Meaning of हटा दिया in English
- of Remove
- Changed in place.
- Dismissed from office.
- Distant in location; remote.
- Distant by degrees in relationship; as, a cousin once removed.
Meaning of हटा दिया in English
English usage of हटा दिया
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- AI : Artificial intelligence (कृत्रिम बुद्धिमता) :-
एक फिल्म है " #robot " रजनीकांत और ऐश्वर्या राय का, जिसमे उनका नाम डॉ वशिकरण और सना है ।
डॉ वशिकरण एक रोबोट वैज्ञानिक रहते हैं । उन्होंने उस फिल्म मे एक रोबोट बनाया था जिसका नाम चिट्टी था । उन्होंने बहोत ही शानदार तरीके से उसे बनाया था जो की बिना थके, बिना रुके, एक शक्तिशाली मनुष्य के अपेक्षा कहीं अत्यधिक गति से काम करता था । वह बहोत ही सहायक था हमारे जीवन में परंतु मशीन तो मशीन ही होता है ।
एक बार शहर के एक बड़े इमारत में आग लग गयी । बहोत ऊचा इमारत था । आबको उस अग्नि से बचाना संभव ही नही था । रेस्क्यू टीम लगी हुयी थी । मीडिया लगातार खबरें टीवी पर दिखा रही थी । और यह खबर डॉ वशिकरण ने देखा और उन्होंने रोबोट चिट्टी को कहा - जाओ इमारत में फसे सभी व्यक्ति को बचाओ, बाहर लेकर आओ । चिट्टी अपने प्रोग्रामिंग के दम पर सभी बड़े, बूढ़े, बच्चे.. सबको बचाया क्योंकि वो आग से नही जल सकता और ना ही उसे दर्द होगा ।
ऐसे ही लोगो को बचाने के दौरान एक जवान लड़की नहा रही थी और आग मे फस गयी । चिट्टी उसके पास पहुंचा, लड़की चिल्लाती रही - मेरे पास मत आओ, मेरे कपड़े नही हैं, मैंने कपड़े नही पहने हैं । मै नहा रही थी और आग लग गयी । सब कुछ जल चुका है परंतु चिट्टी तो एक मशीन था । उसे क्या मालूम के एक लड़की बिना कपड़े, किसी के निगाहों के सामने नही रखी जाती । उसे वैसे ही उठा कर लोगों के बीच लाकर रख दिया । वहाँ मौजूद तमाम मीडिया, न्यूज़, टीवी, सब कुछ कैमरे में कैद । सब कुछ प्रसारित होने लगा । हजारों लोगो के बीच वह लड़की वस्त्र बिहिन अपने आप को पाकर, मानो उसकी जान ही निकल गयी । लड़की ने शर्म के मारे एका एक दौड़ा और जाकर चलती वाहन से टकरा गयी और अपनी जान दे दी । यह देखकर वशिकरण को बहोत दुख हुआ । उनकी आँखें भर गयी । लोग उनकी योग्यता की तारीफ करते- करते शर्मिंदा हो गए ।
इतना सब होने के बाद वशिकरण कई दिनों तक सोचते रहे । निष्कर्ष निकला यह की - यदि हम इसमे मनुष्य की तरह सोचने और समझने की शक्ति दे दी जाय तथा प्रत्येक चीज को एहसास करने की सेंस मिल जाय तो इस तरह की कोई घटना नही होगी ।
इन्होंने इस पर भी कार्य करना शुरू किया और कुछ ही दिनों बाद रोबोट चिट्टी को पूरी तरह से सेंसिटिव बना डाला । बिल्कुल मनुष्य की तरह । सब कुछ सही से चलता रहा.. ऐसे ही मे एक दिन ऐसा हुआ की रोबोट......
