#lyrics मेरा मन घबराया रे...
मेरा मन असहि ना घबराया रे ,
टूटे कोई छुटे ,ये कैसा जुग आया रे..
मेरा मन असहीं ना घबराया रे....
जनम देखे मरण देखे, इस
धरा पर एक क्षण ला आया रे...
फिर क्यूँ इस जीवन पर इतराया रे..
इंसान इंसानियत भूले, ये कैसा जुग आया रे...
मेरा मन असहिं ना घबराया रे...
पल में परलय होय यहाँ, जानी
ह्रदय में हम कहाँ से आया रे..
कोई दुजा क्यूँ ना भाया रे..
होय झूठे ना मन को धुले, क्या भाव
तुझमे समाया रे...
मेरा मन असहिं ना घबराया रे....
यह देह ना तुम्हरा ,तात बता
स्नेह फिर क्यूँ ना लुटाया रे..
बिन सवाब समय काट आया रे..
ना खिले हृदय फुल, धन कागज
का भर लाया रे...
कहे मुन्ना जब जाना, उमर भर
क्या कमाया रे...
मेरा मन असहिं ना घबराया रे....
~ मुन्ना प्रजापति (उ. प्र.)
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