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दिल के द्वार (गीत एवं गज़ल संग्रह)

4 December 2022

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  • फिर हमे ले चलो चांदनी रात में, हाथ में फिर से मेहंदी रचाने लगों  
  • फिर निगाहों से निगाहें मिलाओ सही, देख कर हमको मुस्कराओ जरा 
  •                  फिर हमे ले चलो चांदनी रात में 
  • रात यों ढल गई, फिर सवेरा हुआ, तेरी यादों का फिर से मेला हुआ, 
  • यू तो सोचा था, भूल जाए तुम्हें, महफ़िलों में फिर अकेला हुआ,                                  फिर हमे ले चलो चांदनी रात में 
  • यू मिले भी तो हमको एक अरसा हुआ, तुमको पाकर भी तुमको पा ना सके 
  • अब ज़माने से क्या चाहिए, जो मिलना था वो मिल ना सका।               फिर हमे ले चलो चांदनी रात में,  हाथ में फिर से मेहंदी रचाने लगों 

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