तेरे - मेरे प्यार की यह कहानी हैं
न जाने कितनी पुरानी हैं
तुझे दिखा नहीं मेरे महबूब
पर मेरे अश्कों में पानी हैं....
यह कितना दर्द भरा गाना हैं
कितने दर्द से मुझे जाना हैं
खुदा से झूठ नहीं बोलता
मेरे दिल में तेरा घराना हैं....
मोहम्मद रफ़ी के गाने, हर रातों में सुनता हूँ
दिन सुहाने हैं पर रातों में मरता हूँ
भूलाने धोका का वह दर्द
ज़ाम हर रोज मैं पिता हूँ....
— पार्थ प्र. सावंत