वशिकरण की प्रेमिका शना ने खुशी- खुशी में चिट्टी को चूम लिया और उसके बाद, उसके वजह से चिट्टी का एहसास जागृत हो उठा । चिट्टी को शना से प्यार हो गया । अब वो उसे किसी भी हद तक हाशिल करना चाहा । चिट्टी ने कहा शना मेरी है, इसकी शादी वशिकरण से नही मुझसे होगी । . मै शना से प्यार करता हूँ । जरा सोचिये एक मशीन की शादी शना से कैसे हो सकती है! जो की वशिकरण की प्रेमिका है । शना और वशिकरण ने चिट्टी बहोत समझाने की कोशिश की परंतु, प्रेम का एहसास चिट्टी के मेमोरी में एक्टिव हो चुका था, वो कैसे मानता । ऐसे ही बातों बातों में मामला गंभीर हो गया । बात मिटने मिटाने पर आ गयी । अन्त में डॉ वशिकरण ने देखा की इसका अंजाम सही नही होगा । यह हमारे लिए घातक साबित हो सकता है ।
वशिकरण ने चिट्टी को मिटाकर, सारे प्रोग्राम मिटाकर नष्ट कर दिया । लेकिन प्रत्येक कहानी में एक विलन जरूर होता है । इस कहानी में भी एक विलन था जो हमेशा से वशिकरण के विपक्ष मे कार्य करता था । उसने उस रोबोट के पार्ट को लाकर फिर से उसका निर्माण कर दिया । वह भी वशिकरण के जैसा ही एक रोबोट वैज्ञानिक था ।
कुछ दिनों बाद वह रोबोट चिट्टी ही अपने जैसे रोबोट तैयार करने लगा क्युकी उसके अंदर उसके मेमोरी में डॉ वशिकरण था । कुछ दिनों बाद उस विलन को मारकर उसने खुद का एक समूह तैयार कर लिया । जिसमे सब के सब रोबोट ही थे । सब उसके इशारों पर चलते थे । चिट्टी के मन में यह विचार उत्पन्न हुआ की हमे अपनी खुद की दुनिया बनानी है , जिसमे मनुष्य ना हो और यदि हो तो वो हमारा गुलाम हो । और इसी मुकाम की तरफ निकल पड़ा । 24/7 रोबोट बनाता रहा । एक एक करके मनुष्यों का विनाश करता रहा । उसकी चाहत बन गयी थी, शना...
अपने बल पूर्वक शना को भी छीन लिया था वशिकरण से । यह सब देखकर वशिकरण दंग रह गए । हमारी बनायी हुयी मशीन, हमारा ही विनाश करने पर तुल गयी ।
बहोत ही सघर्ष के बाद, तकनिकीओं के इस्तेमाल के बाद, बहोत कुछ खोने के बाद इस मशीन पर डॉ वशिकरण ने कामयाबी हाशिल की । चिट्टी का जीवन नष्ट कर पाए । नही तो हमारा विनाश निश्चित था ।
मैंने यह कहानी एक उदाहरण के तौर पर दिया है आपको । ठीक इसी प्रकार आप सोच सकतें हैं, समझ सकते हैं ।
यह तो फिल्म है, कल्पनिक बातें है परंतु अभी के समय में, हमारे जीवन मे, हमारे बीच जो AI tool (Artificial intelligence) आया है । या जिसने भी बनाया है इसको, व्यापार के तौर पर, आधुनिकता के नाम पर, यह सही साबित नही होगा हमारे लिए ।
विगत समय में आपने देखा ही होगा की साउथ की सुप्रसिद्ध नायिका ' #rashmikamandanna ' का एक वीडियो चलचित्रों मे आया था जो की AI का कमाल था । वह वीडियो वास्तवीक नही था । इसी प्रकार ना जाने किस किस रूप मे हमे इसके घातक प्रभाव देखने को मिलेगा ।
यदि आपने #movies #robot नही देखी तो देख लीजिये आपको सब समझ में आ जायेगा की किस तरह से हम अपने विनाश का बीज खुद ही बो रहें हैं । आधुनिकता के नाम पर । AI tools भी हमारे जीवन में ठीक उसी प्रकार कार्य करेगा जिस प्रकार रोबोट चिट्टी ने किया था ।
नोट :- आप सभी पाठक से अनुरोध है की आप चलचित्रों पर, मोबाइल फोन पर दिखायी जाने वाली तस्वीरों, वीडियो आदि पर यकीन कभी मत करना । आपके वास्तवीक जीवन में जो हो रहा है, जो आप प्रत्यक्ष रूप से देख रहे हैं , अपनी आखों से , और जो महसूस कर रहे है वही सत्य है । बाकी सब झूठ है, दिखावा है । अब आने वाले समय में यह कंप्यूटर कुछ भी कर सकता है ।
प्रार्थना :- मै न्यायाधीश को भी द
- #lyrics देख ली मैने भी एक दफा
सारा शहर भरी निगाह तकता रहा,
मन ही मन हुशन को चखता रहा,
देख ली मैने भी एक दफा,
चाँद इतराने लगा..
