Meaning of समय in English
- A joining; a union; an alliance.
- The line or point at which two bodies are joined; a joint; an articulation; a seam; as, the junctures of a vessel or of the bones.
- A point of time; esp., one made critical or important by a concurrence of circumstances; hence, a crisis; an exigency.
- Duration, considered independently of any system of measurement or any employment of terms which designate limited portions thereof.
- A particular period or part of duration, whether past, present, or future; a point or portion of duration; as, the time was, or has been; the time is, or will be.
- The period at which any definite event occurred, or person lived; age; period; era; as, the Spanish Armada was destroyed in the time of Queen Elizabeth; -- often in the plural; as, ancient times; modern times.
- The duration of one's life; the hours and days which a person has at his disposal.
- A proper time; a season; an opportunity.
- Hour of travail, delivery, or parturition.
- Performance or occurrence of an action or event, considered with reference to repetition; addition of a number to itself; repetition; as, to double cloth four times; four times four, or sixteen.
- The present life; existence in this world as contrasted with immortal life; definite, as contrasted with infinite, duration.
- Tense.
- The measured duration of sounds; measure; tempo; rate of movement; rhythmical division; as, common or triple time; the musician keeps good time.
- To appoint the time for; to bring, begin, or perform at the proper season or time; as, he timed his appearance rightly.
- To regulate as to time; to accompany, or agree with, in time of movement.
- To ascertain or record the time, duration, or rate of; as, to time the speed of horses, or hours for workmen.
- To measure, as in music or harmony.
- To keep or beat time; to proceed or move in time.
- To pass time; to delay.
- of Time
Meaning of समय in English
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- समय
- यदि समय मे आपको पीछे जाने का अवसर मिटे तो आप क्या बदलना चाहेंगे?
- समय बहोत कीमती है, समझो :-
आज मैं आपसे एक ऐसी बात करूंगा जो शायद आपको चुभेगी, पर सच है। समय की कीमत न समझने से जिंदगी बर्बाद हो जाती है। आपके पास समय नही है यह पढ़ने के लिए मै जानता हूँ । नृत्य कलाओ (अर्धनग्न) को देख कर आँखे तृप्त होती हैं न आपकी, यही जीवन है और शायद आप यही तक सीमित रह जायेंगे । क्या आवश्यकता है कुछ करने की, कुछ सोचने की, जीवन तो कट ही रहा है और कट भी जायेगा ।
(१) कल्पना करो एक ऐसे शख्स की, जो हर रोज सोचता है - कल से सुबह जल्दी उठूंगा, एक्सरसाइज करूंगा। पर वो कल कभी नहीं आता। धीरे-धीरे वो मोटा होता जाता है, बीमार पड़ता है। और एक दिन डॉक्टर कहता है - अब बहुत देर हो गई।
(२) फिर सोचो उस लड़की/ लड़का के बारे में, जो हर दिन अपने पिता से कहती / कहता है - पापा, कल आपके साथ पार्क चलूंगी/ चलूँगा। पर वो कल कभी नहीं आता। एक दिन पिता चल बसते हैं, और वो लड़की पछताती रह जाती है।
(३) सोचो उस पति के बारे में, जो हर रोज अपनी पत्नी से कहता है - बस कुछ दिन और, फिर तुम्हारे साथ वक्त बिताऊंगा। पर वो दिन कभी नहीं आते। और एक दिन पत्नी किसी और के साथ चली जाती है, और वो अकेला रह जाता है।
ये सब कहानियां अलग-अलग लग सकती हैं, पर इनमें एक बात कॉमन है - समय की कीमत न समझना। समय हम सबके लिए कीमती है, अलग-अलग है परंतु है ।
हम क्या करते हैं ? हर पल को अगले पल के लिए जीते हैं। स्कूल में सोचते हैं कॉलेज के बारे में। कॉलेज में जॉब के बारे में। जॉब में रिटायरमेंट के बारे में। और फिर ? फिर वक्त खत्म हो जाता है।
समय किसी का इंतजार नहीं करता। वो बस बीतता जाता है, चुपचाप, लगातार। और एक दिन हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो पाते हैं कि जिंदगी कब बीत गई, पता ही नहीं चला। वक़्त गुजर जाने के बाद पछतावा होता है कि काश मै वो कर लिया होता!
