Meaning of हाथ in English
- The limb of the human body which extends from the shoulder to the hand; also, the corresponding limb of a monkey.
- Anything resembling an arm
- The fore limb of an animal, as of a bear.
- A limb, or locomotive or prehensile organ, of an invertebrate animal.
- A branch of a tree.
- A slender part of an instrument or machine, projecting from a trunk, axis, or fulcrum; as, the arm of a steelyard.
- The end of a yard; also, the part of an anchor which ends in the fluke.
- An inlet of water from the sea.
- A support for the elbow, at the side of a chair, the end of a sofa, etc.
- Fig.: Power; might; strength; support; as, the secular arm; the arm of the law.
- A branch of the military service; as, the cavalry arm was made efficient.
- A weapon of offense or defense; an instrument of warfare; -- commonly in the pl.
- To take by the arm; to take up in one's arms.
- To furnish with arms or limbs.
- To furnish or equip with weapons of offense or defense; as, to arm soldiers; to arm the country.
- To cover or furnish with a plate, or with whatever will add strength, force, security, or efficiency; as, to arm the hit of a sword; to arm a hook in angling.
- Fig.: To furnish with means of defense; to prepare for resistance; to fortify, in a moral sense.
- To provide one's self with arms, weapons, or means of attack or resistance; to take arms.
- The forearm; the ulna, a bone of the arm extending from elbow to wrist.
- A measure of length, being the distance from the elbow to the extremity of the middle finger.
- That part of the fore limb below the forearm or wrist in man and monkeys, and the corresponding part in many other animals; manus; paw. See Manus.
- That which resembles, or to some extent performs the office of, a human hand
- A limb of certain animals, as the foot of a hawk, or any one of the four extremities of a monkey.
- An index or pointer on a dial; as, the hour or minute hand of a clock.
- A measure equal to a hand's breadth, -- four inches; a palm. Chiefly used in measuring the height of horses.
- Side; part; direction, either right or left.
- Power of performance; means of execution; ability; skill; dexterity.
- Actual performance; deed; act; workmanship; agency; hence, manner of performance.
- An agent; a servant, or laborer; a workman, trained or competent for special service or duty; a performer more or less skillful; as, a deck hand; a farm hand; an old hand at speaking.
- Handwriting; style of penmanship; as, a good, bad or running hand. Hence, a signature.
- Personal possession; ownership; hence, control; direction; management; -- usually in the plural.
- Agency in transmission from one person to another; as, to buy at first hand, that is, from the producer, or when new; at second hand, that is, when no longer in the producer's hand, or when not new.
- Rate; price.
- That which is, or may be, held in a hand at once
- The quota of cards received from the dealer.
- A bundle of tobacco leaves tied together.
- The small part of a gunstock near the lock, which is grasped by the hand in taking aim.
- To give, pass, or transmit with the hand; as, he handed them the letter.
- To lead, guide, or assist with the hand; to conduct; as, to hand a lady into a carriage.
- To manage; as, I hand my oar.
- To seize; to lay hands on.
- To pledge by the hand; to handfast.
- To furl; -- said of a sail.
- To cooperate.
- of Hand
- With hands joined; hand in hand.
- Having a peculiar or characteristic hand.
Meaning of हाथ in English
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- #poetry " कोई साथ चलने वाला नहीं "
दर्द मे दिलाशा हर कोई देता है मगर,
साथ देने वाला कोई नहीं ।
आज समय अच्छा चल रहा है,
मौज है, खुशी है, हर कोई साथ है, अपना है,
बुरे वक़्त मे कोई साथ चलने वाला नहीं ।
लोग हाथ थामते हैं उम्र भर के लिए,
मगर वो भी कब छोड़ दे,
कोई कहने वाला नहीं ।
मै तो कहता हूँ दोस्त, खुशियोँ मे उसे,
उसे बुलाओ ही नही जो साथ
हर गम सहने वाला नहीं ।
क्या शामी, क्या शिखर और क्या हार्दिक
पांड्या, यार जो पैसा और सफलता का
चाह रखता हो वह...