हुयी मद होश फ़िज़ा..
बलखाने लगी कमसिन अदा
जो देख ली मैने भी एक दफा.... ।
पलकें झुकाई जब उसने मुस्काते हुए,
मै उसका हो गया नजरें मिलाते हुए ।
मैने खोया खुद से, खुद को उसमे ढूंढ ना पाया,
जाने कैसे उसने, मुझको अपने अखियों मे समाया ।
सारी सारी रात खयालों मे उसके,
मै जगने लगा.......
चाँद इतराने लगा... हुयी मदहोश फ़िज़ा...
बलखाने लगी कमसिन अदा
जो देख ली मैने एक दफा.........
है खबर उसको फिर भी, क्यूँ है बेखबर,
ढूढ़ती है अब तो हर पल, उसको मेरी नजर ।
बस एक ही मुलाकात मे,
मुझको दीवाना कर दिया,
अपने इश्क़ का रंग, मेरे रग रग मे भर दिया ।
देखकर उसका शोख़ बदन, लब हुआ खामोश
दिल हुआ फिदा......
चांद इतराने लगा..... हुयी मदहोश फ़िज़ा...
बलखाने लगी कमसिन अदा...
जो देख ली मैने उसे.. एक दफा...... ।।
Author Munna Prajapati
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नोट:- आप यदि व्यापारिक तौर पर इस गीत को रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें है परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद । अनुमति अनिवार्य है 🙏। 078978 68625
- #poetry शीर्षक: "अपने हुश्न के व्यापार में... सफल हो गया कोई "
बड़ी मजा आता है खामोश रहकर,
किसी की होशियारी को देखने में ।
प्यार बढ़ता है किसी को ,
ना बताकर प्यार करने में ।
बड़ा अच्छा लगता है,
किसी के खातिर खुद को तबाह करने में ।
खुशी होती है बहोत खुद को,
किसी के लिए सवारने में ।
बहोत अच्छी बात है, एक से अधिक
लोगों को बचाकर, खुद एक को मारने में ।
मोहब्बत में मुलाकात वही है,
जो हो.. दो जीश्म एक जान करने में ।
किसी को मन का जख्म मत देना,
एक उम्र लगती है भरने में ।
ये इश्क़ आग का दरिया है, सच मे
कोई जल गया है इसको पार करने में ।
मेरा इश्क़ मुकम्मल ना हो सका,
मैने देर कर दिया इजहार करने में ।
ये तुम कभी भूलकर भी मत करना,
मै बिखर गया प्यार करने में ।
मेरी दौलत लूट गयी,
किसी का श्रृंगार करने में ।
सफल हो गया कोई, दिल के बाजार में,
मुझसे मोहब्बत के आड़ में,
अपने हुश्न के व्यापार मे.. सफल हो गया कोई ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#safar #virals #love #sadness #hindi #viralpage #poem #poetrylovers #poetrychallenge
- #lyrics #hindi इतनी दूर चला जाऊंगा...
ढूढ़ते रह जाओगे मुझको तुम,
मिलना तो बहोत दूर की बात है,
मै कभी नजर भी नहीं आऊंगा
एक रोज, इतनी दूर चला जाऊंगा.... ।
आँखों से बेहती आशुओं मे भीगतें हैं,
अकेले तन्हा हर पल तुम्हे ही ढूढ़ते हैं,
भर गया अब शायद जी तुम्हारा ...
