साथ था दो कदम, छाले पैरों में हैं,
पूरी दुनिया भली, पर हम गैरों में हैं।
किस तरह हम मुक़दमा बिठाएं यहाँ,
हम तो आज़ाद हैं, पर वो पहरों में हैं।
(c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"
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20 October 2023
साथ था दो कदम, छाले पैरों में हैं,
पूरी दुनिया भली, पर हम गैरों में हैं।
किस तरह हम मुक़दमा बिठाएं यहाँ,
हम तो आज़ाद हैं, पर वो पहरों में हैं।
(c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"
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