घनी अंधेरी रातों में
एक छोटा सा दीप
किसी ने जलाया
मानो उम्मीद की किरण देकर
दुनिया को समझाया
उम्मीद की एक छोटी सी किरण
जीवन बदल देती है
सफलता की छोटी सी उड़ान
मंजिलों को कदम देती है
हे मानव तू नित क्यों,
भाग्य का रोना रोता है
कर्तव्य कर्म का आंचल पकड़
तू देख ,तेरी नियति बदल जाएगी
तेरे कर्म के आगे
सारी दुनिया झुक जाएगी।
(©ज्योति)