जरा भी ना सोचा क्या होगा हमारा... ।
मत चिल्लाओ मुझ पर, मै
चला जाऊंगा....
तुम्हे कभी नजर भी नहीं आऊंगा,
एक रोज, इतनी दूर चला जाऊंगा.... ।
है अपनों का शहर हम, अजनबी होकर
जीते हैं,
चोट दिया है दिल को दिल लगी ने,
हम खुद ही जख्मों को सीते हैं.... ।
मचल रही हो आज तुम हुश्न की आड़ में,
पाओगी एक रोज उलझी हुई खुद को ,
काँटों की झाड़ मे... ।
धक्के मार कर ना भगाओ.. चला जाऊंगा...
तुम्हे कभी नजर भी नहीं आऊंगा
एक रोज, इतनी दूर चला जाऊंगा..... ।
~ मुन्ना प्रजापति
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नोट: यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें हैं, परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 078978 68625
- #poetry " कीस कदर तड़पता हूँ, तुम्हारी याद में "😥😰💔👇
कैसे बताऊँ, कैसे बताऊँ मै तुम्हे,
किस कदर तड़पता हूँ तुम्हारी याद मे,
प्रत्येक को किनारा किया,
हर एक चीज था, तेरे बाद मे,
क्यूँ गवारा नही इश्क़ मेरा, ऐ खुदा,
आखिर क्या कमी थी मेरे फरियाद मे ।
कोई भी नही मेरे आशुओं को पोछने वाला,
सुख गए मेरे नैना रोते - रोते,
वो क्यूँ गैर हो गए, अपना होते - होते,
सब कुछ खो दिया मैंने, उनको खोते - खोते,
कभी सो जाऊंगा हमेशा के लिए,
यू हीं सोते - सोते,
तू ही बता.. कब अंतर किया मैंने,
वफा की रियाज़ मे,
कैसे बताऊँ, कैसे बताऊँ मै तुम्हे,
किस कदर तड़पता हूँ तुम्हारी याद मे ।
वो तुम्हारी मीठी बोली ..याद आती है,
मुझसे वो तेरी, हँसी ठिठोली याद आती है,
एक रोज लगाया था मैंने, वो तेरे बालों
की चमेली याद आती है,
होली के दिन की रंगोली याद आती है,
जो बचपन में तेरे संग खेला था मैंने,
वो आँख मिचोली याद आती है,
दिल मचल उठता है जब,
कोयल बोलती है तुम्हारी आवाज में,
कैसे बताऊँ, कैसे बताऊँ मै तुम्हे,
किस कदर तड़पता हूँ तुम्हारी याद मे,
प्रत्येक को किनारा किया, हर एक चीज
था.. तेरे बाद में,
कैसे बताऊँ.. कैसे बताऊँ मै तुम्हे... ।।
Author Munna Prajapati
#virals #sadness #love #lovefaliure #sadstatus #sad #brocken #heartbroken
- #poetry क्यूँ करूँ आखिर..
शायद याद रहूँगा किस्सों मे,
मुझे नही बटना हिस्सों में,
मै विवाह क्यूँ करूँ आखिर...
जिसने किया वो मर रहा है किस्त्तों मे.... ।
शुकुन है किसी की यादों में,
जुनून है किसी की वादों मे,
मै किसी से जाहिर क्यूँ करूँ आखिर....
जिसने किया वो कमजोर पड़ गया रिश्तों में... ।
हमसफ़र का सफर से कोई मतलब नहीं,
इश्क़, एहतराम करे इसका कोई तलब नहीं,
मै लिबाह् क्यूँ करूँ आखिर....
जिसने किया वो कट रहा है पीसों मे.. ।
जख्म है, दर्द है, मेरे भी सीने मे,
कमी क्यूँ करूँ मै, अपनी जिंदगी जीने मे,
मै आह क्यूँ भरूँ आखिर.....