किसी के साथ रहने वाला नहीं ।
उसे तो केवल ऐसो आराम चाहिए,
उसे तुम्हारे गम में, उदास चेहरे लेकर,
सहने वाला नहीं..... ।
आप रुक सकते हो, उतर सकते हो,
रिश्तों का मोड़ देखकर मगर..
वह हरगिज उतरने वाला नहीं ।
✍️ Author Munna Prajapati #virals #life #reality #beocken #sad #poem #hindi #lovestory #loveyou #writer #writing
- #poetry शिर्षक :" हम बेवक़्त मे वक़्त के गुजारे निकले "
हम बेवक़्त मे वक़्त के, गुजारे निकले,
वो जीत गए हमसे और, हम हारे निकले ।
हो गया कोई धनी इश्क़ के बाजार में,
जो भी थे मेरे हिस्से मे, खसारे निकले ।
हम उन्हे ढूढ़ते रहे, समंदर के भवर में,
और वो हमे छोड़कर, किनारे निकले ।
हमारा वजूद मिट गया होता मगर..
कसहुँ...हम तिनकों के सहारे निकले ।
हम सोचते थे उनका सब कुछ, हम ही हैं,
जरा नाराज हुए, उनके अपने हजारों निकले ।
लगा जन्नत मिल गयी उन्हे, दोलत पाकर,
दिनों बाद सड़क पर, हाथ पसारे निकले ।
जोरों से प्यास लगी, बुझाने को लपका,
पीने गया, पानी, समंदर जस खारे निकले ।
नजरें झुकी, ख़ाबों मे भर के खजाने मिले,
और खुली तो...औरों के नजारे निकले ।
जो देखा एक मर्तबा, खुली आसमॉं के तरफ,
सांसे रुकी और... मौत के इशारे निकले ।
दौलत की चाह ने ,उनपर शिकस्त किया,
लगी खंजर उनके सीने मे,जान हमारे निकले ।
✍️ Author Munna Prajapati
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- #poetry " कोई गीत या प्रीत, ऐसे ही नही बनते "
रिश्ते निभाने के लिए, दो हाथ लगतें हैं,
और आपको ये आसान बात लगतें हैं ।
व्यक्तित्व उसमे नहीं जिसमे,
आपके आत्म सम्मान लगतें हैं ।।
धन कमाना है जीने के लिए सच है मगर,
खयाल यह भी रहे, करम मरने के बाद लगतें हैं ।
बस आज ही तो है, कल कहाँ है ,
अंतिम चरण में सिर्फ शमशान लगतें हैं ।।
सबकी दौड़ जारी है, एक दूसरे के पीछे,
कोई हमसे आगे ना निकल जाय...!
ये इंसान नहीं, बेईमानों के जात लगतें हैं ।
कुछ इंसान, यहाँ सर्वज्ञानि हैं, खुद में,
हमे तो ,ये सब , नादान लगतें हैं ।।
मै समय हूँ मुझे, खुद पर कोई रोक नहीं,
प्रत्येक अवस्था नये मुलाकात लगतें हैं ।
समझो, जीवन का सच जानने के लिए,
एक सच्चे और अच्छे, ईमान लगतें हैं ।।
कोई गीत या प्रीत , ऐसे ही नहीं बनते,
रचित, उनमे हमारे जज्बात लगतें हैं ।
युगों - युगों तक जीवित रहने के लिए,
तन मन से, महाबीर और वर्धमान लगतें हैं ।।
✍️ Author Munna Prajapati
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- #lyrics #ghazal क्यूँ बिछड़ गए हम...
दिन हो या रात, दिल को तो बस,
तुम्हारा मलाल आया,
क्यूँ बिछड़ गए हम, जेहेन् मे बस,
ये शवाल आया ।
एक रोज हमने, कसम ली थी,
एक दूजे का हाथ नही छोड़ेंगे कभी,
दूर हो गए तब ये खयाल आया...
