मोदी जी का भय
पृथ्वी लोक भ्रमण से लौटे देवदूतों ने स्वर्ग लोक में मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का यशोगान सुनाया। यह सुनते ही देवराज इंद्र का सर चकरा गया। देवराज इंद्र को अपना सिंहासन डोलता हुआ नजर आने लगा। देवराज इंद्र दौड़ते दौड़ते ब्रह्मा जी के पास पहुंचे।
ब्रम्हा जी से कहा रक्षा करो प्रभु! पृथ्वी लोक पर "नरेन्द्र" नामक मानव ने कोहराम मचा रखा है। उसकी सख्ती के चलते सभी भ्रष्टाचारी परेशान हैं। अब वह स्वर्गलोक का सिंहासन हड़पने का विचार बना रहा है।
अब तो स्वर्ग लोक में भी मोदी मोदी के नारे सुनाई देने लगे हैं। मृत्यु लोक से आने वाले लोग यहां भी चुनाव कराने की मांग करने लगे हैं। इंद्र को बदहवास देख ब्रह्मा मुस्कुरा कर
बोले तुम इन्द्र हो तो वो नरेन्द्र है। तुम दौनों के मध्य किस बात के लिए द्वन्द है। हे देवराज नरेंद्र ने काशी विश्वनाथ से विश्व का नेतृत्व करने का आशीर्वाद प्राप्त कर लिया है। इस लिये आप कैलाश पर्वत जाकर अपनी व्यथा देवाधिदेव महादेव को सुनायें वही आपकी समस्या का निवारण कर सकते हैं।
घबराया इन्द्र अपना पसीना पोंछते हुए कैलाश पर्वत पर पहुंच गए। त्रिशूलधारी को प्रणाम कर बोले हे जटाधारी
स्वर्गलोक पर मुसीबत के काले बादल मंडराने लगे हैं। उन्होंने
पृथ्वी लोक से लौटे देवदूत द्वारा सुनाया गया पूरा वृतांत सुना दिया। यह बात कहते कहते देवराज की आँखों में आँसू आ गए और गला भर आया। उन्होंने कहा हे प्रभु कुछ तो उपाय करो जिससे मेरा सिंहासन और देवताओं की लाज बच जाये।
देवराज ने कहा हे महादेव जब नरेंद्र स्वर्ग लोक पर राज करेगा तो देवताओं को राशन और बैंक की लाइन में लगना पड़ेगा। अप्सरा और दासी एक ही श्रेणी में हो जायेंगी हे प्रभु फिर स्वर्ग लोक की औकात ही क्या रह जायेगी। महादेव बोले -हे देवराज इंद्र आपको यही भय है कि कहीं आपका सिंहासन न छिन जाय। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि नरेन्द्र ने कैलाश पर दो वर्ष की कठिन तपस्या के बाद अमीर और गरीब के भेद को दूर करने का आशीर्वाद प्राप्त किया है।
इसलिये उसकी तपस्या व्यर्थ नहीं जायेगी। पृथ्वी लोक में समानता हो जाने के बाद स्वर्ग लोक की भी अवसर आयेगा यहां भी सभी देवों को बराबरी का पद दिया जायेगा। इसलिये आप बैकुंठधाम जाकर अपनी व्यथा नारायण को सुनायें। इतना सुनते ही इन्द्र विलाप कर रोने लगा। उसके मन का संताप दूर होने के बजाय और बढ़ गया। इस कारण से वह बेहोश हो गया। तो उसने स्वयं को क्षीरसागर में लक्ष्मी -नारायण के चरणों में पाया।
इंद्र ने कहा हे स्वामी आप तो अन्तर्यामी हैं नरेन्द्र नाम के मानव ने आतंक मचा रखा है स्वयं को दो नंबर की लक्ष्मी (कलाधन) का शत्रु बता रहा है। उसने भ्रष्टाचार व आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए अपने राज्य में लगा दी है नोटबंदी।
नारायण का संकेत पाकर लक्ष्मी जी ने कहा हे देवराज तुम्हारी बात सुनकर मेरा मन भर आया है। जिसे तुम लक्ष्मी पर पाबंदी कह रहे हो वास्तव में वही कालाधन है। मैं मजदूर के पसीने में, गरीब की रोटी में, किसान की फसल में, बच्चों की मुस्कान में निवास करती हूं। मुझे बिस्तर, तकिये, बक्से, टायलेट की दीवारों में क्यों कैद करके रखा जाता है। हे देवराज अकारण ही आपको भय हो रहा है। आपकी सहायता करने की हमें कोई आवश्यकता नहीं है।
मेरा सुझाव है कि वापस इन्द्रलोक जाओ और अप्सराओं का रास रंग छोडकर अमीर गरीब का भेद मिटाओ।
शतायु पूर्ण कर जब नरेन्द्र स्वर्गलोक में आयेगा।
अपने मंत्र सबका साथ, सबका विकास सबका विश्वास से
स्वर्गलोक में भी सभी को बराबरी का दर्जा दिलायेग।
पृथ्वीलोक में कुछ संपाती जुगनुओं की तरह चमकते हुए छटपटा रहे हैं। वे सूरज को छूने का असफल प्रयास करने में अपने पंख जला रहे हैं। अंतत: ये सभी संपाती मुंह की खायेंगे। और 2024 में तो नरेंद्र ही आएंगे। उसके बाद सभी भ्रष्टाचारी जेल जायेंगे।
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साभार
सोशल मीडिया नेटवर्क से
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