जिसने भरी वो तड़प रहा है,
देखकर खुद को सीसों मे..... ।
सबको वक़्त दिया, अपनी जिंदगी का,
कभी गौर नहीं किया, अपनी खुशी का,
रिश्तों का बाजार क्यूँ करूँ आखिर....
जिसने किया, क्या वो आ गया फरिश्तों मे... ।
क्या फर्क पड़ता है ,किसी का होना ना होना है,
जब नीलाम अपनों के बीच होना है,
जब गुमनाम अपनों के बीच होना है,
मै खुद का दाम कम क्यूँ करूँ आखिर....
जिसने किया , क्या वो गए उपर के लिस्टों मे.... ।
शायद याद रहूँगा किस्सों मे,
मुझे नही बटना हिस्सों में,
मै विवाह क्यूँ करूँ आखिर...... ।
~ मुन्ना प्रजापति
#lyrics #truth . #sadness #virals #writer #life #poem #poetrylovers #poets #PostViral #poetrycommunity
नोट: कृपया टेक्स्ट कॉपी - पेस्ट ना करे...
Share direct with your fillings... 🙏
- आइए हम जीवन को आसान बनाएं,
कोई भी इस दुनिया से जिंदा नहीं निकलेगा। जिस जमीन के लिए आप लड़ रहे हैं और मारने को तैयार हैं, उस जमीन को कोई छोड़ गया है, वह मर चुका है, सड़ा हुआ है, और भुला दिया गया है। तुम्हारा भी यही हाल होगा। आने वाले 150 वर्षों में, आज हम जिन वाहनों या फोनों का इस्तेमाल अपनी शेखी बघारने के लिए कर रहे हैं, उनमें से कोई भी सदैव का साथी नहीं होगा। बीको, जीवन को आसान बनाओ । बहोत खुशी होती है मन को किसी को वास्तव में खुश करने मे, करके तो देखो ।
प्रेम को आगे बढ़ने दो। आइए एक दूसरे के लिए वास्तव में खुश रहें। कोई द्वेष नहीं, कोई चुगली नहीं। कोई ईर्ष्या नहीं। कोई तुलना नहीं। जीवन कोई प्रतियोगिता नहीं है। यह हमारा सौभाग्य है जो मनुष्य का तन मिला है । दिन के अंत में, हम सभी दूसरी तरफ पारगमन करेंगे। यह सिर्फ एक सवाल है कि वहां पहले कौन पहुंचता है, लेकिन निश्चित रूप से हम सभी किसी दिन वहां जाएंगे।
ये जीवन तो बिल्कुल सरल है, इसे दुखी और कठिन हम खुद ही बना देते हैं अन्य लोगों से तुलनात्मक भाव रखकर, इर्ष्या करके । हम क्यूँ दुखी होते हैं किसी की खुशी को लेकर , किसी को सफल देखकर! लेकिन नहीं...
जिस प्रेम से हमारा जन्म हुआ है हम उसी के दुश्मन हैं । बदलो खुद को दुनिया खुद ब खुद बदल जायेगी । ये संसार तो हम ही से है । जो रवैया अभी है यदि ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन सर्वनाश निश्चित है । समझो ना,,तुम्हे तो उपर वाले ने सोचने समझने की शक्ति तो दी है । यहाँ अत्यधिक लोग अपनी ऊर्जा का उपयोग किसी दूसरे को मिटाने मे कर रहें हैं । ऊर्जा सही दिशा में लगाओ । जरा सोचो हमारे देश में 140 करोड़ लोग हैं, यदि सभी लोग एक दिशा में चलें तो हम कहा पहुँच सकतें हैं..... सोचो और चलो..... ।
~ Author Munna Prajapati
- आज कल न इस जगत में सब कुछ उल्टा हो रहा है /-
कोई नीति जब बनती है तो लगता है की यह सही है, हितकर है परंतु कुछ समय बाद पता चलता है की उस पर लागू नहीं होती जिसने उसे बनाया है । तो फिर.... 🥺
नदियों को माता कहा जाता है और देखें तो औसत रूप से नदियों को गंदा और दूषित करने मे हमारा ही हाथ है । तो फिर... 🥺
ये धरती हमारी माँ है । हम इसकी पूजा भी करते हैं और इस धरती पर सबसे ज्यादा दुष्कर्म ,हम ही कर रहें हैं । तो फिर...... 🥺
हमेशा प्रकृति के प्रतिकूल काम कर रहें हैं । और फिर कह रहें हैं की प्रकृति बदल रही है । नहीं....