क्यूँ बिछड़ गए हम , जेहेन् मे बस
ये शवाल आया..... ।
जब निभाना नहीं था तो,
करीब आने की जरूरत क्या थी,
बरसे नयन गम बेमिशाल आया.....
क्यूँ बिछड़ गए हम, जेहेन् मे बस
ये शवाल आया... ।
जब तुम्हे इन नजरों ने देखा,
तुम्हे चाहा और दिल मे बसाया,
ये ना सोचा जो जमाल (आफत)आया....
क्यूँ बिछड़ गए हम, जेहेन् मे बस
ये शवाल आया.... ।
दिल लगाने की सजा क्या खूब पाया,
तुमने उम्र भर तड़पाया,
तोड़ने का तरकीब कमाल आया...
क्यूँ बिछड़ गए हम, जेहेन् मे बस
ये शवाल आया....... ।
✍️ Author Munna Prajapati
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नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 +९१७८९७८६८६२५
- #lyrics #bhojpuri ना बा केहु आपन एह जग मे....
ना बा एह जग मे केहु आपन,
अब कहीं सब से... २
सगा रहल उ जवन कईलस
दगा हमसे... ..
ना बा एह जग मे केहु आपन,
अब कहीं सब से.... २
धईं जज्बात हामार हाथ, उ शाजिश कईलस,
मारे ला हामारा जिनगी मे, उहे विष धयिलस... २
दिल के हर बात हम
कहत रहीं ओहसे... ..
ना बा एह जग मे केहु आपन
अब कहीं सब से... २
सब रिश्ता खाली नाम के अब रह गईल बाटे,
लोगवा अस मतलबी हो गइल बाटे... २
सुख मे पईनी दुख मे केहु
लोर ना पोछल् जबसे....
ना बा एह जग मे केहु आपन
अब कहीं सब से.... २
करिह खेआल कबो पयीबs अपने,
कवनो अन बन मे,
जीत जईबs दुनिया बाकी, हरबs
अपनन से.... २
सब लगाव इहवा बाटे रचित
पइसे से....
ना बा एह जग मे केहु आपन,
अब कहीं सब से.... २
~ मुन्ना प्रजापति
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- #hindi #lyrics खुमारी है जिश्म का...
टूट जाते हैं दिल, सुख जातीं हैं आखों में पानी,
लोग बदल जाते हैं , रह जाती है अधूरी कहानी,
मै तो बेहेक गया , तुम ना बेहेक जाना,
बुरी एक बीमारी है ...इश्क़ का ,
बस एक खुमारी है...जिश्म का..... ।
बिन अब उसके, मै जी ना सकूँगा,
तन्हा अकेला गम के आँशु, मै पी ना सकूँगा ।
चाह कर भी, कुछ कर नही पाता,
ये कैसी लाचारी है.. इश्क़ का,
बुरी एक बीमारी है... इश्क़ का
बस एक खुमारी है... जिश्म का....।
सांस तो चल रही है, पर जिंदा लाश बन गया हूँ,
जो बीत जाती है, हाय वो काश हो गया हूँ ।
क्यूँ कोई हाथ थामकर, नही निभाता,
ये कैसी रिश्तेदारी है.. इश्क़ का,
बुरी एक बीमारी है.. इश्क़ का..
बस एक खुमारी है.. जिश्म का.... . ।
टूट जाते हैं दिल, सुख जातीं हैं आखों में पानी,
लोग बदल जाते हैं , रह जाती है अधूरी कहानी...
मै तो बेहेक गया.....
✍️ Author Munna Prajapati
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नोट :- यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें है परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद । हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏
- #bhojpuri #lyrics नाहीं सम्हरि ई मन....
आरे ए हो सजन, बहकावs ना मन,
देखs सिहरे बदन, तोहार अईसे छुअन.... २
अखियाँ से ना दिल मे उतर जाई...
