किस तरह से हम अपने विनाश का बीज खुद ही बो रहें हैं । आधुनिकता के नाम पर । AI tools भी हमारे जीवन में ठीक उसी प्रकार कार्य करेगा जिस प्रकार रोबोट चिट्टी ने किया था ।
नोट :- आप सभी पाठक से अनुरोध है की आप चलचित्रों पर, मोबाइल फोन पर दिखायी जाने वाली तस्वीरों, वीडियो आदि पर यकीन कभी मत करना । आपके वास्तवीक जीवन में जो हो रहा है, जो आप प्रत्यक्ष रूप से देख रहे हैं , अपनी आखों से , और जो महसूस कर रहे है वही सत्य है । बाकी सब झूठ है, दिखावा है । अब आने वाले समय में यह कंप्यूटर कुछ भी कर सकता है ।
प्रार्थना :- मै न्यायाधीश को भी द
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