याद रखो, जिंदगी सिर्फ सांसों की गिनती नहीं है। ये उन पलों की गिनती है जो तुम्हारी सांस रोक दें। जो तुम्हें जीवंत महसूस कराएं।
तो क्या करें ???? 🤔
अभी जियो। हां, भविष्य के लिए प्लान करो, पर वर्तमान को मत भूलो। रोज कुछ ऐसा करो जो तुम्हें खुशी दे। खुशी मे सिर्फ खुद की खुशी नही होती कुछ अपनों की भी खुशी शामिल होती है । चाहे वो 5 मिनट ही क्यों न हो।
अपनों के साथ वक्त बिताओ। फोन रखो और उनसे बात करो। याद रखो, रिश्ते वक्त मांगते हैं, पैसे नहीं। और कोई रिश्ते ऐसे हैं भी जो सिर्फ पैसे मांगते है तो उन्हे वह भी देकर खुश रखो, उसमे क्या जाता है! परंतु एक सीमा मे ।
और सबसे जरूरी, खुद के लिए वक्त निकालो। वो किताब पढ़ो जो तुम पढ़ना चाहते थे। वो जगह घूमो जहां तुम जाना चाहते थे। हर व्यक्ति की खुशी किसी ना किसी एक चीज की जरूर होती है । शौक होती है कुछ खुद के लिए, अपने मन की खुशी के लिए करने की, वो जीवन जो तुम स्वतंत्रता से जीना चाहते हो । जियो, इन सबके लिए कुछ पल निकालो और जियो ।
क्योंकि अंत में, जब तुम पीछे मुड़कर देखोगे, तो तुम उन पलों को याद करोगे जो तुमने जिए, न कि उन पलों को जो तुमने टाले।
बहोत कीमती है इस जीवन का हर एक पल, कभी कोई एक पल भी बेवजह मत गुजरने दो । संभालो , संभलो और चलते रहो । कभी थकना नही, जो एक पल के लिए रुके, तुम मिलों दूर हो जाओगे । खयाल रहे ।
तो आज से, अभी से, इसी पल से जीना शुरू करो। क्योंकि कल किसने देखा है !
✍️ Author Munna Prajapati
- AI : Artificial intelligence (कृत्रिम बुद्धिमता) :-
एक फिल्म है " #robot " रजनीकांत और ऐश्वर्या राय का, जिसमे उनका नाम डॉ वशिकरण और सना है ।
डॉ वशिकरण एक रोबोट वैज्ञानिक रहते हैं । उन्होंने उस फिल्म मे एक रोबोट बनाया था जिसका नाम चिट्टी था । उन्होंने बहोत ही शानदार तरीके से उसे बनाया था जो की बिना थके, बिना रुके, एक शक्तिशाली मनुष्य के अपेक्षा कहीं अत्यधिक गति से काम करता था । वह बहोत ही सहायक था हमारे जीवन में परंतु मशीन तो मशीन ही होता है ।
एक बार शहर के एक बड़े इमारत में आग लग गयी । बहोत ऊचा इमारत था । आबको उस अग्नि से बचाना संभव ही नही था । रेस्क्यू टीम लगी हुयी थी । मीडिया लगातार खबरें टीवी पर दिखा रही थी । और यह खबर डॉ वशिकरण ने देखा और उन्होंने रोबोट चिट्टी को कहा - जाओ इमारत में फसे सभी व्यक्ति को बचाओ, बाहर लेकर आओ । चिट्टी अपने प्रोग्रामिंग के दम पर सभी बड़े, बूढ़े, बच्चे.. सबको बचाया क्योंकि वो आग से नही जल सकता और ना ही उसे दर्द होगा ।
