आज बाल दिवस मैंने
बच्चों के साथ मनाया
खूब खेल कर खेल
उन्हें खेलों का महत्व बताया
गुनगुनाए कुछ गीत उनके साथ
बनाए कुछ चित्र रंग-बिरंगे
फिर हंसी उनके साथ,
उनके भोले चेहरों में
उनके भोले सवालों में
फिर मुझे मेरा बचपन याद आया
उनकी शैतानी पर आज मैंने
नया गीत लिखा ,नया गाया
आज मैं खुलकर हंसी उनके साथ
उनके बेफिक्र अंदाज पर
आज मैंने अपना बचपन फिर से पाया।
(©ज्योति)