उसे बदलने पर हम मजबूर कर रहें हैं । तो फिर..... 🥺
कोई चोर यु ही नही बनता है खुद से, गुनहगार खुशी से कोई गुनाह नही करता । उसके सामने हम ऐसे हालात खड़ा कर देते हैं की वह चोरी करता है या कोई गुनाह कर बैठता है । तो फिर.... 🥺
सामने वाला हमे इज्जत, सम्मान, प्यार जरूर देता और मुख्य रूप से देता भी है परंतु हम ही उसे बेशर्म और क्रूर बनने पर मजबूर कर देते हैं, उसे प्रतिउत्तर मे अपमान परोशकर । हम सामने वाले को अपने धन का, पद, प्रतिष्ठा का ,शक्ति का प्रताडन देकर । तो फिर... 🥺
प्रेम प्राकृतिक है । यही सृष्टि का एक मात्र आधार है । यह समाप्त हो गया अगर तो हमारा अस्तित्व समाप्त हो जायेगा । मोहब्बत करो और करने दो एक दूसरे से , मगर ...
तुम तो नफ़रत दिलों में पाल रहे हो । तो फिर.... 🥺
संत ने कहा, यह दुनिया मोह माया से घिरी हुयी है । दूर निकलो इन भावनाओं से, और तुम निकल गए । क्यूँ नही सोचा उसके बारे में, जिसने तुम्हे जन्म दिया और इस सोच के काबिल बनाया । वह स्त्री जिसको तुमने व्याह कर लाया । वह शिशु जो तुम्हारे नाम से इस धरा पर आया । तो फिर..... 🥺
✍️ Author Munna Prajapati #PostViral #post #realtalk #reallife #thoughts #writer #india #culture
- #poetry "१५ अगस्त.... "
आज वह शख्स भी आजादी की
गाथाएँ गाते हुए नजर आया,
जिसने जाती और मजहब मे
लोगों को उलझा कर रखा है ।
उसने हमेशा बतलाया है के तुम बड़े हो,
तुम्हे बड़ा होना चाहिए और
सबसे आगे होना चाहिए,
तुम हिंदू हो तुम मुश्लिम हो
तुम सिख हो तुम ईसाई हो,
और आज मंच पर, कुछ लोगों के बीच
कह रहा था के हम भारत वासी एक हैं ।
जो अपने फायदे के लिए अपनी
शान के लिए, अपने पद के लिए
जाने कितनों को मौत के घाट उतार दिया होगा!
वह शख्श आज मंच पर, तिरंगे के सामने
इस देश को मजबूत बने रहने का
शिक्षा दे रहा था ।
जो हमेशा लोगों को कम शिक्षित
रखने का उपाय ढूंढता रहा, वह
आज मंच पर विद्यार्थियों के सामने
उच्च शिक्षा पाने की हौशला दे रहा था ।
कुछ शहीदों के बारें मे, उनका चरित्र
चित्रण कर रहा था, अल्पज्ञ लोगों को
समझा रहा था, आजादी कैसे हुयी
इसकी गाथा सबको सुना रहा था जिसने
अपने कर्मों का किताब कहीं
छुपा कर रखा है ।
बहोत बड़ी बड़ी बातें की उसने,
वह सब उसकी जुबानी थी, और
सच तो ये है की वह सब किसी की
लिखी हुयी कहानी थी ।
उसने ये नही कहा कि अस्पताल में,
मरीजों (गरीबों ) को क्यूँ रुलाते हो,
उचे पद पर बैठकर लूट पाट क्यूँ मचाते हो,
किसी मशले को हल करने मे
इतना वक़्त क्यूँ लगाते हो ।
वो लोग भी क्या अजीब थे
जो उसके चिकनी बातों के करीब थे,
तालियां बज रही थी, जय हिंद के
नारे भी लग रहे थे परंतु.....