ऐसे ही लोगो को बचाने के दौरान एक जवान लड़की नहा रही थी और आग मे फस गयी । चिट्टी उसके पास पहुंचा, लड़की चिल्लाती रही - मेरे पास मत आओ, मेरे कपड़े नही हैं, मैंने कपड़े नही पहने हैं । मै नहा रही थी और आग लग गयी । सब कुछ जल चुका है परंतु चिट्टी तो एक मशीन था । उसे क्या मालूम के एक लड़की बिना कपड़े, किसी के निगाहों के सामने नही रखी जाती । उसे वैसे ही उठा कर लोगों के बीच लाकर रख दिया । वहाँ मौजूद तमाम मीडिया, न्यूज़, टीवी, सब कुछ कैमरे में कैद । सब कुछ प्रसारित होने लगा । हजारों लोगो के बीच वह लड़की वस्त्र बिहिन अपने आप को पाकर, मानो उसकी जान ही निकल गयी । लड़की ने शर्म के मारे एका एक दौड़ा और जाकर चलती वाहन से टकरा गयी और अपनी जान दे दी । यह देखकर वशिकरण को बहोत दुख हुआ । उनकी आँखें भर गयी । लोग उनकी योग्यता की तारीफ करते- करते शर्मिंदा हो गए ।
इतना सब होने के बाद वशिकरण कई दिनों तक सोचते रहे । निष्कर्ष निकला यह की - यदि हम इसमे मनुष्य की तरह सोचने और समझने की शक्ति दे दी जाय तथा प्रत्येक चीज को एहसास करने की सेंस मिल जाय तो इस तरह की कोई घटना नही होगी ।
इन्होंने इस पर भी कार्य करना शुरू किया और कुछ ही दिनों बाद रोबोट चिट्टी को पूरी तरह से सेंसिटिव बना डाला । बिल्कुल मनुष्य की तरह । सब कुछ सही से चलता रहा.. ऐसे ही मे एक दिन ऐसा हुआ की रोबोट......
वशिकरण की प्रेमिका शना ने खुशी- खुशी में चिट्टी को चूम लिया और उसके बाद, उसके वजह से चिट्टी का एहसास जागृत हो उठा । चिट्टी को शना से प्यार हो गया । अब वो उसे किसी भी हद तक हाशिल करना चाहा । चिट्टी ने कहा शना मेरी है, इसकी शादी वशिकरण से नही मुझसे होगी । . मै शना से प्यार करता हूँ । जरा सोचिये एक मशीन की शादी शना से कैसे हो सकती है! जो की वशिकरण की प्रेमिका है । शना और वशिकरण ने चिट्टी बहोत समझाने की कोशिश की परंतु, प्रेम का एहसास चिट्टी के मेमोरी में एक्टिव हो चुका था, वो कैसे मानता । ऐसे ही बातों बातों में मामला गंभीर हो गया । बात मिटने मिटाने पर आ गयी । अन्त में डॉ वशिकरण ने देखा की इसका अंजाम सही नही होगा । यह हमारे लिए घातक साबित हो सकता है ।
वशिकरण ने चिट्टी को मिटाकर, सारे प्रोग्राम मिटाकर नष्ट कर दिया । लेकिन प्रत्येक कहानी में एक विलन जरूर होता है । इस कहानी में भी एक विलन था जो हमेशा से वशिकरण के विपक्ष मे कार्य करता था । उसने उस रोबोट के पार्ट को लाकर फिर से उसका निर्माण कर दिया । वह भी वशिकरण के जैसा ही एक रोबोट वैज्ञानिक था ।
कुछ दिनों बाद वह रोबोट चिट्टी ही अपने जैसे रोबोट तैयार करने लगा क्युकी उसके अंदर उसके मेमोरी में डॉ वशिकरण था । कुछ दिनों बाद उस विलन को मारकर उसने खुद का एक समूह तैयार कर लिया । जिसमे सब के सब रोबोट ही थे । सब उसके इशारों पर चलते थे । चिट्टी के मन में यह विचार उत्पन्न हुआ की हमे अपनी खुद की दुनिया बनानी है , जिसमे मनुष्य ना हो और यदि हो तो वो हमारा गुलाम हो । और इसी मुकाम की तरफ निकल पड़ा । 24/7 रोबोट बनाता रहा । एक एक करके मनुष्यों का विनाश करता रहा । उसकी चाहत बन गयी थी, शना...
