shabd-logo

श्री कृष्ण जन्माष्टमी

21 August 2024

6 Viewed 6
भाद्रपद कृष्ण अष्टमी - जन साधारण को कर्म, ज्ञान, भक्ति, आत्मा आदि की व्याख्या समझाने वाले युग प्रवर्तक परम पुरुष भगवान् श्री कृष्ण का जन्म महोत्सव - इस वर्ष रविवार 25 अगस्त को अर्ध रात्र्योत्तर 3:39 (26 को सूर्योदय से पूर्व) के लगभग ध्रुव योग और विष्टि करण में अष्टमी तिथि का आगमन होगा जो 26 अगस्त को अर्ध रात्र्योत्तर 2:21 तक रहेगी | 26 को ही दिन में 3:55 के लगभग रोहिणी नक्षत्र भी आरम्भ हो जाएगा जो 27 अगस्त को दिन में 3:38 तक रहेगा | अतः 26 अगस्त को श्री कृष्ण जन्म महोत्सव मनाया जाएगा | इस वर्ष स्मार्त और वैष्णव दोनों एक ही दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म महोत्सव मनाएंगे | 

उससे पूर्व चौबीस अगस्त यानी भाद्रपद कृष्ण षष्ठी को भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम – जिन्हें बलभद्र और हलायुध भी कहा जाता है और जो भगवान विष्णु के अष्टम अवतार तथा शेषनाग के भी अवतार माने जाते हैं – का जन्मदिवस है | हलायुध नाम होने के कारण ही भाद्रपद कृष्ण षष्ठी को हल षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है | इस वर्ष नाग पंचमी भी इसी दिन है | अस्तु, सर्वप्रथम सभी को बलभद्र जयन्ती और श्री कृष्ण जन्म महोत्सव की तथा नाग पंचमी की अग्रिम रूप से हार्दिक शुभकामनाएँ…

कृष्ण बनना वास्तव में बहुत कठिन है | क्योंकि कृष्ण, एक ऐसा व्यक्तित्व है जो अव्यक्त होते हुए भी व्यक्त ब्रह्म है, जो मूलतः नर और नारायण दोनों है, जो स्वयंभू हैं | द्युलोक जिनका मस्तक है, आकाश नाभि, पृथिवी चरण, अश्विनीकुमार नासिका, सूर्य चन्द्र तथा समस्त देवता जिनकी विभिन्न देहयष्टियाँ हैं | जो प्रलयकाल के अन्त में ब्रह्मस्वरूप में प्रकट हुए तथा सृष्टि का विस्तार किया | 

देश भर में श्री कृष्ण के अनेक रूपों की उपासना की जाती है | जैसे जगन्नाथपुरी में भगवान् जगन्नाथ के रूप में समस्त जगत यानी संसार के नाथ यानी स्वामी हैं | केरल के गुरुवयूर में बालरूप में विद्यमान हैं, उडुपी में भी हाथ में मक्खन लिए हुए बालक के रूप में प्रतिष्ठित हैं – जो प्रतीक है इस तथ्य का यदि मनुष्य का मन नन्द के माखन चोर लला के समान निश्छल और मधुर रहेगा तो संसार में केवल प्रेम ही प्रेम प्रसारित होगा | विश्व प्रसिद्ध बाँके बिहारी मन्दिर में हाथ में वंशी थामे नृत्य की मुद्रा में तिरछे खड़े हैं और सन्देश दे रहे हैं कि जन मानस में परस्पर एक दूसरे के प्रति और समस्त जड़ चेतन के प्रति सद्भावना, प्रेम तथा सहयोग का भाव होगा तो विश्व में अशान्ति का कोई कारण ही नहीं होगा और जन जन का मन प्रेम की मस्ती में नृत्य कर उठेगा |

राजस्थान के प्रसिद्ध नाथद्वारा में श्रीनाथ जी के रूप में हाथ पर गोवर्धन पर्वत उठाए मानों घोषणा कर रहे हैं कि प्रकृति से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है, अपितु आवश्यकता है प्रकृति को हानि पहुँचाए बिना उसके साथ प्रेम और आत्मीयता का सम्बन्ध स्थापित करने की – तब प्रकृति भी प्रतिदान स्वरूप न केवल हमारी सुरक्षा करेगी अपितु हमारा समुचित भरण पोषण भी करेगी |

इसी तरह से गुजरात में श्री कृष्ण रणछोड़ के रूप में उपस्थित हैं | जरासंध के साथ युद्ध के समय कृष्ण युद्धभूमि से भाग आए | सबने समझा पीठ दिखाकर भागे हैं, किन्तु पूर्ण रूप से योजना बनाकर फिर से युद्ध के लिए वापस लौटे | रणछोड़ का चरित्र भी वास्तव में सन्देश देता है कि किसी भी कार्य को यदि सुनियोजित विधि से किया जाएगा तो सफलता निश्चित है, साथ ही ये भी कि यदि कभी असफलता का सामना हो भी जाए तो उससे घबराकर पलायन नहीं कर जाना चाहिए अपितु स्वयं को उस परीक्षा के लिए पुनः पूर्ण रूप से तैयार करके आगे बढ़ना चाहिए |

