समाधान
अनन्त राम श्रीवास्तव
शाम को आफिस से लौटते समय मोहल्ले में पुलिस की जीप देख कर मैं खड़ा हो गया। उपस्थित लोगों से पूँछने पर पता चला कि शर्मा जी की बहू ने फोन कर पुलिस बुलायी है। इतने में शर्मा जी ने मुझे देखा तो आवाज देकर बुला लिया। शर्मा जी के घर में गया तो पता चला कि सरकारी नौकरी वाली बहू को समय से "बेड टी व खाना" नहीं मिला इसलिये उसने पुलिस बुला ली। शर्मा जी की बहू का कहना था कि वह कमाती है तो घर का काम नहीं करेगी। उसको समय पर "बेड टी व खाना चाहिए। पुलिस टीम के दरोगा समझदार व सुलझे हुये थे। उन्होंने शर्मा जी से पूँछा बहू को समय से बेड टी व खाना क्यों नहीं मिला तो शर्मा जी ने बताया कि उनकी पत्नी को फालिस (लकवा) मार गया है इसलिये वह चारपाई पर ही रहती हैं। बिटिया घर का काम करने के साथ माँ की भी देखभाल करती है। आज बिटिया की भी तबियत ठीक नहीं है इसलिये बहू को समय पर खाना नहीं मिल पाया।
दरोगा जी ने बहू से पूँछा कि तुम्हारा मायका कहाँ है? बहू ने बताया कि पाँच किलोमीटर पर उसका मायका है। दरोगा जी ने उस पते पर सिपाहियों को भेज कर उसके बाप को बुलवा लिया। बहू के बाप से दरोगा जी ने कहा कि आपने अपनी बेटी को यही संस्कार दिये है। सास ननद बीमार है ऐसी दशा में भी उसे समय से बेड टी व खाना समय पर चाहिए। स्वयं नहीं बना सकती। इसके लिए पुलिस को फोन कर शिकायत करती है। दोबारा अगर शिकायत की तो मैं तुम्हें बंद कर दूँगा। इसी के साथ बहू से कहा कि अगर तुम सास व ननद के बीमार होने पर भी खाना नहीं बना सकती हो तो अलग किराये पर मकान लेकर रहो। इस पर बहू ने कहा एक जमीन ली हुयी पड़ी है उसे दिलवा दीजिये मैं वहाँ बनवा लूँगी।
दरोगा जी ने कहा कि क्यों दिलवा दूँ? जब तुम अपने सास ससुर की सेवा नहीं कर सकती हो तो उनकी चल अचल संपत्ति पर तुम्हारा कोई हक नहीं है। जो सेवा करेगा वह लेगा। तुम्हें अच्छा खासा वेतन मिलता है खरीद लो। अब अगर दोबारा शिकायत की तो बुजुर्ग सास ससुर के उत्पीड़न के आरोप में जेल भिजवा दूँगा। इसी के साथ विभागीय कार्यवाही भी हो सकती है। इस पर बहू ने कहा कि मुझे घर से मत निकलवाइये। मैं बाहर किराये पर रह कर अपने बच्चे नहीं पाल सकती। आज से मैं काम से वापस आने के बाद खाना भी बनाया करुँगी।
दरोगा जी ने तुरन्त एक कागज मंगवाया और बहू के बाप ससुर के साथ गवाह के रुप में मेरे भी हस्ताक्षर करवाने के बाद अपने भी हस्ताक्षर कर कहा इसका उलंघन करने पर तुम्हारे खिलाफ पुलिस कार्रवाई होगी। उसके बाद मैं अपने घर चला आया। मुझे दरोगा जी का व्यवहारिक समाधान बहुत पसंद आया। उस दिन के बाद बहू ने कभी पुलिस में शिकायत नहीं की। मित्रो आज की "आप बीती व जग बीती" आफ को कैसी लगी। अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराने के साथ लाइक व शेयर करना मत भूलें।
आपका
अनन्त राम श्रीवास्तव