अपने बल पूर्वक शना को भी छीन लिया था वशिकरण से । यह सब देखकर वशिकरण दंग रह गए । हमारी बनायी हुयी मशीन, हमारा ही विनाश करने पर तुल गयी ।
बहोत ही सघर्ष के बाद, तकनिकीओं के इस्तेमाल के बाद, बहोत कुछ खोने के बाद इस मशीन पर डॉ वशिकरण ने कामयाबी हाशिल की । चिट्टी का जीवन नष्ट कर पाए । नही तो हमारा विनाश निश्चित था ।
मैंने यह कहानी एक उदाहरण के तौर पर दिया है आपको । ठीक इसी प्रकार आप सोच सकतें हैं, समझ सकते हैं ।
यह तो फिल्म है, कल्पनिक बातें है परंतु अभी के समय में, हमारे जीवन मे, हमारे बीच जो AI tool (Artificial intelligence) आया है । या जिसने भी बनाया है इसको, व्यापार के तौर पर, आधुनिकता के नाम पर, यह सही साबित नही होगा हमारे लिए ।
विगत समय में आपने देखा ही होगा की साउथ की सुप्रसिद्ध नायिका ' #rashmikamandanna ' का एक वीडियो चलचित्रों मे आया था जो की AI का कमाल था । वह वीडियो वास्तवीक नही था । इसी प्रकार ना जाने किस किस रूप मे हमे इसके घातक प्रभाव देखने को मिलेगा ।
यदि आपने #movies #robot नही देखी तो देख लीजिये आपको सब समझ में आ जायेगा की किस तरह से हम अपने विनाश का बीज खुद ही बो रहें हैं । आधुनिकता के नाम पर । AI tools भी हमारे जीवन में ठीक उसी प्रकार कार्य करेगा जिस प्रकार रोबोट चिट्टी ने किया था ।
नोट :- आप सभी पाठक से अनुरोध है की आप चलचित्रों पर, मोबाइल फोन पर दिखायी जाने वाली तस्वीरों, वीडियो आदि पर यकीन कभी मत करना । आपके वास्तवीक जीवन में जो हो रहा है, जो आप प्रत्यक्ष रूप से देख रहे हैं , अपनी आखों से , और जो महसूस कर रहे है वही सत्य है । बाकी सब झूठ है, दिखावा है । अब आने वाले समय में यह कंप्यूटर कुछ भी कर सकता है ।
प्रार्थना :- मै न्यायाधीश को भी द
- समय है कुछ करने का
- किताबें पढने के लिए वक़्त कहाँ है किसी के पास, पूरी दुनिया तो परदे पर दिखायी जाने वाली काल्पनिक चलचित्रों के पीछे दौड़ रही है और अपने आप को अंधकार में लेकर जा रही है । जो जो वास्तवीक ज्ञान पुस्तकों में है वो चलचित्रों मे नही । आप एक मिनट से कम समय की वीडियो देखतें हैं और प्रत्येक मिनट के बाद दूसरी वीडियो देखतें हैं इनके बीच आप अपने मस्तिस्क की स्थिरता को बड़ी तेजी से बदलतें है ।
लगातार एक प्रभाव, दूसरा प्रभाव फिर तुरंत तीसरा प्रभाव, ऐसे ही लगातार स्थिरता, अपनी सोच, उद्देश्य, लक्ष्य आदि को बदलतें हैं जिसके वजह से आप अपने जीवन मे किसी एक लक्ष्य पर स्थिर नहीं रह पाएंगे । स्वभाविक सी बात है इस तरह की क्रियाएँ आपकी स्थिरता को भंग करती है और आप खुद को रोक नही पाते । जब कोई चीज थोड़ी सी ज्यादा समय लेती है या फिर समझ में नही आती तो आप उसे तुरंत छोड़ देते हैं । परंतु आप उसे समझने या किसी एक ही विषय पर गहरा अध्ययन करने की कोशिश नही करते । इंसान की यह सबसे बड़ी दुर्बलता है । जिससे कि वह अपने लक्ष्य को पाने मे चुक जाता है ।
