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अंधकार छानने वाली प्रेम कहानी: एक स्त्री की विवाहित जीवन

18 June 2023

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उसकी आँखों में एक अंधकार था। एक संतान की तरह, यह अंधकार उसके जीवन को ढक कर रखता था। अनिष्ट ग्रहों की एक कठिनाई ने उसकी प्राकृतिक प्रकाश बात ली थी। उसने इसे देखना छोड़ दिया, सपनों को छोड़ा, और उसका मन जल्दी ही विरक्त हो गया।


उसके अंधकार में अपनी ज़िंदगी की सबसे बड़ी कामयाबी हुई। उसने अपने अंधकार को अपने पति के साथ साझा किया। पति उसे समझता था, प्यार करता था, और अपनी बाहों में ढक लेता था। वे मिलकर अपने अंधकार के बारे में बात करते थे, जबकि दूसरे लोग इसे नजरअंदाज़ कर देते थे।


पत्नी ने अपने अंधकार को जीवित रखने के लिए अपने आसपास के प्रकाश की खोज की। वह खुद को रोशनी में घुस जाती थी, जैसे अंधकार से बाहर निकली जा रही हो। जब वह खुद को प्रकाश में देखती थी, तो उसे अपने जीवन की सुंदरता का अनुभव होता था।


पति और पत्नी के बीच जोड़ी एक सुंदर पुत्री के रूप में सजी थी। यह छोटी सी सुंदरता अंधकार को प्रकाशित कर रही थी। जब वह अपनी माँ की आँखों में देखती, तो उसे प्रेम का एहसास होता। वह अपनी माँ को आगे बढ़ते देखना चाहती थी, इसलिए वह खुद को प्रकाशित करने के लिए प्रयास करती रहती थी।


पत्नी ने एक दिन अंधकार को पूछा, "तुम मेरे साथ हमेशा रहोगे, ना?"


अंधकार ने कहा, "हाँ, मैं तुम्हारे साथ हमेशा रहूँगा। मेरे पास तुम्हें खोने की कोई ख्वाहिश नहीं है।"


पत्नी ने कहा, "तुम्हें अब तक नहीं पता कि तुम ने क्या बना दिया है। तुमने मेरे जीवन को समृद्ध बना दिया है। मैं तुम्हें कैसे धन्यवाद दूं?"


अंधकार ने कहा, "तुम मेरे लिए विशेष हो। तुमने मेरे अंधकार को वीरानी से निकाल कर मेरे जीवन की सबसे प्यारी रौशनी बना दी है। मैं तुम्हें आभारी हूँ, और तुम्हारा प्रेम मेरे लिए अमृत की तरह है।"


पत्नी और पति की प्रेम भरी कथा बनी रही। वे अप


ने अंधकार के माध्यम से अपनी वास्तविकता को प्रकट करते थे, और एक-दूसरे के साथ जीने का समर्पण करते थे। उनकी प्रेम कहानी सभी को प्रेरित करती थी कि अपने अंधकार के माध्यम से जीवन की सुंदरता को पहचानें और प्रेम की रौशनी को छोड़ें।