नाही सम्हरि ई मन कुछु कर जाई.... ।
नन्हे बा उमरिया हामार , नाजुक बदन हो,
टूट जाई फुल उजर, जाईं चमन हो... २
एजी छुटे पसेना देह कापता....
बढल धड़कन बा दिल हामार हाफता..
हाथ फेरीं ना सीसा बिखर जाईं....
नाही सम्हरि ई मन कुछु कर जाई..
अखिया से ना दिल मे उतर जाईं..
नाही सम्हरि ई मन कुछु कर जाई.... ।
चमकत बिजुरिया बडुवे, हई कातिल नजरिया,
जाई मुचुक सईया ,मोर पतरी कमरिया... २
छोड़ दिहिं कुछ दिन सेयान होखेदिँ...
ए हो रचित सवरिया जवान होखेदिँ..
सब रउवे बा धन नाहीं
दोसरा के फेरा मे पर जाई...
नहीं सम्हरि ई मन कुछु कर जाई....
आरे ए हो सजन, बहकावs ना मन,
देखs सिहरे बदन, तोहार अईसे छुअन.... २
अखियाँ से ना दिल मे उतर जाई...
नाही सम्हरि ई मन कुछु कर जाई.... ।
~ मुन्ना प्रजापति
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- #lyrics कइसे बाकी के उमिरिया हम बितायी सजना..
तु त चली दिहल, केहु औरि के अपनायी सजना,
कइसे बाकी के उमिरिया हम बितायी सजना... ।
पोश - पाल बाड़ा कईले बाप - महतारी,
हाथे तोहरा सौप दिहले, आपन फुलवारी ।
ई कईसन वफा बाटे, छोड़ी दिहल साथ हो,
अग्नि के सात फेरा लिहल, धई हमार हाथ हो ।
दुनिया के लोग हममें कमी बतियाई...
ना साहायी सजना....
त सुनी , सुनी के करेजवा फाटी जाई सजना...
हम त जी लेहब कसहुँ, धूप चाहे छईंया,
बबुआ जे खोजी तोहके, बताव ना उपईया ।
तोहरा आ सवतीन के..साथ जब होई,
दिन रात रोइ अखिया, जागी ना सोई... ।
कुछउ ना सूझी बतिया, भीतरी से खाई..
मरी जाई सजना....
तोहरी साथी आ संगिनिया, मिट जाई सजना.. ।
तोहरा भिरी आईल उ बिया, देखी के रूपईया,
परदा पड़ल बा तोहरा आँखी, एहो मोरे सईया ।
जनब हक़ीक़त जहिया मीठी - मीठी बात के,
बाड़ नादान बुझ ....औरत के जात के .. ।
दिनवा जे ढली तनिका, हटी परछाई...
सगरी छुट जाई सजना....
बितली समईया कुछ ना ,भेटायी सजना....
कइसे बाकी के उमिरिया हम, बितायी सजना ।
Author Munna Prajapati #new #virals #lyricist #LyricChallenge #pawansingh #shilpiraj #GoluRaja #ankushrajaofficial #singer #singersongwriter #bhojpuri #khesari #pramodpremiofficial_
Note :- यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकते है परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद । हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद 🙏
- #lyrics तु ना जा रे सजना....
कईसे sssss भुलाईब तोहके..
तु ना जा, ना जा, ना जा, तु ना जा रे सजना
मोरा दिल के sssss दुखाईके...
तु ना जा, ना जा, ना जा, तु ना जा रे सजना
ना तोड़s नेहिया के डोर अईसे,
ना होई जिनगी मे भोर फिर से,
खाली तोहार बात ही सुनके...
नैना लागल हामार बरसे ssssssss
कईसे sssss भुलाईब तोहके..
तु ना जा, ना जा, ना जा, तु ना जा रे सजना.. ।
एतना लमहर दुनिया में, हम बस तोहरे के जानी... २
ई तोहरे हs मन के अंगनवा, तोहरे के सब कुछ मानीssss
धड़कन मे sssss बसाईब तोहके...