कोई भी बड़ी चीज क्षणिक सोचने से या क्षणिक अध्ययन से पूर्ण नही होती उसके लिए वक़्त चाहिए होता है । और यह तो हमारे मस्तिस्क से निकल चुका है । एक मिनट से अधिक हम किसी एक विषय पर तो सोच ही नही सकते ।
हम जब तक रिल्स देख रहे होते हैं हमारा मस्तिस्क उसके विषय में सोचता है, जो हम देख रहे होतें हैं । परंतु किताबें, जिसमे प्रत्येक शब्द लिखे हुए हैं, उसे आप बार-बार पढ़ सकते हैं । उसे सोच सकते हैं । उसके अनुसार आप अपने जीवन को सक्रिय कर सकते हैं । यह जो मोबाइल फोन का दौर है, यह हमे उस अंधकार के तरफ ले कर जा रहा है जहाँ चारो तरफ कोई भी चराग़ नही । पुस्तकें मनुष्य का मार्गदर्शक हैं । ऐसा नहीं की मै पुस्तकें लिख रहा हूँ तो ही ये सारी बातें कर रहा हूँ! यदि आप इस बात का विचार करना चाहे तो भी नही कर सकते । और नाही यहा तक पहुँच सकतें है जहाँ तक हमने यह कल्पना की है । हम आधुनिक दौर मे जरूर जा रहे हैं परंतु यह भी सत्य है की हम अपने आप को कहीं खो रहें है ।
चलिए जरा सा सोच कर देखिये –
यदि गूगल बंद हो जाय ! यदि इंटरनेट काम ना करे तो हमारा क्या अवस्था हो जायेगा ।
जब मोबाइल का डाटा (इंटरनेट) समाप्त होता है तो इसके बगैर हम इक दिन नही रह पाते, कैसे भी हमे रिचार्ज करवाना ही है । इसका अर्थ यह है की हम किसी के अधीन होते जा रहें हैं । हमारी मानसिकता , हमारे मस्तिस्क पर किसी और का अधिकार हो रहा है । हम मानसिक रूप से किसी और का गुलाम होते जा रहें हैं । आप अपनी आँखें खोलिए और देखिये । हम 1947 मे आजाद हुए थे सत्य है मगर अब फिर हम खुद को गुलामी की तरफ ले जा रहें हैं , आधुनिकता समझकर ।
✍️😰✅🤔 Author Munna Prajapati
#PostViral #healthy #Risky #life #lifestyle #bad #harmful #mobiles #network
#virals
- Tulsi Vivah 2023: शुभ समय के साथ उत्सव मनाएं
- दुःख के समय में याद रखें, यह तीन गुप्त बातें जो आपकी जिंदगी बदल देंगे
- 🙏दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं सभी मित्रों को 🙏
जब किसी प्रेमिका का प्रेमी इस दिवाली पर्व के समय इस दुनिया को छोड़ कर चला गया हो, तब प्रेमिका आंशुओ मे डुबी हुयी 😰😥#poet #poetry #sadlife #merilekhani ✍️munna prajapati
- प्रसंग : "उस गुलशन का वो फूल " Author Munna Prajapati
#viralpage #post #viral #trend #love #filling #parents मै कुछ भी लिखता हूँ, बड़ी सिद्दत से लिखता हूँ, दिल से लिखता हूँ.. तो आपसे निवेदन है की थोड़ा सा समय लेकर आराम से पढ़े मेरी हर एक पोस्ट को... आनंद आयेगा.. 🙏✍️👍✅
- शवाल है आपसे, जो मन मे आये
जबाब जरूर लिखियेगा 🙏 :-
(०१) शवाल: क्या हम किसी स्त्री से प्रेम करतें है या
उसके निजी अंगों से ???
