shabd-logo

Aaj Ganga ke kinare

8 November 2022

42 Viewed 42
पवित्र पावन गंगा
आज तेरे चरणों में बैठकर
मैं गीत गुनगुनाना चाहती हूं
आज तेरी आती जाती लहरों के साथ
मैं अठखेलियां करना चाहती हूं
आज तेरे पानी में अक्स देखकर
बच्चों की तरह मचलना चाहती हूं
आज तेरी आरती का दीप जला कर
तेरे आंचल में छोड़कर बहते हुए
मैं दूर से घंटों तुझे
निहारना चाहती हूं
पवित्र पावन गंगा
आज मैं हाथ जोड़कर
तेरे पानी में खड़े होकर
डुबकियां लगाना चाहती हूं
आज मैं तेरे घाट की सुंदरता निहार कर
खुद को धन्य बनाना चाहती हूं
आज मैं तेरे आंचल में बैठकर
अपनी मुस्कुराहट  तेरे साथ बांटना चाहती हूं
अपनी व्यथा तुझे सुनाना चाहती हूं
पवित्र पावन गंगा
आज तेरे किनारे की चरण धूली
मस्तक पर लगाकर
तेरी रेत में लोटकर
बनाकर एक कुटिया तेरे किनारे
तेरे ध्यान में खोना चाहती हूं
तेरे चरणों में जो आया है
तेरी रज को जिसने मस्तक पर लगाया है
जो तेरे जल से नहाया है
उसने अपने सोए भाग्य को जगाया है
हे मां गंगा, तू सदियों से बहती हुई
पाठ हमें सिखा रही है
रुकना ना कभी बाधाओं से,
चलते रहना हमेशा, कर्तव्य पथ पर अपने
सबको समाहित कर अपने में
स्वच्छ निर्मल बने रहना
तभी तुम मंजिल अपनी पाओगे
दूसरों को भी सही मार्ग दिखाओगे।
                                              (©ज्योति)

More Books by Jyoti Maheshwari

13
Articles
Jyoti Maheshwari's Diary
0.0
This is the book who express my words my feelings and relevant problems of society in the terms of poetry by this book I want to say some my feelings कुछ अनकहे शब्दों को बांधने का प्रयास है यह कुछ अनकहे शब्दों को कहने का प्रयास है यह
1

हिम्मत

4 November 2022
8
1
6

लहरों से टकराकर नौकाहिम्मत कभी छोडती नही जूझती रहती है वह हरदम तभी तो मंजिल अपनी खोती नहीं. &nbsp

2

Kya likhun kaise likhu

4 November 2022
2
0
0

क्या लिखूं कैसे लिखूंमेरे पास कोई कहानी नहींकल सड़कों पर हुआ दंगाइन आंखों से अश्रु गिरा देता हैखून से लथपथ धरतीसड़क पर फैली लाशेंहाथों को कॅंपा देती हैक्या लिखूं कैसे लिखूसोचती हूं दोनों ही तो आदमी थे

3

Zindagi

4 November 2022
2
0
0

जिंदगी एक मेला हैजिसका हर रंग अलबेला हैकोई रो कर जी रहा हैकोई हंस कर दर्द पी रहा हैकोई मिल रहा हैकोई बिछुड़ रहा है जिं

4

Shanti

4 November 2022
1
0
4

लौट जाना चाहती हूं मैं फिर

5

Saccha Prem

4 November 2022
2
0
0

प्रेम की परिभाषा खोजती मै आज जान पाई हूंदेह और मन से ऊपर आत्मा को खोज पाई हूंआत्म प्रेम का एक लम्हा &

6

उड़ान दो आकाश में

4 November 2022
0
0
0

मुझे मत रोको उड़ने दो आकाश में नहीं काटो मेरे पंखों कोकरने दो बात गगन से मैं आजाद पंछी हूं आजाद पंछी ही रहने दोमत डालो बेड़िया मेरे पैरों मेंमैं लहूलुहान हो जाऊंगीफिर मैं कैस

7

आम का पेड़

6 November 2022
0
0
0

मेरे घर के सामने आम का विशाल वृक्षआम से लदा हुआहर किसी का स्वागत करता हैजो भी जाता है उस रास्ते परबरबस ही उसकी दृष्टिऊपर उठ जाती है पेड़ की ओरलदे आमो की टहनियों परजो नीचे झुकी हुई हैसबको बु

8

Stri Hun main

7 November 2022
0
0
0

स्त्री हूं मैंसृष्टि का आधार हूं मैंईश्वर की अनुपम कृतिभगवती का अवतार हूं मैं जब जब राक्षसीप्रवृत्तिया बढीधरा पर परेशानियां पड़ीतब तब दुर्गा का रूप धरेचंडी का अवतार हूं मैंमां की वात्सल्य ममताबहन

9

Aaj Ganga ke kinare

8 November 2022
0
0
0

पवित्र पावन गंगाआज तेरे चरणों में बैठकरमैं गीत गुनगुनाना चाहती हूंआज तेरी आती जाती लहरों के साथमैं अठखेलियां करना चाहती हूंआज तेरे पानी में अक्स देखकरबच्चों की तरह मचलना चाहती हूंआज तेरी आरती का दीप ज

10

Ummid ki Kiran

9 November 2022
0
0
0

घनी अंधेरी रातों मेंएक छोटा सा दीप किसी ने जलायामानो उम्मीद की किरण देकरदुनिया को समझायाउम्मीद की एक छोटी सी किरणजीवन बदल देती हैसफलता की छोटी सी उड़ानमंजिलों को कदम देती हैहे मानव तू नित क्यों,भ

11

टूट गई एक कली

10 November 2022
1
1
2

टूट गई एक कलीआज अपनी डाल सेरो रही थी शाखअभी तो खिली भी नहीं थी वहटूट कर क्यों गिर गईफूल बनने से पहलेवह मुझसे बिछड़ क्यों गई?पर क्या उत्तर दूं मैं उसेसृष्टि के चक्र के आगे ्किसी की चलती नहीं

12

बाल दिवस पर आज मैं

14 November 2022
0
0
0

आज बाल दिवस मैंनेबच्चों के साथ मनायाखूब खेल कर खेलउन्हें खेलों का महत्व बतायागुनगुनाए कुछ गीत उनके साथबनाए कुछ चित्र रंग-बिरंगेफिर हंसी उनके साथ,उनके भोले चेहरों मेंउनके भोले सवालों मेंफिर मुझे मेरा ब

13

Childhood pleasure

11 January 2023
0
0
0

Childhood is a special time in everyone’s life full of innocent joy, a time to learn and explore the world around us. Memories of childhood are some of the most cherished and remembered experiences we

---