कहीं एक स्थान पर – सम्भवतः चेन्नई में – भगवान् कृष्ण मूँछों के साथ दिखाई देते हैं | मूँछें प्रतीक हैं पुरुषत्व का – और भगवान् कृष्ण का तो जन्म ही इसी कारण हुआ था कि उन्हें पृथिवी से अधर्म और अत्याचार का अन्त करके धर्म और सदाचार की पुनर्स्थापना करनी थी – और इस कार्य के लिए पूर्ण पौरुष की आवश्यकता थी |

इस प्रकार अनेक स्थानों पर भगवान् श्री कृष्ण की अनेकों रूपों में पूजा अर्चना की जाती है, किन्तु उन सभी रूपों का सन्देश केवल यही है कि समस्त जड़ चेतन के प्रति दया, करुणा, प्रेम और सहृदयता का भाव रखते हुए परस्पर सहयोग करते हुए सुनियोजित रीति से यदि कार्य किया जाएगा तो न केवल विश्व में शान्ति और आनन्द का वातावरण विद्यमान रहेगा अपितु मनुष्य को अपने लक्ष्य की प्राप्ति में भी सफलता प्राप्त होगी | और उस सबसे भी अधिक ये कि जब व्यक्ति अपने समस्त भावों का अभाव करके भक्ति की पराकाष्ठा पर पहुँच जाता है तब वह अपने ईश्वर – अपने ब्रह्म – अपनी आत्मा – के साथ एकरूप हो जाता है – कोई भेद दोनों में नहीं रह जाता – और यही है वास्तविक मोक्ष…

अस्तु, भगवान् श्री कृष्ण के महान चरित्र से प्रेरणा लेते हुए हम सभी नि:स्वार्थ भाव से कर्म करते हुए नि:स्वार्थ प्रेम, सद्भावना और सहयोग के मार्ग पर अग्रसर रहे तथा प्रकृति की रक्षा का संकल्प अपने मन में धारण करें… इसी कामना के साथ सभी को समस्त कलाओं से युक्त परम पुरुष भगवान् श्री कृष्ण के जन्म महोत्सव – श्री कृष्ण जन्माष्टमी की अग्रिम रूप से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ…
-----कात्यायनी
1

मेघों ने बांसुरी बजाई

22 July 2024
4
0
0

मेघों ने बाँसुरी बजाई, झूम उठी पुरवाई रे |बरखा जब गा उठी, प्रकृति भी दुलहिन बन शरमाई रे ||उमड़ा स्नेह गगन के मन में, बादल बन कर बरस गयाप्रेमाकुल धरती ने, नदियों की बाँहों से परस दिय

2

कविता

6 August 2024
0
0
0

कविता को समझने का हमारा एक छोटा सा प्रयास - कविता...कलाकार का रूप है कविताशब्दों का स्वरूप है कवितासतही स्तर अर्थ ही नहींअर्थों की जागृति है कविताभाषा का सौन्दर्य सहित, एक अद्भुत सा प्रयोग है कवि

3

समाना हृदयानि वः

15 August 2024
0
0
0

समाना हृदयानि वःस्वतन्त्रता – आज़ादी – व्यक्ति को जब उसके अपने ढंग से जीवंन जीने का अवसर प्राप्त होता है तो निश्चित रूप से उसका आत्मविश्वास बढ़ने के साथ ही उसमें कर्त्तव्यपरायणता की भावना भी बढ़ जाती है

4

आज़ादी का दिन फिर आया

16 August 2024
1
0
0

आज़ादी का दिन फिर आया |बड़े यत्न से करी साधना, कितने जन बलिदान हो गए |किन्तु हाय दुर्भाग्य, न जाने कहाँ सभी वरदान खो गए |आशाओं के सुमन न विकसे, पूरा हो अरमान न पाया ||१||महल सभी बन गए दुमहले, और दुमहल

5

श्री कृष्ण जन्माष्टमी

21 August 2024
0
0
0

भाद्रपद कृष्ण अष्टमी - जन साधारण को कर्म, ज्ञान, भक्ति, आत्मा आदि की व्याख्या समझाने वाले युग प्रवर्तक परम पुरुष भगवान् श्री कृष्ण का जन्म महोत्सव - इस वर्ष रविवार 25 अगस्त को अर्ध रात्र्योत्तर 3:39 (

6

निज हस्त खड्ग दुर्गा का ले

22 August 2024
0
0
0

कोलकाता जैसे रोंगटे खड़े कर देने वाले कुकृत्य और उस पर पीड़िता को मिलते न्याय में देरी - वास्तव में मन को पीड़ा पहुंचाती है... मनुष्य क्यों मनुष्यता को भूल गया ?... अब तो जैसा श्री पुष्यमित्र जी ने लि