जबाब : ...........
(०२) शवाल: यदि आप कीसी स्त्री से ही प्रेम करतें हैं
उसके निजी अंगों को लेकर नही... तो
ये एहसास और समझ कब हुआ आपको ??
जबाब : ............
(०३) शवाल: आपने अपने जीवन मे
जिम्मेदारियों को कब समझा????
जबाब : .............
(०४) शवाल: आप समझते थे की आप सब जानतें हैं, परंतु
आप बहुत कुछ नहीं जानते हैं, ये एहसास
आपको कब और कैसे हुआ????
जबाब : ...............
(०५) शवाल: परिवारिक झमेल हो , (जैसे आज कल
शादी के बाद परिवार मे ,रिश्तों मे प्रेम कम हो रहा है ,
परिवार बिखर जा रहा है )
तो क्या एक लड़के को विवाह करना ठीक रहेगा?
जबाब : ................
~ मुन्ना प्रजापति
नोट : समय लेकर सोच कर जबाब जरूर लिखिये ।
मुझे इंतजार रहेगा आपके उत्तर का ।🙏
- #poetry " कोई साथ चलने वाला नहीं "
दर्द मे दिलाशा हर कोई देता है मगर,
साथ देने वाला कोई नहीं ।
आज समय अच्छा चल रहा है,
मौज है, खुशी है, हर कोई साथ है, अपना है,
बुरे वक़्त मे कोई साथ चलने वाला नहीं ।
लोग हाथ थामते हैं उम्र भर के लिए,
मगर वो भी कब छोड़ दे,
कोई कहने वाला नहीं ।
मै तो कहता हूँ दोस्त, खुशियोँ मे उसे,
उसे बुलाओ ही नही जो साथ
हर गम सहने वाला नहीं ।
क्या शामी, क्या शिखर और क्या हार्दिक
पांड्या, यार जो पैसा और सफलता का
चाह रखता हो वह...
किसी के साथ रहने वाला नहीं ।
उसे तो केवल ऐसो आराम चाहिए,
उसे तुम्हारे गम में, उदास चेहरे लेकर,
सहने वाला नहीं..... ।
आप रुक सकते हो, उतर सकते हो,
रिश्तों का मोड़ देखकर मगर..
वह हरगिज उतरने वाला नहीं ।
✍️ Author Munna Prajapati #virals #life #reality #beocken #sad #poem #hindi #lovestory #loveyou #writer #writing
- #poetry " दोस्तों के साथ की जिंदगी "
ओहो.. कैसे थे हम... और कैसे हो गए,
वो वक़्त अब शायद...कहीं खो गए,
वक़्त बीते और हम बिछड़े...
उड़ गए कहीं हमारी खुशियोँ के चिथड़े ।
कैसे मिलकर हम शोर मचाया करते थे,
ये मेरी है, वो तेरी है.. कहकर...
एक दूसरे को रिझाया करते थे,
कड़क सर्दी और कड़क धुप मे साथ
पढ़ने जाया करते थे...
कोई छोटा कोई बड़ा नही, एक ही
थाली मे खाया करते थे... ।
किसी की शादी हो गयी तो
कोई कवारा है...
