तुम डाल डाल हम पात पात
अनन्त राम श्रीवास्तव
जबसे रुस और यूक्रेन के मध्य तबसे नाटो व सैम अंकल तथा रुसी अंकल के मध्य " तुम डाल डाल हम पात पात" का खेलशुरू हो चुका है। दोनों पक्ष अपने को सवा शेर साबित करने में जुटे हुये हैं। इस खेल में "हम तो सनम डूबे हैं तुम्हें भी ले डूबेंगे" की कूटनीति को आजमाने में कोई पक्ष अवसर गवाँना नहीं चाहता। जो देश इस वर्चस्व के खेल में सीधे शामिल हैं वे तो परेशान हैं ही जो नहीं शामिल हैं वे "घर फूंक तमाशा देख" से परेशान हैं। विश्व के जो देश "न तीन में रहो न तेरह में रहो" की नीति को अपना कर बराबर की दूरी बनाये हुये हैं वे अपनी अर्थव्यवस्था को लेकर परेशान हैं। श्रीलंका व नेपाल तथा बाँगलादेश कोरोना के बाद इस वर्चस्व के खेल से अपनी अर्थव्यवस्था बचाने में लगे हैं।
अंकल सैम और नाटो ने सोचा था हम यूक्रेन को मोहरा बना कर रुसी अंकल की बैण्ड बजा देंगे पर यह हो न सका उल्टे यूक्रेन की लगातार बैण्ड बजती जा रही है। सैम अंकल व नाटो के अस्त्रशस्त्र यूक्रेन के हवन कुंड में रुसी अंकल स्वाहा करते जा रहें हैं। हालात यह हो गये कि नाटो चीफ को सार्वजनिक रूप से स्वीकारना पड़ा कि उनके गोदाम हथियारों से खाली होते जा रहें हैं। वहीं रुसी अंकल दनादन मिसाइल व बम फोड़ने में जुटे हैं। सैम अंकल ने रुस की प्राइवेट सेना में 'विद्रोह' की चिंगारी फूँकने की चाल चली तो रुसी अंकल ने चौबीस घंटों में उसे शांत कर यह साबित कर दिया कि "तुम डाल डाल तो हम पात पात" हैं।
अनचाहे ही अपने मोदी जी को भी बार बार इस खेल में शामिल होने की कोशिश (शाजिश) की जाती है किंतु वे हर बार पल्ला झाड़ कर शांति का राग सुनाने के साथ आपस में बात चीत कर समस्या को सुलझाने की सलाह दे देते हैं। पहले बार जापान दौरे के दौरान जेलसेंकी ने मिल कर उन्हें इस खेल में घसीटने की कोशिश की किन्तु मोदी जी ने साफ मना कर दिया कि इसे आपस में बात कर के निपटाओ। इस बार अमेरिका दौरे के दौरान इस खेल के बारे में उनकी राय जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने साफ कह दिया यह युद्ध का समय नहीं है इस समस्या को आपसी संवाद से सुलझाया जा सकता है।
बेचारे खबरनवीस मोदी जी को फंसाने के लिए जो शब्द जाल तैयार कर लाये थे उसे तार तार होते चुपचाप देखते रहे। बाइडेन अंकल ने भी मोदी के सुर में सुर मिलाते हुये कहा "यही है राइट च्वाइस बास"। जब अपने को दुनिया का सुपर बास कहने वाले सैम अंकल ने भारत के पी एम को बास मान लिया तो आपको समझ जाना चाहिये कि हमारा देश "विश्व गुरु बनने की राह में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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अनन्त राम श्रीवास्तव