3 August 2022
तेरे बाद दिल के करीब ना आने दिया किसी को
तुम जो हो आखरी मोहब्बत हो मेरी
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Writing from thought not a experianceD
तेरे बाद दिल के करीब ना आने दिया किसी को तुम जो हो आखरी मोहब्बत हो मेरी
जमाने को लग रहा बदल रहा हूं मैं नहीं, ईश्क में थोड़ा बहक रहा हूं मैं जमाने के तवज्जो से फर्क नही मुझे हां, तुझ बीन थोड़ा बिगड़ रहा हूं मैं
तुम मुझपे शफकत कर रही हो लाज़मी है किसी कि हो तुम,मुझसे मोहब्बत लाज़मी है? माना हम एक दूजे के बहोत करीब आ गए। तुम ही बतलाओ ये जो हम कर रहे लाज़मी है?