कोई जिम्मेदारियों से जूझ रहा
तो कोई गलियों का आवारा है,
कोई बन गया शाहब तो कोई
बेरोजगारी का मारा है... ।
दूर हो मजबूर हो मगर, ये दोस्ती
दिल मे कायम रखना,
कभी तो मिलेंगे किसी मोड़ पर,
सोचना, जगना और राह तकना,
कितने जागे और कितने सो गए,
जगह बदला और समय बदला,
जो हमारे थे, वो किसी और के हो गए ।
~ ऑथोर मुन्ना प्रजापति
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- #poetry " कोई गीत या प्रीत, ऐसे ही नही बनते "
रिश्ते निभाने के लिए, दो हाथ लगतें हैं,
और आपको ये आसान बात लगतें हैं ।
व्यक्तित्व उसमे नहीं जिसमे,
आपके आत्म सम्मान लगतें हैं ।।
धन कमाना है जीने के लिए सच है मगर,
खयाल यह भी रहे, करम मरने के बाद लगतें हैं ।
बस आज ही तो है, कल कहाँ है ,
अंतिम चरण में सिर्फ शमशान लगतें हैं ।।
सबकी दौड़ जारी है, एक दूसरे के पीछे,
कोई हमसे आगे ना निकल जाय...!
ये इंसान नहीं, बेईमानों के जात लगतें हैं ।
कुछ इंसान, यहाँ सर्वज्ञानि हैं, खुद में,
हमे तो ,ये सब , नादान लगतें हैं ।।
मै समय हूँ मुझे, खुद पर कोई रोक नहीं,
प्रत्येक अवस्था नये मुलाकात लगतें हैं ।
समझो, जीवन का सच जानने के लिए,
एक सच्चे और अच्छे, ईमान लगतें हैं ।।
कोई गीत या प्रीत , ऐसे ही नहीं बनते,
रचित, उनमे हमारे जज्बात लगतें हैं ।
युगों - युगों तक जीवित रहने के लिए,
तन मन से, महाबीर और वर्धमान लगतें हैं ।।
✍️ Author Munna Prajapati
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- आज कल न इस जगत में सब कुछ उल्टा हो रहा है /-
कोई नीति जब बनती है तो लगता है की यह सही है, हितकर है परंतु कुछ समय बाद पता चलता है की उस पर लागू नहीं होती जिसने उसे बनाया है । तो फिर.... 🥺
नदियों को माता कहा जाता है और देखें तो औसत रूप से नदियों को गंदा और दूषित करने मे हमारा ही हाथ है । तो फिर... 🥺
ये धरती हमारी माँ है । हम इसकी पूजा भी करते हैं और इस धरती पर सबसे ज्यादा दुष्कर्म ,हम ही कर रहें हैं । तो फिर...... 🥺
हमेशा प्रकृति के प्रतिकूल काम कर रहें हैं । और फिर कह रहें हैं की प्रकृति बदल रही है । नहीं....
उसे बदलने पर हम मजबूर कर रहें हैं । तो फिर..... 🥺
कोई चोर यु ही नही बनता है खुद से, गुनहगार खुशी से कोई गुनाह नही करता । उसके सामने हम ऐसे हालात खड़ा कर देते हैं की वह चोरी करता है या कोई गुनाह कर बैठता है । तो फिर.... 🥺
सामने वाला हमे इज्जत, सम्मान, प्यार जरूर देता और मुख्य रूप से देता भी है परंतु हम ही उसे बेशर्म और क्रूर बनने पर मजबूर कर देते हैं, उसे प्रतिउत्तर मे अपमान परोशकर । हम सामने वाले को अपने धन का, पद, प्रतिष्ठा का ,शक्ति का प्रताडन देकर । तो फिर... 🥺
प्रेम प्राकृतिक है । यही सृष्टि का एक मात्र आधार है । यह समाप्त हो गया अगर तो हमारा अस्तित्व समाप्त हो जायेगा । मोहब्बत करो और करने दो एक दूसरे से , मगर ...