तु ना जा, ना जा, ना जा, तु ना जा रे सजना
ना तोड़s नेहिया के डोर अईसे,
ना होई जिनगी मे भोर फिर से,
खाली तोहार बात ही सुनके...
नैना लागल हामार बरसे ssssssss
कईसे sssss भुलाईब तोहके..
तु ना जा, ना जा, ना जा, तु ना जा रे सजना.. ।
हाथवा मे हाथ तु लेके, सफर के साथी बना लs.... २
बस गईलs तु नैनन मे, हमे धड़कन में बसालs ssss
ना अईसे ssssss रुलाई हमके...
तु ना जा, ना जा, ना जा, तु ना जा रे सजना
ना तोड़s नेहिया के डोर अईसे,
ना होई जिनगी मे भोर फिर से,
खाली तोहार बात ही सुनके...
नैना लागल हामार बरसे ssssssss
कईसे sssss भुलाईब तोहके..
तु ना जा, ना जा, ना जा, तु ना जा रे सजना.. ।
~ मुन्ना प्रजापति
#virals #life #lineart #bhojpuri_song #bhojpuri #bhojpuriviral #songlyrics #songwriter #song #pawansingh999 #shilpiraj #singing #singer
नोट :- यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 +९१७८९७८६८६२५
- आज कल न इस जगत में सब कुछ उल्टा हो रहा है /-
कोई नीति जब बनती है तो लगता है की यह सही है, हितकर है परंतु कुछ समय बाद पता चलता है की उस पर लागू नहीं होती जिसने उसे बनाया है । तो फिर.... 🥺
नदियों को माता कहा जाता है और देखें तो औसत रूप से नदियों को गंदा और दूषित करने मे हमारा ही हाथ है । तो फिर... 🥺
ये धरती हमारी माँ है । हम इसकी पूजा भी करते हैं और इस धरती पर सबसे ज्यादा दुष्कर्म ,हम ही कर रहें हैं । तो फिर...... 🥺
हमेशा प्रकृति के प्रतिकूल काम कर रहें हैं । और फिर कह रहें हैं की प्रकृति बदल रही है । नहीं....
उसे बदलने पर हम मजबूर कर रहें हैं । तो फिर..... 🥺
कोई चोर यु ही नही बनता है खुद से, गुनहगार खुशी से कोई गुनाह नही करता । उसके सामने हम ऐसे हालात खड़ा कर देते हैं की वह चोरी करता है या कोई गुनाह कर बैठता है । तो फिर.... 🥺
सामने वाला हमे इज्जत, सम्मान, प्यार जरूर देता और मुख्य रूप से देता भी है परंतु हम ही उसे बेशर्म और क्रूर बनने पर मजबूर कर देते हैं, उसे प्रतिउत्तर मे अपमान परोशकर । हम सामने वाले को अपने धन का, पद, प्रतिष्ठा का ,शक्ति का प्रताडन देकर । तो फिर... 🥺
प्रेम प्राकृतिक है । यही सृष्टि का एक मात्र आधार है । यह समाप्त हो गया अगर तो हमारा अस्तित्व समाप्त हो जायेगा । मोहब्बत करो और करने दो एक दूसरे से , मगर ...
तुम तो नफ़रत दिलों में पाल रहे हो । तो फिर.... 🥺
संत ने कहा, यह दुनिया मोह माया से घिरी हुयी है । दूर निकलो इन भावनाओं से, और तुम निकल गए । क्यूँ नही सोचा उसके बारे में, जिसने तुम्हे जन्म दिया और इस सोच के काबिल बनाया । वह स्त्री जिसको तुमने व्याह कर लाया । वह शिशु जो तुम्हारे नाम से इस धरा पर आया । तो फिर..... 🥺
✍️ Author Munna Prajapati #PostViral #post #realtalk #reallife #thoughts #writer #india #culture
- वो सर्द रात- 11
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