7

रुक्मिणी हरण का आध्यात्मिक पक्ष

24 August 2024
0
0
0

रुक्मिणी हरण का आध्यात्मिक पक्षअभी 26 तारीख को श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व है | श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव की बात आती है तो उनके जीवन की एक प्रमुख लीला – रुक्मिणी हरण की लीला – की चर्चा तो होगी ही

8

कृष्णत्व बहुत कठिन

25 August 2024
0
0
0

कृष्णत्व बहुत कठिन कल देश भर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव दही हांडी की परम्परा के साथ मनाया जाएगा... सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ...देश भर में श्री कृष्ण के अनेक रूपों की उपासना की जाती है | इ

9

कृष्ण कथा

26 August 2024
0
0
0

कृष्ण कथा थी रात घनी कारी अँधियारी, मेघ झूम कर बरस रहे थे ।जल थल और आकाश मिलाने हेतु ज़ोर से गरज रहे थे ||यमुना भी थी चढ़ी हुई काँधे तक, मेघों का गर्जन था ।हरेक भवन में व्याकुलता के&

10

ईश्वर का विराट अथवा विश्व स्वरूप

27 August 2024
0
0
0

ईश्वर का विराट अथवा विश्व स्वरूपपश्य मे पार्थ रूपाणि शतशोऽथ सहस्रशः ।नानाविधानि दिव्यानि नानावर्णाकृतीनि च ।।- 11/5अर्थात् हे पार्थ! अब तुम मेरे अनेक अलौकिक रूपों को देखो । मैं तुम्हें अनेक प्रकार की

11

हरतालिका तीज और वाराह जयंती

29 August 2024
0
0
0

हरतालिका तीज और वाराह जयन्तीभाद्रपद शुक्ल तृतीया यानी शुक्रवार 6 सितम्बर को हरतालिका तीज का व्रत और भगवान् विष्णु के दस अवतारों में से तृतीय अवतार वाराह अवतार की जयन्ती का पावन पर्व है | भाद्रपद मास क

12

मेरे प्रथम शिक्षक

4 September 2024
3
1
0

कल शिक्षक दिवस है | सभी अपने अपने शिक्षकों के लिए श्रद्धा सुमन समर्पित कर रहे हैं | हमारी भी विनम्र श्रद्धांजलि है उस व्यक्तित्व को जो माँ और पिताजी के बाद हमारे प्रथम शिक्षक बने | हमारी शिक्षा

13

शिक्षक दिवस

5 September 2024
0
0
0

सभी गुरुजनों को नमन के साथ शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँभारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन के जन्म दिवस “शिक्षक दिवस” की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ...हर व्यक्ति जीवन में सफल होना च

14

हरतालिका तीज

6 September 2024
0
0
0

भाद्रपद शुक्ल तृतीया यानी शुक्रवार 6 सितम्बर को हरतालिका तीज का व्रत और भगवान् विष्णु के दस अवतारों में से तृतीय अवतार वाराह अवतार की जयन्ती का पावन पर्व है | भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि

15

गणेश चतुर्थी

7 September 2024
0
0
0

आज भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि है – विघ्न विनाशक गणपति की उपासना का पर्व | सभी को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ..लगभग समूचे देश में विघ्नहर्ता सुखकर्ता भगवान् गणेश की उपासना का पर्व गणेश चतुर्थी अ

16

हिंदी दिवस

11 September 2024
0
0
0

हममें से अधिकाँश लोगों को सम्भवतः ज्ञात होगा कि 1918 में इंदौर में आयोजित हिंदी साहित्य सम्मलेन में महात्मा गाँधी ने हिंदी को आम जनमानस की भाषा बताते हुए इसे राष्ट्रभाषा घोषित किये जाने की बात कही थी

17

श्राद्ध पक्ष में पाँच ग्रास निकालने का महत्त्व

12 September 2024
0
0
0

श्रद्धया इदं श्राद्धम्‌ – जो श्रद्धापूर्वक किया जाए वह श्राद्ध है | मंगलवार 17 सितम्बर से सोलह दिनों के लिए दिवंगत पूर्वजों के प्रति श्रद्धा का पर्व श्राद्ध पक्ष आरम्भ होने जा रहा है | वैदिक मान्यता क

18

अनन्त चतुर्दशी

13 September 2024
0
0
0

अनन्त चतुर्दशीअनंन्तसागरमहासमुद्रेमग्नान्समभ्युद्धरवासुदेव |अनंतरूपेविनियोजितात्माह्यनन्तरूपायनमोनमस्ते ||भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी को अनन्त अर्थात जिसका कभी अन्त न हो - चतुर्दशी कहा जाता ह

---