तुम तो नफ़रत दिलों में पाल रहे हो । तो फिर.... 🥺
संत ने कहा, यह दुनिया मोह माया से घिरी हुयी है । दूर निकलो इन भावनाओं से, और तुम निकल गए । क्यूँ नही सोचा उसके बारे में, जिसने तुम्हे जन्म दिया और इस सोच के काबिल बनाया । वह स्त्री जिसको तुमने व्याह कर लाया । वह शिशु जो तुम्हारे नाम से इस धरा पर आया । तो फिर..... 🥺
✍️ Author Munna Prajapati #PostViral #post #realtalk #reallife #thoughts #writer #india #culture
- हमारी सभी बहनों के लिए यह जनकारी अवश्यक् है :-
पिछले 3 साल का डाटा, 43 लाख लड़कियों में बाझपन और 30 लाख में कैंसर पाया गया... वैलेंटाइन के बाद मुश्किल से 10 दिन के अंदर गायनेकोलोजिस्टो के पास लड़कियों की भीड़ लग जाती है...
टीवी पे ऐड आता है सिर्फ एक कैप्सूल से 72 घंटो के अंदर अनचाही प्रेगनेंसी से छुटकारा...
बिना दिमाग की लडकिया, ऐसी गोलियां जिसका न कम्पोजीशन पता होता है न कांसेप्ट…
बस निगल जाती हैं…
इन फेक गोलियों में आर्सेनिक भरा होता है यह 72 घंटो के अंदर सिर्फ बनने वाले भ्रूण को खत्म नही करता बल्कि पूरा का पूरा प्रजनन तंत्र ही खत्म कर देता है…
शुरू में तो गोलिया खाकर सती सावित्री बन जाती हैं लेकिन शादी के बाद पता चलता है ये अब माँ नही बन सकती…
तो सबको पता चल जाता है इनका भूतकाल कैसा रहा है, पर कोई बोलता नही जिन्दगी खुद अभिशाप बन जाती है…
सरकार हर साल मातृत्व सुरक्षा, जननी सुरक्षा, बेटी बचाओ जैसी योजनाओ के नाम पर करोड़ो रुपयेफुक देती है।
आज हालत ये हैं 13-14 साल की बच्चिया बैग में i-pill लेकर घूम रही है ये मरेंगी नही तो क्या होगा…
और ऐसी जहरीली चीजे वैलेंटाइन पर मेडिकल माफिया भारतीय बाजारों में जानबुझकर उतारता है...
क्युकी सबको पता है, भारत में बुद्धिजीवी वर्ग का कोई मान नही होता... पहले ये लड़कियों को जहर खिलाकर बीमारी देते हैं... फिर उसकी दवाई बेचकर अरबो रूपये कमाते हैं... जिसमे नेता भी कमाई करते हैं... क्युकी ऐसे जहर को बेचने का परमिट और उनकी चेकिंग न करवाने का काम नेता ही कर सकते हैं...
बेटी आपकी, तो उसकी जिम्मेदारी भी आपकी... इस वैलेंटाइन उसके पीछे संत महापुरुष का ही नही बल्कि आप खुद सजग रहोगे, देखने पर विरोध करोगे।
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या फिर अगर चाहते हो आपकी बेटे बेटी जमके अय्याशी करे, और बाद में कैंसर, बाझपन, STD की वजह से मर जाए और आपका बोझ हल्का हो... तो एक ही बार में सल्फास दे दो...
समस्या आपके बेटी की अय्याशी और उसके मरने से नही, समस्या होती है, जो दवाईया बेचकर विदेशी कम्पनिया हर साल हमारे देश का अरबो रुपया लुट लेती हैं उससे है... आज कल की सच्चाई।
सभी बहनों के हित मे, यह जनकारी समर्पित किया है ।
सतर्क रहो, भूलकर भी यह गलती मत करना वरना जीवन भर पछताना पड़ेगा.... ।
जनकारी स्रोत : गूगल कोरा..
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- ३० दिसंबर २०२२
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