I. N. D. I . अलायंस का पत्रकारों पर लगा प्रतिबन्ध सोचने पर मजबूर करता है । कुछ पत्रकारों पर प्रतिबन्ध लगाना कहाँ से उचित है । देश विरोधी पत्रकारों का विरोध भी तो करना चाहिए। अगर कुछ भारत की बात कहने वाले पत्रकार नहीं होंगे तो विदेशी मीडिया तो हमेशा की तरह देश की छवि को बर्बाद करने की कोशिश ही करेंगे। पब्लिक भी प्रतिबंध लगा देगी, इन सामंती सोच के लोगों पर। लगता है कि आखिरी पारी खेली जा रही है । ये पब्लिक है सब जानती है ।
क्रूर हँसी के साथ हँसते हो,
तो दिख जाते हो,
मीठी मुस्कान फ़ेरते हो,
तो भी दिख जाते हो,
ओ शैतान के सपूतों,
तुम्हारे कपड़ों पर पड़े,
रक्त के सुर्ख धब्बे नहीं मिटे,
जब भी कोशिश करते हो,
ये धब्बे छुपाते हो, मिटाते हो,
तुम्हारी पिपासा बढ़ जाती है,
तुम फिर रक्त पीने को,
लालायित से हो, दिख जाते हो ।