हिंदुस्तान को जिताने का या फिर
जश्न ए जीत का भाव किसी के
दिल मे नहीं था ।
सब इसी मे डूब गए, के, कब, कैसे
और किसने आजादी दिलायी,
कितनी मुशक्कत् स्वतंत्रता सेनानियों ने
उठायी... बस इन्ही सब बातों पर
हम सबको फुसला कर रखा है ।
आज वह शख्स भी आजादी की
गाथाएँ गाते हुए नजर आया, जो
इस जमी का खाता है, इसी जमी पर
रहता है, हम लोगों के बीच जीता है मगर
भला सिर्फ अपना सोचता है,
मै भी चाहता हूँ,
आजादी की शुभकामनाएँ दूँ... पर
किसे दूँ.... किसे....... 😥
✍️ Author Munna Prajapati
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- जरासन्ध के पुत्र
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- जटायु से श्रीराम प्रभु की भेंट
- शब्द अनमोल है,
- अजनबी से करीबी होने तक
- कुँवारे नाना जी
- अंधकार छानने वाली प्रेम कहानी: एक स्त्री की विवाहित जीवन
- जुगाड़ फेल ख़त्म खेल...
- नया साल
- खाली - खाली सा
- Shayar
- वो सर्द रात- 13
- संघर्ष की एक और रात
- बागेश्वर धाम सरकार
- कुँवारे नाना जी
- शीर्षक :" ये मसला सिर्फ हँसी का है "
तु आसमा क्यु तकता है,
हर एक लफ्ज़ तो इस ज़मी का है ।
तु इतना क्यूँ सोचता है,
ये मसला सिर्फ हँसी का है ।
यू देख कर सितारों को,
क्यु नम करता है,पल्कों के किनारों को,
जरा देख इन खूबसूरत नजारों को,
बाग में और भी फुल हैं,
क्यु उलझा है, ये दुनिया का उसूल है,
खुद ब खुद भर जायेगा, तु फिकर ना कर,
भूल जा दिल के दरारों को ,
ये असर इश्क़ मे मयकशी का है..
तु आसमा क्यु तकता है,
हर एक लफ्ज़ तो इस जमी का है,
तु इतना क्यु सोचता है.... ।।
जो चले गए वो नही हैं , जिंदगी निवाहने वाले,
कोई और होगी रहगुजर, दुनिया बहुत बड़ी है,
बहोत मिलेंगे चाहने वाले,
तु खुद से ना खुद को इतना सता,
तेरी आँखों में कोई खोट नही
ये बात अपने दिल को तो बता,
अब यहाँ ऐसे ही होता है, कहाँ
अब कोई किसी के लिए रोता है,
खुद को मजबूत कर, उसको हटा,
रात गुजार, सुबह होते ही बाग मे
एक फुल खिल जायेगा,
यकीन कर, खुद पर, खुदा पर,
उससे बेहतर कोई मिल जायेगा,
तु बस उसी का नाम क्यु जपता है..
यूँ खामोशी मे आसमा क्यु तकता है,
सारा मसला तेरी मायूशी का है,
तु इतना क्यु सोचता है,
ये मसला सिर्फ हँसी का है ।।
तु जी कर तो देख पहले की तरह,
नजारों मे कोई कमी नही होगी,
मै लिख कर देता हूँ तुझको,
फिर कभी नजरों मे नमी नही होगी,
वहम है, सारे गम, हमी को है...
तु इतना क्यु सोचता है,
हर लफ्ज़ तो इस ज़मी का है ,
हुआ कुछ नही, ख़ाब भूल कर तो देख,
ये मसला सिर्फ तेरी हँसी का है.. ।।
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Author Munna Prajapati
#post #poetry #poetrychallenge #poetrylovers #poem
- अब नहीं गूंजती मुझमें मेरी तनहाई
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